kolkata police – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com Stay updated with Ekolkata24 for the latest Hindi news, headlines, and Khabar from Kolkata, West Bengal, India, and the world. Trusted source for comprehensive updates Sat, 14 Jun 2025 13:41:33 +0000 en-US hourly 1 https://ekolkata24.com/wp-content/uploads/2024/03/cropped-ekolkata24-32x32.png kolkata police – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com 32 32 Kolkata Police: तनख्वाह ₹3,500, लेकिन बैंक अकाउंट में ₹3.5 करोड़! गिरफ्तार पंचायत कर्मी https://ekolkata24.com/kolkata/kolkata-police-nab-panchayat-worker-for-%e2%82%b93-5-crore-fraud Sat, 14 Jun 2025 13:41:33 +0000 https://ekolkata24.com/?p=51600 एक मामूली पेंचायत कर्मचारी, जिसकी मासिक वेतन सिर्फ ₹3,500—लेकिन उसके बैंक खाते में जमा है ₹3.5 करोड़! यह चौंकाने वाला मामला सामने आया है पश्चिम बंगाल के बसंती इलाके से, जहां गौतम सरदार नामक एक पेंचायत कर्मी पर फर्जी जन्म प्रमाणपत्र जारी करने और आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का गंभीर आरोप लगा है।

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कैसे सामने आया मामला?
कोलकाता पुलिस ( Kolkata Police) की सिक्योरिटी कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन जब एक फर्जी जन्म प्रमाणपत्र की जांचে নামে, तब वे गौतम के बैंक अकाउंट तक पहुंचते हैं। बसंती स्थित एक प्राइवेट बैंक में उनके सेविंग्स अकाउंट में वर्ष 2022 से ही संदिग्ध लेन-देन शुरू हुआ। 2024 में तो यह रकम अति असामान्य गति से बढ़ने लगी और वर्तमान में कुल जमा राशि ₹3.5 करोड़ तक পৌঁच गई है।

फर्जी सर्टिफिकेट बनाने का नेटवर्क
गौतम सरदार ने सरकारी पोर्टल का एक्सेस अपने क़ब्ज़े में रखकर OTP सिस्टम को अपने मोबाइल नंबर से लिंक कर लिया था। यही नहीं, वे न केवल अपने पंचायत क्षेत्र के, बल्कि कोलकाता, हावड़ा, हुगली जैसे अन्य जिलों के लोगों के लिए भी जन्म प्रमाणपत्र जारी कर रहे थे। इसके लिए वे एजेंट और सब-एजेंट्स के माध्यम से प्रति सर्टिफिकेट ₹2,000 से ₹2,500 तक वसूलते थे।

बैंक लेन-देन में गड़बड़ियां
पुलिस के अनुसार, पैसा कभी ऑनलाइन ट्रांसफर से, कभी नकद रूप में गौतम के खाते में जमा होता था। कई बार खुद गौतम बैंक जाकर कैश जमा करते थे। एजेंटों के बैंक खातों की भी जांच शुरू कर दी गई है।

सरकारी पोर्टल में लॉगिन हेरफेर
पुलिस का कहना है कि सरकारी पोर्टल से जन्म प्रमाणपत्र जारी करने के लिए जो OTP सिस्टम होता है, उसका पूरा नियंत्रण गौतम के पास था। पंचायत प्रधान तक को OTP नहीं मिलता था, जिससे उन्हें भनक भी नहीं लगी कि उनके पोर्टल से 3,500 से ज्यादा फर्जी प्रमाणपत्र निकल चुके हैं।

अदालत में पुलिस रिमांड
गौतम को शनिवार को अलीपुर कोर्ट में पेश किया गया जहां पुलिस ने उसे रिमांड पर लेने की मांग की। अदालत ने उसे 26 जून तक पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया है। पुलिस अब उसके पूरे नेटवर्क की छानबीन कर रही है।

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कोलकाता केस में आज सुप्रीम कोर्ट में बड़ी सुनवाई https://ekolkata24.com/top-story/big-hearing-in-supreme-court-today-in-kolkata-case Mon, 30 Sep 2024 08:03:52 +0000 https://ekolkata24.com/?p=49847 कोलकाता :  पश्चिम बंगाल के कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या को लेकर जूनियर डॉक्टरों ने फिर से 10 दिन बाद काम बंद करने का ऐलान कर दिया है। इस बीच कोलकाता में जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट ने आरजी कर और सागर दत्ता मेडिकल कॉलेज और अस्पताल घटना के लिए न्याय की मांग को लेकर आरजी कर अस्पताल से श्यामबाजार तक मशाल रैली भी निकाली। डॉक्टरों का कहना है कि उनकी मांगों के अनुसार मुख्य सचिव की ओर से दिए गए निर्देशों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। वहीं, आज आरजीकर मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी होगी।

पश्चिम बंगाल के जूनियर डॉक्टरों ने आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद एक बार फिर काम बंद करने का ऐलान किया है. डॉक्टर्स के मुताबिक, उन्होंने काम बंद करने का फैसला कोलकाता के कॉलेज ऑफ मेडिसिन और सागर दत्ता अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद तीन डॉक्टरों पर चिकित्सकों और तीन नर्स पर हुए हमले के विरोध में किया है. ड़ाक्टरों का ये भी कहना है कि राज्य सरकार वादे के बावजूद उन्हें सुरक्षा देने में विफल रही है।

आरजी कर मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर अनिकेत महतो ने कहा, ‘हमारा आंदोलन अब तक सिर्फ एक एजेंडे पर केंद्रित रहा है और वह है रेप की पीड़िता के लिए। अस्पतालों में हमारी सुरक्षा और संरक्षा के बारे में मुख्य सचिव से मिले हुए 10 दिन हो चुके हैं, लेकिन हमारी मांगों के अनुसार मुख्य सचिव की ओर से दिए गए निर्देशों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। हमें सागर दत्ता मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भी ऐसी ही एक और घटना देखने को मिली। अगर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में हमें कुछ सकारात्मक मिलता है, तो हम इस पर पुनर्विचार करेंगे, अन्यथा हम पूरी तरह से बंद की अपील करेंगे। हमने 2 अक्टूबर को एक सामूहिक रैली का आयोजन किया है।’

आरजी कर कॉलेज की डॉक्टर ने कहा, ‘विरोध प्रदर्शन की शुरुआत से ही हमारी मांगें एक जैसी हैं। पांच मांगें हैं जो अब तक पूरी नहीं हुई हैं। हमने यह सोचकर अपनी ड्यूटी जॉइन की कि हमारे मरीजों को हमारी जरूरत है, लेकिन इस दौरान सागर दत्ता मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भी ऐसी ही एक और घटना घट गई। सीएम और सरकार के साथ हमारी सभी बैठकें बेकार गईं। हम बस इतना कहना चाहते हैं कि सुरक्षा नहीं तो ड्यूटी नहीं। हमारी नजर सुप्रीम कोर्ट की हर सुनवाई पर है और हमें दबाव बनाए रखना है। हमें भरोसा है कि सीजेआई ऐसा फैसला सुनाएंगे जिससे हमें न्याय मिलेगा। हम जल्द से जल्द न्याय चाहते हैं क्योंकि न्याय में देरी न्याय से वंचित होने के बराबर है।’

दरअसल, कोलकाता के आरजी कर मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के साथ जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा मामले की सुनवाई करेंगे. इससे पहले 17 सितंबर को मामले की सुनवाई हुई थी।

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आर.जी.कर अस्पताल मामले में मीनाक्षी मुखर्जी सीबीआई के समक्ष पेश हुईं https://ekolkata24.com/top-story/meenakshi-mukherjee-appeared-before-cbi-in-rg-kar-hospital-case Thu, 19 Sep 2024 10:12:49 +0000 https://ekolkata24.com/?p=49683 कोलकाता : आर जी कर अस्पताल में महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और हत्या मामले की जांच के सिलसिले में डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन आफ इंडिया (डीवाईएफआई) की पश्चिम बंगाल राज्य सचिव मीनाक्षी मुखर्जी गुरुवार को सीबीआई के साल्टलेक स्थित कार्यालय में पेश हुई। डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन आफ इंडिया, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की युवा शाखा है।

उत्तर बंगाल के रायगंज से लौटने के बाद गुरुवार की सुबह सीबीआई (एजेंसी) के कार्यालय पहुंचीं। मीनाक्षी मुखर्जी ने कहा, मैं हर तरह से सीबीआई अधिकारियों के साथ सहयोग करुंगी। महिला चिकित्सक का शव अस्पताल के सेमिनार हॉल से बरामद होने के कुछ घंटे बाद मुखर्जी ने नौ अगस्त को पीड़िता के माता-पिता से मुलाकात की थी।

माकपा कई बार यह दावा कर चुकी है कि वामपंथी युवा नेता के प्रयासों के चलते ही चिकित्सक के शव के शीघ्र अंतिम संस्कार का विरोध किया गया। उसी रात मीनाक्षी मुखर्जी को आर.जी.कर अस्पताल से पीड़ित महिला चिकित्सक का शव ले जा रहे पुलिस के शव वाहन का रास्ता रोकते हुए देखा गया था।

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मनोज वर्मा बने कोलकाता पुलिस के नए कमिश्नर https://ekolkata24.com/top-story/manoj-verma-becomes-the-new-police-commissioner-of-kolkata-police Wed, 18 Sep 2024 06:08:49 +0000 https://ekolkata24.com/?p=49669 कोलकाता : कोलकाता पुलिस को एक नई दिशा देने के लिए वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी मनोज वर्मा ने  कोलकाता पुलिस के नए कमिश्नर के रूप में पदभार संभाला। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा नियुक्त किए गए मनोज वर्मा की इस महत्वपूर्ण नियुक्ति से पुलिस विभाग में नई ऊर्जा और दिशा की उम्मीद की जा रही है।

मनोज वर्मा 1998 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और उन्होंने पुलिस सेवा में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। इससे पहले, वे राज्य पुलिस के एडीजी (कानून व्यवस्था) के पद पर तैनात थे और उन्होंने कोलकाता पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त के रूप में भी कार्य किया है। उनके पास कोलकाता पुलिस में डीसी डीडी (विशेष), डीसी (यातायात) जैसे महत्वपूर्ण पदों का अनुभव है।

मनोज वर्मा ने पश्चिम मेदिनीपुर में पुलिस अधीक्षक के रूप में माओवादी गतिविधियों को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके अतिरिक्त, उन्होंने दार्जिलिंग के आईजी के रूप में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के आंदोलन को कुशलता से संभाला। बैरकपुर औद्योगिक क्षेत्र में, उन्होंने स्थानीय हिंसा और दंगों की स्थिति को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया, जिससे उनकी क्षमताओं की प्रशंसा हुई।

मनोज वर्मा ने कोलकाता पुलिस के कमिश्नर के रूप में कार्यभार संभालते ही विभाग में सुरक्षा और कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई योजनाओं की घोषणा की है। उनके नेतृत्व में कोलकाता पुलिस की प्राथमिकता नागरिकों की सुरक्षा, अपराध नियंत्रण, और समग्र कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करना होगी।

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कोलकाता रेप-मर्डर केस में थाना प्रभारी और प्रिंसिपल गिरफ्तार https://ekolkata24.com/top-story/police-station-incharge-and-principal-arrested-in-kolkata-rape-murder-case Sun, 15 Sep 2024 07:07:36 +0000 https://ekolkata24.com/?p=49611 कोलकाता : डॉक्टर के रेप और मर्डर केस में आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को अब रेप और मर्डर का भी अभियुक्त बनाया गया है। वित्तीय अनियमितता मामले में वह पहले से सीबीआई की कस्टडी में हैं। इसके अलावा, टाला पुलिस स्टेशन के ऑफिसर इन चार्ज अभिजीत मंडल को भी सीबीआई ने 14 सितंबर को गिरफ्तार कर लिया।

इस मामले में विरोध-प्रदर्शन कर रहे एक जूनियर डॉक्टर ने बताया कि इन लोगों की गिरफ्तारी डॉक्टरों की अहम मांग थी, क्योंकि रेप-मर्डर केस में सबूतों से छेड़छाड़ के मामले में भी इनकी भूमिका की बात कही जा रही है। इस डॉक्टर ने सबूतों के साथ छेड़छाड़ के मामले में अन्य के खिलाफ भी कार्रवाई करने की मांग की।

जूनियर डॉक्टर का कहना था, ‘हम सबूतों से छेड़छाड़ के मामले में मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपिल संदीप घोष और टाला पुलिस स्टेशन के पूर्व ऑफिसर इन-चार्ज अभिजीत मंडल की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। हमें खुशी है कि सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। जांच एजेंसी को उन लोगों को भी गिरफ्तार करना चाहिए, जिन्होंने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की है। इस बीच, जूनियर डॉक्टरों और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच जारी गतिरोध को दूर करने के लिए हो रही बातचीत भी असफल रही है।

इससे पहले आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 8-9 अगस्त की आधी रात को सेमिनार हॉल में हुई एक महिला डॉक्टर से रेप और हत्या मामले में कोलकाता पुलिस ने 10 अगस्त को संजय रॉय नाम के एक आरोपी को गिरफ्तार किया था। तब से आज तक सीबीआई के पास रेप और हत्या मामले में केवल यही एक मात्र आरोपी था। इसके बाद 13 अगस्त को यह मामला सीबीआई के सुपुर्द हुआ। जिसके बाद मामले की जांच अपने हाथों में लेने के 33 दिन बाद पहली बार सीबीआई ने इस मामले में यह दो नई गिरफ्तारी की हैं।

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रणक्षेत्र बना हावड़ा ब्रिज और संतरागाछी, आंसू गैस के गोले और वाटर कैनन भीड़ पर काबू https://ekolkata24.com/top-story/tear-gas-shells-and-water-cannons-controlled-the-crowd Tue, 27 Aug 2024 12:55:08 +0000 https://ekolkata24.com/?p=49411 कोलकाता : पश्चिम बंगाल में पुलिस ने हावड़ा ब्रिज से प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बलात्कार-हत्या मामले को लेकर आज ‘नबन्ना अभियान’ मार्च का आह्वान किया गया है।

प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड्स को खींचकर हटा दिया। पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे गये है। प्रदशर्नकारियों ने बैरिकैड तोड़ दिये है.आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल बलात्कार-हत्या मामले को लेकर ‘नबान्न अभियान’ मार्च निकालते हुए प्रदर्शनकारी हावड़ा के संतरागाछी में पुलिस बैरिकेड्स पर चढ़ गए, पुलिसकर्मियों से भिड़ गए और बैरिकेड्स तोड़ दिए सैकड़ों युवकों ने मंगलवार को शहर में दो स्थानों से ‘नबन्ना अभियान’ शुरू किया जिन्हें तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसूगैस के गोले छोड़े।

अभियान में मुख्य रूप से युवा शामिल हैं जो आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल की एक चिकित्सक से दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या के मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की और घटना के लिए जिम्मेदार लोगों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं ।

पुलिस ने हावड़ा ब्रिज से प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया, जो आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल बलात्कार-हत्या मामले को लेकर ‘नवान्न अभियान’ मार्च के तहत यहां आंदोलन कर रहे थे।

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ट्रैफिक पुलिस कोलकाता में रात की निगरानी मजबूत करने में जुटी https://ekolkata24.com/uncategorized/traffic-police-working-to-strengthen-night-surveillance-in-kolkata Mon, 26 Aug 2024 12:37:34 +0000 https://ekolkata24.com/?p=49407  कोलकाता :  ट्रैफिक पुलिस कोलकाता में रात की निगरानी मजबूत करने की दिशा में तत्पर है। रात में ड्यूटी पर तैनात ट्रैफिक अधिकारियों के लिए गाइडलाइन (एसओपी) जारी की गई है। जो नियम पहले से मौजूद थे, उन्हें गाइडलाइन में फिर से अधिकारियों को याद दिलाया गया है, लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर पुलिस कर्मियों को ये सभी दिशानिर्देश और प्रक्रियाएं क्यों याद दिलानी पड़ती हैं? कई लोगों का मानना ​​है कि आरजी कर की घटना के बाद पैदा हुए हालात में ट्रैफिक पुलिस का यह निर्देश अलग मायने रखता है।

ट्रैफिक पुलिस की रात्रि निगरानी के निर्देश में रात में फेस सर्चिंग पर जोर दिया गया है। हर अधिकारी के पास एक बॉडी कैमरा होता है। कैमरे में यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि रात का हर पल रिकॉर्ड हो। अधिकारियों को ड्यूटी के दौरान हर वक्त अलर्ट रहने को कहा गया है। कोई भी संदिग्ध घटना संज्ञान में आने पर वे आवश्यक कार्रवाई करेंगे। यदि आवश्यक हो, तो लालबाजार नियंत्रण कक्ष को रिपोर्ट करें।

एक अधिकारी रात में वाहनों की तलाशी का प्रभारी होगा। अधिकारी यह देखेगा कि वाहन यातायात नियमों के अनुसार चलाया जा रहा है या नहीं, गति नियंत्रण में है या नहीं, कोई बिना हेलमेट के गाड़ी चला रहा है या नहीं और कार ड्राइवर नशे में है या नहीं। एक अन्य अधिकारी फोर्स के साथ अपने क्षेत्र में गश्त करेंगे।

अस्पतालों, सरकारी संस्थानों, ऊंची इमारतों, शॉपिंग मॉल जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा व्यवस्था उचित है या नहीं, इसका भी ध्यान रखना चाहिए। अधिकारी कहीं भी कोई संदिग्ध घटना देखेंगे तो इसकी सूचना ट्रैफिक कंट्रोल रूम को देंगे। यदि आवश्यक हो तो संबंधित विभाग के उपायुक्त को भी सूचित किया जाये। रात्रि निगरानी के प्रभारी अधिकारियों को कोई अपराध दिखे तो त्वरित कार्रवाई करें।

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प्रदर्शन में शामिल हुए 3 स्कूल तो पुलिस ने भेज दिया कारण बताओ नोटिस https://ekolkata24.com/top-story/when-3-schools-participated-in-the-protest-the-police-sent-them-a-show-cause-notice Sat, 24 Aug 2024 10:46:27 +0000 https://ekolkata24.com/?p=49369 कोलकाता: आरजी कर अस्पताल में महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए जघन्य अपराध को लेकर पूरे देश में आक्रोश है।जगह-जगह पर इस घटना को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं। कोलकाता में लोग इस घटना के विरोध में रैली निकाल रहे हैं।इसी बीच हावड़ा जिला निरीक्षक ने 3 स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इन स्कूलों पर आरोप लगें हैं कि उन्होंने स्कूल के समय के दौरान एक रैली आयोजित की थी।

इस नोटिस में यह दावा किया गया है कि ऐसी गतिविधियां छात्रों को खतरे में डालती हैं क्योंकि यह सुरक्षित नहीं है और यह बाल अधिकारों का उल्लंघन है। यह नोटिस हावड़ा के बलुहाटी हाई स्कूल, बलुहाटी गर्ल्स हाई स्कूल और बंट्रा राजलक्ष्मी बालिका विद्यालय को भेजा गया है। उनसे 24 घंटे के अंदर जवाब देने को कहा गया है।

हालांकि बलुहाटी उच्च विद्यालय के प्रभारी शिक्षक का दावा है कि उन्होंने क्लास खत्म होने के बाद रैली निकाली थी। ये रैली महिला PGT डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में न्याय की मांग को लेकर निकाली गई थी।

बता दें कि सीबीआई ने लगातार इस मामले की जांच कर रही हैं। इस मामले में आरोपी संजय रॉय के साथ-साथ पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष और पीड़िता के साथी 4 डॉक्टर के साथ एक वॉलिंटियर का पॉलीग्राफ टेस्ट हो रहा है। सीबीआई डॉ. घोष से 8 दिन में 88 घंटे से ज्यादा की पूछताछ कर चुकी है। सीबीआई सूत्रों के अनुसार, दिल्ली से सीबीआई अधिकारियों की एक विशेष टीम टेस्ट करने के लिए कोलकाता पहुंची है।

इसी बीच कोलकाता पुलिस ने अपने बयान में कहा, ‘आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल बलात्कार-हत्या मामले में अदालत के आदेश के अनुसार, आरजी कर में कथित वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित सभी दस्तावेज आज SIT द्वारा CBI को सौंप दिए गए हैं।’ इसी बीच 9 अगस्त को महिला PGT डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में न्याय की मांग करते हुए मॉर्निंग वॉकर्स ने रविंद्र सरोवर में विरोध प्रदर्शन किया।

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संदीप घोष समेत 5 लोगों का होगा पॉलीग्राफ टेस्ट https://ekolkata24.com/top-story/polygraph-test-will-be-conducted-on-5-people-including-sandeep-ghosh Thu, 22 Aug 2024 17:59:02 +0000 https://ekolkata24.com/?p=49362 कोलकाता : आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी मामले में डॉ संदीप घोष समेत 5 लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराया जाएगा। सियालदह कोर्ट ने इसकी अनुमति दे दी है। कलकत्ता हाइकोर्ट के निर्देश पर जूनियर महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या मामले की जांच कर रही सीबीआई की अपील पर कोर्ट ने इसकी अनुमति दे दी।

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पूर्व प्रिसिंपल डॉ संदीप घोष से लगातार पूछताछ कर रही है। पूछताछ के बीच ही गुरुवार की शाम को करीब 5 बजे सीबीआइ के अधिकारी डॉ. घोष को लेकर सियालदह कोर्ट पहुंचे। उनके साथ सीबीआइ के 4 अधिकारी व सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (सीएपीएफ) के जवान भी मौजूद थे। घोष के अलावा सीबीआइ के अधिकारी मेडिकल के छात्रों समेत 5 लोगों को भी कोर्ट लेकर पहुंची।

सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय एजेंसी डॉ. घोष समेत 5 लोगों को मजिस्ट्रेट के कमरे में लेकर पहुंची। मजिस्ट्रेट के समक्ष सभी 5 आरोपियों के बयान दर्ज कराए गए। इसके साथ ही सीबीआई ने आरोपियों के पॉलीग्राफ टेस्ट की अनुमति देने का आग्रह किया। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने सीबीआइ को आरोपियों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की अनुमति दे दी।

सूत्रों के अनुसार, घोष ज्यादातर पूछे गये प्रश्नों को लेकर उनके जवाब में विसंगतियां मिल रही हैं। यही वजह है कि उनके ‘पॉलीग्राफ टेस्ट’ कराने के विकल्प पर विचार किया गया और अदालत में इसे लेकर आवेदन किया गया. पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान व्यक्ति द्वारा प्रश्नों के उत्तर दिये जाते समय एक मशीन की मदद से उसकी शारीरिक प्रतिक्रियाओं को मापा जाता है और यह पता लगाया जाता है कि वह सच बोल रहा है या झूठ।

आरजी कर मेडिकल कॉलेड व अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल घोष गत शुक्रवार से हर दिन सीजीओ कॉम्प्लेक्स में पेश हो रहे हैं। उनसे कभी 10 घंटे, तो कभी 12-13 घंटों तक पूछताछ हुई।

उनसे अबतक 77 घंटों से भी ज्यादा समय तक पूछताछ हो चुकी है।

जूनियर महिला चिकित्सक से दुष्कर्म व हत्या की घटना के पहले व बाद में घोष क्या-क्या गतिविधियां रहीं?
घटना का पता उन्हें कैसे चला और इसके बाद उन्होंने क्या कदम उठाये?
डॉ घोष ने किन-किन लोगों से संपर्क किया?
महिला चिकित्सक की मौत की खबर मिलने के बाद उनकी पहली प्रतिक्रिया क्या थी?
परिवार को सूचित करने का निर्देश उन्होंने किसे दिया?
कैसे और किसने पुलिस से संपर्क किया?

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सुप्रीम कोर्ट ने CISF को सौंपी आरजी कर मेडिकल कॉलेज की सुरक्षा https://ekolkata24.com/top-story/supreme-court-handed-over-the-security-of-rg-kar-medical-college-to-cisf Tue, 20 Aug 2024 09:26:35 +0000 https://ekolkata24.com/?p=49336 कोलकाता: आरजी कर मेडिकल कॉलेज में लेडी डॉक्टर से दरिंदगी की घटना के बाद पश्चिम बंगाल सरकार को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने आरजी कर हॉस्पिटल एंड मेडिकल कॉलेज की सुरक्षा सीआईएसएफ को सौंपने का आदेश दिया है। अभी तक सुरक्षा कोलकाता पुलिस के हाथों में थी।

सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेने के बाद मंगलवार को पहली सुनवाई की थी। इसमें चीफ जस्टिस की बेंच ने पश्चिम बंगाल सरकार से कड़े सवाल पूछे थे। सीजेआई ने पूछा था कि हॉस्पिटल में 7000 लोग कैसे घुस गए? कोलकाता पुलिस क्या कर रही थी?

आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में 8-9 अगस्त की रात को लेडी डॉक्टर से दरिंदगी की घटना के बाद स्टॉफ ने केंद्रीय सुरक्षा की मांग की थी। 14 अगस्त की रात को हॉस्पिटल पर भीड़ के हमले ने कोलकाता पुलिस की लापरवाही को उजागर कर दिया था। जब भीड़ इमरजेंसी वार्ड को तोड़ा डाला था और सेमिनार हॉल तक पहुंचने की कोशिश की।

 

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मृतक डॉक्टर के पिता का खुलासा- श्मशान घाट पर पहले जला दिया गया बेटी का शव https://ekolkata24.com/top-story/daughters-body-was-burnt-first-at-the-cremation-ground Mon, 19 Aug 2024 03:31:04 +0000 https://ekolkata24.com/?p=49330 कोलकाता: आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में दुष्कर्म-मृत्यु मामले में मृत डॉक्टर के पिता और मां ने कई राज खोले हैं। डॉक्टर के पिता ने कहा, जांच चल रही है, उसका कोई नतीजा नहीं निकला है। हमें उम्मीद है कि हमें नतीजे मिलेंगे।

विभाग या कॉलेज से किसी ने भी हमारा सहयोग नहीं किया। पूरा विभाग इसमें शामिल है। श्मशान घाट पर तीन शव थे, लेकिन हमारी बेटी का शव पहले जला दिया गया। मुख्यमंत्री न्याय दिलाने की बात कर रही हैं, लेकिन फिर न्याय मांगने वाले आम लोगों को जेल में डालने की कोशिश की जा रही है। हम सीएम से संतुष्ट नहीं हैं। हमने कोई भी मुआवजा लेने से इनकार कर दिया है।

अस्पताल से फोन पर मां को बताया गया डॉक्टर बेटी ने कर ली आत्महत्या, शव को नहीं देखने दिया गया
आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में दुष्कर्म-हत्या मामले में मृत डॉक्टर की मां ने कहा, पहले हमें अस्पताल से फोन आया कि आपकी बेटी बीमार है, फिर फोन कट गया।

उसके बाद जब मैंने फोन करके पूछा कि क्या हुआ, तो उन्होंने मुझे अस्पताल आने को कहा। जब हमने दोबारा फोन किया, तो फोन करने वाले ने खुद को असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट बताया और कहा कि आपकी बेटी ने आत्महत्या कर ली है।

वह गुरुवार को ड्यूटी पर गई थी, हमें शुक्रवार को सुबह 10:53 बजे यह फोन आया। जब हम वहां पहुंचे, तो हमें उसे देखने नहीं दिया गया, हमें उसे 3 बजे देखने दिया गया। उसकी पैंट खुली हुई थी, उसके शरीर पर केवल एक कपड़ा था।

उसका हाथ टूटा हुआ था, उसकी आंखों, मुंह से खून निकल रहा था। उसे देखकर ही लग रहा था कि किसी ने उसकी हत्या कर दी है। मैंने उनसे कहा कि यह आत्महत्या नहीं, हत्या है। हमने अपनी बेटी को डॉक्टर बनाने के लिए बहुत मेहनत की, लेकिन उसकी हत्या कर दी गई।

मृतक डॉक्टर की मां ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लेकर कहा, उन्होंने कहा था कि अपराधी को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाएगा, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ है। एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। मुझे यकीन है कि इस घटना में और भी कई लोग शामिल हैं। मुझे लगता है कि इस घटना के लिए पूरा विभाग जिम्मेदार है। पुलिस ने बिल्कुल भी अच्छा काम नहीं किया। मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री विरोध को रोकने की कोशिश कर रही हैं, आज उन्होंने धारा 144 लगा दी है ताकि लोग विरोध न कर सकें।

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कोलकाता में जूनियर महिला डॉक्टर की हत्या मामले में संजय रॉय गिरफ्तार https://ekolkata24.com/top-story/sanjay-rai-arrested-in-case-of-cruelty-to-junior-woman-doctor Sat, 10 Aug 2024 14:34:54 +0000 https://ekolkata24.com/?p=49279 कोलकाता : पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल  की जूनियर महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या मामले में गिरफ्तार संजय रॉय को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। गिरफ्तारी के बाद उसे सियालदाह की अदालत में पेश किया गया। आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 64 (बलात्कार) और 103 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

लेडी डॉक्टर से दरिंदगी मामले में पुलिस ने संजय रॉय को गिरफ्तार किया था और लालबाजार स्थित पुलिस मुख्यालाय  ले जाकर आरोपी से पूछताछ की  गई थी। संजय अस्पताल का ड्यूटी होम गार्ड है। हादसे की रात जूनियर महिला डॉक्टर ड्यूटी पर थी। रात करीब दो बजे भोजन करने के बाद वह सेमिनार हॉल गयी थी। उसके बाद से ही उसे नहीं देखा गया था। इसके बाद उसका शव बरामद हुआ था।

पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की इमरजेंसी बिल्डिंग के चौथे तल पर सेमिनार हॉल से एक जूनियर महिला डॉक्टर का शव अर्धनग्न अवस्था में बरामद होने के बाद बवाल मचा है। बंगाल के विभिन्न अस्पतालों में जूनियर डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन किया। सभी महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या मामले में न्याय की मांग कर रहे थे।

आंदोलन कर रहे डॉक्टरों ने मांग की है कि लेडी डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या करने के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। आरजी कर अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि हालात इस कदर हो गए हैं कि वे अस्पताल में भी सुरक्षित नहीं हैं। नाराज जूनियर डॉक्टरों ने सिर्फ आरजी कर अस्पताल में ही नहीं, बल्कि पश्चिम बंगाल के कई अस्पतालों में जमकर हंगामा किया।

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कोलकाता पुलिस आयुक्त और डीसी के खिलाफ गृह मंत्रालय की कार्रवाई https://ekolkata24.com/uncategorized/home-ministry-action-against-kolkata-police-commissioner-and-dc Mon, 08 Jul 2024 09:54:51 +0000 https://ekolkata24.com/?p=48803 कोलकाता : पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के कार्यालय को अफवाह फैलाकर कथित तौर पर बदनाम करने के लिए कोलकाता के पुलिस आयुक्त विनीत गोयल और एक डीसीपी के खिलाफ गृह मंत्रालय ने अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की है। केंद्र सरकार के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय ने यह कार्रवाई पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस द्वारा कोलकाता पुलिस आयुक्त और कोलकाता पुलिस उपायुक्त (मध्य) इंदिरा मुखर्जी के संबंध में उस रिपोर्ट के सौंपे जाने के बाद शुरू की है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि वे ‘इस तरह काम कर रहे हैं, जो एक लोक सेवक के लिए पूरी तरह से अनुचित है’।

उन्होंने कहा कि बोस ने जून के अंतिम सप्ताह में गृह मंत्री को सौंपी अपनी रिपोर्ट में इस मुद्दे को उठाया है कि कोलकाता पुलिस के अधिकारी चुनाव के बाद हुई हिंसा के पीड़ितों को उनसे मिलने की अनुमति नहीं दे रहे हैं, जबकि उन्होंने इसके लिए उन्हें जरूरी अनुमति दे दी थी। अधिकारी ने कहा ‘गृह मंत्रालय ने बंगाल के राज्यपाल बोस द्वारा प्रस्तुत विस्तृत रिपोर्ट के आधार पर आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की है’। उन्होंने बताया कि पत्र की प्रतियां 4 जुलाई को राज्य सरकार को भेज दी गई थीं।

अधिकारी ने बताया कि बंगाल के राज्यपाल ने राजभवन में तैनात अन्य पुलिस अधिकारियों पर अप्रैल-मई 2024 के दौरान एक महिला कर्मचारी द्वारा लगाए गए मनगढ़त आरोपों को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘इन आईपीएस अधिकारियों ने अपने कृत्यों से न केवल राज्यपाल के कार्यालय को कलंकित किया है, बल्कि इस तरह से काम किया है, जो एक लोक सेवक के लिए पूरी तरह से अनुचित है’। हालांकि ऐसे मामलों के विशेषज्ञों का कहना है कि पहले इस तरह के आरोपों को लेकर जांच होती है। इसके बाद राज्य सरकार से गृह मंत्रालय रिपोर्ट तलब कर सकता है।

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New Market में फुटपाथ पर कब्जा करने वालों ने किया स्थानीय दुकानदारों पर हमला https://ekolkata24.com/top-story/people-occupying-the-footpath-in-new-market-attacked-local-shopkeepers Sat, 29 Jun 2024 12:29:36 +0000 https://ekolkata24.com/?p=48675 कोलकाता : पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के दिल कहे जाने वाले धर्मतल्ला में फुटपाथ पर कब्जा कर गुंडागर्दी करने वाले हॉकर्स ने शनिवार को स्थानीय दुकानदारों पर भी हमला कर दिया है। यहां ग्रैंड ओबेरॉय होटल के सामने से लेकर पूरे न्यू मार्केट के इलाके में फुटपाथ पर दुकान लगाने वाले अमूमन खरीददारी के लिए आने वाले ग्राहकों से मारपीट करते ही रहते हैं।

इसके बाद फुटपाथ को खाली करने के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आदेश के बाद चले पुलिस के अभियान की वजह से नाराजगी पहले से ही बढ़ रही थी। हालांकि न्यू मार्केट में पुलिस के अभियान को ममता बनर्जी ने रोक दिया था और हॉकर्स को एक महीने का समय दिया था।

इस बीच शनिवार को अचानक न्यू मार्केट में फुटपाथ पर कब्जा कर दुकानदारी करने वाले हॉकर्स ने स्थानीय दुकानदारों पर हमला कर दिया है। इसके खिलाफ जब दुकानदारों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया तो फुटपाथ पर कब्जा करने वाले हॉकर्स ने सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस का झंडा लेकर उन दुकानदारों पर दोबारा हमला कर दिया।

उसके बाद दोनों तरफ से धर्मतल्ला के दो हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। सूचना मिलने के बाद पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। शाम होते होते मामला कुछ हद तक शांत हो गया 

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विद्यासागर पुल पर वाहनों के जाम से निजात दिलाने के लिए कोलकाता पुलिस हुई सतर्क https://ekolkata24.com/top-story/kolkata-police-becomes-alert-to-get-rid-of-traffic-jam-on-vidyasagar-bridge Thu, 27 Jun 2024 10:47:33 +0000 https://ekolkata24.com/?p=48607 कोलकाता : कोलकाता पहुंचने से पहले ही विद्यासागर सेतु पर वाहनों का तेल खत्म हो रहा है। इसलिए बीच सेतु पर वाहन खड़े हो जा रहे है। जिस कारण ट्रैफिक जाम लग रहा है। ऐसी परिस्थिति में पुलिस विद्यासागर सेतु पर यातायात को चालू रखने के लिए पेट्रोल और डीजल के बैरेल तैयार रख रही है। इसके साथ ही खराब वाहनों को तुरंत हटाने के लिए वहां पर रेकर भी तैनात किया जा रहा है। दूसरे हुगली ब्रिज या विद्यासागर ब्रिज पर ट्रैफिक जाम से बचने के लिए कोलकाता पुलिस के ट्रैफिक अधिकारी हावड़ा ट्रैफिक पुलिस के साथ लगातार संपर्क में हैं।

लालबाजार ने कहा कि मुख्यमंत्री का निर्देश मिलने के बाद ट्रैफिक पुलिस काफी सक्रिय हो गयी है। हाल ही में मुख्यमंत्री ने नवान्न के रास्ते में दूसरे हुगली ब्रिज पर ट्रैफिक जाम देखा । उन्होंने पुलिस कमिश्नर को फोन कर जाम का कारण जानना चाहा। मुख्यमंत्री के आह्वान के बाद पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल मंगलवार को पुलिस अधिकारियों के साथ पहले दौर की बैठक में बैठे। बुधवार को उन्होंने अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ एक और हुगली ब्रिज का दौरा किया। लालबाजार सूत्रों ने बताया कि पुलिस अधिकारियों ने इस बात की गहन जांच की कि दूसरे हुगली ब्रिज पर लगातार जाम क्यों लग रहा है।

जाम से बचने और पुल पर यातायात सुचारू करने के लिए पुलिस अधिकारियों ने भी कई निर्णय लिये। लालबाजार पुलिस मुख्यालय सूत्रों ने की माने तो जांच के बाद ट्रैफिक विभाग को पता चला कि दूसरे हुगली ब्रिज के दो लेन निर्माणाधीन हैं। इसलिए बाकी लेन पर दबाव है। यदि यातायात का दबाव अधिक होगा तो यातायात धीमा हो जाएगा। लेकिन पुल पर जाम लगने का मुख्य कारण वाहनों का अचानक खराब हो जाना है।

अक्सर देखा जाता है कि गाड़ियों के खराब होने के कारण वाहन पुल के बीच में ही रुक जाते हैं। धक्का देने पर भी कार स्टार्ट नहीं होगी। विद्यासागर सेतु ट्रैफिक गार्ड के कर्मी मौके पर पहुंचे और कार को सड़क के एक तरफ धकेल कर यातायात सुचारू करने का प्रयास किया।

लेकिन जब कोई बड़ा वाहन जैसे बस या मालवाहक वाहन पुल के बीच में खराब हो जाता है तो अन्य वाहनों को इधर-उधर जाने का मौका नहीं मिलता है। ऐसे में वाहन हटाने वाली गाड़ियां आने तक पुल पर जाम लगा रहता है। इस समस्या से बचने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने द्वितीय हुगली ब्रिज पर हर समय रेकर्स रखने का फैसला किया है। अगर कोई कार खराब हो जाए तो उसे तुरंत रेकर की मदद से हटा दिया जाएगा।

पुलिस के मुताबिक, यह भी देखा गया है कि दूर के जिलों या दूसरे राज्यों से कोलकाता आने के दौरान दूसरे हुगली ब्रिज का तेल खत्म हो गया है। कार में कोई अतिरिक्त तेल नहीं है, परिणामस्वरूप, कार अब नहीं चल सकती और इस वजह से ट्रैफिक जाम देखने को मिलता है। इन्हीं सब करणों से ट्रैफिक पुलिस ने पुल पर कई बैरल तेल जमा करने का फैसला किया है। पुलिस पेट्रोल और डीजल दोनों स्टॉक में रखेगी। अगर किसी गाड़ी में तेल खत्म भी हो जाए तो तुरंत तेल भरकर स्टार्ट करने की व्यवस्था की जा रही है। पुलिस ने कहा कि इस बीच, कोना एक्सप्रेसवे या हावड़ा में किसी अन्य सड़क पर ट्रैफिक जाम की स्थिति में, लालबाजार हर समय हावड़ा पुलिस के संपर्क में रहेगा ताकि इसका असर दूसरे हुगली ब्रिज परन पड़े।

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बंगाल में ममता की दवाई का असर, विधाननगर में बुलडोजर से कार्रवाई https://ekolkata24.com/uncategorized/%e0%a4%ac%e0%a4%82%e0%a4%97%e0%a4%be%e0%a4%b2-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%ae%e0%a4%ae%e0%a4%a4%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%a6%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%88-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%85 Tue, 25 Jun 2024 11:53:07 +0000 https://ekolkata24.com/?p=48569 कोलकाता: सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नवान्ना में एक बैठक की। बैठक के दौरान सीएम ने शहर के सड़कों पर हो रहे अतिक्रमण के खिलाफ सख्त एक्शन लेने का निर्देश दिया। सीएम के आदेश पर आज कोलकाता पुलिस की अगुवाई में जिला प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी। पुलिस ने साल्टलेक में अस्थायी दुकानदारों को मंगलवार सुबह फुटपाथ से हटने का निर्देश दिया। यह अभियान कॉलेज मोड़ से लेकर गोदरेज वाटर साइड तक चला। इसके बाद कई अस्थायी दुकानें फुटपाथ से हटा लीं गई।

स्थानीय व्यापारियों ने कहा कि सोमवार सुबह पुलिस ने उनसे कहा कि उन्हें कुछ घंटों के भीतर दुकान हटानी होगी। इसके बाद उन्हें दुकान तोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। नगर पालिका की ओर से बुलडोजर और क्रेन भी मंगाई गईं। हालांकि दुकानें हटाए जाने से रेहड़ी वाले चिंतित हैं।

उन्होंने शिकायत की कि उन्हें कुछ घंटों के भीतर दुकान उठाने के लिए कहा गया। यह उचित नहीं है। यह कुछ दिन पहले ही कहा जाना चाहिए था। एक किराना व्यापारी ने कहा, ‘हम यहां करीब 20 साल से दुकान चला रहे हैं। आज अचानक पुलिस आई और बोली कि दुकान हटाओ। अब हमें नहीं पता कि कहां जाएं, कैसे पेट पालें। स्थानीय प्रशासन को पता था कि यहां एक दुकान है. फिर अचानक उन्हें दुकान उठाने के लिए कहा गया।’

बता दें कि बीते दिन सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार CMO में बैठक कर नेताओं-मंत्रियों-पुलिस प्रशासन को फटकार लगाई। सीएम ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया कि सरकारी जमीन पर कब्जा, फुटपाथ पर कब्जा समेत तमाम मामलों में नेता समर्थन कर रहे हैं और पैसे ले रहे हैं। ये गलत है। नेताओं की इन हरकतों से मुझे शर्म आती है। सीएम के सख्त रवैये के बाद अधिकारियों की नींद खुली और सोमवार सुबह से ही विधाननगर के कई इलाकों में पुलिस ने सड़क से अतिक्रमण हटाया है।

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बंगाल: राजभवन से कोलकाता पुलिस को हटाने के आदेश https://ekolkata24.com/uncategorized/kolkata-police-ordered-to-vacate-raj-bhavan-premises-in-bengal Thu, 28 Sep 2023 18:49:06 +0000 https://ekolkata24.com/?p=45931 पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर निगरानी का आरोप लगाते हुए राजभवन (Raj Bhavan) ने पुलिस को राजभवन के भूतल तक सीमित करने और परिसर के अंदर से कोलकाता पुलिस के सभी कर्मियों को तत्काल हटाने का आदेश दिया है।

राजभवन सूत्रों के मुताबिक राजभवन की सिफारिशों के अनुसार, शहर के पुलिस कर्मियों को राजभवन के आवासीय सेक्शन और कार्यालय सेक्शन की सभी मंजिलों से हटा दिया जाएगा। इसके बजाय राज्यपाल के सुरक्षाबल के रूप में सीआरपीएफ के जवान वहां की सुरक्षा का प्रबंधन करेंगे।

सूत्रों के मुताबिक राजभवन चाहता है कि कोलकाता पुलिस केवल राजभवन के भूतल, उसके प्रवेश और निकास बिंदुओं, उद्यानों और आसपास के क्षेत्रों में ही तैनात रहे। पिछले राज्यपाल के कार्यकाल के दौरान कोलकाता पुलिस कर्मी केवल राजभवन के भूतल तक ही सीमित थे। राजभवन में तैनात पुलिसकर्मियों की लगातार फेरबदल की जानी चाहिए।

सूत्रों के मुताबिक राज्यपाल की सिफारिश के मद्देनजर, कोलकाता पुलिस ने सीआरपीएफ के साथ एक संयुक्त सुरक्षा बैठक की है।बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने राज्य सरकार और केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर टैपिंग और ट्रैकिंग की आंशका जताई है। पत्र के जरिए उन्होंने सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक सुरक्षा प्रणाली का भी अनुरोध किया है। गुरुवार को राजभवन द्वारा भेजे गए पत्र में जैमर और डी बगिंग की मांग की गई है।

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Kolkata Police: ৮ আইপিএস সহ কলকাতা পুলিশে করোনা আক্রান্ত ৮৬ https://ekolkata24.com/uncategorized/86-including-8-ips-in-kolkata-police-tested-covid-positive Tue, 04 Jan 2022 06:23:52 +0000 https://ekolkata24.com/?p=17908 নিউজ ডেস্ক : কলকাতা পুলিশে এই মুহূর্তে মোট ৮৬ জন করোনা আক্রান্ত। তারমধ্যে ৮ জন আইপিএস অফিসার। আজ নতুন করে ৩ জনের শরীরে সংক্রমণ ধরা পড়ে। ৩ জনই আইপিএস অফিসার। একসঙ্গে এতজন অফিসার ও কর্মী করোনা আক্রান্ত হওয়ায় স্বাভাবিকভাবেই লালবাজারে উদ্বেগ ছড়িয়েছে।  

প্রসঙ্গত, রাজ্যে করোনা সংক্রমণ বাড়তেই সোমবার থেকে বিধিনিষেধ লাগু হয়েছে। ফের বন্ধ রাজ্যের স্কুল, কলেজ, বিশ্ববিদ্যালয়, সুইমিং পুল, সেলুন, স্পা, জিম, চিড়িয়াখানা, পর্যটন কেন্দ্র ও বিনোদন পার্ক। শপিং মল, মার্কেট কমপ্লেক্স, রেস্তোরাঁ ও সিনেমা হল খোলা থাকলেও, তাতে ৫০ শতাংশের বেশি মানুষের প্রবেশের অনুমতি নেই। সংক্রমণ হারের নিরিখে কলকাতা শীর্ষে থাকায়, গতকালই শহরে ২৫টি মাইক্রো কনটেইনমেন্ট জোনের কথা ঘোষণা করেছেন মেয়র ফিরহাদ হাকিম। একইসঙ্গে চালু করা হয়েছে ৩টি সেফ হোমও। 

এই মুহূর্তে কলকাতায় পজিটিভিটি রেট ৩৩.৯%। কলকাতায় করোনার গোষ্ঠী সংক্রমণ শুরু হয়েছে বলেও মনে করছেন বিশেষজ্ঞদের একাংশ। তবে করোনার সংক্রমণ বৃদ্ধি পাওয়ার সঙ্গে সঙ্গে বিশেষজ্ঞরা এটাও আশ্বস্ত করছেন যে, নয়া কোভিড ভ্যারিয়ান্ট ওমিক্রন অত্যন্ত সংক্রামক হলেও তার মারণক্ষমতা খুব বেশি নয়।

উল্লেখ্য, গত ২৪ ঘণ্টায় রাজ্যে নতুন করে করোনা আক্রান্ত হয়েছেন ৬,০৭৮ জন। এরমধ্যে কলকাতায় নতুন করে আক্রান্ত হয়েছেন ২,৮০১ জন। উত্তর ২৪ পরগনায়ও হাজারের গন্ডি পেরিয়েছে সংক্রমণ। নতুন করে আক্রান্ত হয়েছেন ১,০৫৭ জন। মৃত্যু হয়েছে ১৩ জনের।

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নকশাল নেতা সরোজ দত্তর ‘মার্ডার’ দেখা উত্তমকুমারকে ফোন করলেন, কে তিনি? https://ekolkata24.com/uncategorized/naxal-leader-saroj-dutta-murder-case Fri, 05 Nov 2021 09:40:31 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=10353 News Desk: কে তিনি? উত্তমকুমার জীবদ্দশায় যাঁদের কাছে ‘মুখ খুলেছিলেন’ তাঁরাও কোনও এক অজানা আশঙ্কায় নীরব ছিলেন। কারণ সে মন্ত্রী আর জবরদস্ত তার কাজকর্ম।

মহানায়কের জীবনে এমন সন্ধিক্ষণ আর আসেনি। তিনি বম্বে (মুম্বই) চলে গিয়ে কিছুটা ধাতস্থ হতে চেয়েছিলেন। সেই সময় একটি ফোন এসেছিল, হাসি হাসি গলায় উত্তমকুমারকে কিছু উপদেশ দিয়েছিলেন ফোনের অপর প্রান্তে থাকা ব্যক্তিটি। সিনেমায় বহু ভিলেনকে সরাসরি কুপোকাত করে দেওয়া উত্তমকুমার বুঝেছিলেন বেশি বলা ভালো না।

এই ঘটনার পিছনে রয়েছে পশ্চিমবঙ্গের অতিবামপন্থী নেতা, কবি ও সাংবাদিক সরোজ দত্তর মার্ডার মুহূর্ত। কলকাতাতেই ১৯৭১ সালের ৫ই আগস্টের ভোরে কিংবদন্তি এই রাজনীতিককে খুন করা হয়। কানাঘুষোয় শোনা যায় ঘটনাচক্র বা দুর্ঘটনাচক্রে সরোজ দত্তকে খুনের মুহূর্তটি দেখে ফেলেছিলেন মর্নিং ওয়াক করতে আসা উত্তম কুমার। এর পরেই কেউ তাঁকে বলেছিল ‘উত্তমদা আপনি কিছুই দেখেননি’।

চলচ্চিত্র পরিচালক তপন সিনহার সাড়া জাগানো সিনেমা আতঙ্ক মুক্তি পায় ১৯৮৬ সালে। সেখানে সত্তর দশকে পাড়া পাড়ায় যে মস্তানি ও খুন চলছিল তারই জ্বলন্ত মুহূর্ত ধরা আছে। এক ছাত্র অপর ছাত্রকে খুন করছে এই মুহূর্ত দেখে ফেলা বৃদ্ধ শিক্ষককে পরিচ্ছন্ন হুমকি দেয় খুনি ‘মাস্টারমশাই আপনি কিছুই দেখেননি’। এই সংলাপেই ধরা আছে ভয়াবহ সময়টির আতঙ্কিত জনজীবন।

তপন সিনহার আতঙ্ক সিনেমার সংলাপটির চিন্তা এসেছিল উত্তমকুমারকে দেওয়া টেলিফোনে হুমকি থেকেই তাতে নিশ্চিত অনেকেই। সেই ফোন যিনি করেন তিনি সিদ্ধার্থ শংকর রায়ের পছন্দের এক তরুণ নেতা। এও শোনা যায় উত্তমকুমার সহ বাংলা চলচ্চিত্রের প্রায় সবাই তাঁর ঘনিষ্ঠ। ফলে ফোনটা এসেছিল হুকুমদারি মার্কা গলায় নয়, নেহাতই উত্তম গুণমুগ্ধ হয়েই একটি আবদার। তবে সেই ফোন যে আসলে হুঁশিয়ারি তাও স্পষ্ট ছিল।

তবে অত্যন্ত ঘনিষ্ঠ মহলে উত্তমকুমার কিছুটা বলেছিলেন সেই ফোন করা ব্যক্তির বিষয়ে। তাঁর সেই ভীত গলায় আলোচনার রেশ ধরেই পরবর্তী কালে সময় ও তারিখ মিলিয়ে জানা যায় সেদিন ভোরে নকশালপন্থী নেতা সরোজ দত্তকে খুনের মুহর্তে কাকতালীয়ভাবে হাজির হয়েছিলেন মর্নিংওয়াক করা উত্তমকুমার। এর পরেই খুব পরিচিত একজন তাঁকে বলেন, ‘উত্তমদা আপনি কিছুই দেখেননি।’

নকশালবাড়ি আন্দোলনের কিংবদন্তি নেতা সরোজ দত্ত অন্যান্যদের মতো আত্মগোপনে ছিলেন। তাঁকে ১৯৭১ সালের ৪ আগস্টের শেষ রাতে পুলিশ এসে অধ্যাপক দেবীপ্রসাদ চট্টোপাধ্যায়ের বাড়ি থেকে তুলে নিয়ে গিয়েছিল। এরপর থেকে তাঁকে আর কোথাও কেউ দেখেনি। সেই থেকেই তিনি আজও পর্যন্ত পুলিশের খাতায় ‘নিখোঁজ’। সুব্রত মুখোপাধ্যায়ের মৃত্যু অনেক রহস্য অনাবৃত থেকে গেল।

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Subrata Mukherjee: হেফাজতে চারু মজুমদারে মৃত্যু, পুলিশমন্ত্রী ছিলেন সুব্রত https://ekolkata24.com/uncategorized/subrata-mukherjee-always-silent-on-charu-majumdar-dearth-mystery Fri, 05 Nov 2021 08:29:08 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=10346 প্রসেনজিৎ চৌধুরী: বিতর্কিত ২৮ জুলাই। ১৯৭২ সালের দিনটিতে মৃত্যু হয়েছিল সশস্ত্র নকশালপন্থী আন্দোলনের স্রষ্টা চারু মজুমদারের। তাঁর মৃত্যুর কারণ নিয়ে বিস্তর বিবাদ বিতর্ক রয়েছে। তবে সরকার কর্তৃক ঘোষণা করা হয়েছিল মৃত্যুর কারণ ‘হৃদরোগ’। নকশালপন্থী নেতা ও দলগুলির অভিযোগ, ‘তৎকালীন পশ্চিমবঙ্গের পুলিশমন্ত্রী সুব্রত মুখোপাধ্যায়ের (Subrata Mukherjee) অধীনস্থ পুলিশ বিভাগ অজানা কারণে চারুবাবুর মৃত্যুর কারণ গোপন করেছিল’।

নকশালবাড়ি আন্দোলনের সরাসরি সমর্থক বিভিন্ন অতিবামপন্থী সংগঠনগুলির আরও অভিযোগ, দেশের অন্যতম রাজনৈতিক ব্যক্তিত্ব তথা আন্তর্জাতিক পরিচিতি পাওয়া ‘সিএম’ (চারু মজুমদার) কে পুলিশি হেফাজতে মেরে ফেলা হয়েছিল। তৎকালীন পশ্চিমবঙ্গের কংগ্রেস সরকারের আমলেই চারুবাবুর গ্রেফতারি ও হেফাজতে মৃত্যুর বিতর্ক এখনও চলছে।

ভারতের রাজনৈতিক ইতিহাসে কৃষক আন্দোলনের অন্যতম অধ্যায় দার্জিলিং জেলার নকশালবাড়ি কৃষক অভ্যুত্থান। সশস্ত্র সংগ্রামের তত্ত্বে রাষ্ট্রক্ষমতা দখলের পরিকল্পনা করেছিলেন সিপিআইএম থেকে বহিষ্কৃত কমিউনিস্ট নেতা চারু মজুমদার ও সমদর্শী নেতারা।

১৯৬৭ সালে সরাসরি নকশালবাড়িতে সশস্ত্র কৃষকদের সঙ্গে পুলিশের সংঘর্ষ, রক্তাক্ত পরিস্থিতির জেরে পশ্চিমবঙ্গের রাজনৈতিক হাওয়া আরও গরম হয়েছিল। সেই আন্দোলনের ফলে গোটা দেশে অতি বাম রাজনৈতিক তত্ত্বের পালে হাওয়া লাগে। এই আন্দোলনের মূল নেতা চারু মজুমদার অসুস্থ হয়েও গোপনে নেতৃত্ব দিচ্ছিলেন। তাঁকে মোস্ট ওয়ান্টেড তালিকাভুক্ত করে সরকার। নকশাল আন্দোলন তীব্র আকার নেয়। অবশেষে তাঁকে ১৯৭২ সালের ১৬ জুলাই কলকাতার গোপন আস্তানা থেকে গ্রেফতার করে পুলিশ।

চারু মজুমদারের গ্রেফতারের পরই রাজনৈতিক মহলে প্রশ্ন ছিল তাঁর শারিরীক অবস্থা কেমন? শ্বাসকষ্টে আক্রান্ত চারবাবু বন্দি হলেও তিনি আইনত চিকিৎসার সুযোগ পাচ্ছেন না বলে অভিযোগ উঠতে থাকে। তবে নিরুত্তর ছিলেন রাজ্যের ততকালীন পুলিশমন্ত্রী সুব্রত মুখোপাধ্যায়।

অভিযোগ উঠছিল, চারু মজুমদারকে বিনা চিকিৎসায় মেরে ফেলার ছক করেছে সিদ্ধার্থ শংকর রায়ের সরকার। মুখ্যমন্ত্রী হিসেবে তিনিও নীরবতার পথ নিয়েছিলেন। চাপে পড়ে অসুস্থ চারুবাবুর চিকিৎসা শুরু হয় হাসপাতালে। চিকিৎসাধীন অবস্থায় ১৯৭২ সালের ২৮ জুলাই তিনি প্রয়াত হন।

এই ইস্যুটি রাজ্যে কংগ্রেস সরকারের তৎকালীন মন্ত্রী সুব্রত মুখোপাধ্যায়কে জীবনভর তাড়া করেছে। তিনিও বিষয়টি নিয়ে নিজের মতামত স্পষ্ট করেননি। ফলে বিতর্ক থেকেই গিয়েছে। সুব্রতবাবুর প্রয়াণে এই বিতর্কের সরাসরি জবাব দেওয়ার কেউ নেই। নকশালপন্থীদের অভিযোগ অনুসারে ‘রহস্যাবৃত’ থাকল চারু মজুমদারের মৃত্যুর কারণ।

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