KrishnaDas Gupta – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com Stay updated with Ekolkata24 for the latest Hindi news, headlines, and Khabar from Kolkata, West Bengal, India, and the world. Trusted source for comprehensive updates Sun, 16 Jun 2024 13:41:10 +0000 en-US hourly 1 https://ekolkata24.com/wp-content/uploads/2024/03/cropped-ekolkata24-32x32.png KrishnaDas Gupta – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com 32 32 दिल्ली में साइबर अपराधियों ने एक महिला से 83 लाख रुपये ठगे https://ekolkata24.com/top-story/cyber-criminals-duped-a-woman-of-rs-83-lakh-in-delhi Sun, 16 Jun 2024 13:41:10 +0000 https://ekolkata24.com/?p=48329 नई दिल्ली: दिल्ली के सीआर पार्क में 12 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट का ड्रामा चला और एक बुजुर्ग महिला ने 83 लाख रुपए गंवा दिए। देश के बड़े शहरों में डिजिटल अरेस्ट के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ये एक साइबर फ्रॉड है, जिसमें अपराधी एजेंसियों के अफसर बनकर गिरफ्तारी का डर दिखाकर करोड़ों रुपए की ठगी कर रहे हैं।

दिल्ली के पॉश इलाके सीआर पार्क में रहने वाली इस बुजुर्ग महिला से कहा गया कि आप डिजिटल अरेस्ट हैं। आप जहां हैं वहां बैठे रहिए, किसी को फोन किया तो वो भी अरेस्ट हो जाएगा। आपका फोन सर्विलांस पर है, जितना पैसा है वो भेज दो नहीं तो आप अरेस्ट हो जाएंगी, आपके पास जायदा समय नहीं है। बस इसी डर से 73 साल की कृष्णदास गुप्ता ने ठगों को 83 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए।

कृष्णदास गुप्ता दिल्ली के सीआर पार्क इलाके में अकेले रहती है। 2017 तक वो दिल्ली में नर्सिंग सुप्रीटेंडेंट थीं। उनके पति संगीत नाटक एकेडमी में डिप्टी सेक्रेटरी थे, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं। उनकी बेटी मुंबई में रहती है। कृष्णदास के मुताबिक बीती 24 मई की सुबह करीब 9:30 बजे उनके मोबाइल पर एक नोटिफिकेशन आया और एक रिकॉर्डेड मैसेज आया।

कृष्णदास को जो मैसेज आया, उसमें लिखा था, “आपका नंबर अगले 2 घंटे में ब्लॉक हो जाएगा। फिर कहा गया कि मुंबई में आपके आधार कार्ड से एक और सिम कार्ड लिया गया है, जिससे 20 से ज्यादा पोनोग्राफिक मेटेरियल भेजा गया है। इसके बाद उन्हें कहा गया कि उनका नाम जेट एयरवेज के मालिक नरेश गोयल के मनी लांड्रिंग केस में भी है। अगले 2 घंटे में उन्हें अरेस्ट कर लिया जाएगा। उन्हें सुप्रीम कोर्ट का फर्जी आदेश और फर्जी अरेस्ट वारंट भेजा गया, फिर पीड़ित को बैंक भेजकर उनके बैंक अकाउंट से 83 लाख रुपए ट्रांसफर करवा लिए गए।

इस दौरान कृष्णदास को किसी से बात नहीं करने दी गई और करीब 12:30 घंटे तक वो अपने घर में कैद रहीं। वीडियो कॉल पर पुलिस की वर्दी में फर्जी अफसर उन्हे लगातार डराता रहा। कृष्णदास की बेटी ने मुंबई से आकर एफआईआर
दर्ज करवाई। लेकिन केस दर्ज कराना आसान नहीं था।

एक आंकड़े के मुताबिक अकेले दिल्ली में ही हर महीने डिजिटल अरेस्ट से ठगी के 200 मामले सामने आ रहे हैं, जबकि कानून में डिजिटल अरेस्ट जैसा कुछ नहीं है। साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल के मुताबिक इस साइबर फ्रॉड से ऐसे बचें।

क्या है डिजिटल अरेस्ट?
डिजिटल अरेस्ट…यह साइबर क्राइम का नयाब तरीका है। साइबर फ्रॉड लोगों को फंसाने के लिए ब्लैकमेलिंग का खेल खेलता है और लोग उसके जाल में फंस जाते हैं। डिजिटल अरेस्ट में साइबर फ्रॉड वीडियो कॉल के जरिए आप पर हावी होता है और आपको घर में ही बंधक बना लेता है। सबसे पहले ठग आपको पुलिस का अधिकारी बनकर वीडियो कॉल करता है। फिर बताया जाता है कि आपका आधार कार्ड, सिम कार्ड, बैंक अकाउंट का उपयोग किसी गैरकानूनी काम के लिए हुआ है। यहां से आपको डराने-धमकाने का ‘खेल’ शुरु होता है।

जांच एजेंसी या पुलिस आपको कॉल करके धमकी नहीं देती है। जांच एजेंसी या पुलिस कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई करती है। अगर आपको भी डराने-धमके के लिए इस तरह के कॉल आते हैं तो आप तुरंत इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दें, या फिर 1930 नेशनल साइबरक्राइम हेल्पलाइन पर कॉल करके शिकायत दर्ज कराएं। साथ ही सोशल मीडिया साइट एक्स पर @cyberdost के माध्यम से भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

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