mayreshwar – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com Stay updated with Ekolkata24 for the latest Hindi news, headlines, and Khabar from Kolkata, West Bengal, India, and the world. Trusted source for comprehensive updates Mon, 16 Sep 2024 11:12:39 +0000 en-US hourly 1 https://ekolkata24.com/wp-content/uploads/2024/03/cropped-ekolkata24-32x32.png mayreshwar – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com 32 32 जादू-टोने के शक में दो आदिवासी महिलाओं की निर्वस्त्र कर पीट-पीट कर हत्या https://ekolkata24.com/top-story/tribal-women-beaten-to-death-at-birbhum Mon, 16 Sep 2024 10:59:36 +0000 https://ekolkata24.com/?p=49637 रामपुरहाट :पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के हरिसारा गांव में हुई एक चौंकाने वाली घटना में दो आदिवासी महिलाओं को जादू-टोना करने के संदेह में पीट-पीटकर मार डाला गया। घटना आदिवासी समुदाय के त्यौहार करम पूजा से ठीक एक दिन पहले शुक्रवार को हुई। महिलाओं के शव हमले के एक दिन बाद पास की नहर से बरामद किए गए।

इस हमले से संबंधित एक वीडियो, जो हमलावरों में से एक के द्वारा बनाया गया है, में देखा जा सकता है कि महिलाओं को निर्वस्त्र कर बार-बार लाठियों से पीटा गया, जब तक कि उन्होंने दम नहीं तोड़ दिया। मृत महिलाओं की पहचान 54 वर्षीय लोदगी किस्कू और 40 वर्षीय डॉली सोरेन के रूप में की गई है।

लोदगी किस्कू के परिवार ने गांव के स्थानीय नेता लक्ष्मीराम किस्कू पर उन्हें जबरन घर से ले जाने और ग्रामीणों को उन पर हमला करने के लिए उकसाने का आरोप लगाया है। दूसरी मृत महिला पड़ोसी गांव की डॉली सोरेन थीं, जो लोदगी से मिलने आई थीं, जहां वह भी उनके साथ हिंसा की शिकार बन गईं।

इस मामले को लेकर लोदगी की बेटी रानी किस्कू ने कहा, ‘गांव के नेता लक्ष्मीराम मेरी मां को हमारे घर से ले गए। हमें नहीं पता था कि मेरी मां ने क्या गलत किया है। बाद में, हमने सुना कि उन्होंने मां को मार डाला। अब हमें डर है कि वे लोग हमें भी मार सकते हैं।’

लक्ष्मीराम की पत्नी ने दावा किया, ‘मेरे पति एक देवांशी (स्वयंभू आध्यात्मिक नेता) हैं। वो सो रहे थे, जब मेरा बच्चा लोदगी को देखकर बेहोश हो गया। लोदगी ने कहा कि वह सबका खून पी जाएगी। मेरी चीख सुनकर सब लोग लोदगी को खींचकर दूर ले गए। वह एक राक्षसी थी और उसने हमारे गांव में कई लोगों को नुकसान पहुंचाया था। पूरे गांव ने उसे मार डाला।’

गांव की कई अन्य महिलाओं ने भी इस बात को दोहराया और आरोप लगाया कि दोनों पीड़ित महिलाएं जादू टोना करने के लिए जानी जाती थीं। एक ग्रामीण शर्मिला किस्कू ने कहा, ‘ऐसा माना जाता है कि वे अपने कर्म-कांड़ों के माध्यम से दूसरों को नुकसान पहुंचाती थीं।’

मालूम हो कि इन दोनों महिलाओं पर बेरहमी से हमला किया गया, उन्हें निर्वस्त्र कर बांध दिया गया और उनकी पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। उनके मरने के बाद, उनके शवों को अवपित्र मान सिंचाई नहर में फेंक दिया गया। इस हमले में कथित तौर पर कई ग्रामीण, जिनमें पुरुष और महिलाएं दोनों शामिल हैं,

हाल के वर्षों में बीरभूम में कई बार ऐसी हिंसा की खबरें आई हैं, जिसमें महिलाओं को अक्सर जादू-टोना करने का आरोप लगाकर मार दिया जाता है या घर से निकाल दिया जाता है। वहीं, शांतिनिकेतन के पास के गांवों में डायन-बिसाही के नाम पर परिवारों को घरों को छोड़कर जाते हुए देखा गया, जिसके बाद उनके घरों पर कब्जा कर लिया गया। कुछ आदिवासी क्षेत्रों में यह प्रवृत्ति बढ़ते देखी जा रही है।

गौरतलब है कि जिस क्षेत्र में यह घटना हुई वह मयूरेश्वर पुलिस थाने के अंतर्गत आता है, जो लंबे समय से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का संगठनात्मक गढ़ रहा है। दशकों से हिंदुत्ववादी समूह यहां सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं, जो कथित तौर पर आदिवासी आबादी के बीच अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए जादू-टोना जैसी प्रथाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं। वनवासी कल्याण आश्रम और सरस्वती शिशु मंदिर जैसे संगठन, विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के साथ, 30 वर्षों से अधिक समय से इस क्षेत्र में अपनी पहुंच बढ़ा रहे हैं।

इस संबंध में, आदिवासी अधिकार मंच के एक स्थानीय आदिवासी नेता सुफल मुर्मू ने कहा, ‘इस तरह की हिंसा पहले आम नहीं थी, लेकिन अब इन क्षेत्रों में यज्ञ और पूजा अनुष्ठान जैसी हिंदू प्रथाएं तेजी से प्रचलित हो रही हैं। इसके पीछे राजनीतिक मंशा स्पष्ट है। ऐसी क्रूर हत्याओं से आदिवासी समुदायों को न्याय कैसे मिल सकता है, जब वास्तव में फैसले कहीं और से लिए जाते हों?’

तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेता धीरेंद्र नाथ बंदोपाध्याय ने कहा, ‘यहां ‘देवांशी’ जैसी कोई चीज नहीं है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि गांवों में इन चीजों को रोका नहीं जा रहा है।’ बहरहाल, मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और अब तक 15 लोगों को हिरासत में लिया है।

]]>