Medical Collage – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com Stay updated with Ekolkata24 for the latest Hindi news, headlines, and Khabar from Kolkata, West Bengal, India, and the world. Trusted source for comprehensive updates Thu, 05 Sep 2024 07:30:24 +0000 en-US hourly 1 https://ekolkata24.com/wp-content/uploads/2024/03/cropped-ekolkata24-32x32.png Medical Collage – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com 32 32 संदीप घोष ने सुप्रीम कोर्ट में रखी अपनी याचिका https://ekolkata24.com/top-story/sandip-ghosh-filed-his-petition-in-the-supreme-court Thu, 05 Sep 2024 07:30:24 +0000 https://ekolkata24.com/?p=49498 कोलकाता : आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया हैं। इस याचिका में कहा गया है कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने भ्रष्टाचार केस में जांच सीबीआई को सौंपने से पहले उनका पक्ष नहीं सुना। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार के मामले को अस्पताल में युवा डॉक्टर के दुष्कर्म और हत्या के साथ अनावश्यक रूप से जोड़ा गया है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर 6 सितंबर को सुनवाई कर सकता है।

गौरतलब है कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो के अधिकारियों ने सोमवार को संदीप घोष सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। मंगलवार अपराह्न यहां निजाम पैलेस स्थित सीबीआइ दफ्तर से डॉ संदीप घोष को जब बाहर लाया गया, तब उनके खिलाफ लोगों ने जमकर नारेबाजी की।

घोष को कड़ी सजा देने की मांग की गयी। कड़ी सुरक्षा के बीच घोष और अन्य आरोपियों को अलीपुर अदालत लाया गया, जहां अधिवक्ताओं के एक वर्ग ने भी घोष को लेकर नारेबाजी की। उनके समक्ष ‘चोर-चोर’ व ‘धिक्कार’ के नारे लगाये गये। इतना ही नहीं, अदालत से जब घोष को वापस सीबीआइ कार्यालय ले जाया जा रहा था, तभी अदालत परिसर में मौजूद लोगों की भीड़ में किसी शख्स ने उसे थप्पड़ जड़ दिया।

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CBI ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज की वित्तीय घोटाले की जांच की तेज https://ekolkata24.com/top-story/rg-kar-medical-college-financial-scam Sun, 25 Aug 2024 11:10:08 +0000 https://ekolkata24.com/?p=49387 कोलकाता: रविवार की सुबह सीबीआई ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष सहित कई जगहों पर छापेमारी की। सीबीआई की टीमें बेलियाघाटा, टाला, केस्टोपुर और हावड़ा सहित शहर और जिले के कई स्थानों पर छापेमारी करने निकलीं। इन छापों का मुख्य उद्देश्य आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हो रहे वित्तीय घोटाले की जांच करना है, जिसमें कई महत्वपूर्ण नाम सामने आ रहे हैं।

• संदीप घोष के घर पर छापा: सीबीआई की एक टीम संदीप घोष के बेलियाघाटा स्थित घर पहुंची, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया। सीबीआई ने यहां घोटाले से संबंधित दस्तावेजों की जांच की।
• कई स्थानों पर छापेमारी: सीबीआई ने बेलियाघाटा से लेकर हावड़ा तक कई घरों और ऑफिसों में छापेमारी की। इन सभी स्थानों पर केंद्रीय बलों के जवानों ने सुरक्षा की देखरेख की।
• आरजी कर मेडिकल कॉलेज में छापेमारी: सीबीआई की एक टीम आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रशासनिक भवन में भी पहुंची, जहां उन्होंने गहन जांच की। उन्होंने कॉलेज के नए प्रिंसिपल मानसकुमार बंधोपाध्याय और सुपर सप्तर्षि चट्टोपाध्याय से भी बातचीत की।
• महिला डॉक्टर की हत्या और वित्तीय घोटाला: 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला डॉक्टर की हत्या की घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। इसके साथ ही, तीन वर्षों से अधिक समय से अस्पताल में हो रहे वित्तीय घोटाले की जांच भी तेज हो गई है।
• सीबीआई को जांच की जिम्मेदारी: पहले इस घोटाले की जांच के लिए राज्य सरकार ने एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया था, लेकिन कोलकाता हाई कोर्ट के निर्देश पर यह जांच सीबीआई को सौंपी गई।

सीबीआई अब इस वित्तीय घोटाले के पूरे चक्र को उजागर करने के लिए जोर-शोर से काम कर रही है, जिससे इस मामले में और भी चौंकाने वाले खुलासे होने की संभावना है।

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SC में CBI ने कहा- केस की लीपापोती की कोशिश की गई https://ekolkata24.com/top-story/cbi-told-sc-an-attempt-was-made-to-cover-up-the-case Thu, 22 Aug 2024 08:12:46 +0000 https://ekolkata24.com/?p=49351 कोलकाता :  कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के डॉक्टर के साथ कथित दुष्कर्म और फिर उसकी हत्या की घटना के मामले में आज फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। सुनवाई के दौरान सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी।

उन्हें काम पर लौटना चाहिए। पिछली सुनवाई में शीर्ष कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार और कोलकाता पुलिस को फटकार लगाई थी। जांच एजेंसी सीबीआई और बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को स्टेटस रिपोर्ट सौंप दी है। सीबीआई ने कहा- केस की लीपापोती को कोशिश की गई।

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि डॉक्टरों को काम पर लौटना पड़ेगा। डॉक्टरों के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जाएगी। हम समझते हैं कि वे अपसेट हैं लेकिन आपको काम पर लौटने की जरूरत है। चीफ जस्टिस ने कहा कि डॉक्टरों को काम पर लौटना होगा। लोग उनका इंतजार कर रहे हैं। डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से स्वास्थ्य क्षेत्र प्रभावित हो रहा है।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सीबीआई ने 5वें दिन जांच शुरू की, सब कुछ बदल दिया गया और जांच एजेंसी को नहीं पता था कि ऐसी कोई रिपोर्ट है। वरिष्ठ अधिवक्ता सिब्बल ने एसजी की दलील का खंडन किया और कहा कि सब कुछ वीडियोग्राफी है, न कि बदला गया।

एसजी मेहता ने कहा कि शव के अंतिम संस्कार के बाद 11:45 बजे एफआईआर दर्ज की गई और पीड़िता के वरिष्ठ डॉक्टरों और सहकर्मियों के आग्रह के बाद वीडियोग्राफी की गई और इसका मतलब है कि उन्हें भी कुछ संदेह था सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि सबसे अधिक चौंकाने वाला तथ्य यह है कि मृत पीड़िता के अंतिम संस्कार के बाद रात पौने 12 बजे प्राथमिकी दर्ज की गई।

सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि राज्य पुलिस ने पीड़िता के माता-पिता से पहले कहा कि यह आत्महत्या का मामला है, फिर उसने कहा कि यह हत्या है।

सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि पीड़िता के दोस्त ने मामले में तथ्य छुपाए जाने का संदेह जताया और वीडियोग्राफी पर जोर दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने अप्राकृतिक मौत को अपने रिकॉर्ड में दर्ज करने में कोलकाता पुलिस द्वारा की गई देरी को ‘‘बेहद व्यथित करने वाली बात’’ बताया।

सुप्रीम कोर्ट ने दुष्कर्म-हत्या की घटना के बारे में पहली प्रविष्टि दर्ज करने वाले, कोलकाता पुलिस के अधिकारी को, अगली सुनवाई पर पेश होकर यह बताने का निर्देश दिया कि प्रविष्टि किस समय दर्ज की गई।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह बहुत आश्चर्यजनक है कि अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज होने से पहले मृतक का पोस्टमार्टम कर दिया गया।

सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस द्वारा अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज करने और पोस्टमार्टम कराने में की गई कानूनी औपचारिकताओं के क्रम और समय पर सवाल उठाए।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में सीआईएसएफ के लगभग  दो  कंपनी  तैनात किया गया है।

कोर्ट के आदेश के एक दिन बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कोलकाता के सरकारी अस्पताल में सीआईएसएफ की तैनाती के लिए पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को पत्र लिखा थाष इसके बाद सीआईएसएफ की तैनाती का निर्णय लिया गया।

आईटी मंत्रालय ने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से कहा कि वे जूनियर डॉक्टर का नाम, फोटो और वीडियो हटाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का तत्काल पालन करें, जिसकी दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी।  मंत्रालय ने सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से मृतक डॉक्टर के पहचान योग्य चीजों को तुरंत हटाने के लिए कहा है।  कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई करने की बात भी मंत्रालय की ओर से कही गई है।

डॉक्टरों के एक संगठन ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित नेशनल टास्क फोर्स (एनटीएफ) की सिफारिशों के लागू होने तक डॉक्टरों के लिए अंतरिम सुरक्षा की मांग को लेकर शीर्ष अदालत का रुख किया है। ‘फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन’ (एफएआईएमए) की ओर से याचिका दायर की गई है। इसमें शीर्ष अदालत के समक्ष चल रही कार्यवाही में हस्तक्षेप का अनुरोध किया गया है। संगठन ने अपनी याचिका में दलील दी है कि डॉक्टरों को अक्सर हिंसा और उनकी सुरक्षा के लिए खतरे की कथित घटनाओं का सामना करना पड़ता है।

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