mid day meal – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com Stay updated with Ekolkata24 for the latest Hindi news, headlines, and Khabar from Kolkata, West Bengal, India, and the world. Trusted source for comprehensive updates Sat, 25 Nov 2023 11:07:31 +0000 en-US hourly 1 https://ekolkata24.com/wp-content/uploads/2024/03/cropped-ekolkata24-32x32.png mid day meal – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com 32 32 मिड डे मील में हुई अनियमितताओं की सीबीआई जांच : शुभेंदु https://ekolkata24.com/uncategorized/cbi-probe-into-mid-day-meal-irregularities-suvendu-adhikari Sat, 25 Nov 2023 11:07:31 +0000 https://ekolkata24.com/?p=46682 केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पश्चिम बंगाल में मिड डे मील में हुई अनियमितताओं की सीबीआई जांच की सिफारिश किया विपक्षी नेता शुभेदु अधिकारी ने हंगामा कर दिया. उन्होंने पहले भी कई बार शिकायत की थी कि मिड-डे मील का पैसा राज्य सरकार दूसरे क्षेत्रों में खर्च कर देती है. उन्होंने केंद्रीय शिक्षा मंत्री को पत्र लिखा. इस बार विपक्षी नेता ने केंद्रीय मंत्री के पत्र में अनियमितता की सीबीआई जांच की सिफारिश का जिक्र करते हुए चेतावनी दी कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जेल जाएंगी. हालांकि, राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने जांच के अनुरोध को ‘शर्मनाक और एजेंसी की राजनीति’ करार दिया। बोगटुई घोटाले के बाद, शुभेदु ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने मिड डे मील आवंटन से मुआवजा दिया।

उन्होंने उस चेक की फोटो के साथ केंद्रीय शिक्षा मंत्री को पत्र भी लिखा. उसके बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का एक प्रतिनिधिमंडल बंगाल में मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता की जांच करने आया था. इस बारे में खुद केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र ने तब अपना मुंह खोला जब वह बीजेपी के प्रवास कार्यक्रम के मौके पर राज्य में आये थे. इसी आधार पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। इसके तुरंत बाद सुभेंदु ने सोशल मीडिया पर फैसले का स्वागत किया और लिखा, ‘दुरुपयोग करने वालों के लिए सख्त सजा सुनिश्चित करने के मेरे प्रयासों का सम्मान करने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री को धन्यवाद। पश्चिम बंगाल में बच्चों के पोषण के लिए आवंटित धनराशि’। उनका यह दावा केंद्रीय जांच दल द्वारा की गई गणना में पाया गया, जिसमें 2014 से 2022 तक कार्य दिवसों में वृद्धि देखी गई है। उन्होंने दावा किया कि रोजाना करीब 8 करोड़ रुपये खर्च होते थे, जिससे लूट की रकम का अंदाजा लगाया जा सकता है.

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Mid Day Meal: নবম থেকে দ্বাদশ শ্রেণির পড়ুয়াদের জন্য মিড ডে মিল চালুর দাবি উঠল https://ekolkata24.com/uncategorized/there-was-a-demand-for-mid-day-meal-for-ninth-to-twelfth-grade-students Wed, 08 Dec 2021 17:15:54 +0000 https://ekolkata24.com/?p=14150 নিউজ ডেস্ক: বর্তমানে প্রথম থেকে অষ্টম শ্রেণি পর্যন্ত পড়ুয়াদের মিড-ডে-মিল (mid day meal) দেওয়া হয়। এবার নবম থেকে দ্বাদশ শ্রেণি পর্যন্ত পড়ুয়াদের মিড-ডে-মিল দেওয়া হোক, এমনই দাবি জানিয়ে রাষ্ট্রপতি(president ), প্রধানমন্ত্রী (prime minister ) এবং রাজ্যের মুখ্যমন্ত্রী (chief minister ) ও শিক্ষামন্ত্রীকে স্মারকলিপি দিল মানবাধিকার সংগঠন এপিডিআর (apdr)।

বুধবার গণতান্ত্রিক অধিকার রক্ষা সমিতির (এপিডিআর) বেশ কয়েকজন সদস্য বিকাশ ভবনে গিয়ে শিক্ষামন্ত্রী ব্রাত্য বসুর কাছে স্মারকলিপি জমা দেন। পাশাপাশি মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়, রাষ্ট্রপতি রামনাথ কোবিন্দ ও প্রধানমন্ত্রী নরেন্দ্র মোদির অফিসেও এই দাবি জানিয়ে চিঠি পাঠিয়েছে সংগঠনটি। এপিডিআর-এর দাবি, ১০ ডিসেম্বর গোটা দেশে মানবাধিকার দিবস পালিত হবে। ওই দিনই কেন্দ্র ও রাজ্য সরকার নবম থেকে দ্বাদশ শ্রেণি পর্যন্ত পড়ুয়াদের মিড-ডে-মিল দেওয়ার ঘোষণা করুক।

মানবাধিকার সংগঠনটি জানিয়েছে, করোনাজনিত লকডাউনের কারণে বহু মানুষ তাদের কাজ হারিয়েছেন। সংসার চালাতে বহু ছেলেমেয়ে পড়াশুনো ছেড়ে দিতে বাধ্য হয়েছে। ছেলেরা বিভিন্ন ধরনের কাজ শুরু করেছে। অন্যদিকে মেয়েদের বিয়ে দিয়ে দায় ঝেড়ে ফেলেছে মা-বাবা। ছেলেমেয়েদের স্কুলছুট হওয়ার মূল কারণ আর্থিক অভাব। করোনা পরিস্থিতিতে মিড-ডে মিল ব্যবস্থা ও যথাযথ। রূপায়িত হয়নি। দেশের চলতি পরিস্থিতির কথা মাথায় রেখে নবম থেকে দ্বাদশ শ্রেণির পড়ুয়াদের মিড- ডে মিলের আওতাভুক্ত করার জন্য দাবি জানাল এপিডিআর।

এদিন সংগঠনের সদস্য অপূর্ব রায় বলেন, আমাদের দেশের বহু পরিবার আজও চরম দারিদ্র্যে ভুগছে। ওই সমস্ত পরিবারের বহু পড়ুয়া পর্যাপ্ত পরিমাণে খাবার পায় না। স্বাভাবিক সময়ে যখন স্কুল চলত সে সময় অষ্টম শ্রেণি পর্যন্ত কোনও পড়ুয়া যখন মিড-ডে মিল খাচ্ছে তখন নবম থেকে দ্বাদশ শ্রেণির অভুক্ত পড়ুয়ারা সেটা শুধু দেখত। স্কুল কর্তৃপক্ষ বা প্রশাসনিক কর্তাদের এই বিষয়টি উপেক্ষা করা উচিত নয়। তাই এপিডিআর দাবি জানাচ্ছে, ১০ ডিসেম্বর মানবাধিকার দিবসের দিন এ ব্যাপারে একটি বড়সড় ঘোষণা করুক কেন্দ্র বা রাজ্য।

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