NCDC – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com Stay updated with Ekolkata24 for the latest Hindi news, headlines, and Khabar from Kolkata, West Bengal, India, and the world. Trusted source for comprehensive updates Thu, 01 Aug 2024 09:01:27 +0000 en-US hourly 1 https://ekolkata24.com/wp-content/uploads/2024/03/cropped-ekolkata24-32x32.png NCDC – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com 32 32 चांदीपुरा वायरस से अब तक 51 लोगों की मौत, स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की सलाह https://ekolkata24.com/top-story/51-people-have-died-due-to-chandipura-virus Thu, 01 Aug 2024 09:01:27 +0000 https://ekolkata24.com/?p=49187 गुजरात : चांदीपुरा वायरस और एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के मामलों से अब तक 51 मरीजों की मौत हो गई है। एईएस के 31 जुलाई तक 148 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 140 गुजरात, मध्य प्रदेश से 4, राजस्थान से 3 और महाराष्ट्र से 1 से हैं। इनमें से 59 मामलों में मौत हो चुकी है जबकि 51 मामलों में चांदीपुरा वायरस की पुष्टि हुई है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक 19 जुलाई से एईएस के नए मामलों में गिरावट देखी जा रही है।

एईएस मामलों की रिपोर्ट करने वाले पड़ोसी राज्यों का मार्गदर्शन करने के लिए राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) और राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण केंद्र के संकाय (एनसीवीबीडीसी) ने एक संयुक्त सलाह जारी की है। केंद्रीय टीम ने पड़ोसी राज्यों को सलाह में बताया कि वे वेक्टर नियंत्रण के लिए कीटनाशक स्प्रे, शिक्षा और संचार (आईईसी), चिकित्सा कर्मियों का संवेदीकरण और सुविधाओं के लिए मामलों को समय पर रेफर करना शामिल करें।

इस स्थिति से निपटने के लिए  स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) और निदेशक, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) और महानिदेशक, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने मौजूदा हालात की समीक्षा भी की। केन्द्र सरकार ने सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय करने और प्रकोप की विस्तृत महामारी की जांच के लिए गुजरात राज्य सरकार की सहायता के लिए एक राष्ट्रीय संयुक्त प्रकोप प्रतिक्रिया टीम (एनजेओआरटी) को तैनात किया गया है।

चांदीपुरा वायरस (सीएचपीवी) रबडोविरिडे परिवार का सदस्य है और देश के पश्चिमी, मध्य और दक्षिणी भागों में विशेष रूप से मानसून के मौसम में प्रकोप ​​​​का कारण बनता है। यह बीमारी अधिकतर 15 साल से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करती है। इसमें बुखार हो सकता है, जिसके कारण शरीर में ऐंठन, कोमा की स्थिति और कुछ मामलों में मृत्यु तक हो सकती है। इसका उपचार लक्षणों के आधार पर किया जाता है। संदिग्ध एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम मामलों को समय पर सुविधाओं से लैस अस्पतालों में रेफर करने से परिणामों में सुधार देखने को मिलते हैं।

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