NEET – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com Stay updated with Ekolkata24 for the latest Hindi news, headlines, and Khabar from Kolkata, West Bengal, India, and the world. Trusted source for comprehensive updates Thu, 11 Jul 2024 09:17:43 +0000 en-US hourly 1 https://ekolkata24.com/wp-content/uploads/2024/03/cropped-ekolkata24-32x32.png NEET – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com 32 32 NEET-UG 2024 मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टली, 18 जुलाई को सुनवाई https://ekolkata24.com/top-story/hearing-in-neet-ug-2024-case-deferred-in-supreme-court Thu, 11 Jul 2024 09:17:43 +0000 https://ekolkata24.com/?p=48884 नई दिल्ली :  नीट-यूजी मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई टल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह गुरुवार 18 जुलाई को NEET-UG मामले की सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि मामले के कुछ पक्षकारों को केंद्र और एनटीए द्वारा दायर हलफनामे नहीं मिले हैं और उन्हें बहस से पहले अपने जवाब तैयार करने की जरूरत है।

केंद्र सरकार, सीबीआई और एनटीए ने नीट-यूजी मामले में हलफनामा दााखिल कर दिया है। केंद्र सरकार की ओर से दायर हलफनामे में कहा गया कि नीट-यूजी 2024 के नतीजों का डेटा एनालिसिस भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान  मद्रास ने किया और विशेषज्ञों के निष्कर्षों के अनुसार अंक वितरण में अनियमितता के संकेत नहीं मिले।

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अतिरिक्त हलफनामे में कहा कि 2024-25 के लिए स्नातक सीटों के वास्ते काउंसिलिंग की प्रक्रिया जुलाई के तीसरे सप्ताह से शुरू हो रहे चार चरणों में की जाएगी। जबकि एनटीए ने अपने हलफनामे में बड़े पैमाने पर कदाचार से इनकार कर दिया है. एनटीए ने कोर्ट को प्रश्न पत्रों की गोपनीय छपाई, उसे लाने-ले जाने और वितरण के लिए स्थापित व्यवस्था की भी जानकारियां दी।

सुप्रीम कोर्ट ने 8 जुलाई को नीट-यूजी मामले में सुनवाई की थी। जिसमें कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि यदि मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी 2024 की शुचिता ‘नष्ट’ हो गई है तो दोबारा परीक्षा का आदेश देना होगा. कोर्ट ने एनटीए और केंद्र सरकार से कई सवाल पूछे और उसकी जानकारी मांगी।

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा था कि यदि मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी 2024 की शुचिता ‘नष्ट’ हो गई है और यदि इसके लीक प्रश्नपत्र को सोशल मीडिया के जरिये प्रसारित किया गया है तो दोबारा परीक्षा कराने का आदेश देना होगा. कोर्ट ने कहा था कि यदि प्रश्नपत्र लीक टेलीग्राम, व्हाट्सऐप और इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से हो रहा है, तो यह जंगल में आग की तरह फैलेगा. पीठ ने कहा था कि यदि परीक्षा की शुचिता नष्ट हो जाती है, तो दोबारा परीक्षा का आदेश देना होगा. यदि हम दोषियों की पहचान करने में असमर्थ हैं, तो दोबारा परीक्षा का आदेश देना होगा. पीठ ने कहा, जो हुआ, हमें उसे नकारना नहीं चाहिए.

नीट-यूजी 2024 में कुल 67 छात्रों ने 720 अंक प्राप्त किए, जो राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) के इतिहास में पहली बार हुआ. इस सूची में हरियाणा के एक केंद्र के छह छात्र शामिल हैं, जहां परीक्षा में अनियमितताओं को लेकर संदेह उत्पन्न हुआ. यह आरोप लगाया गया है कि ग्रेस मार्क्स के चलते 67 छात्रों को टॉप रैंक प्राप्त करने में मदद मिली.

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NEET Paper लीक मामले में हजारीबाग से पत्रकार जमालुद्दीन गिरफ्तार https://ekolkata24.com/top-story/neet-paper-%e0%a4%b2%e0%a5%80%e0%a4%95-%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%ae%e0%a4%b2%e0%a5%87-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%b9%e0%a4%9c%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%80%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%97-%e0%a4%b8 Sat, 29 Jun 2024 09:35:21 +0000 https://ekolkata24.com/?p=48659 हजारीबाग : नीट पेपर लीक मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो की ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है। शनिवार को सीबीआई की टीम ने झारखंड के हजारीबाग से एक पत्रकार को गिरफ्तार किया. उसे शुक्रवार को ही पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी थी।

नीट पेपर लीक केस में सीबीआई की ओर से झारखंड से की गई यह तीसरी गिरफ्तारी है. गिरफ्तार किए गए पत्रकार का नाम जमालुद्दीन है। इसके पहले सीबीआई की टीम ने हजारीबाग स्थित ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल को गिरफ्तार किया था। 2 लोग पटना से भी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। नीट पेपर लीक के तार देश के अलग-अलग हिस्सों से जुड़े हैं. सीबीआई की टीमें झारखंड, बिहार के साथ-साथ गुजरात में भी जांच कर रही है।

ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसानुल हक और वाइस प्रिंसिपल इम्तियाज आलम का शनिवार को मेडिकल कराया गया। सीबीआई के सूत्रों के मुताबिक, हजारीबाग के स्थानीय पत्रकार का भी मेडिकल कराया जाएगा। इम्तियाज आलम नीट के इम्तहान के लिए सिटी को-ऑर्डिनेटर भी थे। प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल को शुक्रवार को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। इसके साथ ही एक स्थानीय पत्रकार को भी हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की थी। उसे आज गिरफ्तार कर लिया गया।

नीट-यूजी 2024 पेपर लीक केस में सीबीआई की टीम ने शुक्रवार को हजारीबाग जिले के चरही स्थित सीसीएल गेस्ट हाउस में 6 लोगों से पूछताछ की. शाम 4 बजे दो अलग-अलग कार में 3 लोगों को अपने साथ पटना ले गई। जिन लोगों को सीबीआई की टीम पटना ले गई, उसमें एनटीए के सिटी को-ऑर्डिनेटर और सेंटर के केंद्राधीक्षक और एक पत्रकार शामिल हैं।

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CBI ने दर्ज की पहली FIR, केंद्र ने NTA चीफ को हटाया https://ekolkata24.com/top-story/cbi-filed-the-first-fir-center-removed-nta-chief Sun, 23 Jun 2024 13:08:27 +0000 https://ekolkata24.com/?p=48503  नई दिल्ली : सीबीआई पेपर लीक मामले में एक अलग मामला दर्ज किया है। बिहार और गुजरात वाले मुकदमे को टेकओवर नहीं किया गया है। इन दोनों राज्यों की पुलिस अभी अपने स्तर पर जांच और गिरफ्तारियां कर रही हैं। इस मामले में पहला मामला 5 मई को सामने आया था। जिसके बाद अब तक कई गिरफ्तारियां हुईं और छात्रों ने देश के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन किया।

शिक्षा मंत्रालय द्वारा NEET-UG 2024 परीक्षा में कथित गड़बड़ियों की व्यापक जांच सीबीआई को सौंपे जाने के बाद एजेंसी ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की शिकायत पर सीबीआई ने रविवार को एफआईआर दर्ज कर ली है। शिक्षा मंत्रालय की शिकायत पर सीबीआई ने आईपीसी की अलग-अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।

मामले की जांच के लिए सीबीआई ने विशेष टीमें गठित की हैं। सीबीआई की विशेष टीमें पटना और गोधरा भेजी जा रही हैं, जहां स्थानीय पुलिस ने मामले दर्ज किए हैं। इससे पहले केंद्र सरकार ने शनिवार को राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) के महानिदेशक सुबोध सिंह को हटाकर कार्रवाई की। सरकार ने एनटीए के प्रमुख को हटा दिया। इसके अलावा एजेंसी के कामकाज की समीक्षा के लिए एक पैनल का गठन कर दिया।

सीबीआई पेपर लीक मामले में एक अलग मामला दर्ज किया है। बिहार और गुजरात वाले मुकदमे को टेकओवर नहीं किया गया है। इन दोनों राज्यों की पुलिस अभी अपने स्तर पर जांच और गिरफ्तारियां कर रही हैं। इस मामले में पहला मामला 5 मई को सामने आया था। जिसके बाद अब तक कई गिरफ्तारियां हुईं और छात्रों ने देश के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन किया।

NEET-UG 2024 पेपर लीक मामले में 10 बड़ी जानकारी 
1. NEET-UG 2024 परीक्षा में कथित तौर पर गड़बड़ी का मामला 5 मई को सामने आया था। इसमें 5 मई की रात से लेकर 6 मई की सुबह तक पुलिस ने पटना के अलग-अलग इलाकों से 9 लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें पेपर लीक माफिया, सेंटर, कई छात्र और उनके अभिभावक भी शामिल थे।

2. 10 मई- अब तक मामला पटना के शास्त्री नगर पुलिस के पास था, लेकिन 10 मई को बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई यानी (ईओयू) ने शास्त्री नगर थाने में दर्ज नीट पेपर लीक मामले को टेकओवर कर लिया।

3. 19 मई- ईओयू ने नीट-यूजी पेपर लीक मामले की जांच को आगे बढ़ाने के लिए गिरफ्तार किए गए सभी 13 आरोपियों को रिमांड पर लिया।

4. 21 मई- पेपर लीक में पूछताछ से मिली जानकारी और सबूत मिलने के बाद ईओयू ने एनटीए के डीजी को लेटर लिखकर 11 अभ्यर्थियों की जानकारी और उनके प्रश्न पत्र-उत्तरपुस्तिका की मूल कॉपी मांगी।

5. 4 जून- नीट के रिजल्ट के 14 जून तक जारी होने की संभावना थी वो लोकसभा चुनाव नतीजों के दिन ही 4 जून को जारी हो गया।

6. 12 जून- 22 दिन बाद एनटीए ने ईओयू को 11 अभ्यर्थियों की डिटेल भेजी।

7. 16 जून- पेपर लीक मामले जब छात्रों ने देश के अलग-अलग शहरों में विरोध प्रदर्शन किया तो तो ईओयू की तरफ से जो पूछताछ आरोपियों से गई थी उसका कबूलनामा सामने आया। अपने बयान में आरोपियों ने पेपर लीक की बाद कबूल की।

8. 18 जून- नीट पेपर लीक का तार पहली बार संजीव मुखिया गिरोह से जुड़ा। संजीव मुखिया के बेटे डॉ. शिव कुमार समेत 10 आरोपियों को ईओयू ने रिमांड पर लिया। शिव बीपीएससी पेपर लीक मामले में पहले से जेल में बंद है।

9. 19 जून- 5 मई को गिरफ्तार किए गए पेपर लीक के मास्टरमाइंड और बिहार सरकार के जूनियर इंजीनियर सिकंदर यादवेंदु को सस्पेंड किया गया। पूछताछ के दूसरे दिन 2 अभ्यर्थी ईओयू ऑफिस पहुंचे।

10. 20 जून- ईओयू की टीम केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के बुलाने पर दिल्ली गई। आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी नैयर हसनैन खान सभी सबूतों के साथ पहुंचे, जहां मंत्रालय ने पेपर लीक से जुड़ी रिपोर्ट मांगी।

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NEET रिजल्ट को लेकर कोलकाता में AIDSO का प्रदर्शन https://ekolkata24.com/top-story/aidso-protest-in-kolkata-over-neet-result Thu, 13 Jun 2024 11:47:16 +0000 https://ekolkata24.com/?p=48248 कोलकाता: मेडिकल कोर्सेज में दाखिले के लिए होने वाले एंट्रेंस एग्जाम नीट में धांधली और पेपर लीक का आरोप लगा है। इसे लेकर ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन के सदस्यों ने पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में विकास भवन के सामने विरोध प्रदर्शन किया है। पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया है। इस बीच केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि नीट एग्जाम में पेपर लीक को लेकर उसे कोई सबूत नहीं मिला है।

नीट एग्जाम के कथित पेपर लीक को लेकर विपक्ष लगातार सरकार से सवाल कर रहा है और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बकायदा इसे लेकर प्रदर्शन भी किया है। मामला सुप्रीम कोर्ट में भी गया है, जहां अदालत ने फिलहाल पेपर रद्द करने इनकार किया है। नीट एग्जाम का आयोजन 5 मई को हुआ था और नतीजों का ऐलान 4 जून को किया गया। इसेक बाद से ही रिजल्ट को लेकर सवाल उठना शुरू हो गए हैं। छात्रों का कहना है कि एक ही सेंटर के कई छात्रों के एक समान नंबर आए हैं।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गुरुवार  को कहा कि नीट-यूजी में क्वेश्चन पेपर लीक होने का कोई सबूत नहीं है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी  में भ्रष्टाचार के आरोप बेबुनियाद हैं। यह बहुत ही प्रामाणिक संस्था है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट मामले में सुनवाई कर रहा है और हम उसके फैसले का पालन करेंगे। हम सुनिश्चित करेंगे कि किसी छात्र को नुकसान नहीं उठाना पड़े। नीट यूजी पेपर लीक का मुद्दा जबरदस्त तरीके से गरमाया हुआ है।

वहीं, केंद्र सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि नीट-यूजी के 1563 छात्रों को ग्रेस मार्क दिए गए गए थे। अब इस फैसले को निरस्त कर दिया गया है। इन छात्रों के पास 23 जून को फिर से एग्जाम देने का ऑप्शन है। उनके पास ग्रेस मार्क छोड़कर नई रैंक हासिल करने का भी विकल्प है। सराकर ने कहा कि अगर इन 1,563 छात्रों में से कोई परीक्षार्थी दोबारा एग्जाम नहीं देना चाहता तो रिजल्ट में उसके मूल अंकों को शामिल किया जाएगा जिसमें ग्रेस मार्क्स जुड़े नहीं होंगे।

सूत्रों ने बताया है कि शिक्षा मंत्रालय ने एक एंपावर्ड कमेटी बनाई थी, जिसकी जांच के आधार पर 1563 बच्चों के लिए ग्रेस मार्क का प्रावधान किया गया था। उन बच्चों के लिए रिटेस्ट का भी प्रावधान था। अब जो बच्चे दोबारा से परीक्षा में शामिल होंगे, उनके नए मार्क्स के आधार पर कॉलेज अलॉट किया जाएगा। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक 1563 बच्चों का समय का नुकसान हुआ था। उसे ध्यान में रखते हुए ही ग्रेस मार्क दिया गया था।

दरअसल, इस बार नीट एग्जाम में औसतन ज्यादा बच्चे सफल हुए हैं। सरकार ने कहा है कि गड़बड़ी की जो बातें सामने आई हैं, उन्हें भी ठीक किया जाएगा। सरकार का प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा बच्चे ग्रामीण परिवेश से आएं। सरकारी स्कूलों के बच्चों को भी मौका मिले। सूत्रों ने बताया कि सरकार चाहती है कि स्टेट बोर्ड के बच्चे भी नीट एग्जाम में पास हों।

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NEET मामले में NTA ने ग्रेस मार्क्स किया खत्म, दोबारा होगी 1563 छात्रों की परिक्षा https://ekolkata24.com/top-story/1563-students-will-have-to-appear-for-re-examination Thu, 13 Jun 2024 09:39:49 +0000 https://ekolkata24.com/?p=48234 नई दिल्ली: नीट UG धांधली मामले में आज छात्रों की बड़ी जीत हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने नीट परीक्षा परिणाम में अनियमितता को देखते हुए NTA को ग्रेस मार्क्स रद्द करके फिर से नीट एग्जाम आयोजित करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की बेंच ने मामले की सुनवाई की।

67 छात्रों को 720 में से 720 मार्क्स मिलने पर जब NTA से सवाल पूछा गया था तो NTA इसके पीछे की वजह ग्रेस मार्क्स बताया था। NTA ने अपनी सफाई में कहा था कि कुछ एग्जाम सेंटर्स पर लॉस ऑफ टाइम की वजह से कुल 1563 छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं जिसकी वजह से 44 छात्रों के मार्क्स 720 हुए। हालांकि आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद NTA को ग्रेस मार्क्स रद्द करने का निर्देश दिया गया।

NEET रिजल्ट के बाद दाखिल की गई याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1563 छात्रों का ही री-एग्जाम कराया जाएगा। इससे पहले एनटीए ने कहा था करीब 24 लाख छात्रों में से केवल 1563 छात्रों के परीक्षा परिणाम तक समस्या सीमित है। बाकी स्टूडेंट्स को कोई परेशानी नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने आज फिर दोहराया है कि NEET UG की काउंसलिंग पर कोई रोक नहीं लगाई जाएगी। स्टूडेंट्स काउंसलिंग राउंड में शामिल हो सकते हैं। 23 जून को दोबार नीट एग्जाम होगा और 30 जून को इसका रिजल्ट घोषित होने की उम्मीद है। ताकि जुलाई में नीट की काउंसलिंग शुरू हो सके। NTA की तरफ से कहा गया कि छात्रों का डर दूर करने के लिए यह निर्णय लिया जा रहा है। जिन स्टूडेंट्स को NTA की तरफ से ग्रेस मार्क्स दिए गिए हैं उनको एनटीए ने दो ऑप्शन दिए हैं। यह छात्र री-एग्जाम में बैठ सकते हैं या फिर अपने पुराने स्कोर के साथ ही काउंसलिंग की तरफ आगे बढ़ सकते हैं लेकिन उनके स्कोरकार्ड से ग्रेस मार्क्स हटा दिए जाएंगे। जिन कैंडिडेट को कॉन्फिडेंस है कि वे दोबारा परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं तो वे री-एग्जाम में शामिल होने का फैसला ले सकते हैं।

दरअसल, 5 मई को देशभर में हुई नीट परीक्षा कराने वाली NTA ने 4 जून को जब रिजल्ट जारी किया तो देश भर में हंगामा खड़ा हो गया। वजह 67 बच्चों को जहां 720 में 720 नंबर मिले थे, वहीं इससे भी ज्यादा 1563 बच्चों को ग्रेस मार्किंग दी गई थी। यह ग्रेस मार्किंग 10, 20 या 30 नंबर की नहीं 100 से 150 नंबर तक की दी गई थी, जिसकी वजह से कई बच्चे जो मेरिट में बाहर थे वो मेरिट में आ गए और जो मेरिट वाले बच्चे थे उनके लिए गवर्नमेंट कॉलेज में एडमिशन पाना मुश्किल हो गया।

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Delhi: রোগীদের স্বস্তি দিয়ে কাজে ফিরলেন আবাসিক চিকিৎসকরা https://ekolkata24.com/uncategorized/delhi-resident-doctors-return-to-work-with-relief-for-patients-relief-in-all-quarters Fri, 31 Dec 2021 11:01:09 +0000 https://ekolkata24.com/?p=17358 News Desk: শেষ পর্যন্ত রোগী ও তাঁদের পরিবারের সদস্যদের স্বস্তি দিয়ে ধর্মঘট প্রত্যাহারের সিদ্ধান্ত নিলেন দিল্লির আবাসিক চিকিৎসকরা। শুক্রবার দুপুরের পর থেকেই তাঁরা কাজে ফেরেন। অবিলম্বে নিট-পিজির কাউন্সেলিংয়ের দাবিতে বিক্ষোভ দেখাচ্ছিলেন দিল্লির এইমস-সহ বিভিন্ন হাসপাতালের আবাসিক চিকিৎসকরা।

অভিযোগ, সে সময় পুলিশ তাঁদের উপর লাঠি চালায়। এমনকী, মহিলা চিকিৎসকদের সঙ্গে অভব্য আচরণ করে। পুলিশি নিগ্রহের প্রতিবাদ জানাতেই আবাসিক চিকিৎসকরা ধর্মঘটের পথে গিয়েছিলেন। চিকিৎসকরা স্পষ্ট জানিয়েছিলেন, পুলিশ ক্ষমা না চাওয়া পর্যন্ত তাঁদের এই বিক্ষোভ কর্মসূচিও ধর্মঘট চলবে।

চিকিৎসকদের ধর্মঘটের কারণে চরম সমস্যায় পড়েন রোগী ও তাঁদের আত্মীয়-স্বজনরা। কারণ বহু রোগীরই চিকিৎসা মিলছিল না বলে অভিযোগ। শেষ পর্যন্ত দিল্লি পুলিশের যুগ্ম কমিশনার ও আবাসিক চিকিৎসকদের সংগঠনের প্রতিনিধিদের সঙ্গে আলোচনায় এই সমস্যার সমাধান হয়।

আবাসিক চিকিৎসক সংগঠনের সভাপতি চিকিৎসক মণীশ সংবাদ সংস্থা এএনআইকে জানিয়েছেন, দিল্লি পুলিশের যুগ্ম কমিশনারের সঙ্গে আমাদের আলোচনা হয়েছে। ওই আলোচনায় পুলিশ জানিয়েছে, চিকিৎসকদের বিরুদ্ধে জারি হওয়া এফআইআরগুলি বাতিল করা হবে। ইতিমধ্যে সেই প্রক্রিয়াও শুরু হয়েছে। সে কারণেই আমরা ধর্মঘটের সিদ্ধান্ত থেকে সরে আসছি। শুক্রবার দুপুরের পর থেকেই ধর্মঘটী চিকিৎসকরা কাজ শুরু করবেন। 

পুলিশের পক্ষ থেকেও বিষয়টির সমাধান হওয়ার কথা স্বীকার করে নেওয়া হয়েছে। পাশাপাশি চিকিৎসক ও পুলিশের মধ্যে সৌহার্দ্যপূর্ণ সম্পর্ক গড়ে তোলার ওপর জোর দেওয়া হয়েছে।

উল্লেখ্য, ২০২০ সালের ডিসেম্বর মাসের নিট পরীক্ষা হওয়ার কথা ছিল। কিন্তু করোনা সংক্রমণের কারণে সেই পরীক্ষা পিছিয়ে যায়। শেষ পর্যন্ত চলতি বছরের সেপ্টেম্বর মাসে পরীক্ষা হলেও এখনও কাউন্সেলিং শুরু হয়নি। বছর শেষ হতে চললেও কাউন্সেলিং এখনও শুরু না হওয়ায় প্রবল ক্ষুব্ধ ছিলেন আবাসিক চিকিৎসকরা। সরকারের এই তুঘলকি আচরণের প্রতিবাদে পথে নেমেছিলেন দিল্লির বিভিন্ন হাসপাতালের চিকিৎসকরা। সে সময়ে চিকিৎসকদের বিক্ষোভ দমন করতে পুলিশ আসরে অবতীর্ণ হয় এবং আন্দোলনকারীদের উপর লাঠি চালায় বলে অভিযোগ। তবে লাঠি চার্জ বা মহিলা চিকিৎসকদের সঙ্গে অভব্য আচরণের অভিযোগ উড়িয়ে দিয়েছে পুলিশ। তাদের পাল্টা দাবি, চিকিৎসকরা গুরুত্বপূর্ণ রাস্তাগুলি বন্ধ করে প্রতিবাদ করছিলেন। রাস্তা থেকে সরিয়ে দেওয়ার জন্যই কয়েকজনকে টানাহেঁচড়া করা হয়েছিল।

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NEET-UG: প্রথম আদিবাসীর সুযোগ মেডিকেলে https://ekolkata24.com/uncategorized/neet-ug-first-indigenous-community-opportunity-in-medical Mon, 08 Nov 2021 08:05:48 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=10695 Special Correspondent, Kolkata: নিজের গ্রামের প্রথম আদিবাসী হিসেবে মেডিকেল-এ সুযোগ পেয়েছে সে। ১৯ বছর বয়সী এম সাঙ্গাভি মেডিকেল পরীক্ষায় উত্তীর্ণ হয়ে তার আদিবাসী সম্প্রদায়কে গর্বিত করেছে। ন্যাশনাল টেস্টিং এজেন্সি, এনটিএ, সম্প্রতি NEET-UG ফলাফল ২০২২ ঘোষণা করেছে। ১৯ বছর বয়সী এম সাঙ্গাভি মেডিকেল পরীক্ষায় উত্তীর্ণ হয়ে তার আদিবাসী সম্প্রদায়কে গর্বিত করেছেন।

মালাসর উপজাতি সম্প্রদায়ের মেয়ে সাঙ্গাভি, থাকেন মধুকরইতে। তিনি তার গ্রামের প্রথম মেয়ে যিনি দ্বাদশ পরীক্ষায় উত্তীর্ণ হয়েছিলেন। সাঙ্গাভি NEET পরীক্ষায় ৭২০-এর মধ্যে ২০২ নম্বর পান। তার দ্বিতীয় প্রচেষ্টায় মেডিকেল পরীক্ষায় উত্তীর্ণ হয়েছেন।

তার যাত্রা সহজ ছিল না। সাঙ্গাভি জানিয়েছেন, “তার বাবা মারা গিয়েছেন, লকডাউনে প্রবল সমস্যায় পড়েছিলেন। তার মা আংশিক দৃষ্টিশক্তি হারিয়েছেন। কঠিন এই পরিস্থিতিতেই সাঙ্গাভির মনে হয়েছিল যে তার সম্প্রদায়ের কতটা চিকিৎসা সহায়তা প্রয়োজন।

একটি এনজিওর সহায়তায়, তিনি দুইবার NEET-UG পরীক্ষা বসেন এবং এবছর সফল হয়েছেন। 2021 সালের জন্য তফসিলি উপজাতি প্রার্থীদের জন্য কাট-অফ নম্বর হল ১০৮ থেকে ১৩৭। সাঙ্গাভি একটি ভাল মেডিকেল কলেজে সুযোগ পাওয়ার বিষয়ে আত্মবিশ্বাসী।

NEET ২০২১ পরীক্ষা ১২ সেপ্টেম্বর ২০২১ এ অনুষ্ঠিত হয়েছিল। NEET এর উত্তর কী ১৫ অক্টোবর প্রকাশিত হয়েছে। NEET পরীক্ষায় অংশগ্রহণকারী লক্ষাধিক প্রার্থী দীর্ঘদিন ধরে ফলাফল প্রকাশের অপেক্ষায় ছিলেন। এর আগে করোনার কারণে কয়েকবার পরীক্ষা স্থগিত করতে হয়েছিল। NEET ২০২১ এ প্রায় ১৬ লক্ষ প্রার্থী রেজিস্ট্রেশন করেছিলেন।

NEET ২০২১-এর জন্য, সারা দেশে ৩৮০০টি পরীক্ষা কেন্দ্র স্থাপন করা হয়েছিল। এই পরীক্ষায় ৯৫ শতাংশের বেশি শিক্ষার্থী অংশ নেয়। NEET বা জাতীয় যোগ্যতা-তথা-প্রবেশিকা পরীক্ষা হল দেশের একমাত্র প্রবেশিকা পরীক্ষা যার মাধ্যমে স্নাতক মেডিকেল এবং ডেন্টাল কোর্সে ভর্তি করা হয়।

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সামাজিক বৈষম্য থেকে আর্থিক স্বচ্ছলতা, NEET বিরোধিতায় বাম ছাত্র সংগঠন https://ekolkata24.com/uncategorized/sfi-against-neet-and-other-central-exams Wed, 27 Oct 2021 09:33:47 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=9334 Special Correspondent: নিট সহ অন্যান্য পরীক্ষাগুলির নাগাড়ে বিরোধিতা করছে এসএফআই। কিন্তু এর কারণ কী? সেটাই জানালেন এসএফআই নেতা সৃজন ভট্টাচার্য। তিনি পয়েন্ট করে বলে দিয়েছেন তাঁদের বিরোধিতার কারণ।

কারণ ১. ভারতের মতো তৃতীয় বিশ্বের দেশে যেখানে সামাজিক বৈষম্য স্পষ্ট, সেখানে ওয়ান নেশন ওয়ান এক্সামের নীতি সমাজের প্রান্তিক অংশের ছাত্রছাত্রীদের মেডিক্যাল শিক্ষা থেকে দূরে সরিয়ে দিচ্ছে। ২. শিক্ষার লক্ষ্য হওয়া উচিত সমাজের সব শ্রেণীর ছাত্রছাত্রীকে সমান সুযোগ করে দেওয়া। নিশ্চিত ভাবেই রাজ্য বোর্ড ও মাতৃভাষায় দ্বাদশ শ্রেণী পর্যন্ত পড়াশোনা করা ছাত্রছাত্রীরা এই প্রতিযোগিতায় পিছিয়ে পড়ছে। মেডিক্যাল কলেজ গুলিতে ২০১৭ সাল থেকে রাজ্য বোর্ডের ছাত্রছাত্রীদের সংখ্যা ক্রমহ্রাসমান।

SFI against neet and other central exams

৩. সাধারণভাবে দেখলে, NEET যারা প্রতিবছর পেয়ে থাকে, তাদের একটা বড় অংশ রিপিটার। আর একাধিকবার NEET পরীক্ষায় বসতে গেলে আর্থিক স্বচ্ছলতা একটা বড়‌ ইস্যু। উচ্চবিত্ত ছাত্র ছাত্রীরা সহজেই কোচিং সেন্টারগুলোতে লাখ লাখ টাকা খরচা করে কোচিং নিতে পারছে, তথাকথিত গরিব ও প্রান্তিক অংশের ছাত্রছাত্রীদের কাছে তা অসম্ভব।

SFI against neet and other central exams

৪. NEET হবার ফলে টিচিং এর জায়গায় জাঁকিয়ে বসেছে কোচিং থুড়ি কোচিং সেন্টারগুলো। এ কে রাজন কমিটির সার্ভে বলছে, শতকরা ৯৬ ভাগ NEET পরীক্ষার্থী ক্লাসরুম, ডিস্ট্যান্স লার্নিং প্রোগ্রাম, অনলাইন ক্লাসরুম, টেস্ট সিরিজের মাধ্যমে কোনো না কোনো কোচিং সেন্টারের সাথে যুক্ত। সেখানেও, বঞ্চিতের তালিকায় প্রান্তিক অংশের ছাত্রছাত্রীরা।

৫. বেসরকারি মেডিক্যাল কলেজগুলির বাড়বাড়ন্ত এই সময়েই। অগ্রিম টাকা দিয়ে কলেজের সিট বুক করে রাখা, ক্যাপিটেশন ফি, কাট অফ মার্কস ক্লিয়ার না করে এমনকি শূন্য পেয়েও মেডিক্যাল পড়ার সুযোগ পাওয়া, ম্যানেজমেন্ট ও এন আর আই কোটার মাধ্যমে মেডিক্যাল কলেজের সিট নিলামে তোলা – ২০১৭ থেকে বহুবার এরকম ঘটনার সাক্ষী থেকেছি আমরা‌।

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NEET বাতিলের দাবিতে হাজরা মোড়ে পথসভা বাংলাপক্ষের https://ekolkata24.com/uncategorized/banglapokkho-protests-against-neet-exam Sat, 18 Sep 2021 16:27:56 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=4970 নিউজ ডেস্ক: NEET পরীক্ষার প্রশ্নপত্র হয় মূলত দিল্লী বোর্ডের সিলেবাস অনুযায়ী। অন্যদিকে বাংলার বেশিভাগ ছাত্রছাত্রী রাজ্য বোর্ডের স্কুলেই শিক্ষা লাভ করে। ফলে NEET-এর মাধ্যমে রাজ্য বোর্ডে শিক্ষালাভ করা ছাত্রছাত্রীদের ডাক্তারি পড়ার সুযোগ অনেক কমে যাচ্ছে। বাংলার ছাত্রছাত্রীদের স্বার্থ বিরোধী সর্বভারতীয় প্রবেশিকা পরীক্ষা মেডিকেল NEET বাতিলের দাবিতে হাজরা মোড়ে পথসভা করা হল বাংলাপক্ষর তরফ থেকে। 

CBSE বোর্ডের সিলেবাস অনুযায়ী সিলেবাস হওয়ায় এর রাজ্যর বোর্ডের ছাত্রছাত্রীরা প্রবল সমস্যায় পড়ে। একই সঙ্গে প্রচুর অর্থ খরচ করে বিভিন্ন বেসরকারি প্রতিষ্ঠানে তাদের পরীক্ষার প্রস্তুতির জন্য ভর্তি হতে হয়। যা সাধারণ পরিবারের ছাত্রছাত্রীদের পক্ষে সম্ভব হয় না। প্রান্তিক পরিবারের ছাত্রছাত্রীরা NEET প্রবেশিকা পরীক্ষা চালু হওয়ার পর থেকে চিকিৎসক হওয়ার স্বপ্ন দেখাই ছেড়ে দিয়েছে। তাদের হয়েই পথে নামা হয়েছে বলে জানিয়ে দেওয়া হয় সংগঠনের পক্ষ থেকে।

বাংলাপক্ষর শীর্ষ পরিষদ সদস্য কৌশিক মাইতি বলেন, “আমরা চাই তামিলনাড়ুর মুখ্যমন্ত্রী এম কে স্ট্যালিনের মতো বাংলার মুখ্যমন্ত্রী বাংলার বিধানসভায় বিল এনে বাংলার মাটিতে NEET বাতিল করে দিন। তিনি বলুন NEET নার্সিংও বাংলায় চালু হতে দেব না। বাংলার সব বাঙালি শুনতে চায়, অধীর আগ্রহে অপেক্ষা করছে। বাংলাপক্ষ তাদের হয়ে লড়ছে। সর্বভারতীয় স্তরে সমস্ত অহিন্দি জাতি এক হয়ে লড়ছে। আমরা NEET ধ্বংস করবোই।”

সাধারণ সম্পাদক গর্গ চট্টোপাধ্যায় বলেন, “NEET চালুর আগের বছর যেখানে ডাক্তারি আসনে ভর্তি হওয়া পড়ুয়াদের মধ্যে ৭৫%-ই ছিল বাংলা মাধ্যমের, সেখানে NEET চালু হওয়ার বছর বাংলা মাধ্যম থেকে মাত্র ৭% পড়ুয়া ডাক্তারি আসনে ভর্তির সুযোগ পায়। NEET বাংলার জেলার মধ্যবিত্ত ও নিম্ন-মধ্যবিত্ত পরিবারের মেধাবী বাঙালী পড়ুয়াদের ডাক্তার হওয়ার স্বপ্ন ধ্বংস করছে। এই NEET বাংলা সহ সকল অহিন্দি রাজ্যের রাজ্য-বোর্ড ধ্বংসের চক্রান্ত।” বাংলা পক্ষর শীর্ষ পরিষদ সদস্য ডাঃ অরিন্দম বিশ্বাস, মনন মন্ডল, অমিত সেন সহ অন্যান্য জেলা নেতৃত্বও এই সভায় উপস্থিত থেকে অবিলম্বে NEET বাতিলের দাবি জানান। এই প্রতিবাদ কর্মসূচীর দায়িত্বে ছিলেন কলকাতার সম্পাদক অরিন্দম চ্যাটার্জী। 

সংগঠনের পক্ষ থেকে আরও জানানো হয়েছে যে রাজ্য বোর্ডের ছাত্রছাত্রীদের সমস্যা বেড়ে যাওয়ায় জেলা থেকে চিকিৎসক হওয়ার সংখ্যা ক্রমশ কমে যাচ্ছে। তার ফলে আগামী দিনে জেলার হাসপাতালে চিকিৎসক পাওয়ার তীব্র সংকট তৈরি হবে। এছাড়াও রাজ্য বোর্ডের ছাত্রছাত্রীদের ডাক্তারি পরার সুযোগ কমের আরেকটি কারণ পশ্চিমবঙ্গে ডাক্তারিতে ভর্তির ক্ষেত্রে ডোমেসাইল-বি নীতি। এর ফলে যে কেউ খুব সহজে তার অভিভাবকরা পশ্চিমবঙ্গে কর্মসূত্রে বসবাস করছেন এমন সার্টিফিকেট নিয়ে এসে ভর্তি হয়ে যান। কিন্তু অন্য রাজ্যে ডোমেসাইল-বি নীতি চালু না থাকার ফলে সেইসব রাজ্যের বাংলার ছেলেমেয়েরা ডাক্তারিতে ভর্তি হওয়ার সুযোগ পায় না। ফলে রাজ্যের মেডিকেল কলেজে ডাক্তারিতে সুযোগ পাওয়ার ক্ষেত্রে ডোমেসাইল-বি নীতি বাতিল করার দাবিও তোলা হয়।

প্রসঙ্গত, ইতিমধ্যেই তামিলনাড়ু সরকার সেই রাজ্যে মেডিকেল NEET বাতিল করার জন্য বিধানসভায় বিল পাস করেছে। অন্য কিছু রাজ্যও এই নিয়ে ভাবনা চিন্তা করছে। 

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NEET বাতিলের দাবিতে আন্দোলনের পথে বাংলাপক্ষ https://ekolkata24.com/uncategorized/banglapokkho-will-protest-against-neet-exam Fri, 17 Sep 2021 16:28:57 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=4856 নিউজ ডেস্ক: NEET পরীক্ষার প্রশ্নপত্র হয় মূলত দিল্লী বোর্ডের সিলেবাস অনুযায়ী। অন্যদিকে বাংলার বেশিভাগ ছাত্রছাত্রী রাজ্য বোর্ডের স্কুলেই শিক্ষা লাভ করে। ফলে NEET-এর মাধ্যমে রাজ্য বোর্ডে শিক্ষালাভ করা ছাত্রছাত্রীদের ডাক্তারি পড়ার সুযোগ অনেক কমে যাচ্ছে। বাংলার ছাত্রছাত্রীদের স্বার্থ বিরোধী সর্বভারতীয় প্রবেশিকা পরীক্ষা মেডিকেল NEET বাতিলের দাবিতে চলতি সপ্তাহের শনিবার হাজরা মোড়ে পথসভার ডাক দেওয়া হয়েছে বাংলাপক্ষর তরফ থেকে। 

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CBSE বোর্ডের সিলেবাস অনুযায়ী সিলেবাস হওয়ায় এর রাজ্যর বোর্ডের ছাত্রছাত্রীরা প্রবল সমস্যায় পড়ে। একই সঙ্গে প্রচুর অর্থ খরচ করে বিভিন্ন বেসরকারি প্রতিষ্ঠানে তাদের পরীক্ষার প্রস্তুতির জন্য ভর্তি হতে হয়। যা সাধারণ পরিবারের ছাত্রছাত্রীদের পক্ষে সম্ভব হয় না। প্রান্তিক পরিবারের ছাত্রছাত্রীরা NEET প্রবেশিকা পরীক্ষা চালু হওয়ার পর থেকে চিকিৎসক হওয়ার স্বপ্ন দেখাই ছেড়ে দিয়েছে। তাদের হয়েই পথে নামা হবে বলে জানিয়ে দেওয়া হয়েছে সংগঠনের পক্ষ থেকে। কয়েকদিন আগেই বাংলাপক্ষের আন্দোলনের পরে বাংলা ভাষায় পরীক্ষা বাধ্যতামূলক হয়েছে WBSEDCL-এ। একইভাবে এবারও তাদের আন্দোলন সফল হবে বলে আশা বাংলাপক্ষের সদস্যদের।

সংগঠনের পক্ষ থেকে আরও জানানো হয়েছে যে রাজ্য বোর্ডের ছাত্রছাত্রীদের সমস্যা বেড়ে যাওয়ায় জেলা থেকে চিকিৎসক হওয়ার সংখ্যা ক্রমশ কমে যাচ্ছে। তার ফলে আগামী দিনে জেলার হাসপাতালে চিকিৎসক পাওয়ার তীব্র সংকট তৈরি হবে। এছাড়াও রাজ্য বোর্ডের ছাত্রছাত্রীদের ডাক্তারি পরার সুযোগ কমের আরেকটি কারণ পশ্চিমবঙ্গে ডাক্তারিতে ভর্তির ক্ষেত্রে ডোমেসাইল-বি নীতি। এর ফলে যে কেউ খুব সহজে তার অভিভাবকরা পশ্চিমবঙ্গে কর্মসূত্রে বসবাস করছেন এমন সার্টিফিকেট নিয়ে এসে ভর্তি হয়ে যান। কিন্তু অন্য রাজ্যে ডোমেসাইল-বি নীতি চালু না থাকার ফলে সেইসব রাজ্যের বাংলার ছেলেমেয়েরা ডাক্তারিতে ভর্তি হওয়ার সুযোগ পায় না। ফলে রাজ্যের মেডিকেল কলেজে ডাক্তারিতে সুযোগ পাওয়ার ক্ষেত্রে ডোমেসাইল-বি নীতি বাতিল করার দাবিও তোলা হবে।

প্রসঙ্গত, ইতিমধ্যেই তামিলনাড়ু সরকার সেই রাজ্যে মেডিকেল NEET বাতিল করার জন্য বিধানসভায় বিল পাস করেছে। অন্য কিছু রাজ্যও এই নিয়ে ভাবনা চিন্তা করছে। 

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