New Market – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com Stay updated with Ekolkata24 for the latest Hindi news, headlines, and Khabar from Kolkata, West Bengal, India, and the world. Trusted source for comprehensive updates Sat, 29 Jun 2024 12:29:36 +0000 en-US hourly 1 https://ekolkata24.com/wp-content/uploads/2024/03/cropped-ekolkata24-32x32.png New Market – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com 32 32 New Market में फुटपाथ पर कब्जा करने वालों ने किया स्थानीय दुकानदारों पर हमला https://ekolkata24.com/top-story/people-occupying-the-footpath-in-new-market-attacked-local-shopkeepers Sat, 29 Jun 2024 12:29:36 +0000 https://ekolkata24.com/?p=48675 कोलकाता : पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के दिल कहे जाने वाले धर्मतल्ला में फुटपाथ पर कब्जा कर गुंडागर्दी करने वाले हॉकर्स ने शनिवार को स्थानीय दुकानदारों पर भी हमला कर दिया है। यहां ग्रैंड ओबेरॉय होटल के सामने से लेकर पूरे न्यू मार्केट के इलाके में फुटपाथ पर दुकान लगाने वाले अमूमन खरीददारी के लिए आने वाले ग्राहकों से मारपीट करते ही रहते हैं।

इसके बाद फुटपाथ को खाली करने के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आदेश के बाद चले पुलिस के अभियान की वजह से नाराजगी पहले से ही बढ़ रही थी। हालांकि न्यू मार्केट में पुलिस के अभियान को ममता बनर्जी ने रोक दिया था और हॉकर्स को एक महीने का समय दिया था।

इस बीच शनिवार को अचानक न्यू मार्केट में फुटपाथ पर कब्जा कर दुकानदारी करने वाले हॉकर्स ने स्थानीय दुकानदारों पर हमला कर दिया है। इसके खिलाफ जब दुकानदारों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया तो फुटपाथ पर कब्जा करने वाले हॉकर्स ने सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस का झंडा लेकर उन दुकानदारों पर दोबारा हमला कर दिया।

उसके बाद दोनों तरफ से धर्मतल्ला के दो हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। सूचना मिलने के बाद पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। शाम होते होते मामला कुछ हद तक शांत हो गया 

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 न्यू मार्केट के पुलिस ने रोक दिया अभियान, ममता ने हॉकर्स को दिया एक महीने का समय https://ekolkata24.com/top-story/new-market-police-stopped-the-campaign-mamata-gave-one-months-time-to-the-hawkers Thu, 27 Jun 2024 09:58:12 +0000 https://ekolkata24.com/?p=48600 कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राजधानी कोलकाता सहित पूरे राज्य में फुटपाथ समेत अन्य सरकारी जमीनों पर जबरदस्ती कब्जे को हटाने के सख्त निर्देश दिए था। जिसके बाद पिछले तीन दिनों से पुलिस फुटपाथों को कब्जा मुक्त करने का लगातार अभियान चलाती रही है।

न्यू मार्केट, बेहाला, अलीपुर, एसएसकेएम अस्पताल के पास समेत महानगर के कई इलाकों में फुटपाथों पर बनी दुकानों को पुलिस ने बुलडोजर से तोड़ दिया है। जिसके बाद जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हुए, लोग रो रहे थे लेकिन पुलिस ने एक न सुनी। हालांकि राजधानी कोलकाता का दिल कहे जाने वाले धर्मतल्ला के सबसे पॉस इलाके ग्रैंड ओबेरॉय होटल के पूरे फुटपाथ को पिछले कई दशकों से कब्जा कर रखा गया है।

यहां 90 फ़ीसदी से अधिक मुस्लिम कारोबारी हैं। इसके पास ही ऐतिहासिक न्यू मार्केट और हॉग मार्केट के चारों ओर भी इसी तरह से स्थानीय अल्पसंख्यक कारोबारी की ओर से घेर कर जबरदस्ती दुकानें लगाई जाती रही हैं। बुधवार को यहां पुलिस की टीम खाली करवाने तो पहुंची थी लेकिन अचानक वापस चली गई। इसके बाद गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सुबह-सुबह सचिवालय में इसे लेकर बैठक की और इस अभियान पर रोक लगा दी है।

ममता ने कहा कि हमें किसी का रोजी-रोटी छीनने का हक नहीं है। ममता ने हालांकि इस रोक पर पर्दा डालने के लिए कई बड़ी बातें की। उन्होंने कहा कि फुटपाथ पर कब्जे के लिए हॉकर दोषी नहीं हैं बल्कि हम लोग दोषी हैं। पुलिस प्रशासन का लोभ बहुत बढ़ गया है।

स्थानीय नेता फुटपाथ पर कब्जा करवाते हैं। उन्होंने कहा कि अब अगर कहीं फुटपाथ पर कब्जा होगा तो स्थानीय पार्षद की गिरफ्तारी होगी। इतना ही नहीं और बड़ी घोषणा करते हुए ममता ने कहा कि न्यू मार्केट और ग्रैंड ओबेरॉय होटल के पास जो लोग फुटपाथ पर बिजनेस करते हैं (अधिकतर अल्पसंख्यक समुदाय के हैं), उनके लिए अलग से मार्केट बनाया जाएगा जहां उन्हें बैठने की जगह दी जाएगी।

यहां दुकानें लगाने वाले लोग ग्रैंड ओबेरॉय होटल के सामने ही कारोबार पर अड़े हुए हैं। उनसे गुजारिश करते हुए ममता ने कहा कि आप लोगों को समझना होगा। यह सुरक्षा का मामला है। ग्रैंड ओबेरॉय होटल में देश विदेश से बड़े-बड़े लोग आते हैं जहां सुरक्षा की चाक चौबंद व्यवस्था होती है। कहीं कोई बात हो गई तो केंद्र सरकार जांच के लिए एनआईए को भेजने लगेगी।

इसके बाद ममता ने कहा कि फिलहाल एक महीने तक फुटपाथ पर कब्जे को हटाने के अभियान को बंद रखा जाएगा। इस समय के भीतर जो लोग भी फुटपाथ पर दुकान लगा रहे हैं, उन्हें कहीं और शिफ्ट हो जाना होगा। अपना सारा सामान हटा लेना होगा। उन्होंने कहा कि यह बहुत जरूरी है कि कोलकाता के फुटपाथ कब्जा मुक्त रहें और सरकारी जमीनों पर जबरदस्ती कब्जा ना हो।

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Chamba Lama: কলকাতার রুপোর গয়নার ‘ওয়ান স্টপ শপ’ https://ekolkata24.com/offbeat-news/chamba-lama-the-one-stop-shop-for-silver-jewellery Sat, 14 Aug 2021 09:34:07 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=2393 নিউজ ডেস্ক কলকাতা: শুধু রুপোর গয়নাই নয়৷ ঘর সাজানোর বিভিন্ন জিনিসের অন্যতম সেরা ঠিকানা নিউ মার্কেটের এই দোকান। রুপোর গয়না কিংবা জাঙ্ক জুয়েলারী পছন্দ করেন, কলকাতার এমন প্রত্যেক মহিলাই কোনো না কোনো সময় ঢুঁ মেরেছেন এই দোকানে। ষাট বছর ধরে তিলোত্তমার সুন্দরীদের সাজাচ্ছে ‘চাম্বা লামা’।

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৪০-এর দশকের কোনও এক শীতে বাবার হাত ধরে দার্জিলিং থেকে কলকাতায় রুজিরুটির সন্ধানে এসেছিলেন চেতেনইয়াংজম শেরপা। দেখলেন কলকাতায় সবই আছে, কিন্তু এই তিব্বতী পরিবারের কাছে যা আছে তা শহরের কোথাও পাওয়া যায় না। কলকাতায় সেভাবে জুয়েলারি শপের ব্যবসা নেই। কারণ সেকালে কলকাতার মানুষ গয়না বলতে বুঝতেন ভারী ভারী সোনার গয়না, চাঁদি রুপো আর জড়োয়ার সেট, ম্যাক্সিমাম মিনের কাজ। কিন্তু রুপো, হোয়াইট মেটালের চাহিদা থাকলেও তা মেলার কোনও নির্দিষ্ট ঠিকানা নেই। ফলে সেই বাজার ধরতে গয়না ও হস্তশিল্পের দোকান শুরু করেন চেতেনইয়াংজম।

প্রথমদিকে নিউ মার্কেটে লিন্ডসে স্ট্রিটের ফুটপাথে বসে গয়না বিক্রি করতেন তিনি। এরপর ১৯৫৭ সালে নিউ মার্কেটের ভেতর দোকান করেন, নাম দেন ‘চাম্বা লামা’। দোকানের নাম এসেছে ‘গয়া চাম্বা’ শব্দটি থেকে, যার মানে ‘মৈত্রেয়ীর বুদ্ধের পুনর্জন্ম’। নিউ মার্কেটে দোকান খোলার তিন বছর পর, অর্থাৎ ১৯৬০ সাল থেকে নিজেরাই ‘রুপোর গয়না’ তৈরি করতে শুরু করেন। বর্তমানে দোকান চালান চেতেনইয়াংজম শেরপার মেয়ে শেরিং ইয়াংকি, তাঁর ছেলে সোনম শেরপা এবং পূত্রবধূ নরকিলা শেরপা। দিনকয়েক আগেই প্রয়াত হয়েছেন দোকানের বর্তমান কর্ণধার সোনম থোন্ডুপ শেরপা।

Chamba-Lama

নিউ মার্কেটে দোকান খোলার পর ষাট বছর কেটে গিয়েছে। সময়ের সঙ্গে বদলেছে গয়নার অলঙ্করণ। ক্রেতাদের চাহিদায় যুক্ত হয়েছে ‘জাঙ্ক জুয়েলারী’ও। একমাত্র ব্যতিক্রম দোকানের অন্দরসজ্জা, বাইরে থেকে দেখলে অ্যান্টিক জিনিসপত্র বিক্রি হচ্ছে দেখে ভ্রম হতেই পারে। এবং এই বিষয়টিই বাড়িয়ে দিয়েছে দোকানের ইউএসপি। দোকানের সাজে ১৯৫০ এর নকশা ধরে রাখলেও আধুনিকতা লুকিয়ে রয়েছে তাদের গয়নার ডিজাইনে। রুপোর গয়না এবং হালের জাঙ্ক জুয়েলারীর বৈচিত্রের কারণেই বেশিরভাগ সময়েই দোকানে ঢুকতে অপেক্ষা করতে হয় ক্রেতাদের। যদিও শুধু গয়না নয়, বাড়ির অন্দরমহল সাজানোর জন্য দুর্দান্ত শো-পিস রয়েছে ‘চাম্বা লামা’র কালেকশনে।

সিটি সেন্টার ওয়ানের পরিচিত রেপ্লিকা কলকাতার ‘ঘোড়ায় টানা ট্রাম’। কামরাটি বর্তমানে চাম্বা লামার নতুন আউটলেট। কিন্ত শহর জুড়ে রুপো এবং জাঙ্ক জুয়েলারীর বহু দোকান থাকতে ‘চাম্বা লামা’র এত জনপ্রিয়তা কেন? নরকিলা শেরপার কথায়, “আমাদের গয়নার নকশাগুলো হিমালয়, নেপালি, তিব্বতী এবং কিছু উপজাতীয় শিল্প দ্বারা অনুপ্রাণিত। প্রতিটি ডিজাইনেই আমরা সেই ছাপটা রাখার চেষ্টা করি। ফলে আমাদের এখানের বেশিরভাগ গয়নাতেই তিব্বতি বৌদ্ধ মোটিফ স্পষ্ট। জাঙ্ক জুয়েলারীর হিমালয়ান স্টাইল বেশিরভাগ ক্রেতাই পছন্দ করছেন। উপরন্তু শহরে পিয়ার্সিং করানোর প্রবণতা বেড়েছে, ফলে পাল্লা দিয়ে বেড়েছে ‘চাম্বা লামা’র ক্রেতাও।”

চাম্বা লামার গয়নার কালেকশন সম্পর্কে নরকিলা বলেন, “গ্রীষ্মে মহিলারা সাধারণত নেকলেস এড়িয়ে যান। তারা বিশাল ঝুমকা (বড় কানের দুল) বা আধা-মূল্যবান পাথরের স্টেটমেন্ট ককটেল রিং পছন্দ করেন। ফলে সেই ধরনের ককটেল রিং নিয়ে আমরা আলাদা আলাদা ডিজাইন বানাচ্ছি। এছাড়াও জাঙ্ক বা কস্টিউম গয়না সস্তা এবং রুপোর গয়নার বিকল্প। কতজন মধ্যবিত্ত মানুষ ভারী রুপোর গয়নার সেট কিনতে পারে? তাছাড়াও এখন অনেকেই রোজ ব্যবহারের জন্য জাঙ্ক জুয়েলারী বেছে নিচ্ছেন। ফলে বহুদিন হলো আমরাও আলাদা আলাদা ডিজাইনের কস্টিউম গয়না বানানো শুরু করেছি।” ক্রেতাদের কথা চিন্তা করেই চাম্বা লামার রয়েছে একটি ফেসবুক পেজও। কলকাতার এই মহিলাতান্ত্রিক ব্যবসা নিউমার্কেটের ছোট্ট পরিসরে টেনে আনছে গোটা দুনিয়াকে। শুধু সাধারণ মানুষই নন, এই দোকানে নিয়মিত আসেন সেলিব্রেটিরাও।

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অবশ্য শুধু মহিলারাই নন, পুরুষদের মধ্যেও ক্রমশ বাড়ছে জাঙ্ক জুয়ালারী, রুপোর গয়না প্রভৃতি পরার চল। যদিও রাজস্থানে অনেকদিন ধরেই রুপোর গয়না পরার প্রচলন রয়েছে পুরুষদের মধ্যে, এবং তা রীতিমতো ভারী গয়না। কর্ণধার জানালেন, কলকাতার পুরুষরা নিজেদের জন্য হালকা জুয়েলারীই পছন্দ করছেন। যদিও শুধু ব্রেসলেট নয়, নেকলেস, কানের দুল কিংবা আঙটিও কিনছেন তারা। অনেকেই আবার নিজের সঙ্গিনীর জন্য গয়নাও কিনছেন এই দোকান থেকেই, ডিজাইন বাছতে সাহায্য করছেন স্বয়ং মালকিন। কৌতুহলী ক্রেতার প্রশ্নের উত্তরে বুঝিয়েও দিচ্ছেন প্রত্যেকটি ডিজাইনের উৎস, তিব্বতী কালচারের তাৎপর্য। সবমিলিয়ে ‘নাহুমস’ এর পিছনের এই দোকান যেন কলকাতার মাঝে একটুকরো ‘হিমালয়ান কালচার’।

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