Orthopaedic Oncologist – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com Stay updated with Ekolkata24 for the latest Hindi news, headlines, and Khabar from Kolkata, West Bengal, India, and the world. Trusted source for comprehensive updates Wed, 28 Aug 2024 11:13:34 +0000 en-US hourly 1 https://ekolkata24.com/wp-content/uploads/2024/03/cropped-ekolkata24-32x32.png Orthopaedic Oncologist – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com 32 32 नारायणा हॉस्पिटल ने एडवांस मल्टीमोडल थेरेपी से बांग्लादेशी मरीज़ की जान बचाई https://ekolkata24.com/uncategorized/arayana-hospital-saves-life-of-bangladeshi-patient Wed, 28 Aug 2024 11:13:34 +0000 https://ekolkata24.com/?p=49422 कोलकाता: नारायणा हॉस्पिटल, हावड़ा ने दुर्लभ बोन कैंसर ‘युइंग सारकोमा’ के एक मामले का एडवांस मल्टीमोडल थेरेपी से सफल इलाज किया और 41 वर्षीय बांग्लादेशी पुरुष मरीज़ की जान बचाई। पहले बांग्लादेश में मरीज़ के बाएं जांघ की हड्डी (फीमर) में ट्यूमर का निदान किया गया था, जिसके बाद मरीज़ ने विशेष इलाज के लिए नारायणा हॉस्पिटल, हावड़ा में भर्ती लिया। युइंग सारकोमा एक दुर्लभ प्रकार का ट्यूमर है, जो आमतौर पर पैरों, हाथों, छाती, पेल्विस, रीढ़ या खोपड़ी की हड्डियों में बनता है। यह आमतौर पर बच्चों, किशोरों और युवा वयस्कों को प्रभावित करता है।

नारायणा हॉस्पिटल, हावड़ा में भर्ती होने पर मरीज़ की शुरुआती एक्स-रे रिपोर्ट में बाईं जांघ की हड्डी में असामान्यताएं पाई गईं, जिसके बाद MRI स्कैन द्वारा आगे की जांच की गई। स्कैन में पूरे फीमर हड्डी और आस-पास की मांसपेशियों में ट्यूमर की पुष्टि हुई, जो प्रमुख नसों और रक्त वाहिकाओं के निकट था। बायोप्सी से पुष्टि हुई कि मरीज़ युइंग सारकोमा से पीड़ित था, जो एक प्रकार का घातक बोन ट्यूमर है।

आगे की जाँच में PET CT स्कैन द्वारा पता चला कि कैंसर केवल जांघ तक सीमित था और शरीर के अन्य हिस्सों में नहीं फैला था, यानी यह गैर-मैस्टास्टेटिक था। मरीज़ को युइंग सारकोमा के लिए इंडक्शन कीमोथेरेपी दी गई। कीमोथेरेपी के बाद किए गए स्कैन से पता चला कि कैंसर ने आंशिक रूप से इलाज का जवाब दिया था।

नारायणा हॉस्पिटल हावड़ा के ऑर्थो ऑन्कोलॉजिस्ट कंसल्टेंट, डॉ. निशित गुप्ता ने कहा, “जब मरीज़ की प्रारंभिक जांच की गई, तो ट्यूमर ने जांघ की हड्डी को कूल्हे से लेकर घुटने तक प्रभावित कर रखा था। पूर्व-ऑपरेटिव कार्यों के आधार पर हमने कीमोथेरेपी, सर्जिकल प्रक्रिया और रेडियोथेरेपी का संयोजन करके एक प्रबंधन योजना बनाई।”

“इलाज के दौरान हमें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, खासकर जब कीमोथेरेपी का प्रभाव आंशिक रहा और ट्यूमर नसों और प्रमुख रक्त वाहिकाओं के बेहद करीब था। मरीज़ की पूरी जांघ की हड्डी (फीमर) और आसपास की मांसपेशियों को हटाने के लिए सर्जरी की गई। उसके बाद हड्डी को एक मेगा प्रोस्थेसिस से बदल दिया गया, जो उसकी कूल्हे और घुटने की हड्डियों को बदलने में सक्षम था,” डॉ. निशित गुप्ता ने बताया।

सर्जरी के बाद, मरीज़ ने शारीरिक क्षमता और ताकत को पुनः प्राप्त करने के लिए कड़ी फिजियोथेरेपी सत्रों में भाग लिया। “सर्जरी के बाद मरीज़ की प्रगति देखकर हम बहुत उत्साहित हैं। मरीज़ ने रेडिएशन थेरेपी पूरी कर ली है और अब वह अपनी कीमोथेरेपी के अंतिम चरण में है,” ऑर्थोपेडिक ऑन्कोलॉजिस्ट ने कहा।

बांग्लादेश से आने वाले कई मरीज़ों के लिए इस तरह की जीवनरक्षक उपचार प्रक्रिया नारायणा हेल्थ की विश्व स्तरीय सुविधाओं और विशेषज्ञता का प्रमाण है, जो मध्य पूर्व, अफ्रीका और CIS देशों से लेकर बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और कई अन्य पड़ोसी देशों के मरीज़ों के लिए एक प्रमुख गंतव्य बन चुका है।

नारायणा हॉस्पिटल, हावड़ा के फैसिलिटी डायरेक्टर, श्री तपन घोष ने कहा, “यह सफल इलाज हमारे अस्पताल की अत्याधुनिक देखभाल प्रदान करने की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। हमारी टीम की विशेषज्ञता और समर्पण ने इस जटिल मामले को प्रभावी ढंग से इलाज करना संभव बनाया, और हमें गर्व है कि हम अपने मरीज़ों को इतने उन्नत चिकित्सा समाधान प्रदान कर सकते हैं।”

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