pakistan – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com Stay updated with Ekolkata24 for the latest Hindi news, headlines, and Khabar from Kolkata, West Bengal, India, and the world. Trusted source for comprehensive updates Mon, 23 Jun 2025 07:41:08 +0000 en-US hourly 1 https://ekolkata24.com/wp-content/uploads/2024/03/cropped-ekolkata24-32x32.png pakistan – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com 32 32 हमले के बाद ट्रंप को नोबेल पुरस्कार? पाकिस्तान को सवाल असदुद्दीन का https://ekolkata24.com/top-story/asaduddin-owaisi-questions-pakistan-on-trumps-nobel-nod-amid-iran-nuclear-attacks Mon, 23 Jun 2025 07:40:35 +0000 https://ekolkata24.com/?p=52059 ईरान की तीन परमाणु सुविधाओं पर अमेरिका के हमले के बाद एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की तीखी प्रतिक्रिया। उन्होंने पाकिस्तान से सवाल किया है कि क्या इस हमले के लिए ही ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार देना चाहिए? ओवैसी ने इस हमले को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू द्वारा गाजा में हो रहे नरसंहार को छिपाने की एक कोशिश के रूप में वर्णित किया है।

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ओवैसी के अनुसार, “इस हमले ने नेतन्याहू की मदद की है, जो फिलिस्तीनियों के कसाई हैं। गाजा में जो नरसंहार हो रहा है, उसे छिपाने के लिए इस हमले का इस्तेमाल किया गया है। गाजा में 55,000 फिलिस्तीनी मारे गए हैं, और अमेरिका इससे चिंतित नहीं है।” उन्होंने आगे कहा, “हम पाकिस्तानियों से पूछना चाहिए कि क्या इसी के लिए वे ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार देना चाहते थे?”

पाकिस्तान और ईरान के करीबी संबंधों को ध्यान में रखते हुए यह सवाल खास तौर पर महत्वपूर्ण है। पाकिस्तान ने हाल ही में ट्रंप की “व्यावहारिक कूटनीति” और भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने में उनकी भूमिका के लिए नोबेल शांति पुरस्कार के लिए उन्हें नामांकित किया था। हालांकि, ईरान पर अमेरिका के हमले के बाद पाकिस्तान ने इस हमले की तीखी निंदा की और कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है।

इस घटना के पृष्ठभूमि में, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की कि उनके प्रशासन ने ईरान के फोर्डो, नतान्ज और इस्फाहान की तीन परमाणु सुविधाओं पर प्रहार किया है। ट्रंप का दावा है, “हमने उनके हाथ से बम छीन लिया है।” लेकिन ईरान के विदेश मंत्री ने इस हमले को “अनुचित” और “अंतरराष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन” के रूप में वर्णित किया है।

गाजा में हो रहे नरसंहार की चिंता को लेकर ओवैसी की टिप्पणी एमनेस्टी इंटरनेशनल की 2024 की रिपोर्ट के साथ मेल खाती है, जिसमें कहा गया है कि इजरायल गाजा के फिलिस्तीनियों के खिलाफ नरसंहार कर रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है, “इजरायल गाजा के फिलिस्तीनियों के खिलाफ नरसंहार कर रहा है और यह जारी है।” इस संदर्भ में ओवैसी की टिप्पणी एक बड़े अंतरराष्ट्रीय चिंता का प्रतिबिंब है।

पाकिस्तान की द्वि-मुखी भूमिका को लेकर ओवैसी का सवाल उनकी कूटनीतिक दक्षता का प्रमाण है। पाकिस्तान ईरान के साथ करीबी संबंध रखते हुए भी ट्रंप की प्रशंसा कर रहा था और बाद में हमले की निंदा कर रहा है, जिससे उनकी कूटनीतिक स्थिति जटिल हो जाती है। ओवैसी का सवाल इस जटिलता पर जोर देता है और पाकिस्तान की कूटनीतिक स्थिरता पर सवाल उठाता है।

इस घटना का एक अन्य पहलू इजरायल-ईरान संघर्ष में अमेरिका की सक्रिय भूमिका है। ट्रंप का हमला इजरायल और ईरान के बीच विवाद में अमेरिका के स्पष्ट जुड़ाव को स्थापित करता है। गाजा में नरसंहार की चिंता ओवैसी के अनुसार, एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, जिसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित करना चाहिए।

संक्षेप में, असदुद्दीन ओवैसी की टिप्पणी इस हमले को गाजा में नरसंहार को छिपाने की एक कोशिश के रूप में वर्णित करती है और पाकिस्तान की कूटनीतिक भूमिका पर सवाल उठाती है। उनका सवाल इस जटिल अंतरराष्ट्रीय स्थिति में एक महत्वपूर्ण दृष्टिकोण प्रदान करता है।

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पाकिस्तान में आतंकी हमला, पहचान पूछकर मारी 23 लोगों को गोली https://ekolkata24.com/top-story/terrorist-attack-in-pakistan-23-people-shot-after-asking-for-their-identity Mon, 26 Aug 2024 09:18:46 +0000 https://ekolkata24.com/?p=49401 नई दिल्ली :  पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान में भीषण आतंकी हमला हुआ है। हमलावरों ने बलूचिस्तान में एक बस को रोककर पहले सभी यात्रियों को उतारा और उनकी पहचान पत्र देखी। पहचान पत्र देखने के बाद हमलावरों ने 23 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी।

रिपोर्ट के मुताबिक यह घटना बलूचिस्तान के मूसखेल जिले में हुई। जानकारी के मुताबिक हथियारबंद लोगों ने मुसाखेल के राराशाम जिले के अंतर प्रांतीय राजमार्ग को अवरुद्ध किया। फिर 10 वाहनों में आग भी लगा दी। और एक बस से यात्रियों को उतारकर उनकी पहचान कर के 23 लोगों को गोली मार दी।

मृतकों की पहचान पंजाब प्रांत के निवासियों के रूप में की जा रही है। खबर मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और शवों को अस्पताल ले जाने की प्रक्रिया शुरू की गई। बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री सरफराज बुगती ने आतंकवाद की इस घटना की कड़ी निंदा की है। अप्रैल में भी इस तरह की एक घटना हुई थी जब आतंकवादियों ने बस से 9 यात्रियों को उतार कर उनके आईडी कार्ड देखकर उन्हें गोली मार दी गई थी।

 

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बांग्लादेश में फिर भड़की हिंसा, 32 लोगों की मौत और कई जख्मी https://ekolkata24.com/top-story/violence-broke-out-again-in-bangladesh-32-people-died Sun, 04 Aug 2024 13:13:59 +0000 https://ekolkata24.com/?p=49231 ढाका :  रविवार  यानी 4 अगस्त को बांग्लादेश के कई हिस्सों में एक बार फिर से हिंसा भड़क गई। प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में हजारों प्रदर्शनकारी एकत्रित हुए। इस दौरान रविवार को प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ अवामी लीग के समर्थकों के बीच कई जगहों पर झड़प हुई। झड़प में कई लोगों के मारे जाने की खबर है। वहीं 30 से ज्यादा घायल हुए हैं। ढाका ट्रिब्यून अखबार के मुताबिक झड़प के बाद पीएम शेख हसीना ने गण भवन में सुरक्षा मामलों की राष्ट्रीय समिति की बैठक भी बुलाई।

एक अखबार की एक रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश हिंसा में 32 लोगों की मौत हो गई है। वहीं सौ से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ अवामी लीग के समर्थकों के बीच झड़प हुई है। वहीं, खबर है कि झड़प के बाद पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया गया है। बता दें, पीएम शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर छात्र जमकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी दौरान हिंसा भड़क गई। हिंसा को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े।

वहीं, छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि देश भर में विरोध प्रदर्शन के नाम पर तोड़फोड़ करने वाले छात्र नहीं आतंकवादी हैं. ऐसे तत्वों से कड़ाई से निपटने की जरूरत है। बता दें, विरोध पर उतरे छात्र प्रधानमंत्री हसीना से इस्तीफे की मांग कर रहे थे।

छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बीच पीएम शेख हसीना ने अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में सेना, नौसेना, वायु सेना, पुलिस, रैपिड एक्शन बटालियन, बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के प्रमुख और अन्य शीर्ष सुरक्षा अधिकारी शामिल हुए। बैठक में प्रधानमंत्री के सुरक्षा सलाहकार और गृह मंत्री भी मौजूद थे।

इससे पहले पुलिस और छात्र प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पों में 200 से अधिक लोग मारे गये थे। बता दें, छात्र प्रदर्शनकारी देश में विवादास्पद कोटा प्रणाली को खत्म करने की मांग पर कर रहे थे, जिसके तहत 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के योद्धाओं के रिश्तेदारों के लिए सरकारी नौकरियों में 30 फीसदी आरक्षण दिया गया था।

 

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12 घंटे की कारगील जंग की कहानी…टाइगर हिल पर तिरंगा फहराया, पाकिस्तान को हराया https://ekolkata24.com/top-story/the-story-of-the-12-hour-kargil-war Mon, 08 Jul 2024 08:29:38 +0000 https://ekolkata24.com/?p=48793 नई दिल्ली : 4 जुलाई 1999 को उधर सूरज उग रहा था। इधर भारतीय सेना के टाइगर्स ने Tiger Hill पर तिरंगा लहरा दिया था। यही वो पल था जब पाकिस्तान के धोखे का करारा जवाब मिला था। खतरनाक जंग में कई जवान शहीद हुए लेकिन देश की एक इंच जमीन भी दुश्मन को नहीं ले जाने दिया। देश कारगिल विजय का सिल्वर जुबली मना रहा है।

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने अपने एक्स हैंडल (ट्विटर) पर उस जंग में फतह का एक वीडियो जारी किया है। जब 4 जुलाई 1999 को भारतीय सेना के बाघों ने टाइगर हिल को पाकिस्तानियों से मुक्त कराया था। यहीं से करगिल जंग की पूरी कहानी बदल गई थी।

हुआ यूं था कि 14 जुलाई 1999 को ही करगिल युद्ध में विजय हासिल हुई थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने ‘ऑपरेशन विजय’ की घोषणा की थी। साथ ही पाकिस्तान की सराकर के साथ बात करने के लिए कुछ शर्तें रखी थीं।

83 दिन चले इस जंग में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को धूल चटा दी थी। लेकिन पाकिस्तान की कायरता की दास्तां तब शुरू हुई थी, जब 3 मई 1999 को सीमा पार से कुछ हथियारबंद घुसपैठिए करगिल जिले के ऊंचाई वाले इलाकों में देखे गए थे। एक स्थानीय चरवाहे ने भारतीय सेना को इसकी सूचना दी थी।

भारतीय सेना की पेट्रोलिंग टुकड़ी को जांच करने भेजा। लेकिन पाकिस्तानी घुसपैठियों ने पांच जवानों बंधक बना लिया। 5 मई को सूचना मिली कि उन जवानों को घुसपैठियों ने मार डाला। सेना करारा जवाब देने की तैयारी में थी। 9 मई 1999 को पाकिस्तान की तरफ से ताबड़तोड़ गोले बरसाए गए। इससे करगिल में भारतीय सेना के हथियार डिपो बर्बाद हुए। कई सैनिक जख्मी हुए और  कुछ शहीद हो गए।

24 घंटे में द्रास, ककसर, मुस्कोह में और घुसपैठिए आए अगले 24 घंटे में सीमा पार से द्रास, ककसर और मुस्कोह कई घुसपैठिए आ गए। मई के मध्य में भारतीय सेना ने कश्मीर घाटी में मौजूद जवानों को करगिल की तरफ रवाना किया। 26 मई को भारतीय सेना की मदद के लिए वायु सेना ने दुश्मन के कब्जे वाले पोजिशन पर गोले गिराने शुरू किए।

पाकिस्तान ने अंजा मिसाइल से एक मिग-21 और मिग-27 को मार गिराया। फ्लाइट लेफ्टिनेंट के. नचिकेता को बंधक बनाया। इन्हें 3 जून 1999 को बतौर युद्धबंदी रिहा किया गया। 28 मई को पाकिस्तान ने वायुसेना के Mi-17 हेलिकॉप्टर को मार गिराया। उसमें मौजूद चार भारतीय जवान शहीद हो गए।

1 जून 1999 को पाकिस्तानी सेना के तोप के गोले लगातार NH-1 पर गिर रहे थे। इस शेलिंग से लद्दाख बाकी देश से कट गया था। इंडियन आर्मी के हथियार, मेडिकल सप्लाई और रसद लद्दाख तक नहीं पहुंच पा रहे थे। करगिल में इस राष्ट्रीय राजमार्ग की लंबाई करीब 217.4 km है।

यह सड़क श्रीनगर को लेह से जोड़ती है। इसमें दो ही लेन है। खराब भौगोलिक स्थिति और सड़क पतली होने की वजह से यहां पर ट्रैफिक धीमी रहती है। पाकिस्तानी फौजी हाइवे के सामने की तरफ ऊंची पहाड़ियों पर थे। वहां से गोलीबारी कर रहे थे। भारत सरकार के लिए इस हाइवे को बचाना बेहद जरूरी था।

NH-1 भारतीय सेना के लिए सबसे प्रमुख मार्ग है। पाकिस्तानी फौजी इस सड़क पर मोर्टार्स, आर्टिलरी और एंटी-एयरक्राफ्ट गन से हमला कर रहे थे। लेकिन भारतीय एयरफोर्स और सेना के जवानों ने जान की परवाह न करते हुए NH-1 के सामने के सभी पोस्ट को जून मध्य तक पाकिस्तानी घुसपैठियों से छुड़ा लिया था।

9 जून को बटालिक सेक्टर की दो चोटियां मुक्त हुईं 6 जून को भारतीय सेना ने भयानक हमला किया। 9 जून को बटालिक सेक्टर की दो महत्वपूर्ण चोटियां सेना के कब्जे में वापस आ गईं। भारतीय सेना ने बटालिक सेक्टर को दो महत्वपूर्ण पोजिशन पर फिर से कब्जा कर लिया था। 11 जून को परवेज मुशर्रफ और लेफ्टि. जनरल अजीज खान की बातचीत को सार्वजनिक किया गया।

13 जून को भारतीय सेनाओं ने द्रास में तोलोलिंग पर कब्जा जमा लिया। इसमें इंडियन आर्मी के कई जवान शहीद हुए लेकिन सबसे महत्वपूर्ण चोटी पर सेना का वापस कब्जा हो गया। सभी घुसपैठियों को मार गिराया था। दो दिन बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से कहा कि वो तुरंत अपने सैनिकों और घुसपैठियों को वापस बुलाएं। 29 जून तक अंतरराष्ट्रीय दबाव बनता रहा।

3-4 जुलाई की रात भारतीय सेना ने टाइगर हिल पर हमला बोल दिया था। 4 जुलाई 1999 की सुबह भारतीय सेना के तीन रेजिमेंट (सिख, ग्रेनेडियर्स और नागा) ने टाइगर हिल पर पाकिस्तान के नॉर्दन लाइट इंफ्रेंट्री को धूल चटा दी। 12 घंटे चली लड़ाई के बाद टाइगर हिल पर वापस कब्जा किया गया।

अगले ही दिन नवाज शरीफ ने हार मानते हुए सेना वापस बुलाई 5 जुलाई 1999 को नवाज शरीफ ने हार मानते हुए अपनी सेना को वापस बुलाया। 7 को भारतीय सेना ने बटालिक के जुबार हिल पर अपना कब्जा वापस जमा लिया। पाकिस्तानी फौज और घुसपैठिये दुम दबाकर भाग चुके थे। 14 जुलाई 1999 को ‘ऑपरेशन विजय’ के पूरा होने की घोषणा की गई।

 

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बीच मैदान में पाकिस्तानी स्टार से मिलने पहुंच गए अजय देवगन https://ekolkata24.com/sports-news/ajay-devgan-reached-the-middle-of-the-field-to-meet-the-pakistani-star Sun, 07 Jul 2024 09:49:14 +0000 https://ekolkata24.com/?p=48780 एजबेस्टन : वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ लीजेंड्स 2024 का एक मुकाबला शनिवार को इंडिया चैंपियंस और पाकिस्तान चैंपियंस के बीच बर्मिंघम में खेला गया। इस मैच में भी वैसे ही फैंस की मौजूदगी देखी गई, जैसी भारत बनाम पाकिस्तान मुकाबले के दौरान देखी जाती है। मैच की रोमांचकता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस हाई वोल्टेज मुकाबले को देखने के लिए भारत की तरफ से बॉलीवुड एक्टर अजय देवगन भी पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने बीच मैदान में जाकर विपक्षी टीम के स्टार ऑलराउंडर शाहिद अफरीदी से खास मुलाकात की।

बता दें इंडिया चैंपियंस बनाम पाकिस्तान चैंपियंस मैच के लिए शाहिद अफरीदी पूरी तरह से फिट नहीं थे। इसके बावजूद उन्होंने भारत के खिलाफ मैदान में उतरने का फैसला लिया। यही नहीं उन्होंने ग्रीन टीम के लिए टीम इंडिया के लिए खिलाफ कुल 2 ओवरों की गेंदबाजी की। इस बीच उन्हें कोई सफलता तो हाथ नहीं लगी, लेकिन उन्होंने इस मैच में 4.50 की इकोनॉमी से महज 9 रन खर्च किए. जो टीम की जीत में अहम योगदान साबित हुआ।

बात करें मैच के बारे में तो बर्मिंघम में टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए पाकिस्तान की टीम निर्धारित ओवरों में 4 विकेट के नुकसान पर 243 रन बनाने में कामयाब हुई थी। वहीं लक्ष्य का पीछा करते हुए पूरी भारतीय टीम 20 ओवरों में 9 विकेट के नुकसान पर 175 रन ही बना पाई. इस प्रकार पाकिस्तान चैंपियंस के सामने युवराज सिंह की सेना को 68 रन के बड़े अंतर से शिकस्त का सामना करना पड़ा।

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कराची में 450 लोगों की मौत, शवों को रखने के लिए नहीं मिल रही जगह https://ekolkata24.com/uncategorized/450-people-died-in-karachi-there-is-no-place-to-keep-the-bodies Wed, 26 Jun 2024 13:45:41 +0000 https://ekolkata24.com/?p=48590 कराची : पाकिस्तान के कराची में भीषण गर्मी का कहर जारी है। पिछले कुछ दिनों से कराची के लोग भीषण गर्मी से जूझ रहे हैं। बीते चार दिनों में कराची में लू से 450 लोगों की मौत हो चुकी है। चिंताजनक बात यह है कि यह मौत बेघर और सड़क पर रहने वालों की हुई है जिसकी वजह से परिजनों से शवों की पहचान करवाने में काफी दिक्कत हो रही है।

पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर कराची में भीषण गर्मी के कारण पिछले चार दिनों में 450 लोगों की मौत हो गई है। एक प्रमुख एनजीओ ईधी फाउंडेशन ने बुधवार को यह दावा किया है। पाकिस्तान का बंदरगाह शहर कराची शनिवार से लू की चपेट में है। बुधवार को लगातार तीसरे दिन पारा 40 डिग्री के पार रहा, जो तटीय क्षेत्रों के लिए बहुत अधिक तापमान है। फाउंडेशन के प्रमुख फैसल ईधी ने कहा कि कराची में हमारे चार मुर्दाघर हैं। वहां शवों को रखने के लिए जगह नहीं बची है।

ज्यादातर शव बेघर लोगों और सड़कों पर नशा करने वालों के हैं। उन्होंने कहा कि मुर्दाघर में सोमवार को 128 और मंगलवार को 135 शव लाए गए थे। अधिकांश मृतकों की पहचान नहीं हो पाई है, क्योंकि परिवार का कोई भी सदस्य दावा करने नहीं आया है।

मौत के लगातार मामले सामने आने के बाद सिंध की सरकार ने कराची में 77 हीट वेव राहत केंद्र स्थापित किए हैं। यह कदम पाकिस्तान मौसम विज्ञान विभाग द्वारा देश के दक्षिणी क्षेत्रों में अत्यधिक तापमान को लेकर गंभीर चेतावनी के बीच उठाया गया है। कराची के अस्पतालों में हर दिन भारी संख्या में मरीज आ रहे हैं, जिससे शहर के चिकित्सा संसाधनों पर दबाव बढ़ रहा है।

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हरभजन की गैरी कर्स्टन को सलाह, पाकिस्तान में अपना समय बर्बादा मत करो https://ekolkata24.com/sports-news/dont-waste-your-time-in-pakistan-harbhajan-advises-gary-kirsten Tue, 18 Jun 2024 07:57:59 +0000 https://ekolkata24.com/?p=48367 नई दिल्ली : पूर्व भारतीय क्रिकेटर हरभजन सिंह ने गैरी कर्स्टन को सलाह दी कि वे पाकिस्तान में अपना समय बर्बाद नहीं करें क्योंकि दक्षिण अफ्रीका के इस पूर्व क्रिकेटर ने दावा किया था कि बाबर आजम की अगुआई वाली टीम में एकता नहीं है।

कर्स्टन ने टी20 विश्व कप में निराशाजनक अभियान के दौरान एक-दूसरे का समर्थन नहीं करने के लिए पाकिस्तानी खिलाड़ियों की आलोचना की और कहा कि उन्होंने किसी टीम में ऐसा विषाक्त माहौल कभी नहीं देखा। कर्स्टन ने अमेरिका और वेस्टइंडीज में टूर्नामेंट से ठीक पहले पाकिस्तान के मुख्य कोच का कार्यभार संभाला था लेकिन वे निराश हो गए क्योंकि टीम अमेरिका और भारत से हारकर पहले दौर से बाहर हो गई।

हरभजन ने मजाक में कर्स्टन से भारतीय टीम के साथ कोचिंग की भूमिका वापस लेने को कहा जिसने उनके नेतृत्व में 2011 में विश्व कप जीता था। हरभजन ने ‘एक्स’ पर लिखा कि वहां अपना समय बर्बाद मत करो गैरी .. टीम इंडिया को कोचिंग देने के लिए वापस आ जाओ।

गैरी कर्स्टन दुर्लभ लोगों में से एक .. एक महान कोच, सलाहकार, ईमानदार और हमारी 2011 टीम में सभी के लिए बहुत प्यारे दोस्त .. 2011 विश्व कप के हमारे विजेता कोच। विशेष व्यक्ति गैरी कर्स्टन। पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर के भारत के अगले मुख्य कोच के रूप में राहुल द्रविड़ की जगह लेने की उम्मीद है।

इससे पहले गैरी कर्स्टन ने पाक खिलाड़ियों की पोल खोलते हुए कहा था कि इस टीम में खिलाड़ी एक-दूसरे का समर्थन नहीं करते हैं और उनमें एकता की भी कमी है। दक्षिण अफ्रीका के पूर्व क्रिकेटर ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि जो खिलाड़ी इन पहलुओं पर काम करेंगे वे टीम में बने रहेंगे।

जबकि ऐसा न करने वालों को बाहर कर दिया जाएगा। पाकिस्तान ने रविवार को फ्लोरिडा में आयरलैंड पर तीन विकेट से जीत के साथ अपना अभियान समाप्त किया, ग्रुप ए से भारत और अमेरिका के सुपर 8 चरण में पहुंचने के बाद यह एक बड़ी जीत थी।

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पाकिस्तान के बलूचिस्तान में बस खाई में गिरी, 28 की मौत https://ekolkata24.com/uncategorized/bus-falls-into-a-ditch-in-balochistan Wed, 29 May 2024 10:50:58 +0000 https://ekolkata24.com/?p=47681 इस्लामाबाद : पाकिस्तान में बलूचिस्तान के वाशुक जिले में सुबह एक यात्री बस के खाई में गिरने से महिलओं और बच्चों समेत 28 लोगों की मौत हो गई। जानकारी के अनुसार, दुर्घटना में लगभग 22 लोग घायल हुए है। सभी को बसिमा सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

बचाव आधिकारियों ने बताया कि यात्री बस का टायर फटने से यह दुर्घटना हुई। बस ग्वादर से क्वेटा की जा रही थी। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने दुर्घटना पर शोक जताया और दिवंगत आत्माओं के लिए प्रार्थना की। प्रधानमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को घायलों को सहायता प्रदान करन का भी निर्देश दिया।

बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री सरफराज बुगती ने भी दुर्घटना में लोगों की लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया और घायोलों के लिए प्रार्थना की।

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पाकिस्तान के स्कूल में लगी भयावह आग, 1400 छात्राओं की बची जान https://ekolkata24.com/top-story/fire-broke-out-in-a-school-in-pakistan Mon, 27 May 2024 12:10:50 +0000 https://ekolkata24.com/?p=47629 पेशावर : पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के सुदूर पहाड़ी इलाके में भीषण आग की चपेट में आई एक स्कूल की इमारत से लगभग 1400 छात्रा को बचा लिया लिया गया है।

स्थानीय न्यूज से पता चला कि हरिपुर जिले के सिरिकोट गांव में सरकारी गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल में तेजी से ये आग फैल गई।

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के सुदूर पहाड़ी इलाके में भीषण आग की चपेट में आई एक स्कूल की इमारत से लगभग 1,400 छात्राओं को बचा लिया लिया गया है। घटना के बाद आग पर काबू पा लिया गया है। आग लगने की सही कारणों का पता लगाया जा रहा है।

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Pak minister’s Comperison with India: पाक मंत्री की भारत से तुलना वायरल: “…और हम भीख मांग रहे हैं” https://ekolkata24.com/top-story/pak-ministers-comperison-with-india-pak-ministers-comperison-with-india-we-are-begging Tue, 30 Apr 2024 11:20:00 +0000 https://ekolkata24.com/?p=47307 पाकिस्तान के प्रमुख दक्षिणपंथी इस्लामिक नेता (Pak minister’s Comperison with India) मौलाना फजलुर ने कथित तौर पर राजनीतिक व्यवस्था में धांधली के लिए शक्तिशाली प्रतिष्ठान की आलोचना की……….

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रमुख दक्षिणपंथी इस्लामी नेता (Pak minister’s Comperison with India) मौलाना फजलुर रहमान सोमवार को अपने पूर्व प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के समर्थन में सामने आए और कहा कि विपक्षी दल को रैलियां आयोजित करने और यहां तक कि सरकार बनाने का भी अधिकार है।
जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फजल (जेयूआई-एफ) के अपने गुट के प्रमुख रहमान ने नेशनल असेंबली में जोरदार भाषण दिया और कथित तौर पर राजनीतिक व्यवस्था में हेराफेरी करने के लिए शक्तिशाली प्रतिष्ठान की आलोचना की।

उन्होंने कहा, ”रैली करना पीटीआई का अधिकार है।” “हमने 2018 के चुनाव पर भी आपत्ति जताई थी और हमें इस (8 फरवरी के चुनाव) पर भी आपत्ति है। अगर 2018 के चुनाव में धांधली हुई थी, तो मौजूदा चुनाव में धांधली क्यों नहीं हुई?” उसने पूछा।
पीटीआई नेता असद क़ैसर ने रैली आयोजित करने के लिए पार्टी के अधिकार की मांग की थी. रहमान ने अपने भाषण में कहा, “असद क़ैसर की मांग सही है और रैली आयोजित करना पीटीआई का अधिकार है।”

रहमान ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सत्तारूढ़ गठबंधन से आग्रह किया कि अगर संसद में बहुमत है तो पीटीआई को सरकार बनाने की अनुमति दी जाए।

उन्होंने कहा, “यह शक्ति छोड़ दो। आओ और यहां (विपक्षी बेंच पर) बैठो, और अगर पीटीआई वास्तव में बड़ा समूह है, तो उन्हें सरकार दे दो।”

मौलवी ने तब चुनाव और देश चलाने में प्रतिष्ठान और नौकरशाही की भूमिका पर निराशा व्यक्त की।

उन्होंने कहा, “इस देश को हासिल करने में सत्ता प्रतिष्ठान और नौकरशाही की कोई भूमिका नहीं थी।”

उन्होंने आरोप लगाया कि आठ फरवरी को हुए चुनाव निष्पक्ष नहीं बल्कि त्रुटिपूर्ण थे।

“यह कैसा चुनाव है जहां हारने वाले संतुष्ट नहीं हैं और जीतने वाले परेशान हैं?” उसने कहा।

उन्होंने पड़ोसी भारत के साथ समानताएं व्यक्त कीं। उन्होंने कहा, “जरा भारत और हमारी तुलना करें… दोनों देशों को एक ही दिन आजादी मिली थी। लेकिन आज वे (भारत) महाशक्ति बनने का सपना देख रहे हैं और हम दिवालिया होने से बचने के लिए भीख मांग रहे हैं।”

 उन्होंने कहा कि फैसले कोई और लेता है लेकिन समस्याओं के लिए राजनेताओं को जिम्मेदार ठहराया जाता है.

रहमान ने इस्लामिक सिद्धांतों को बनाए रखने के महत्व पर जोर देते हुए काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडियोलॉजी (सीआईआई) की सिफारिशों को लागू करने में विफलता पर भी अफसोस जताया।

“हमें देश इस्लाम के नाम पर मिला था, लेकिन आज हम एक धर्मनिरपेक्ष राज्य बन गए हैं। 1973 के बाद से सीआईआई की एक भी सिफारिश लागू नहीं की गई है। हम एक इस्लामी देश कैसे हो सकते हैं?” उसने कहा।

सीसीआई एक संवैधानिक निकाय है जिसे कानूनों के इस्लामीकरण में मदद करने के लिए स्थापित किया गया है।

उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान दिवालिया होने से बचने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से भीख मांग रहा है.

जेयूआई-एफ पीटीआई का कट्टर प्रतिद्वंद्वी था और उसने इमरान खान को हटाने के लिए कदम उठाया था। उनके पतन के बाद, JUI-F गठबंधन सरकार का हिस्सा बन गया। हालाँकि, चुनाव के बाद उन्होंने पीएमएल-एन और पीपीपी से नाता तोड़ लिया क्योंकि उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी पार्टी को सत्ता से बाहर रखने के लिए चुनावों में धांधली की गई थी।

कई लोगों का मानना है कि पीटीआई का समर्थन करके, मौलवी सत्ता प्रतिष्ठान और सरकार पर अपनी क्षमता से अधिक राजनीति की लूट में बड़ा हिस्सा पाने के लिए एक समझौते में कटौती करने का दबाव डाल रहे हैं।

 

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पाकिस्तान अब खुद को बचाने की अपील कर रहे हैं : मोदी https://ekolkata24.com/uncategorized/pakistan-is-now-appealing-to-save-itself-modi Sun, 05 Nov 2023 10:19:51 +0000 https://ekolkata24.com/?p=46455 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने एक सम्मेलन के दौरान बिना नाम लिए आतंकवाद को लेकर पड़ोसी देश पर हमला बोला। पीएम मोदी ने कहा कि जो देश कभी भारत के खिलाफ आतंकी हमलों का समर्थन करते थे, वे अब खुद दुनिया से खुद को बचाने की अपील करते हैं। मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद खत्म हो रहा है और पर्यटन बढ़ रहा है। उन्होंने रेखांकित किया कि उनकी सरकार इस क्षेत्र को विकास की नयी ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। मोदी ने कहा कि पहले भारत के आतंकी हमलों को लेकर दुनिया से अपील करनी पड़ती थी। अब वे देश, जो इन आतंकी हमलों के पीछे होते थे, वे दुनिया से खुद को बचाने की अपील कर रहे हैं।

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Pakistan: বিখ্যাত মুরি শহরে মৃত্যু মিছিল, তুষারপাতে জমে মৃত পাকিস্তানি যাত্রীরা https://ekolkata24.com/uncategorized/pakistan-hill-station-murree-was-declared-calamity-hit-after-at-least-21-people-froze-to-death Sat, 08 Jan 2022 12:15:32 +0000 https://ekolkata24.com/?p=18445 তাপমাত্রা হিমাঙ্কের নিচে নামছিল হু হু করে। প্রবল তুষারপাতে রাস্তা বন্ধ। পাহাড়ি রাস্তায় দাঁড়িয়ে থাকা গাড়িতে জমে যাচ্ছিলেন যাত্রীরা। উদ্ধারকাজ শুরু হতেই দেখা যায় মৃতদেহগুলি। অন্তত ২১ পাকিস্তানির মৃত্যু হয়েছে শীতে রক্ত জমে গিয়ে। তাদের দেহ উদ্ধার করা হয়েছে। ঘটনাস্থল পাকিস্তানের (Pakistan) বিখ্যাত শৈলশহর মুরি (Muree)l

পীর পাঞ্জাল পর্বত শৃঙ্খলার শৈলশহর মুরি বিখ্যাত পর্যটনস্থল। পাকিস্তানের পাঞ্জাব প্রদেশের রাওয়ালপিন্ডি জেলার এই শহরে শীতের মরশুমে তো বটেই বছরের বিভিন্ন সময়ে পর্যটকরা যান। তেমনই আন্তর্জাতিক পর্যটন কেন্দ্র মুরিতে এখন মর্মান্তিক দৃশ্য। তুষারে চাপা পড়া বিভিন্ন গাড়ি থেকে অচৈতন্য যাত্রীদের দেহ বের করা হচ্ছে।

পাক সংবাদ মাধ্যম ও বিভিন্ন আন্তর্জাতিক সংবাদ সংস্থার ছবিতে দেখা যাচ্ছে মুরি শহরের রাস্তায় তুষারপাতের দৃশ্য। প্রবল তুষারপাতে সার সার গাড়ি আটকে পড়েছে। ভিতরে থাকা যাত্রীদের দেহ বরফ কেটে বের করছেন উদ্ধারকারীরা।

মুরি শহরে জরুরি অবস্থা জারি করেছে পাঞ্জাব প্রদেশ সরকার। পাকিস্তান স্বরাষ্ট্র মন্ত্রক থেকেও জারি হয়েছে সতর্কতা।

পাক স্বরাষ্ট্রমন্ত্রী শেখ রশিদ আহমেদ জানান, প্রবল তুষারপাতের ঘটনায় পর্যটকরা ভীত হয়ে পড়েন। এক পর্যায়ে মুরি শহর থেকে পর্যটকরা দ্রুত নিচের দিকে নামতে শুরু করেন। গাড়ি যানজট শুরু হয়। সেইসঙ্গে তুষারপাতে রাস্তা বন্ধ হয়। আটকে পড়েন যাত্রীরা। এরপর অনেকেই মারা যান। গত ১৫-২০ বছরে এমন ঘটনা ঘটেনি। এখনও বহু পর্যটক আটকে আছেন।

মুরির ভয়াবহ তুষারপাতের ঘটনায় পাঞ্জাব প্রদেশ সরকার প্রাকৃতিক বিপর্যয় ঘোষণা করেছে। জরুরি পরিষেবা শুরু করেছে।

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Mohammad Hafeez: বিস্ফোরক হাফিজ, জানিয়ে গেলেন গড়াপেটা সম্পর্কে কী ছিল পাক ক্রিকেট বোর্ডের মানসিকতা https://ekolkata24.com/sports-news/mohammad-hafeez-statement-during-his-retirement Mon, 03 Jan 2022 17:00:49 +0000 https://ekolkata24.com/?p=17856 আন্তর্জাতিক ক্রিকেট থেকে অবসরের কথা ঘোষণা করেছেন মহম্মদ হাফিজ (Mohammad Hafeez)। জাতীয় দলের জার্সিকে বিদায় জানানোর আগে এমন অনেক কিছুই বললেন, যা এতদিন ছিল পর্দার আড়ালে।

হাফিজ প্রকাশ্যেই বলেছেন পাকিস্তান (Pakistan) ক্রিকেট বোর্ডের মানসিকতা দেখে এক সময় ভেঙে পড়েছিলেন তিনি। ২০১৯ সালেই ভেবেছিলেন অবসরের কথা। কিন্তু স্ত্রী এবং শুভানুধ্যায়ীদের মুখ চেয়ে জাতীয় দলের হয়ে খেলে গিয়েছিলেন ক্রমাগত। কিন্তু আর নয়, এবার বিদায়। জাতীয় দল থেকে অবসর।

পাকিস্তানের প্রাক্তন অধিনায়ক জানিয়েছেন, ‘আমি বরাবরই ম্যাচ গড়াপেটার বিরুদ্ধে। পাকিস্তান ক্রিকেট বোর্ড কেউ আমি জানিয়ে ছিলাম সে কথা… না, আমি ২০১৯ সালেই বুট জোড়া তুলে রাখার কথা ভেবেছিলাম। স্ত্রী এবং আমার ভক্তদের কথা ভেবে মাঠে নেমে ছিলাম আবার। যে কোনও প্রকার সমালোচনা স্বাগত। মাঠে নেমে উত্তর দিতেই আমি স্বচ্ছন্দ। বোর্ডের কারো প্রতিই আমার মনে নেতিবাচক প্রভাব নেই।’

কামব্যাকের প্রসঙ্গ উত্থাপন করার আগে হাফিজের স্মৃতিচারণ, ‘যারা গড়াপেটার সঙ্গে যুক্ত তাদের দ্বিতীয় সুযোগ দেওয়ার পক্ষে আমি নই। কোনও দিন ছিলাম না। পিসিবিকেও জানিয়েছিলাম এই একই কথা। তৎকালীন বোর্ড চেয়ারম্যান আমাকে বলেছিলেন ‘নিজের চড়কায় তেল দাও।’ ম্যাচ গড়াপেটাকারীদের দ্বিতীয় সুযোগ প্রসঙ্গে অদ্ভুতভাবে নীরব ছিলেন তিনি। সেদিন।’

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Pakistan: ‘কাপুরুষের দেশ’ পাকিস্তান, কটাক্ষ ইমরান খানের প্রাক্তন স্ত্রী রেহামের https://ekolkata24.com/uncategorized/pakistan-reham-khan-controversial-tweet Mon, 03 Jan 2022 13:36:23 +0000 https://ekolkata24.com/?p=17818 কাপুরুষের দেশ! এমনই ভাষায় পাকিস্তান ও দেশের সরকারের কড়া সমালোচনা করলেন পাক প্রধানমন্ত্রী ইমরান খানের প্রাক্তন স্ত্রী রেহাম খান। তাঁর টুইট নিয়ে ইসলামাবাদ সরগরম। বিশ্বজুড়ে প্রতিক্রিয়া আসতে শুরু করেছে।

কেন এমন লিখলেন রেহাম খান?

রেহাম খানের গাড়িতে রবিবার (২ জানুয়ারি) রাতে গুলি চালানোর ঘটনা ঘটে। এই ঘটনার পরে পাকিস্তানকে ‘কাপুরুষের দেশ’ বলে কটাক্ষ করেছেন রেহাম।

রেহাম টুইট করেছেন, ‘ভাগ্নের বিয়ে থেকে বাড়ি ফিরছিলাম। হঠাৎ বাইকে চেপে দুই দুষ্কৃতি এসে আমাদের গাড়ি লক্ষ্য করে গুলি চালাতে থাকে। বন্দুক ধরে গাড়িকে দাঁড় করিয়ে রাখে। আমি অন্য গাড়িতে উঠে পড়েছি। ওই গাড়িতে আমার নিরাপত্তারক্ষী ও চালক আছেন। আমি পাকিস্তানে সাধারণ পাকিস্তানিদের মতো বাঁচতে এবং মরতে চাই। এটা কাপুরুষোচিত হামলা। শহরের প্রধান মহাসড়কে এই হামলার জন্য সরকারকে জবাবদিহি করতে হবে।

পাক প্রধানমন্ত্রীর প্রাক্তন স্ত্রী আঙুল তুলেছেন ইমরান খানের প্রশাসনের দিকে। রেহাম টুইটে লিখেছেন, ‘এটাই কি ইমরান খানের নতুন পাকিস্তান। কাপুরুষ, গুণ্ডা ও লোভীদের দেশে আপনাকে স্বাগত!’

২০১৪ সালে ইমরানকে বিয়ে করেন সাংবাদিক ও  টিভি সঞ্চালক রেহাম খান। তাঁদের বিচ্ছেদ হয় ২০১৫ সালে ৩০ অক্টোবর। এর পর ফের ইমরান খান বিয়ে করেন। তাঁর বর্তমান স্ত্রীর নাম বুশরা মানেকা।

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পাকিস্তানের জেলে ২৫ বছর কাটিয়ে দেশে ফিরলেন কুলদীপ সিং https://ekolkata24.com/uncategorized/kuldeep-singh-returns-home-after-spending-25-years-in-pakistani-jail Tue, 28 Dec 2021 16:43:49 +0000 https://ekolkata24.com/?p=16988 News Desk: কুলদীপ সিং তখন ২৪ বছরের এক তরুণ। ১৯৯২ সালে হঠাৎই ভুল করে তিনি সীমান্ত অতিক্রম করে ঢুকে পড়েছিলেন পাকিস্তান (Pakistan ) ভূখণ্ডে। সঙ্গে সঙ্গেই তাঁকে পাকড়াও করে পাকিস্তানি সেনা। যথারীতি কুলদীপকে ভারতীয় গুপ্তচর (indian spy) বলে চিহ্নিত করা হয়। পাক আদালতের বিচারে ২৫ বছরের কারাদণ্ড হয় কুলদীপের (kuldeep sing)। সাজার মেয়াদ শেষ হতে শুক্রবার রাতে নিজের গ্রামের বাড়িতে ফিরছেন জম্মু-কাশ্মীরের কাঠুয়ার (kathuya) বাসিন্দা কুলদীপ সিং।

ভারত-পাক সীমান্তবর্তী জম্মু-কাশ্মীরের কাঠুয়ার বাসিন্দা কুলদীপ। প্রায় তিন দশক আগে কীভাবে সীমান্ত অতিক্রম করে তিনি পাক ভূখণ্ডে প্রবেশ করেছিলেন সে কথা আজ ভালভাবে মনেও করতে পারেন না তিনি। কুলদীপ গ্রামের বাড়িতে ফিরে আসতেই তাঁকে আতশবাজি পুড়িয়ে স্বাগত জানান গ্রামবাসীরা। পরিবারের আত্মীয়রাও কুলদীপকে নিয়ে খুশিতে মেতে ওঠেন।

কুলদীপ এদিন সীমান্ত সংলগ্ন গ্রামগুলির বাসিন্দাদের উদ্দেশ্য বলেছেন, দয়া করে কেউ ভুল করেও সীমান্ত অতিক্রম করে পাকিস্তানে প্রবেশ করবেন না। কারণ পাকিস্তানে কোনও ভাবে কেউ ঢুকে পড়লে পাকসেনাদের একটাই কথা, তারা নাকি সকলেই ভারতীয় গুপ্তচর। চরবৃত্তির অভিযোগে ভারতীয়দের ওপর কী ধরনের শারীরিক ও মানসিক নির্যাতন করা হয় তা ভাষায় প্রকাশ করা সম্ভব নয়। তাঁর নিজের উপরেও সাড়ে তিন বছর ধরে এ ধরনের নির্যাতন চলছে বলে কুলদীপ জানান।

৫৩ বছরের কুলদীপ বলেছেন, পাক সেনার হাতে ধরা পড়ার পর তাঁকেও ভারতীয় গুপ্তচর বলে চরম নির্যাতন শুরু হয়। এভাবেই তিনি টানা সাড়ে তিন বছর ধরে তদন্তকারী সংস্থার নির্যাতনের শিকার হয়েছেন। শেষপর্যন্ত আদালত তাঁকে ২৫ বছরের কারাদণ্ড দেয়। আদালতের নির্দেশে লাহোরের কোর্ট লাখপত জেলে বন্দি ছিলেন তিনি। জেল থেকেই তিনি পরিবারকে চিঠি লিখে পুরো বিষয়টি জানিয়েছিলেন। ওই চিঠি পাওয়ার পরই কুলদীপের পরিবার জানতে পেরেছিলেন যে তিনি পাকিস্তানে আছেন। আপাতত জীবিতও আছেন। তবে তিনি যে আর কোনওদিন বাড়ি ফিরতে পারবেন এতটা তাঁর পরিবার আশা করেনি। জীবনের মূল অধ্যায়টা কেটে গিয়েছে পাকিস্তানের জেলে।

তবে কুলদীপ এদিন জোরের সঙ্গে বলেছেন, দেশের জন্য কখনোই কোনও ত্যাগ স্বীকার করতে তিনি পিছপা হবেন না। পাকসেনারা কোনওভাবেই ভারতীয়দের সহ্য করতে পারে না। ভারতীয়দের উন্নয়ন-অগ্রগতিকে তারা রীতিমতো হিংসা করে। সেই হিংসা থেকেই তারা ভারতীয়দের উপর নির্যাতন চালায়।

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একাত্তরের ভুল সংশোধনের ‘শিক্ষা’ নিক পাকিস্তান: Dawn https://ekolkata24.com/uncategorized/pakistan-national-daiy-the-dawn-editorial-on-50-years-of-1971-war Thu, 16 Dec 2021 15:13:47 +0000 https://ekolkata24.com/?p=15147 News Desk: সরকারের সমালোচনা করা এবং খোলাখুলি মত প্রকাশ করার ক্ষেত্রে পাকিস্তানের জাতীয় দৈনিক সংবাদপত্র হিসেবে স্বীকৃত ‘The Dawn’; দেশ দু টুকরো হওয়ার ৫০ বছরে এসে এই সংবাদপত্র তাদের সম্পাদকীয়তে পাকিস্তান সরকারের ভুল করা থেকে শিক্ষা নিতে মতামত জানিয়েছে।

১৯৭১ সালের ১৬ ডিসেম্বর পাকিস্তান হয়েছিল দ্বিখন্ডিত। পূর্ব পাকিস্তান মুছে গিয়ে রক্তাক্ত লড়াইয়ের পর তৈরি হয় বাংলাদেশ। নতুন দেশটি গঠনের সুবর্ণ জয়ন্তী ও দেশ দ্বিখণ্ডিত হওয়ার ৫০ বছরের দিনে ডন সংবাদপত্রের সম্পাদকীয় শিরোনাম ‘East Pakistan Lessons’ (পূর্ব পাকিস্তানের শিক্ষা)।

Dawn সম্পাদকীয়তে বলা হয়েছে, ১৯৭০ সালের নির্বাচনের পর সংখ্যাগরিষ্ঠদের সরকার গঠনের অধিকার না দেওয়া ছিল বড় ভুলগুলোর মধ্যে ছিল একটি। এর বদলে পরবর্তীতে ১৯৭১ সালের মার্চে সামরিক অভিযান চালানো হয়। এতে সেনা বাহিনী এবং বাঙালি মিলিশিয়ারা নিরপরাধ মানুষকে হত্যা করেছিল। নিহতদের মধ্যে বাংলাভাষীদের পাশাপাশি পূর্বাঞ্চলে বসবাসকারী অবাঙালিরাও ছিল। 

তৎকালীন পূর্ব পাকিস্তানের গণ আন্দোলন প্রসঙ্গ টেনে Dawn সম্পাদকীয়তে লেখা হয়েছে, দেশের জনগণের একটি অংশ তাদের অধিকারের জন্য আন্দোলন করা মানে এই নয় যে, তারা রাষ্ট্রের বিরুদ্ধে কাজ করছে।

সম্পাদকীয়তে লেখা হয়েছে,  পূর্ব পাকিস্তানের জনগণ সংবিধানে উল্লিখিত মৌলিক প্রতিশ্রুতিগুলির সুরক্ষা চেযেছিলেন। তাদের বিশ্বাসঘাতক বলা যাবে না যেমনটি পূর্ব পাকিস্তানিদের বলা হতো। পাকিস্তানের স্বার্থেই বাংলাদেশের সাথে আরও ভালো সম্পর্ক গড়তে হবে।

সম্পাদকীয়তে পাকিস্তান সরকারকে উদ্দেশ্য করে লেখা হয়েছে, নাগরিক ও রাষ্ট্রের মধ্যে সামাজিক চুক্তিগুলো পূরণ করাও অবশ্যই অগ্রাধিকারের তালিকায় থাকতে হবে। 

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Bangladesh50: পাকিস্তান ‘দ্বিখণ্ডিত’, পাঁচ দশক পর কালচক্র ফেরাল ঐতিহাসিক বৃহস্পতিবার https://ekolkata24.com/uncategorized/new-country-bangladesh-was-formed-on-the-historic-thursday-after-the-break-up-of-pakistan Thu, 16 Dec 2021 07:56:37 +0000 https://ekolkata24.com/?p=15084 প্রসেনজিৎ চৌধুরী: তারিখ-বার আবর্তিত হয় দিনপঞ্জির নিয়ম মেনে। সেই কালচক্র পঞ্চাশ বছর পর ফিরিয়ে দিল ঐতিহাসিক ‘বৃহস্পতিবার’। পাকিস্তান দ্বিখণ্ডিত হওয়ারও ৫০ বছর আজ অর্থাৎ ১৬ ডিসেম্বর, ২০২১ সাল।
১৯৭১ সালের ১৬ ডিসেম্বর দিনও বৃহস্পতিবার! সেই দিন অখণ্ডতা খুইয়ে দ্বিখণ্ডিত পাকিস্তানের মানচিত্র তৈরি হয়েছিল। রক্তাক্ত মুক্তিযুদ্ধের পর বিশ্ব থেকে সরকারিভাবে মুছে গেছিল পূর্ব পাকিস্তান নাম। নতুন ভূখন্ড বাংলাদেশ (Bangladesh)।

১৯৪৭ সালে ভারত হয় দ্বিখণ্ডিত। তৈরি হয় পাকিস্তান। নবগঠিত পাকিস্তানের দুই অংশ। একদিকে পশ্চিম পাকিস্তান অন্যদিকে পূর্ব পাকিস্তান। মাঝে বিশাল ভারত। একদিকে পূর্ব পাকিস্তানের প্রাদেশিক রাজধানী ঢাকা অন্যদিকে দেশটির রাজধানী করাচি (পরে ইসলামাবাদ)।

দেশভাগের যে যন্ত্রণা নিয়ে অখণ্ড ভারতবাসী ভয়াবহ পরিস্থিতির মাঝে নিজ নিজ ভূখণ্ড ভারত ও পাকিস্তান বেছে নিয়েছিলেন, তাঁদের সামনে আরও একটি ভাঙন অপেক্ষা করেছিল। পাকিস্তান জন্ম নেওয়ার ২৪ বছরের মধ্যে দু টুকরো হয়ে যাওয়া আন্তর্জাতিক ইতিহাসের এক অতি গুরুত্বপূর্ণ অধ্যায়।

বহু দেশ দ্বিখণ্ডিত হয়েছে। আবার সংযুক্ত হয়েছে। এই ভাঙা-গড়ার খেলায় পাকিস্তানের দু টুকরো হয়ে যাওয়ায় সর্বাধিক প্রভাব পড়ে ভারতে। যে দেশ ১৯৪৭ সালে রক্তাক্ত পরিস্থিতির মাঝে টুকরো হয়েছে আগেই।

পাকিস্তান জন্ম নেওয়ার পর থেকে দেশটির পূর্বাংশ বা পূর্ব পাকিস্তানের জনগণের নিজ ভাষা বাংলার উপর খবরদারি করার কাজটি করতে গিয়ে বিপদ ডেকে এসেছিলেন স্বয়ং পাক জনক মহম্মদ আলি জিন্না। বাংলাভাষী অধ্যুষিত পূর্ব পাকিস্তানে এসে তাঁর ঐতিহাসিক উক্তি বাংলা নয় উর্দুই হবে পাকিস্তানের একমাত্র জাতীয় ভাষা এই মন্তব্যই দেশটি টুকরো হবার প্রথম শুরুয়াত।

তারপর কবি জীবনানন্দের রূপসী বাংলায় ‘রক্তনদী কল্লোল্লিত’ হয়েছে বহুবার।মেঘনা, পদ্মা, ধানসিড়ি, কপোতাক্ষের স্রোত বেয়ে কালচক্রের টানে হাজির ১৯৫২, ঐতিহাসিক ভাষা অধিকার রক্ষার বিজয় বছর। রক্তাক্ত আন্দোলনে বাংলাকে সরকারি ভাষার স্বীকৃতি পাক সরকারের। পরবর্তী সময়ে পাক সামরিক আইনের দমননীতির প্রতিবাদে ১৯৬৯ সালের গণঅভ্যুত্থানের রক্তাক্ত সময় পেরিয়ে হাজির ১৯৭১ সাল।

বজ্রকণ্ঠে হুঙ্কার এলো পূর্ব পাকিস্তানের মাটি থেকে এবারের সংগ্রাম মুক্তির সংগ্রাম। এবারের সংগ্রাম স্বাধীনতার সংগ্রাম। মুজিব ভাষণের উন্মাদনায় ভেঙে পড়েছিল পাক শাসনের সামরিক দম্ভ দেয়াল। জলে-জমিতে লাউমাচা ধানক্ষেতের আড়ালে সেই মুক্তির সংগ্রামের নয় মাসের পর্ব পরিয়ে ১৯৭১ সালের ১৬ ডিসেম্বর পাকিস্তান দ্বিখণ্ডিক হয়ে গেল।

এই ইতিহাসের সমান অংশীদার ভারত। বাংলা ভাষার দেশের জন্ম ইতিহাসের প্রতিটি পাতায় লেখা আছে ভারতের নাম।

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ক্যারিবিয়ান ক্রিকেট টিমকে “খুশামদী” জানিয়ে পাক ক্রিকেট ভক্তদের ক্ষোভের নিশানায় PCB https://ekolkata24.com/sports-news/pakistan-cricket-fans-angry-over-caribbean-cricket-teams-flattery Wed, 15 Dec 2021 08:36:36 +0000 https://ekolkata24.com/?p=14946 Sports desk: প্রাক্তন অধিনায়ক ওয়াসিম আক্রম (Wasim Akram) মঙ্গলবার ওয়েস্ট ইন্ডিজের বিরুদ্ধে পাকিস্তানের (PCB) প্রথম টি-টোয়েন্টি ম্যাচের সময় “করাচিতে দর্শকশূন্য স্টেডিয়াম” দেখে দুঃখ প্রকাশ করেছেন।

চলতি বছরের শুরুতে নিউজিল্যান্ড এবং ইংল্যান্ড তাদের সফর বাতিল করার পর, পাকিস্তান ডিসেম্বর মাসে ওয়েস্ট ইন্ডিজের বিপক্ষে সাদা বলের সিরিজ আয়োজন করে। কিন্তু আশ্চর্যজনকভাবে, উভয় দলের মধ্যে প্রথম টি-টোয়েন্টি ম্যাচে দর্শকদের আসন খালি ছিল।

গোটা ঘটনার জেরে স্তম্ভিত পাকিস্তানের প্রাক্তন বাহাতি পেসার আক্রম টুইটে নিজের প্রতিক্রিয়ায় পোস্ট, “#PAKvWIt20-এর জন্য করাচিতে একটি খালি স্টেডিয়াম দেখে অবিশ্বাস্যভাবে দুঃখিত, বিশেষ করে গত মাসে পাকিস্তানের পারফরম্যান্সের পরে। আমি নিশ্চিত কেন আমি জানি কিন্তু আমি আপনার কাছ থেকে শুনতে চাই! আমাকে বলুন, ভিড় কোথায় এবং কেন”?

https://twitter.com/wasimakramlive/status/1470669890394730496?s=20

পাক সংবাদমাধ্যমের দাবি,প্রতিযোগিতার টিকিট বিক্রি সন্তোষজনক ছিল না। তবে সিরিজ এগিয়ে চলার সাথে সাথে দর্শকদের ব্যাপক সমাগম হবে বলে আশা করা হচ্ছে।

এই প্রসঙ্গে ওয়াসিম আক্রমের টুইট পোস্ট, “এটি খুবই উদ্বেগজনক। এটি একটি বাড়ির পিছনের দিকের খেলা নয় এটি একটি আন্তর্জাতিক সিরিজ,” আক্রমের এই টুইটের রিপ্লাইং পোস্টে হিসবান মেমন একটি সংক্ষিপ্ত ভিডিও পোস্টের ক্যাপসনে লিখেছেন, “করাচীবাসীদের (স্থানীয় জনতা) অভিশাপ না দেওয়া যাক, নবাবশাহ থেকে লোকেরা দেখতে এসেছে কিন্তু তারা ইতিমধ্যে ৩ ঘন্টা অপেক্ষা করেছে। এই বিষয়েও পিসিবির ব্যবস্থা নেওয়া উচিত!”

শুধু তাইই নয়, খেলা দেখতে এসে টিকিট না পাওয়ার কারণে অনেক দূর থেকে আসা আরও অনেক ক্রিকেট ভক্তরা হেনস্থার শিকার হয়েছে,তবে এমন উত্তপ্ত আবহেও পাক ক্রিকেট ভক্তকুল ওয়েস্ট ইন্ডিজ ক্রিকেট টিমকে “খুশামদী” অর্থাৎ স্বাগত জানিয়ে, আকারে ইঙ্গিতে পাক ক্রিকেট ভক্তরা পাকিস্তান ক্রিকেট বোর্ডের ম্যাচ আয়োজনের অব্যবস্থার বিরুদ্ধে অভিযোগের আঙুল তুলেছে।

সোমবার প্রথম টি-টোয়েন্টিতে ওয়েস্ট ইন্ডিজকে ৬৩ রানে হারিয়েছে পাকিস্তান। দ্বিতীয় টি-টোয়েন্টিতে ৯ উইকেটের জয়ের সাথে, পাকিস্তান তিন ম্যাচের টি-টোয়েন্টি সিরিজে তাদের লিড ২-০ তে বাড়িয়েছে।দুটি ম্যাচ করাচিতে হয়েছে। বৃহস্পতিবার দুই দলের মধ্যে তৃতীয় টি-টোয়েন্টি ম্যাচ অনুষ্ঠিত হবে, করাচি ন্যাশনাল স্টেডিয়ামে।

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Bangladesh 50: বায়ুসেনার বোমা বৃষ্টিতে পাক গভর্নর কাঁপছিলেন, যেমন ছিল ঐতিহাসিক পদত্যাগ মুহূর্ত https://ekolkata24.com/uncategorized/bangladesh-50-story-of-50-years-ago-end-of-the-last-government-of-east-pakistan Tue, 14 Dec 2021 09:55:37 +0000 https://ekolkata24.com/?p=14806 প্রসেনজিৎ চৌধুরী: “That was the end of the last government of East Pakistan.” (পূর্ব পাকিস্তান সরকার শেষ হয়ে গেল)। ভারতীয় বিমান হামলা ও প্রবল বোমা হামলার মাঝে কোনওরকমে নিজেকে বাঁচিয়ে ব্রিটিশ সাংবাদিক গাভিন ডেভিড ইয়ংয়ের পাঠানো সংবাদটির বিখ্যাত সেই বাক্যটি দিয়ে ৫০  (Bangladesh 50) বছর আগের ঐতিহাসিক এক মুহূর্তের কথা শুরু করলাম।

আক্ষরিক অর্থেই ১৯৭১ সালের ১৪ ডিসেম্বর শেষ হয়েছিল পূর্ব পাকিস্তানের মাটিতে পাকিস্তানি শাসন। ঢাকার গভর্নর জেনারেল ড. আবদুল মোতালেব মালিক (ড. মালিক) কাঁপা কাঁপা হাতে পদত্যাগ পত্রে দস্তখত করেছিলেন। পূর্ব পাকিস্তান সরকার পতনের ঐতিহাসিক মুহূর্তটির সাক্ষী লন্ডনের ‘The Daily Observer’ সংবাদপত্রের ঢাকা প্রতিনিধি ডেভিড ইয়ং (Gavin David Young)।

East Pakistan

বোমা হামলায় গভর্নর হাউসের ছাদ ভাঙার পর

মুক্তিযুদ্ধ পরিস্থিতির সংবাদ সংগ্রহ করতে ১৪ ডিসেম্বর পাক সেনা পরিবেষ্টিত গভর্নর হাউসে (এখনকার বঙ্গভবন) ঢুকেছিলেন ডেভিড ইয়ং। ভিতরে চলছিল পূর্ব পাকিস্তানের গভর্নর ড. মালিকের গুরুত্বপূর্ণ বৈঠক। পদত্যাগ নাকি যুদ্ধ চলবে এই সিদ্ধান্ত নেওয়ার ক্ষেত্রে গভর্নর দ্বিধান্তিত ছিলেন। সেই বৈঠক চলার মাঝেই ঢাকার আকাশ জুড়ে ভারতীয় যুদ্ধ বিমানের চক্কর কাটা শুরু হয়। অলি গলি, বিভিন্ন বাড়ির ছাদে জীবন হাতে রেখে উঠে এসে ঢাকাবাসী চিৎকার শুরু করলেন জয় বাংলা আ আ আ…।

Indian airforce

ঢাকার আকাশে ভারতীয় বিমান বাহিনীর প্যারাট্রুপার অপারেশন শুরু

গভর্নর হাউসে রাষ্ট্রসংঘ প্রতিনিধি ও রয়টার্স সংবাদ সংস্থার সঙ্গে হাজির ব্রিটিশ সাংবাদিক ডেভিড ইয়ং সংবাদে লিখেছেন, বৈঠকের মাঝে শুরু হয়ে গেল ভারতীয় বিমান বাহিনীর বোমা বর্ষণ। বৃষ্টির মতো বোমা পড়তে শুরু করেছে। পরপর বোমা হামলায় গভর্নর হাউসের বিখ্যাত দরবার হলের ছাদ হড়মুড়িয়ে ভেঙে পড়ল।

জীবন বাঁচাতে পাক গভর্নর ড মালিক দৌড়ে বাগানে ট্রেঞ্ঝের ভিতর ঝাঁপ দিলেন। এমনই সংবাদ ছিল রয়টার্সের।
ব্রিটিশ সাংবাদিক ডেভিড ইয়ং লিখেছেন, পূর্ব পাকিস্তানের সরকার থাকবে না পদত্যাগ করবে এই সমস্যার সমাধান করে দিয়েছিল ভারতীয় বিমান হামলা। সেই ভয়াবহ পরিস্থিতির মাঝে অফিসের একটা বাতিল সাদা কাগজে বল পয়েন্ট পেন দিয়ে প্রেসিডেন্ট ইয়াহিয়া খানের কাছে পদত্যাগ পত্র লিখলেন গভর্নর ড. মালিক।
পদত্যাগ পত্র লেখার আগে গভর্নর ড.মালিক ধর্মীয় কিছু নিয়ম পালন করেন। বোমা হামলার মাঝেই তিনি এসব করেছিলেন। সংবাদে এমনই লিখেছেন ব্রিটিশ সাংবাদিক ইয়ং।

Bangabhaban

বর্তমান বঙ্গভবন

পঞ্চাশ বছর আগের ১৪ ডিসেম্বর পূর্ব পাকিস্তানের প্রাদেশিক সরকারের পতন হয়ে গেছিল। গভর্নর পদ থেকে পদত্যাগ করেই ড. আবদুল মোতালেব মালিক রাষ্ট্রসংঘ প্রতিনিধির সাহায্যে আশ্রয় নিলেন আন্তর্জাতিক রেডক্রস অধীনস্ত যুদ্ধনিরপেক্ষ স্থান ঢাকার বিখ্যাত হোটেল ইন্টারকন্টিনেন্টালে। শেষ হয়ে গেল পূর্ব পাকিস্তানের শাসন।

ঢাকার সেই গভর্নর হাউস বর্তমান বাংলাদেশ সরকারের রাষ্ট্রপতি বাসভবন। বঙ্গভবন হিসেবে সুপরিচিত। এই ঐতিহাসিক ভবন ঘিরে বারবার সেনা বাহিনীর বন্দুক বিতর্কিত মুহূর্ত তৈরি করেছে। বিশেষত ১৯৭৫ সালে বাংলাদেশের জাতির পিতা শেখ মুজিবুর রহমানকে সপরিবারে খুনের পর বঙ্গভবন ঘিরে সেনাবাহিনীর দু পক্ষের মুখোমুখি অবস্থান-ক্ষমতা দখলের রোমহর্ষক মুহূর্ত।

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The Kalash: পুরুষদের সমানাধিকার ভোগ করেন পাকিস্তানে আলেকজান্ডারের বংশধর মহিলারা https://ekolkata24.com/offbeat-news/the-kalash-a-tribe-of-alexander-the-greats-descendants-in-pakistan Fri, 10 Dec 2021 18:59:13 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=5966 বিশেষ প্রতিবেদন: পাকিস্তানের উত্তর-পশ্চিমে খাইবার-পাখতুনখোয়া প্রদেশে রয়েছে হিন্দুকুশ পর্বতশ্রেণি। যাকে গ্রীকরা বলতেন ককেশাস ইণ্ডিকাস। এখানেই বাস করে এক স্বাধীনচেতা প্রাচীন জনগোষ্ঠী (Kalash)। তাদের চুলের রং সোনালি, চোখের মনি নীল। ফেটে পড়ছে সৌন্দর্য। মহিলারা যেন গ্রীক দেবী, পুরুষদের রূপ গ্রীক দেবতাতুল্য।

পাকিস্তানের মতো ধর্ম ও তার নিয়মে কট্টরপন্থী মনোভাব নিয়ে চলা দেশের বাসিন্দা হয়েও তাঁদের জীবনযাপন সম্পূর্ণ ভিন্ন ধারার। নারী পুরুষ উভয়েই তাঁরা স্বাধীনচেতা। পাকিস্তানের আর কোনও গোষ্ঠীর মানুষদের সঙ্গে তাদের চেহারা, ধর্ম, সংস্কৃতি, সমাজব্যবস্থা ও খাদ্যাভাসের বিন্দুমাত্র মিল নেই। এই স্বাধীনচেতা গোষ্ঠি হল কালাশ। এরা নিজেদেরকে ২০০০ বছর আগে ভারতে আসা কিং আলেকজান্ডারের সৈন্যবাহিনীর বংশধর বলে থাকেন।

প্রাচীন জনগোষ্ঠী কালাশ, হিন্দুকুশের ভয়ঙ্কর পাহাড়ি ঢালে অতি সাধারণ বাড়িতে বসবাস করে। আসা যাক তাঁদের স্বাধীনচেতা মনোভাবের কথায়। পুরুষতন্ত্রের কোনও বালাই নেই কালাশদের গ্রামগুলোতে। কালাশ গ্রামে নারী-পুরুষের সমান অধিকার। তাঁরা নিজেরাই নিজেদের স্বামী বেছে নেন।

The Kalash: A Tribe of Alexander the Great’s

তাঁদের স্বামী পরিবর্তন করার ক্ষমতাও রয়েছে। তবে যিনি ওই মহিলাকে বিয়ে করবেন তাঁকে ওই মহিলার আগের স্বামী ওই মহিলাকে যা দিয়েছেন, তার দ্বিগুণ দ্বিতীয় স্বামীকে দিতে হবে। উদাহরণ হিসাবে বলা যেতে পারে, আগের স্বামী একটি গরু দিলে, দ্বিতীয় স্বামীকে দুটি গরু দিতে হবে।

স্ত্রী ছিনতাইকেও কালাশরা অপরাধ ভাবেন না। এক গ্রামের কালাশ বধূকে ছিনতাই করে নিয়ে যায় অন্য গ্রামের কালাশ পুরুষ, শুধু থাকতে হবে উভয়ের সম্মতি। একে ঘোনা দস্তুর বলা হয়। ছিনতাই-এর ঘটনার জেরে গ্রামে গ্রামে লড়াই লেগে যায়। তখন দুই গ্রামের মাথারা মীমাংসা করে দেন।

যৌবনে পা দেওয়া ছেলেদের গ্রীষ্মকালে ভেড়া নিয়ে উচুঁ পাহাড়ে পাঠিয়ে দেওয়া হয়। বেঁচে ফিরলে বাদুলাক উৎসব হয়। এই উৎসবে সে এক দিনের জন্য গ্রামের যে কোনও বিবাহিত, অবিবাহিত ও কুমারি নারীর সঙ্গে থাকবে এবং বাধ্যতামূলক ভাবে সঙ্গম করবে। এর জন্য কেউ গর্ভবতী হলে সেটাকে আশীর্বাদ বলে মনে করেন গ্রামের সবাই। নারীরা ঋতুমতী হলে বা সন্তান জন্মের সময় তাদের গ্রামের প্রান্তে বাশালেনি নামে একটা ঘরে থাকতে হয়।

The Kalash: A Tribe of Alexander the Great’s

ওঁদের জীবন সত্যিই রঙিন। সব কিছুতেই রয়েছে রঙের ছোঁয়া। নিজেদের পোশাক তারা নিজেরাই তৈরি করেন। কালাশ পুরুষরা পরেন উলের শার্ট, প্যান্ট, টুপি। নারীরা এমব্রোয়েডারি করা লম্বা কালো গাউনের মতো পোশাক। কালাশ নারীরা অনেক সময় মুখে ট্যাটুও করেন। বাচ্চারা চুলে বিভিন্ন রঙেন পাথরের পুঁতি পরে। জীবনযাত্রার সব উপকরণ তারা নিজেরাই তৈরি করে নেয়।

জীবিকা নির্বাহের জন্য কালাশরা পাহাড়ের ঢালে চাষ করেন। নাচ, গান, আমোদ-প্রমোদে ভরপুর জীবন তাদের। এখানকার অনুষ্ঠানগুলোর একটা বিশেষত্ব রয়েছে। পুরুষরা অনেক সময়েই নারীদের পোশাক পরে নাচেন, আর নারীরা পরেন পুরুষদের পোশাক।

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p style=”text-align: justify;”>কালাশদের মূল ধর্মীয় উৎসব তিনটি। মে মাসে হয় চিলাম জোশি, শরৎকালে উচাউ, মধ্য শীতে হয় সেরা উৎসব কাউমুস। পাকিস্তান ইসলামে দীক্ষিত হলেও, এই কালাশ মানুষরা তাদের পৌত্তলিকতার সংস্কৃতি মেনে এখনও মন্দিরে প্রাচীন দেবতার পূজা করে। তাদের জীবনযাত্রার বিভিন্ন চিহ্ন, সমাজব্যবস্থার ধরন, সংস্কৃতিগত প্রমাণ এবং ডিএনএ রিপোর্টও প্রমাণ দেয় তাঁরা আলেকজান্ডারের সৈন্যদেরই বংশধর।

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