Petrol Prices – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com Stay updated with Ekolkata24 for the latest Hindi news, headlines, and Khabar from Kolkata, West Bengal, India, and the world. Trusted source for comprehensive updates Sun, 22 Jun 2025 06:09:26 +0000 en-US hourly 1 https://ekolkata24.com/wp-content/uploads/2024/03/cropped-ekolkata24-32x32.png Petrol Prices – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com 32 32 Petrol Price: पेट्रोल-डीजल की कीमतें स्थिर, चेन्नई में मामूली गिरावट! https://ekolkata24.com/business/petrol-prices-stable-in-india-chennai-sees-minor-dip Sun, 22 Jun 2025 06:08:40 +0000 https://ekolkata24.com/?p=51974 वर्तमान में देश के अधिकांश शहरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें (Petrol Price) स्थिर बनी हुई हैं। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और अन्य शहरों में तेल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं आया है, लेकिन चेन्नई में मामूली गिरावट देखी जा रही है। चेन्नई में लगातार दूसरे दिन पेट्रोल की कीमतें कुछ कम हुई हैं, जो देश के अन्य मेट्रो शहरों से थोड़ा अलग परिस्थिति है।

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2024 के मार्च में आखिरी बार पेट्रोल की कीमत में बड़ा बदलाव हुआ था, जब सरकार ने प्रति लीटर 2 रुपये की कमी की थी। उसके बाद से, देशभर में ईंधन की कीमतें लगभग स्थिर बनी हुई हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि तेल की कीमतें क्यों नहीं बदल रही हैं और यह स्थिरता कैसे बरकरार रखी जा रही है।

ईंधन की कीमतों में स्थिरता का कारण

2022 के मई महीने में केंद्र सरकार और राज्य सरकारों ने ईंधन कर में कमी की थी, जिसके बाद से पेट्रोल और डीजल की कीमतें लगभग अपरिवर्तित रही हैं। इसके बाद से, पेट्रोल-डीजल की कीमतें हर दिन सुबह 6 बजे तय की जा रही हैं, जिसे सार्वजनिक तेल विपणन कंपनियां जैसे भारतीय आयल कॉर्पोरेशन घोषित करती हैं।

देश में ईंधन की कीमतों की स्थिरता का एक बड़ा कारण है अंतर्राष्ट्रीय बाजार की स्थिति और रुपया-डॉलर विनिमय दर। जब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव होता है, तो इसका सीधा असर देश के बाजारों पर पड़ता है। हालांकि, जब तेल की कीमत स्थिर रहती है, तो यह आम जनता के लिए एक राहत की बात होती है।

हालांकि, इस स्थिरता को बनाए रखना एक बड़ी चुनौती हो सकता है, क्योंकि अगर अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अस्थिरता या रुपया-डॉलर विनिमय दर में बदलाव होता है, तो तेल की कीमतें आसानी से बढ़ सकती हैं। हालांकि सरकार ने कई कदम उठाए हैं, जैसे करों में कमी और विभिन्न राज्यों में ईंधन कीमतों को स्थिर रखने की कोशिश, लेकिन फिर भी देश के घरेलू बाजार में उसका असर हमेशा समान नहीं रहता।

भविष्य की संभावना: तेल की कीमतें कितनी बदल सकती हैं?

आने वाले दिनों में अगर अंतर्राष्ट्रीय बाजार की स्थिति और रुपया-डॉलर विनिमय दर और अस्थिर होती है, तो तेल की कीमतों में बदलाव हो सकता है। हालांकि, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि का सीधा असर परिवहन क्षेत्र, कृषि क्षेत्र और आम जीवन पर पड़ेगा, इस पर कई लोगों में चर्चा हो रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर तेल की कीमत बढ़ती है, तो इसका प्रभाव परिवहन और कृषि से लेकर आम जीवन पर होगा।

देश की अर्थव्यवस्था के लिए, तेल की कीमतों को स्थिर रखना सरकार की जिम्मेदारी है। हालांकि, अंतर्राष्ट्रीय बाजार की स्थिति को देखते हुए अगर तेल की कीमत अप्रत्याशित रूप से बढ़ती है, तो सरकार उसे नियंत्रित करने के लिए कदम उठाएगी।

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Petrol Prices Today: पेट्रोल-डीजल की कीमतें स्थिर, चेन्नई में हल्की गिरावट! https://ekolkata24.com/business/petrol-prices-today-stable-rates-in-delhi-mumbai-kolkata-chennai-sees-slight-dip Sat, 21 Jun 2025 07:58:55 +0000 https://ekolkata24.com/?p=51917 पेट्रोल-डीजल के दाम (Petrol Prices) फिर से आसमान पर! जानिए आज का रेटहाल के दिनों में, देश के अधिकांश शहरों में पेट्रोल और डीजल की कीमत स्थिर बनी हुई है। राजधानी दिल्ली, मुंबई, कोलकाता सहित अन्य बड़े शहरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें अपरिवर्तित रही हैं। हालांकि, चेन्नई में लगातार दूसरे दिन पेट्रोल की कीमतों में हल्की गिरावट देखी गई है, जो अन्य महानगरों के मुकाबले कुछ असामान्य है। 2024 के मार्च महीने में पेट्रोल की कीमतों में आखिरी बार बड़े बदलाव हुए थे, जब सरकार ने प्रति लीटर 2 रुपये कम किए थे। तब से लेकर अब तक, पूरे देश में ईंधन की कीमतें स्थिर रही हैं। तो सवाल यह उठता है कि आखिर तेल की कीमतें क्यों बदल नहीं रही हैं?

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ईंधन की कीमतों में स्थिरता के कारण

2022 के मई महीने में केंद्र सरकार और विभिन्न राज्य सरकारों ने ईंधन पर करों में कमी की थी, जिसके बाद से पेट्रोल और डीजल की कीमतें लगभग स्थिर बनी हुई हैं। तेल की कीमतें हर दिन सुबह 6 बजे पुनः मूल्यांकन की जाती हैं और इसे राज्य द्वारा संचालित तेल विपणन कंपनियां जैसे कि इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन द्वारा सार्वजनिक किया जाता है।

इस स्थिरता के पीछे एक बड़ा कारण अंतर्राष्ट्रीय बाजार की स्थिति और रुपया-डॉलर विनिमय दर है। तेल के अंतर्राष्ट्रीय मूल्य में उतार-चढ़ाव होने पर इसका सीधा असर घरेलू बाजार पर पड़ सकता है। लेकिन जब तेल की कीमत स्थिर रहती है, तो यह आम लोगों के लिए राहत की बात होती है।

तेल की कीमतों की पुनः मूल्यांकन प्रक्रिया

हर दिन सुबह 6 बजे, देशभर में तेल की कीमतों का पुनः मूल्यांकन किया जाता है। यह प्रक्रिया तेल कंपनियों के माध्यम से की जाती है, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय बाजार की कीमत, रुपया-डॉलर विनिमय दर, और आंतरिक करों जैसे एक्साइज ड्यूटी और वैट का असर भी शामिल होता है।

राज्यवार अंतर

देश के विभिन्न राज्यों में तेल की कीमतों में अंतर देखा जा सकता है, क्योंकि प्रत्येक राज्य अपनी-अपनी वैट और अन्य करों को लागू करता है। उदाहरण के तौर पर, कोलकाता और दिल्ली में पेट्रोल की कीमत लगभग 105 रुपये के आसपास होती है, लेकिन मुंबई और चेन्नई में यह कीमत थोड़ी अधिक या कम हो सकती है। हालाँकि, चेन्नई में इस समय पेट्रोल की कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है, जो अन्य शहरों से कुछ अलग है।

चेन्नई में कीमतों का गिरना क्यों?

चेन्नई में पेट्रोल की कीमतों में हाल ही में लगातार गिरावट देखी जा रही है, जो काफी चर्चा का विषय बन चुका है। विशेषज्ञों का मानना है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में गिरावट होने के कारण चेन्नई में कीमतों में यह बदलाव हो सकता है। लेकिन यह पूरी तरह से चेन्नई के लिए खास है, क्योंकि अन्य शहरों में इस प्रकार की गिरावट नहीं देखी गई है।

भविष्य में क्या हो सकता है?

फिलहाल, केंद्र सरकार के पास तेल की कीमतें बढ़ाने या घटाने का कोई बड़ा फैसला लेने का कोई संकेत नहीं है। 2022 में सरकार द्वारा ज

्वालानी कर कम करने के बाद से कीमतों में स्थिरता आई है, लेकिन भविष्य में क्या होगा, यह कहना मुश्किल है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार की स्थिति, रुपया-डॉलर विनिमय दर, और सरकार की नीतियाँ इन सभी का तेल की कीमतों पर गहरा असर पड़ सकता है।

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सप्ताह की शुरुआत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कितना बदलाव? जानें ताजा अपडेट https://ekolkata24.com/business/fuel-prices-in-india-today-check-latest-petrol-and-diesel-rates-june-9-2025 Mon, 09 Jun 2025 04:42:04 +0000 https://ekolkata24.com/?p=51188 Fuel Prices in India Today: हर दिन सुबह 6 बजे, भारत की तेल विपणन कंपनियां (OMCs) जैसे इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों और रुपये-डॉलर विनिमय दर के आधार पर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में संशोधन करती हैं। यह नियमित अपडेट, जिसे डायनामिक फ्यूल प्राइसिंग कहा जाता है, जून 2017 से लागू है। इसके तहत उपभोक्ताओं को नवीनतम और विश्वसनीय ईंधन मूल्य की जानकारी मिलती है। 9 जून 2025 को, देश के प्रमुख शहरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें निम्नलिखित हैं:

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शहरवार पेट्रोल और डीजल की कीमतें (9 जून 2025, प्रति लीटर)

शहर

पेट्रोल (रुपये)

डीजल (रुपये)

नई दिल्ली

94.72

87.62

मुंबई

104.21

92.15

कोलकाता

105.36

90.76

चेन्नई

100.75

92.34

अहमदाबाद

94.49

90.17

बेंगलुरु

102.92

89.02

हैदराबाद

107.46

95.70

जयपुर

104.70

90.21

लखनऊ

94.69

87.80

पुणे

104.04

90.57

चंडीगढ़

94.30

82.45

इंदौर

106.48

91.88

पटना

105.58

93.80

सूरत

95.00

89.00

नासिक

95.50

89.50

पेट्रोल और डीजल की कीमतों को प्रभावित करने वाले कारक
भारत में पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतें कई कारकों से प्रभावित होती हैं। इनमें शामिल हैं:

  • अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतें
    पेट्रोल और डीजल का उत्पादन कच्चे तेल से होता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमतों में उतार-चढ़ाव का सीधा असर खुदरा कीमतों पर पड़ता है। उदाहरण के लिए, यदि ब्रेंट क्रूड की कीमत बढ़ती है, तो भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें भी बढ़ती हैं। हाल के सप्ताहों में, ब्रेंट क्रूड की कीमतें $75 प्रति बैरल के आसपास रही हैं, जो वैश्विक आपूर्ति और मांग के आधार पर बदलती रहती हैं।
  • रुपये-डॉलर विनिमय दर
    भारत अपनी तेल आवश्यकताओं का लगभग 85% आयात करता है। जब भारतीय रुपये की कीमत अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कमजोर होती है, तो आयात लागत बढ़ जाती है, जिसका असर ईंधन की कीमतों पर पड़ता है। हाल के महीनों में रुपये की स्थिरता ने कीमतों को कुछ हद तक नियंत्रित रखा है।
  • केंद्र और राज्य सरकार के कर
    पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमत का एक बड़ा हिस्सा केंद्रीय उत्पाद शुल्क और राज्य सरकारों द्वारा लगाए गए वैल्यू एडेड टैक्स (VAT) से आता है। अलग-अलग राज्यों में VAT की दरें अलग-अलग होने के कारण कीमतों में अंतर देखा जाता है। उदाहरण के लिए, दिल्ली में VAT 16.75% है, जबकि मुंबई में यह 24% है। इसके अलावा, केंद्र सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क में बदलाव भी कीमतों को प्रभावित करता है। हाल ही में, 8 अप्रैल 2025 को उत्पाद शुल्क में 2 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की गई थी, लेकिन OMCs ने इसका बोझ उपभोक्ताओं पर नहीं डाला।
  • परिशोधन और वितरण लागत
    कच्चे तेल को उपयोग योग्य ईंधन में बदलने की प्रक्रिया में रिफाइनरी की दक्षता, तकनीकी लागत और परिवहन खर्च शामिल होते हैं। दूरदराज के क्षेत्रों में ईंधन पहुंचाने की लागत अधिक होने के कारण वहां कीमतें भी अधिक होती हैं।
  • चाहिदा और आपूर्ति का समीकरण
    ईंधन की मांग और आपूर्ति का संतुलन भी कीमतों को प्रभावित करता है। गर्मियों में यात्रा और कृषि गतिविधियों के कारण पेट्रोल और डीजल की मांग बढ़ती है, जिससे कीमतों में वृद्धि हो सकती है। उदाहरण के लिए, मई 2025 में पेट्रोल की खपत में 8.77% की वृद्धि दर्ज की गई थी, जो गर्मी की यात्रा के कारण थी।

इस सप्ताह कीमतों में बदलाव
9 जून 2025 तक, देश भर में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में मामूली बदलाव देखा गया है। कुछ शहरों में कीमतें स्थिर रहीं, जबकि अन्य में छोटे-मोटे उतार-चढ़ाव दर्ज किए गए। उदाहरण के लिए, गाजियाबाद में 5 जून को पेट्रोल की कीमत में 96 पैसे प्रति लीटर की कमी देखी गई थी। वहीं, मुंबई में पेट्रोल की कीमतें 103.50 रुपये प्रति लीटर पर स्थिर रहीं, जो वैश्विक तेल बाजार में स्थिरता और स्थानीय कर नीतियों में बदलाव की कमी को दर्शाता है।

वैश्विक तेल बाजार में हाल के रुझानों को देखें तो, ब्रेंट क्रूड की कीमतें अप्रैल 2025 में 19% की गिरावट के बाद जून में $75 प्रति बैरल के आसपास रही हैं। इसके बावजूद, भारत में खुदरा कीमतों पर इसका तत्काल प्रभाव नहीं पड़ा, क्योंकि तेल कंपनियां पिछले नुकसान की भरपाई कर रही हैं। साथ ही, सरकार ने भी कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए कई बार उत्पाद शुल्क में कटौती की है, जैसे मई 2022 में पेट्रोल पर 8 रुपये और डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर की कमी।

क्या कीमतें जल्द कम होंगी?
हालांकि वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में कमी आई है, लेकिन भारत में तत्काल राहत की संभावना कम है। तेल कंपनियां अभी भी डीजल पर हुए नुकसान की भरपाई कर रही हैं, और उत्पाद शुल्क में हाल की वृद्धि का बोझ भी कंपनियों ने खुद वहन किया है। इसके अलावा, पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग लंबे समय से चली आ रही है, लेकिन केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने हाल ही में कहा कि इससे राज्यों की आय पर असर पड़ेगा, इसलिए यह अभी संभव नहीं है।

उपभोक्ताओं के लिए सुझाव
उपभोक्ता तेल कंपनियों के मोबाइल ऐप जैसे Fuel@IOC या SMS सेवाओं के माध्यम से दैनिक कीमतों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, दिल्ली में पेट्रोल और डीजल की कीमत जानने के लिए “RSP 102090” टाइप करके 92249 92249 पर SMS करें। इसके अलावा, कीमतों में दैनिक बदलाव को देखते हुए, उपभोक्ताओं को नियमित रूप से अपडेट चेक करने की सलाह दी जाती है।

पेट्रोल और डीजल की कीमतें भारत में कई कारकों पर निर्भर करती हैं, जिनमें वैश्विक तेल की कीमतें, विनिमय दर, कर और परिवहन लागत शामिल हैं। जून 2025 में कीमतें ज्यादातर स्थिर रही हैं, लेकिन कुछ शहरों में मामूली बदलाव देखे गए हैं। उपभोक्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे दैनिक अपडेट्स पर नजर रखें और तेल कंपनियों की आधिकारिक वेबसाइटों या ऐप्स का उपयोग करें। भविष्य में, यदि वैश्विक तेल की कीमतें और नीचे जाती हैं, तो भारत में भी कीमतों में कमी की उम्मीद की जा सकती है, लेकिन यह तेल कंपनियों और सरकारी नीतियों पर निर्भर करेगा।

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