सीएम ने कहा कि हमारे दरवाजे हमेशा सबके लिए खुले हुए हैं। मैं इंडिया गठबंधन को कोलकाता में आमंत्रित करती हूं। दरअसल मुख्यमंत्री संसद सत्र चालू रहने के दौरन दिल्ली जाना पसंद करती हैं। सूत्रों का मानना है आनेवाले मानसून सत्र में भी वे एक दो दिन के लिए दिल्ली जा सकती हैं। ममता बनर्जी को सर्वसम्मति से संसदीय समिति का अध्यक्ष मनोनीत किया गया, जिसके लिए उन्होंने सभी को धन्यवाद दिया। नामों का ऐलान करने के साथ ही पार्टी सुप्रीमो ममता ने संसद की रणनीति भी तय की। उन्होंने कहा, हम संसद में बैठने नहीं जा रहे हैं। हम सीएए, एनआरसी को रद्द करने की मांग को लेकर मुखर रहेंगे।
हम अपना बकाया भुगतान की मांग करेंगे, इसे पूरा करना ही होगा। ममता ने कहा कि हम चाहते हैं कि राज्य का जो भी बकाया है, वह पहले चुकाया जाए। इस बार हमारे पास ज्यादा ताकत है। संसद में पार्टी को दो तीन जरूरी काम करने होंगे। पहल यह कि डेरेक-डोला-नदीमुल-सागरिका किशन परिवार से मिलने हरियाणा जाएंगे। वे अपनी दैनिक मजदूरी की मांग संसद में उठाएंगे। दूसरा यह कि शेयर बाजार इतना कैसे बढ़ गया? जरूर दाल में कुछ काला है। मतदान के दिन, नतीजे के दिन जो कुछ भी हुआ, वह एक बड़ा घोटाला है। हम इसकी जांच की मांग करंगे। राजनीतिक दलों को तोड़ने के लिए भी ममता बनर्जी ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि मैं सभी सांसदों से कहूंगी कि आप अपनी पार्टी को मजबूत करें। बीजेपी ने फिर से पार्टी को तोड़ने की कोशिश शुरू कर दी है। उन्हें समझना होगा कि पार्टी को तोड़ना ठीक नहीं है। अगर आप ऐसे ही चलते रहे तो, आपकी अपनी पार्टी टूट जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि मैं अलोकतांत्रिक, गैरकानूनी तरीके से बनी इस सरकार को बधाई नहीं दे सकती, मुझे खेद है।
]]>प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी में मेगा रोड शो कर रहे हैं. प्रधानमंत्री कल मंगलवार को नामांकन दाखिल करेंगे. इससे पहले आज सोमवार शाम को मोदी वाराणसी के ओलीगली में रोड शो कर रहे हैं. प्रधानमंत्री के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं। रोड शो शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री ने समाज सुधारक मदनमोहन मालवीय की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया.
सूत्रों के मुताबिक, रोड शो खत्म होने के बाद मोदी गंगा में डुबकी लगाएंगे. वाराणसी में लोकसभा चुनाव के सातवें चरण यानी 1 जून को मतदान होगा. गेरुआ वस्त्र पहने महिलाओं का एक समूह मोदी की कार के आगे मार्च कर रहा है. इन्हें नाम दिया जा रहा है- ‘मंत्रशक्ति’. यह रोड शो काशी विश्वनाथ धाम तक होगा. यह संत रविदास गेट, शिबला, सोनारपुरा, जंगमबाड़ी और गोदौलिया से होकर गुजरेगा।
सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रात बीएलडब्ल्यू गेस्ट हाउस में रुकेंगे. काशी विश्वनाथ धाम से गेस्ट हाउस तक जाते समय मोदी का काफिला मैदागिन चौराहा, कबीरचौरा, लहुराबीर, तेलियाबाग तिराहा, चौकाघाट चौराहा, लकड़ी मंडी, कैंट ओवरब्रिज, लहरतारा चौराहा, मंडुवाडीह चौराहा और ककरमत्ता ओवरब्रिज से गुजरेगा।
बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री 11 जोन के 100 प्वाइंट से मराठी, गुजराती, बंगाली, माहेश्वरी, मारवाड़ी, तमिल, पंजाबी समेत विभिन्न समुदायों के लोगों का स्वागत करेंगे. ढोल-नगाड़े बजाकर उनका स्वागत किया जाएगा. वह बाबा विश्वनाथ के दर्शन करेंगे. यात्रा मार्ग पर वाराणसी के विख्यों में लोगों के कटआउट लगाए गए हैं।
वाराणसी में लोकसभा चुनाव के सातवें चरण यानी 1 जून को मतदान होगा. इस केंद्र से बीजेपी उम्मीदवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं. अजय राय कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. संयोग से देशभर में सात चरणों में लोकसभा चुनाव हो रहे हैं. 19 अप्रैल, 26 अप्रैल और 7 मई को तीन चरणों का मतदान पहले ही संपन्न हो चुका है। आज 13 मई को चौथे चरण का मतदान हो रहा है.
Kashi is special… The warmth and affection of the people here is unbelievable!
https://t.co/Al6lu5mOJI
— Narendra Modi (@narendramodi) May 13, 2024
पांचवें चरण का मतदान 20 मई, छठे चरण का मतदान 25 मई और सातवें चरण का मतदान 1 जून को होगा. चुनाव प्रक्रिया कुल 43 दिनों तक चलेगी. चुनाव के नतीजे 4 जून को घोषित किए जाएंगे।
]]>प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को दावा किया कि लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) में कांग्रेस ५० सीटें भी नहीं जीत पाएगी और चुनाव के बाद विपक्षी दल का दर्जा भी नहीं पा सकेगी।
कंधमाल और बोलांगीर लोकसभा सीटों पर चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए, मोदी ने दावा किया कि ओडिशा की ‘अस्मिता’ (गौरव) खतरे में है और भाजपा इसकी रक्षा करेगी, साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य में भगवा पार्टी की “डबल इंजन” सरकार बनेगी। और “मिट्टी का बेटा या बेटी जो उड़िया भाषा और संस्कृति को समझता है” को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा।
बीजद पर मौखिक हमला करते हुए उन्होंने राज्य में प्रचुर प्राकृतिक संसाधन होने के बावजूद लोगों को गरीब बनाए रखने के लिए जिम्मेदार लोगों को सत्ता से बाहर करने का आह्वान किया।
मोदी ने दावा किया, “लोकसभा में प्रमुख विपक्ष बनने के लिए कांग्रेस को 10 प्रतिशत सीटें भी नहीं मिल पाएंगी। वे ५० सीटें भी नहीं जीत पाएंगी।”
राहुल गांधी के स्पष्ट संदर्भ में उन्होंने कहा, “कांग्रेस के ‘शहजादे’ 2014 के चुनावों के बाद से वही स्क्रिप्ट पढ़ रहे हैं…मेरे शब्दों पर ध्यान दें, एनडीए सभी रिकॉर्ड तोड़ देगा और इस बार 400 से अधिक सीटें जीतेगा।” केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली पिछली भाजपा सरकार की उपलब्धियों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि 26 साल पहले आज ही के दिन पोखरण परीक्षण ने दुनिया भर में देश की छवि को बढ़ाया था।
उन्होंने ने कहा कि उनकी सरकार ने अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करके लोगों के ५०० वर्षों के इंतजार को समाप्त कर दिया।
उन्होंने जोड़ा , ”भाजपा ने ओडिशा की एक आदिवासी बेटी को भारत का राष्ट्रपति बनाया, जो सशस्त्र बलों की कमांडर-इन-चीफ है।”
उन्होंने राज्य की बीजेडी सरकार पर मौखिक हमला बोलते हुए कहा कि ओडिशा एक अमीर राज्य है लेकिन ज्यादातर लोग गरीब हैं।
]]>टीएमसी सूत्रों ने कहा कि इस बात पर काफी हद तक सहमति बनी है कि राज्य स्तर पर सीट-बंटवारे को दिसंबर के अंत तक और अंत में शीर्ष नेतृत्व स्तर पर जनवरी के दूसरे सप्ताह तक अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
2019 में पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी सीट से प्रियंका गांधी की उम्मीदवारी की चर्चा ने जोर पकड़ लिया, लेकिन यह तब शांत हो गया जब कांग्रेस ने हाई-प्रोफाइल निर्वाचन क्षेत्र से अजय राय को मैदान में उतारा। इंडिया ब्लॉक की बैठक के बाद, जब बनर्जी से वाराणसी से प्रियंका गांधी की उम्मीदवारी के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि हम लोग सब कुछ नहीं बता सकते जो बात हुई है। इंडिया ब्लॉक की बैठक के दौरान, टीएमसी सुप्रीमो ने गठबंधन के सदस्यों से 31 दिसंबर तक सीट-बंटवारे के फॉर्मूले को अंतिम रूप देने का आग्रह किया।
]]>हम हर सेक्टर में क्रांतिकारी परिवर्तन ला रहे हैं। हमने मेरीटाइम इंफ्रास्ट्रक्चर के पूरे इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए लगातार काम किया है। पोर्ट कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए हमने हजारों किलोमीटर की नई सड़कें बनाई हैं। सागरमाला परियोजना से भी हमारे तटीय क्षेत्र का इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत किया जा रहा है। ये सारे प्रयास रोजगार सृजन और इज ऑफ लिविंग को कईं गुना बढ़ा रहे हैं।
]]>নরেন্দ্র মোদী কেন গাড়ি ঘুরিয়ে চলে গিয়েছিলেন, তার সদুত্তর মেলেনি এখনও। কেন্দ্র এবং রাজ্য সরকার পৃথকভাবে শুরু করেছে তদন্ত। সুপ্রিম কোর্টের পক্ষ থেকেও তদন্তের দিকে নজর দেওয়া হয়েছে। রাষ্ট্রপতি ভবনে গিয়েছিলেন প্রধানমন্ত্রী নরেন্দ্র মোদী। ঘটনার সম্পর্কে বলতে গিয়ে বিস্ময় প্রকাশ করেছেন রামনাথ কোবিন্দ। অন্য গন্ধ পাচ্ছেন পাঞ্জাবের (Punjab) মুখ্যমন্ত্রী চরণজিৎ চন্নি।
‘পাঞ্জাব এবং পাঞ্জাবের সংস্কৃতিকে কালিমালিপ্ত করার জন্য এক গভীর ষড়যন্ত্র রচনা করা হচ্ছে। রাজ্যের পরিস্থিতি অশান্ত করার একটা প্রয়াস এর আভাস পাচ্ছি। এই সুযোগে রাষ্ট্রপতি শাসন লাগু করার কথা হয়তো ভাবছেন কেউ কেউ’, এক সর্বভারতীয় সংবাদমাধ্যমে তিনি বলেছেন।
‘পাঞ্জাব এবং পাঞ্জাবিদের খুনি হিসেবে প্রমাণ করতে চেষ্টা চালানো হচ্ছে। আমরা আমাদের দেশকে ভালোবাসি। ভারতের জন্য লড়েছি বহু যুদ্ধ। সীমান্তে প্রতিপক্ষের গুলিতে প্রাণ হারিয়েছেন বহু পাঞ্জাবি। আমি আবারও বলছি, প্রধানমন্ত্রীকে রক্ষা করার জন্য আমার বুকে যদি বুলেট এসে লাগে তো লাগুক। আর কী করতে পারি? নিজের হাতের কব্জি কেটে নেবো?’
চন্নির মতে, মান রক্ষা করতে ফিরে গিয়েছিলেন মোদী। যাত্রা পথেই জানতে পেরেছিলেন, ফ্লপ হতে চলেছে কর্মসূচী। প্রায় ৭০ হাজার আসনে সেদিন ৭০০ জন হয়তো ছিলেন মেরেকেটে। তাই মাঝপথে রদ পরিকল্পনা। আগেও দাবি করেছে কংগ্রেস। ‘সাধারণ মানুষ ওনাকে জিতিয়ে এনেছেন। আর উনি এধরণের মন্তব্য করে নিজের পিঠ বাঁচাতে চাইছেন?’, প্রশ্ন করেছেন পাঞ্জাবের মুখ্যমন্ত্রী।
]]>নতুন হাসপাতাল উদ্বোধনের পর ভাষণ দিতে গিয়ে মান্ডাভিয়া বলেন, এই হাসপাতাল ক্যান্সার চিকিৎসায় নতুন আলোর সঞ্চার করবে। পশ্চিমবঙ্গের বাইরে থেকেও ক্যান্সার রোগীরা চিকিৎসা করাতে আসতে পারবে। বিশেষ করে পূর্ব ভারত ও উত্তর-পূর্ব ভারত থেকে বহু ক্যান্সার রোগী বাংলায় এসে চিকিৎসা করিয়ে সুস্থ হয়ে ওঠার সুযোগ পাবে। আগামীদিনে বর্ধমান, কলকাতা এবং মুর্শিদাবাদে আরও তিনটি ক্যান্সার হাসপাতাল খোলা হবে। রাজ্য ও কেন্দ্রীয় সরকার একযোগে এই কাজ করবে।
স্বাস্থ্যমন্ত্রী বলেন, ক্যান্সারে আক্রান্ত শুনলেই অনেক রোগী টাকার অভাবে চিকিৎসা করাতে চান না। কিন্তু ক্যান্সার এখন আর কোনও মারণ রোগ নয়। চিত্তরঞ্জনের দ্বিতীয় ক্যাম্পাসে তুলনামূলক কম খরচে সেইসমস্ত রোগী চিকিৎসা করাতে পারবেন। নতুন এই হাসপাতালে সাড়ে চারশোর বেশী বেডের ব্যবস্থা করা হয়েছে। এর পাশাপাশি, অত্যাধুনিক যন্ত্রপাতিও রয়েছে। অন্যদিকে, হাজরা মোড়ে অবস্থিত চিত্তরঞ্জনের প্রথম ক্যাম্পাসে রয়েছে দুশোর কিছু বেশী বেড।
আজ উদ্বোধনী অনুষ্ঠানে ভার্চুয়ালি উপস্থিত ছিলেন মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়। হাসপাতাল তৈরিতে রাজ্যে ২৫ শতাংশ খরচ দিয়েছে বলে জানান তিনি।
]]>আন্দোলনকারীদের একাংশের দাবি, পথ অবরোধ শুরু করার পর পুলিশ তাঁদের সঙ্গে কথা বলেছিলেন। তবে কৃষকরা নাকি পুলিশের কথা বিশ্বাস করেননি সেদিন। তাঁদের বক্তব্য, ‘প্রধানমন্ত্রী মোদীর উচিত ছিল কাউকে পাঠিয়ে আমাদের সরে যেতে বলা। আমরা ভেবেছিলাম পুলিশ আমাদের রাস্তা থেকে সরানোর চেষ্টা করছে। যেখানে প্রধানমন্ত্রীর জন্য একটি হেলিপ্যাড তৈরি করা হয়েছে তাহলে তিনি কেন রাস্তায় আসবেন?’ মোগা-ফিরোজপুরের রাস্তায় দাঁড়িয়ে এক বিক্ষোভকারী বলেন, ‘পুলিশ আমাদের বোকা বানানোর চেষ্টা করছিল।’
প্রসঙ্গত, বুধবার ভোটের প্রচার ও বেশ কিছু প্রকল্পের উদ্বোধন করার কথা ছিল প্রধানমন্ত্রীর। সেই অনুযায়ী পাঞ্জাবের ফিরোজপুরে এক সভায় যাচ্ছিলেন মোদী। কিন্তু সেদিন এই সভায় যাওয়ার সময়ে প্রধানমন্ত্রী নরেন্দ্র মোদীকে উদ্দেশ্য করে অবরোধের অভিযোগ ওঠে। একটি উড়ালপুলে ১৫-২০ মিনিট আটকে থাকে তাঁর কনভয়। শেষমেশ তিনি ফিরে যান ভাতিন্দা এয়ারপোর্টে। সর্বভারতীয় সংবাদসংস্থার দাবি, সেখানে তিনি মুখ্যমন্ত্রীকে কটাক্ষ করে বলেন ‘বেঁচে আছি, এই অনেক। আমার আজ প্রাণহানি হতে পারত। এয়ারপোর্টে পৌঁছে গেছি, সে জন্য মুখ্যমন্ত্রীকে ধন্যবাদ।’ এদিকে খোদ প্রধানমন্ত্রীর কনভয় আটকানোর ঘটনাকে ঘিরে উত্তাল হয়ে রয়েছে দেশীয় রাজনীতি। প্রশ্ন উঠছে প্রধানমন্ত্রীর নিরাপত্তা ব্যবস্থা নিয়ে। ইতিমধ্যে এই ঘটনার আঁচ সুপ্রিম দ্বারে অবধি গিয়ে পৌঁছেছে।
ভারতীয় কিষাণ ইউনিয়নের একটি দলের কৃষকরা বলছেন যে তারা প্রাথমিকভাবে ফিরোজপুর জেলা প্রশাসকের কার্যালয়ে বিক্ষোভ করতে যাচ্ছিলেন। তবে প্রধানমন্ত্রীর সমাবেশের কারণে পুলিশ তাদের বাধা দেয়। এক বিকেইউ নেতা জানান, ‘এটা সেই ধরনের পরিবেশ নয়। পাঞ্জাব একটা শান্তিপূর্ণ জায়গা। অন্য কোনও রাজ্যের মতো নয়। প্রধানমন্ত্রী এই জায়গা পর্যন্ত ১২০-১৩০ কিলোমিটার গাড়ি চালিয়েছিলেন।’
]]>কংগ্রেসের পক্ষ থেকে প্রশ্ন তোলা হয়েছে, প্রধানমন্ত্রী যদি সত্যিই এমন কথা বলে থাকেন তাহলে তার প্রমাণ কোথায়। মোদী নিজে কিংবা প্রধানমন্ত্রীর অফিস, বিজেপির পক্ষ থেকে এ প্রসঙ্গ কিছু বলা হচ্ছে না কেন?
পাঞ্জাবের ফিরোজপুরে এক কর্মসূচীতে যাওয়ার কথা ছিল প্রধানমন্ত্রীর। আকাশ পথে যাওয়ার পরিকল্পনা ছিল প্রথমে। খারাপ আবহাওয়ার কারণে পরে বদলানো হয় পরিকল্পনা। সড়ক পথেই কনভয় নিয়ে এগিয়ে যান তিনি। যাওয়ার পথে ভাতিন্দার কাছে এক ফ্লাইওভারে প্রায় ২০ মিনিট দাঁড়িয়ে থাকে তাঁর কনভয়। শেষ পর্যন্ত গাড়ি ঘুরিয়ে নেন প্রধানমন্ত্রী। অভিযোগ, কংগ্রেস পরিচালিত পাঞ্জাব সরকার সুনিশ্চিত করেনি নরেন্দ্র মোদীর নিরাপত্তা। স্মৃতি ইরানির মতে, প্রধানমন্ত্রীর ক্ষতি করতে চেয়েছিল পাঞ্জাব সরকার। এই নিয়ে এখন চলছে রাজনৈতিক তরজা।
সর্বভারতীয় এক সংবাদসংস্থার খবর অনুযায়ী, বিমানবন্দরে ফিরে প্রধানমন্ত্রী বলেছেন, ‘আপনাদের মুখ্যমন্ত্রীকে ধন্যবাদ জানিয়ে বলবেন, ভাতিন্দা বিমানবন্দরে আমি বেঁচে ফিরেছি’।
কংগ্রেস মুখপাত্ত রণদীপ সুরজেওয়ালার প্রশ্ন, ‘পিএমও, বিজেপি কিংবা প্রধানমন্ত্রী নিজে কিছু বলছেন না কেন? প্রধানমন্ত্রীর কনভয়ে কি হামলা চালানো হয়েছিল? নক্সাল কিংবা সন্ত্রাসবাদী হামলা?’
পাঞ্জাবের মুখ্যমন্ত্রী চরণজিৎ চন্নির কথায়, ‘প্রধানমন্ত্রীকে রক্ষা করার জন্য আমি আমার জীবনকেও বাজি রাখতে প্রস্তুত। কিন্তু উনি বিপদের মধ্যে পড়েননি। নিরাপত্তায় কোনও ত্রুটি ছিল না। দেশের প্রধানমন্ত্রীকে নিরাপত্তা দেওয়ার ব্যাপারে রাজ্যের তরফে কোনও রকম গাফিলতি হয়নি। তিনি আরও বলেন, কনভয় আটকে পড়লে প্রধানমন্ত্রীকে অন্য রাস্তা দিয়ে হুসেনওয়ালা যেতে বলা হলে তিনি রাজি হননি।’
]]>কেন্দ্রীয় মন্ত্রী তথা বিজেপি নেত্রী স্মৃতি ইরানি কংগ্রেসের বিরুদ্ধে করেছেন অভিযোগ। তিনি বলেছেন, প্রধানমন্ত্রীর নিরাপত্তা নিয়ে কোনও রাজ্য উদাসীন এমন উদাহরণ ইতিহাসে বিরল। রাজ্য সরকার প্রধানমন্ত্রীর ক্ষতি করার চেষ্টা করেছে।
ঘটনাটি ঠিক কী ঘটেছিল? বুধবার পঞ্জাবের ফিরোজপুরে প্রধানমন্ত্রী নরেন্দ্র মোদীর এক জনসভায় অংশগ্রহণ করার কথা ছিল। কিন্তু অবরোধের কারণে তার কনভয় ১৫-২০ মিনিট ধরে একটি ফ্লাইওভারে আটকে পড়ে। এদিকে এই ঘটনায় ফলে প্রধানমন্ত্রীর কর্মসূচিটি বাতিল করা হয়। এদিকে এহেন ঘটনার পর প্রধানমন্ত্রীর নিরাপত্তা ব্যবস্থা নিয়ে প্রশ্ন তুলেছে বিভিন্ন মহল। এক কেন্দ্রীয় মন্ত্রী এই ঘটনাকে চরম গাফিলতির আখ্যা দিয়েছেন।
শুধু তাই নয়, বিজেপির তরফ থেকে অভিযোগ করা হয়, ‘রাস্তায় পঞ্জাব সরকার নিরাপত্তা না দেওয়ায়, এগোতে পারেনি কনভয়।’ এই বিষয়ে পঞ্জাব সরকারের কাছে রিপোর্ট চাইল স্বরাষ্ট্রমন্ত্রক। অন্যদিকে প্রধানমন্ত্রী মুখ্যমন্ত্রী চরণজিৎ সিং চান্নিকে এক হাত নিয়ে বলেন, ‘ভাতিন্দা বিমানবন্দর পর্যন্ত বেঁচে ফিরতে পেরেছি, ধন্যবাদ।’ বিশিষ্ট মহলের দাবি, নির্বাচনী আবহে এহেন ঘটনার জল অনেক দূর গড়াতে পারে।
]]>সত্যপাল (Satyapal Malik) বলেন, কিছুদিন আগে তিনি কৃষকদের সমস্যা নিয়ে প্রধানমন্ত্রীর সঙ্গে কথা বলতে গিয়েছিলেন। তিনি প্রধানমন্ত্রীকে বলেন, ইতিমধ্যেই আন্দোলন করতে গিয়ে ৫০০ জন কৃষকের মৃত্যু হয়েছে। তাই সরকারের বিষয়টি নিয়ে ভাবনাচিন্তা করা উচিত। তাঁর এই বক্তব্যে প্রধানমন্ত্রী উত্তেজিত হয়ে তাঁকে পাল্টা প্রশ্ন করেন, ‘আমার জন্যই কি কৃষকদের মৃত্যু হয়েছে?’ প্রধানমন্ত্রী এই প্রশ্নের উত্তরে সত্যপাল বলেন, ‘আপনি হলেন দেশের প্রধান। তাই এই মৃত্যুর দায় আপনার ঘাড়েই বর্তায়।’ এরপরই প্রধানমন্ত্রী প্রবল ক্ষুব্ধ হয়ে ওঠেন। এমনকী তাঁর সঙ্গে তর্কাতর্কি শুরু করেন।
‘সবশেষে তিনি আমাকে বিষয়টি নিয়ে আলোচনা করতে অমিত শাহের সঙ্গে দেখা করতে বলেন।’ সত্যপাল অভিযোগ করেন, একটি সামান্য কুকুর মারা গেলেও প্রধানমন্ত্রী তার প্রতি সমবেদনা জানান। কিন্তু এতজন কৃষক আন্দোলন করতে গিয়ে প্রাণ হারালেন, তাঁদের জন্য প্রধানমন্ত্রী একটি শব্দও খরচ করলেন না। এটা মেনে নেওয়া যায় না। এ থেকেই বোঝা যায় মোদী কতটা অহংকারী একজন ব্যক্তি।
সত্যপাল আরও বলেন, প্রধানমন্ত্রীর পরামর্শ মেনে তিনি অমিত শাহর সঙ্গেও দেখা করেন এবং কৃষকদের সমস্যার বিষয়টি তাঁকে জানান। শাহ বিষয়টি শুনলেও অবশ্য কোনও মন্তব্য করেননি। বরং এই কৃষি আইনের দায় তিনি প্রধানমন্ত্রীর ঘাড়েই ঠেলে দেন।
মেঘালয়ের রাজ্যপাল মনে করেন, কৃষকদের কথা ভেবে অনেক আগেই সরকারের ব্যবস্থা নেওয়া উচিত ছিল। কৃষকরা যাতে ফসলের ন্যূনতম সহায়ক মূল্য পায় সে বিষয়টিও নিশ্চিত করা দরকার। সত্যপাল পরিষ্কার জানিয়েছেন, কৃষকদের বিরুদ্ধে যে সমস্ত মামলা দায়ের হয়েছিল সেগুলি তুলে নেওয়া উচিত। একইসঙ্গে প্রধানমন্ত্রীকে প্রচ্ছন্ন হুমকি দিয়ে সত্যপাল বলেছেন, মোদী যদি ভাবেন কৃষকদের আন্দোলন শেষ হয়ে গিয়েছে তাহলে ভুল ভাবছেন। আপাতত কৃষকরা আন্দোলন স্থগিত রেখেছেন। কেন্দ্র যদি ফের কৃষকদের বিরুদ্ধে পদক্ষেপ করে তাহলে তাঁরা ফের আন্দোলনের রাস্তায় ফিরবেন। তিনি নিজে কৃষকদের পাশে ছিলেন আছেন এবং থাকবেন বলেও সত্যপাল জানিয়েছেন।
]]>তিনি এদিন বলেন, ‘ভারত সবরকম সাবধানতা বজায় রেখে, সতর্কতার সঙ্গে করোনার বিরুদ্ধে লড়বে ও জাতীয় স্বার্থ পূরণ করবে।’ অর্থাৎ প্রধানমন্ত্রীর বক্তব্য স্পষ্ট সংক্রমণ নিয়ন্ত্রণে লকডাউন (Lock Down) নয়, সচেতনতাকেই হাতিয়ার করতে চাইছে ভারত সরকার। কারণ, এর আগে করোনার ২টি ঢেউয়ের ক্ষেত্রেই কড়া বিধিনিষেধের ফলে দেশের অর্থনীতির ভালো ক্ষতি হয়েছে। একসময় দেশের জিডিপি বাড়ার বদলে ২৩.৯% পর্যন্ত সংকুচিত হয়েছে। এরপর আরও একটি লকডাউনের মার অর্থনীতি সইতে পারবে না।
তাছাড়া, এখনই লকডাউনের কথা ভাবছে না সরকার। কারণ, করোনার এই তৃতীয় ঢেউয়ে সংক্রমণ বাড়ছে ঠিকই কিন্তু তার ভয়াবহতা অনেক কম। তাই বিধিনিষেধ নিয়ে একটু ধীরে চলারই পক্ষে কেন্দ্র।
]]>উল্লেখ্য, প্রধানমন্ত্রী নরেন্দ্র মোদী (PM Narendra Modi) গত বৃহস্পতিবারই দেশের কোভিড-১৯ পরিস্থিতি নিয়ে একটি উচ্চপর্যায়ের বৈঠক করেছিলেন। সেই বৈঠকে কেন্দ্রীয় সরকারের উচ্চ পদস্থ আধিকারিকরা উপস্থিত ছিলেন। সেখানে তিনি দেশের করোনা পরিস্থিতি নিয়ে বিস্তারিত খোঁজ খবর নেন। সেই বৈঠকে প্রধানমন্ত্রী ওমিক্রন নিয়ে কী কী সতর্কতা পালন করা উচিত তা নিয়েও আলোচনা করেন। পাশাপাশি তিনি সমাধান নিয়েও আলোচনা করেছিলেন।
আগামী বছর উত্তর প্রদেশ, পঞ্জাব, গোয়া, উত্তরাখণ্ড ও মণিপুরে বিধানসভা নির্বাচন অনুষ্ঠিত হবে। যার মধ্যে গুরুত্বপূর্ণ হল উত্তর প্রদেশ ও পঞ্জাব। পঞ্জাবে কংগ্রেসের অবস্থা শোচনীয়। অন্যদিকে, উত্তর প্রদেশে বিজেপি ক্ষমতা ধরে রাখতে মরিয়া চেষ্টা করছে। এই অবস্থায় প্রধানমন্ত্রীও উত্তর প্রদেশের জন্য বেশ কয়েকটি উন্নয়নমূলক প্রকল্পের উদ্বোধন করেছেন। তিনি একাধিকবার উত্তর প্রদেশ সফরও করেছেন।
]]>গত ২ ডিসেম্বর ভারতে প্রথম ওমিক্রন ভ্যারিয়েন্টের অস্তিত্বের কথা জানা যায়। ধীরে ধীরে দেশের একাধিক রাজ্য ছড়িয়ে পড়ছে এই নতুন ভ্যারিয়েন্ট। দেশে এখনও পর্যন্ত ওমিক্রন আক্রান্ত রোগীর সংখ্যা ২১৩ জন। যার মধ্যে দিল্লিতে আক্রান্ত হয়েছেন ৫৭ জন এবং মহারাষ্ট্রে আক্রান্ত হয়েছেন ৫৪ জন। ৯০ জন রোগী ওমিক্রনে আক্রান্ত হলেও চিকিৎসারপর সুস্থ হয়ে উঠেছেন।
করোনার প্রথম ও দ্বিতীয় ঢেউয়ের পরিস্থিতি থেকে শিক্ষা পেয়েছে দেশ। তাই দেশজুড়ে ওমিক্রনর চোখরাঙানির আগেই যুদ্ধকালীন তৎপরতায় প্রস্তুতি নিতে শুরু করেছে দেশ।মঙ্গলবারই কেন্দ্রীয় সরকার বিভিন্ন রাজ্য ও কেন্দ্রশাসিত অঞ্চলগুলিকে চিঠি লিখে বলেছেন, ‘গবেষণায় জানা গিয়েছে, ওমিক্রন ভ্যারিয়ান্ট ডেল্টা ভ্যারিয়ান্টের তুলনায় অন্তত তিনগুণ বেশি সংক্রামক। যুদ্ধকালীন তত্পরতায় ওমিক্রন ঠেকানোর প্রস্তুতি নিতে হবে। পরিস্থিতি যাতে কোনোভাবেই হাতের নাগালের বাইরে না চলে যায় তার জন্য প্রয়োজনীয় পদক্ষেপ গ্রহণ করা হচ্ছে,নতুন ভাবে নির্দেশিকা জারি করা হয়েছে।
বুধবার এইমস দিল্লির ডিরেক্টর রণদীপ গুলেরিয়া জানিয়েছেন, ওমিক্রন অন্যান্য ভ্যারিয়ান্টের চেয়ে বেশি ছোঁয়াচে। কোভিডের নতুন ভ্যারিয়ান্ট ঠেকানোর দু’টি পদ্ধতি আছে। যত শীঘ্র সম্ভব ভ্যাকসিন নিতে হবে এবং কঠোরভাবে মেনে চলতে হবে কোভিড বিধি, তাহলেই ওমিক্রনকে ঠেকানো সম্ভব। তিনি আরও জানান,” আমাদের কাছে এখন সেকেন্ড জেনারেশনের ভ্যাকসিন রয়েছে। কিন্তু নতুন ভ্যারিয়েন্ট মানুষের প্রতিরোধ ক্ষমতা অনেকটাই কমিয়ে দেয়। চলতি ভ্যাকসিনের সামান্য পরিবর্তন করে ওই ভ্যারিয়েন্টের মোকাবিলা করা যায়। ভ্যাকসিনের বেশকিছু পরিবর্তন করা সম্ভব যা নিয়ে পরীক্ষা চলছে এবং চেষ্টা করা হচ্ছে যাতে বাইভ্যালেন্ট ভ্যাকসিন অর্থাৎ যে ভ্যাকসিন একইসঙ্গে ডেল্টা ও বিটা ভ্যারিয়েন্ট প্রতিরোধে সক্ষম, এইরকম ভ্যাকসিন তৈরি করা যায়।”
]]>আজও বারাণসীতে (Varanasi) তাঁর একাধিক কর্মসূচি রয়েছে। সকালে বিশ্বনাথ মন্দিরে (Kashi Viswanath Temple) যাবেন তিনি। তারপর বিজেপি (BJP) শাসিত রাজ্যগুলির মুখ্যমন্ত্রীদের সঙ্গে তাঁর বৈঠক রয়েছে। ওই বৈঠকে ১২টি বিজেপি শাসিত রাজ্যের মুখ্যমন্ত্রীরা তাঁদের কাজের খতিয়ান পেশ করবেন। তা পর্যালোচনা করে দেখবেন প্রধানমন্ত্রী (PM Narendra Modi)।

সোমবার গভীর রাতে বারাণসী রেল স্টেশন (Baranasi Rail Station) ঘুরে দেখেন প্রধানমন্ত্রী। স্টেশনের বিভিন্ন আধুনিক ব্যবস্থা সম্পর্কে খোঁজ নেন। তাঁর সঙ্গে ছিলেন উত্তরপ্রদেশের মুখ্যমন্ত্রী যোগী আদিত্যনাথ (Yogi Adityanath)। প্রধানমন্ত্রী জানান, রেল যোগাযোগের পাশাপাশি আধুনিক, পরিষ্কার পরিচ্ছন্ন স্টেশন গড়ে তোলাই তাঁর সরকারের লক্ষ্য। একটি যোগ সংস্থার অনুষ্ঠানেও যোগ দেবেন তিনি। বিকেলে তাঁর দিল্লি ফেরার কথা।
প্রসঙ্গত, গতকাল ক্রুজে এসে প্রথমে গঙ্গাস্নান, পরে বিশ্বনাথ মন্দিরে পুজো দেন প্রধানমন্ত্রী। শিব দীপাবলিতে গঙ্গাবক্ষ থেকে সন্ধ্যারতিও দেখেন। এদিন বারাণসীতে নতুন রূপে আত্মপ্রকাশ করা কাশী বিশ্বনাথ মন্দির করিডরের উদ্বোধন করলেন প্রধানমন্ত্রী নরেন্দ্র মোদী। পোশাক বদলে গেরুয়া পরে তাঁকে গঙ্গায় নামতে দেখা যায়। তারপর গঙ্গার জল নিয়ে সোজা চলে যান কাশী বিশ্বনাথ মন্দিরে। শেষে ষোড়শ উপচারে পুজোয় অংশ নেন, সঙ্গে করেন আরতি।
প্রধানমন্ত্রী এদিন বলেন, ‘এখানে সবাই আসতে চাইতেন, কিন্তু রাস্তা সংকীর্ণ ছিল। এখন সোজা গঙ্গার ঘাট থেকে মন্দিরে আসা অনেক সহজ হবে। ৩ হাজার বর্গফুটের করিডর এখন ৫ লক্ষ বর্গফুটের করা হয়েছে। এখন মন্দির পরিসরে প্রায় ৭০ হাজার পুণ্যার্থী আসতে পারবেন। কাশীর সঙ্গে জুড়ে পণ্ডিত রবিশঙ্কর থেকে বিসমিল্লা খান। বাংলার রানি ভবানী কাশীর মন্দিরে সর্বস্ব দান করেছিলেন। দক্ষিণ ভারতেও কাশীর প্রভাব অবিস্মরণীয়। কাশীর বার্তা দেশের দিশা বদলে দেয়।’
<
p style=”text-align: justify;”>এদিন মন্দির চত্বর-সহ গোটা কাশীকেই সাজিয়ে তোলা হয়েছিল। প্রায় ১১ লক্ষ প্রদীপ দিয়ে সাজানো হয় দশাশ্বমেধ-সহ একাধিক ঘাট। সঙ্গে রঙ্গোলির কারুকাজ। ২০১৯ সালে এই প্রকল্পের শিল্যন্যাস করেছিলেন মোদী। তারপর প্রায় ৩৩৯ কোটি টাকা খরচে তৈরি হয়েছে এই করিডোর।
]]>এই সমস্ত পরমাণু চুল্লিগুলিকে চালানোর জন্য প্রয়োজনীয় খনিজ কোথা থেকে মিলবে? পশ্চিমবঙ্গের উপকূলবর্তী (costal west bengal) এলাকায় পরীক্ষামূলক কোনও পারমাণবিক বিদ্যুৎ কেন্দ্র গঠনের কথা কি কেন্দ্র ভাবছে? বুধবার প্রধানমন্ত্রী নরেন্দ্র মোদির (narendra modi) কাছে এই প্রশ্নগুলির উত্তর জানতে চান তৃণমূল কংগ্রেস সাংসদ কল্যাণ বন্দ্যোপাধ্যায়।
এই প্রশ্নের উত্তরে প্রধানমন্ত্রীর অফিসের দায়িত্বপ্রাপ্ত মন্ত্রী জিতেন্দ্র সিং জানান, এই মুহূর্তে গোটা দেশে ১০টি পরমাণু চুল্লি থেকে বিদ্যুৎ উৎপাদন হচ্ছে। যার ক্ষমতা প্রায় ৮ হাজার মেগাওয়াট। সরকার গোটা দেশে সম্পূর্ণ দেশীয় প্রযুক্তিতে তৈরি আরও ১০টি পরমাণু চুল্লির নির্মাণে অনুমোদন দিয়েছে। প্রতিটি পরমাণু চুল্লির উৎপাদনক্ষমতা ৭০০ মেগাওয়াট। কেন্দ্র ইতিমধ্যেই যে সমস্ত রাজ্যে পরমাণু চুল্লি নির্মাণের অনুমতি দিয়েছে তার মধ্যে রয়েছে গুজরাতের। কাকড়াপার, রাজস্থানের রাওয়াতভাতা, তামিলনাড়ুর কুড়ানকুলাম ও কলাপক্কম এবং হরিয়ানার গোরখপুর।
একই সঙ্গে মন্ত্রী জানান, আপাতত পশ্চিমবঙ্গের উপকূলীয় এলাকায় পরীক্ষামূলক কোনও পরমাণু চুল্লি নির্মাণের পরিকল্পনা সরকারের নেই। এই সমস্ত পরমাণু বিদ্যুৎ কেন্দ্রগুলির প্রয়োজনীয় কাঁচামাল ইউরেনিয়াম দেশের বিভিন্ন খনি থেকে সংগ্রহ করা হবে। বিদ্যুৎ কেন্দ্রগুলি চালানোর জন্য প্রয়োজনীয় ইউরেনিয়াম সরবরাহের দায়িত্ব দেওয়া হয়েছে ইউরেনিয়াম কর্পোরেশন অফ ইন্ডিয়া লিমিটেডকে।
]]>তিনি নির্মাণস্থলে প্রায় এক ঘণ্টা কাটিয়েছেন এবং ব্যক্তিগতভাবে নতুন সংসদ ভবন নির্মাণের তদারকি করেছেন। আনুমানিক ৯১৭ কোটি টাকা ব্যয়ে নির্মিত সংসদ ভবনের নির্মাণ কেমন হচ্ছে, তার পর্যবেক্ষণ করতে দেখা গিয়েছে প্রধানমন্ত্রীকে৷ এই প্রকল্পটি ২০২২ সালের মধ্যে নির্মাণ কাজ শেষ হবে বলে আশা করা হচ্ছে।

এই প্রথমবারের মতো প্রধানমন্ত্রী মোদী এই ভবন নির্মাণস্থল পরিদর্শন করলেন৷ কোভিড মহামারীর মধ্যে এই নির্মাণের অনুমোদন নিয়ে বিরোধী দলগুলি ব্যাপকভাবে সমালোনা করেছিল। বিরোধী দলগুলো বলছিল, কোভিড -৯ মহামারীর মোকাবিলার জন্য প্রকল্পের ব্যয় স্থগিত রাখা উচিত।
প্রধান সেন্ট্রাল ভিস্তা প্রকল্পের মধ্যে রয়েছে একটি নতুন সংসদ ভবন নির্মাণ, বিভিন্ন মন্ত্রণালয়ের বেশ কয়েকটি অফিস, প্রধানমন্ত্রী এবং উপরাষ্ট্রপতির জন্য একটি নতুন আবাসিক অফিস কমপ্লেক্স। বিভিন্ন মন্ত্রণালয়ের কার্যালয়ের জন্য এটিতে নতুন অফিস ভবন এবং একটি কেন্দ্রীয় সচিবালয় থাকবে।

গত বছরের ডিসেম্বরে নতুন সংসদ ভবনের ভিত্তিপ্রস্তর স্থাপনকালে প্রধানমন্ত্রী বলেছিলেন, নতুন ভবনটি “নতুন ও পুরোনোদের সহাবস্থানের” প্রতীক এবং সেই সঙ্গে একবিংশ শতাব্দীর দেশের আকাঙ্ক্ষা পূরণ করবে। তিনি বলেছিলেন, “এখনকার সংসদ ভবনটি অবসরপ্রাপ্ত হওয়ার দিকে তাকিয়ে আছে। ২১ শতকের ভারতকে একটি নতুন সংসদ ভবন দেওয়া আমাদের সকলের দায়িত্ব।”
]]>