Pradip Chopra – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com Stay updated with Ekolkata24 for the latest Hindi news, headlines, and Khabar from Kolkata, West Bengal, India, and the world. Trusted source for comprehensive updates Tue, 10 Jun 2025 19:09:53 +0000 en-US hourly 1 https://ekolkata24.com/wp-content/uploads/2024/03/cropped-ekolkata24-32x32.png Pradip Chopra – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com 32 32 iLEAD ने पेश किया 90% रिसाइकिल्ड सामग्री से बना क्रांतिकारी बैंक्वेट-कम-कॉन्फ्रेंस हॉल https://ekolkata24.com/business/ilead-sustainable-banquet-hall-built-with-90-recycled-materials Tue, 10 Jun 2025 19:09:53 +0000 https://ekolkata24.com/?p=51338 कोलकाता: आईलेड (इंस्टीट्यूट ऑफ लीडरशिप, एंटरप्रेन्योरशिप एंड डेवलपमेंट) ने गर्व के साथ अपने नए बैंक्वेट-कम-कॉन्फ्रेंस हॉल (iLEAD Sustainable Banquet Hall) के उद्घाटन की घोषणा की है, जो 90% रिसाइकिल्ड सामग्री से निर्मित है। यह अभिनव परियोजना टिकाऊ डिजाइन और निर्माण की संभावनाओं को प्रदर्शित करती है, जो कचरे को कम करने और पर्यावरणीय जिम्मेदारी को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान देती है। यह पहल कोलकाता के शिक्षा और वास्तुकला क्षेत्र में एक नया मानदंड स्थापित करती है।

हॉल की अनूठी विशेषताएं
यह बैंक्वेट-कम-कॉन्फ्रेंस हॉल अपने असाधारण डिजाइन और टिकाऊ सामग्री के उपयोग के लिए विशेष रूप से उल्लेखनीय है। इसकी प्रमुख विशेषताओं में शामिल हैं:
• त्यागे गए मिनी फ्रिज के कांच: इन्हें सजावटी तत्वों के रूप में पुन: उपयोग किया गया है, जो हॉल की सौंदर्यता में आधुनिकता का स्पर्श जोड़ता है।
• ताज चैंबर्स के पैनल: ध्वस्त किए गए इन पैनलों को परिष्कृत दीवार पैनलों में बदला गया है।
• फेंके गए लकड़ी के तख्तों से बने टेबल: त्यागी गई लकड़ी से निर्मित टेबल हॉल की कार्यक्षमता और सुंदरता को बढ़ाते हैं।
• चेयर और सोफे पर नई चमड़े की कवरिंग: पुराने फर्नीचर को नए चमड़े के कवर से नवीनीकृत किया गया है, जो विलासिता और आराम का मिश्रण प्रस्तुत करता है।

यह परियोजना साबित करती है कि रचनात्मकता और स्थिरता एक साथ काम कर सकती हैं। इसने न केवल कचरे को कम किया है, बल्कि निर्माण लागत को भी घटाया है और रोजगार के अवसर पैदा किए हैं। रिसाइकिल्ड सामग्री के उपयोग ने कच्चे माल की लागत को काफी हद तक कम किया है, जिससे यह परियोजना दूसरों के लिए एक अनुकरणीय मॉडल बन गई है।

प्रदीप चोपड़ा का दृष्टिकोण
पीएस ग्रुप के सह-संस्थापक और आईलेड के चेयरमैन श्री प्रदीप चोपड़ा इस परियोजना के पीछे प्रेरणा हैं। उन्होंने कहा, “हम इस नवाचारपूर्ण परियोजना को प्रदर्शित करने के लिए उत्साहित हैं, जो न केवल कचरे को कम करती है, बल्कि स्थिरता और पर्यावरणीय जिम्मेदारी को भी बढ़ावा देती है। हमें उम्मीद है कि यह दूसरों को प्रेरित करेगा और एक टिकाऊ भविष्य की दिशा में एक आंदोलन शुरू करेगा।”

श्री चोपड़ा टिकाऊ डिजाइन और नवाचार के क्षेत्र में अग्रणी हैं। उनका मानना है कि हर त्यागी गई वस्तु में मूल्य होता है। उनके 2 लाख वर्ग फुट के कैंपस में 70% से अधिक सामग्री रिसाइकिल्ड या त्यागी गई वस्तुओं से प्राप्त की गई है, जो उनकी अपसाइक्लिंग और रिवर्स इंजीनियरिंग की अनूठी सोच को दर्शाता है। वे पारंपरिक डिजाइन प्रक्रिया के विपरीत पहले सामग्री जुटाते हैं और फिर उनके इर्द-गिर्द डिजाइन तैयार करते हैं। इस दृष्टिकोण ने उनकी परियोजनाओं को अभिनव और पर्यावरण-अनुकूल बनाया है।

टिकाऊ डिजाइन के लाभ
कई वास्तुकार शुरू में मानते हैं कि रिसाइकिल्ड सामग्री का उपयोग करना महंगा, समय लेने वाला और सौंदर्य की दृष्टि से चुनौतीपूर्ण है। लेकिन श्री चोपड़ा ने इन धारणाओं को गलत साबित किया है। उनकी परियोजनाएं दर्शाती हैं:
• लागत-प्रभावी: श्रम लागत कुछ अधिक हो सकती है, लेकिन सामग्री की कम लागत समग्र खर्च को संतुलित करती है।
• समय-कुशल: सामग्री पहले से उपलब्ध होने के कारण डिलीवरी का इंतजार नहीं करना पड़ता, जिससे परियोजना जल्दी पूरी होती है।
• सौंदर्य आकर्षण: तैयार परियोजनाएं शानदार, महंगी और उपयोगकर्ता-अनुकूल दिखती हैं, जिससे रिसाइकिल्ड सामग्री के सौंदर्य पर सवाल उठाने वाली धारणा टूटती है।

इस हॉल का शानदार डिजाइन और पर्यावरण-अनुकूल विशेषताएं उद्योग जगत के नेताओं, वास्तुकारों, डिजाइनरों और स्थिरता प्रेमियों को टिकाऊ प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रेरित करेंगी। आईलेड सभी को इस अनूठे स्थान का दौरा करने और अनुभव करने के लिए आमंत्रित करता है।

आईलेड का टिकाऊ दर्शन
आईलेड केवल एक शैक्षणिक संस्थान नहीं है, बल्कि यह स्थिरता और नवाचार का केंद्र है। संस्थान अपनी ‘वेस्ट बिलियनेयर’ पहल के माध्यम से रिसाइक्लिंग और अपसाइक्लिंग को बढ़ावा देता है। 2023 में दुर्गा पूजा के दौरान, आईलेड ने मैत्रेयी संघ के साथ मिलकर ऑटोमोबाइल के त्यागे गए हिस्सों से मूर्तियां बनाई थीं, जो पर्यावरण जागरूकता और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने का एक उदाहरण था।

आईलेड का कैंपस टिकाऊ पर्यावरण का एक जीवंत उदाहरण है, जहां आधुनिक शहरी सेटअप के बीच हरा-भरा माहौल बनाए रखा गया है। यह नया हॉल उनके टिकाऊ दर्शन का एक और प्रमाण है, जो पर्यावरण संरक्षण और नवाचारपूर्ण डिजाइन के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध है।

भविष्य की राह
यह बैंक्वेट-कम-कॉन्फ्रेंस हॉल केवल एक स्थान नहीं है, बल्कि यह आईलेड की टिकाऊ भविष्य के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह उद्योग, शिक्षा और समाज के विभिन्न क्षेत्रों में टिकाऊ प्रथाओं के महत्व को रेखांकित करता है। श्री चोपड़ा के नेतृत्व में, आईलेड इस पथ पर आगे बढ़ रहा है, और यह परियोजना दूसरों के लिए प्रेरणा का काम करेगी।

आईलेड की यह पहल कोलकाता के शिक्षा और वास्तुकला जगत में एक नए अध्याय की शुरुआत करती है। यह साबित करता है कि पर्यावरण-अनुकूल डिजाइन न केवल संभव है, बल्कि यह आर्थिक रूप से लाभकारी और सौंदर्य की दृष्टि से आकर्षक भी हो सकता है। भविष्य में इस तरह की और पहलों को देखने के लिए शहरवासी उत्सुक हैं।

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