private sector – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com Stay updated with Ekolkata24 for the latest Hindi news, headlines, and Khabar from Kolkata, West Bengal, India, and the world. Trusted source for comprehensive updates Mon, 09 Jun 2025 20:54:12 +0000 en-US hourly 1 https://ekolkata24.com/wp-content/uploads/2024/03/cropped-ekolkata24-32x32.png private sector – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com 32 32 8th Pay Commission की चर्चाओं से निजी क्षेत्र क्या सीख सकता है https://ekolkata24.com/business/8th-pay-commission-insights-that-could-transform-private-sector-salaries Mon, 09 Jun 2025 20:54:12 +0000 https://ekolkata24.com/?p=51291 16 जनवरी 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन को मंजूरी दी, जिसके 1 जनवरी 2026 से लागू होने की उम्मीद है। यह आयोग लगभग 50 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों के वेतन, भत्तों और पेंशन के पुनर्गठन के लिए महत्वपूर्ण सिफारिशें प्रदान करेगा। यह चर्चा न केवल सरकारी क्षेत्र के लिए, बल्कि निजी क्षेत्र के लिए भी मूल्यवान सबक प्रदान करती है। 8वें वेतन आयोग की चर्चाओं से निजी कंपनियां वेतन संरचना, कर्मचारी लाभ और प्रतिस्पर्धी बाजार में टिके रहने की रणनीतियों के बारे में महत्वपूर्ण सबक सीख सकती हैं। इस लेख में हम इन सबकों का विश्लेषण करेंगे।

1. मुद्रास्फीति और जीवन-यापन की लागत के साथ तालमेल
8वें वेतन आयोग का एक प्रमुख उद्देश्य मुद्रास्फीति और जीवन-यापन की बढ़ती लागत के साथ वेतन संरचना को समायोजित करना है। अपेक्षित फिटमेंट फैक्टर 2.28 से 2.86 के बीच हो सकता है, जो न्यूनतम मूल वेतन को 18,000 रुपये से बढ़ाकर 51,480 रुपये तक कर सकता है। यह 20-35% वेतन वृद्धि की संभावना को दर्शाता है। निजी क्षेत्र के लिए यह एक महत्वपूर्ण सबक है—नियमित वेतन समीक्षा और मुद्रास्फीति के साथ तालमेल रखते हुए वेतन समायोजन प्रतिभा को बनाए रखने के लिए आवश्यक है। कई निजी कंपनियां वार्षिक वेतन वृद्धि में 1-3% तक सीमित रहती हैं, जो कर्मचारियों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने में अपर्याप्त है।

2. प्रतिस्पर्धी वेतन संरचना
6वें वेतन आयोग के समय, XLRI जमशेदपुर के एक अध्ययन में पाया गया कि निम्न-स्तरीय (ग्रुप सी और डी) सरकारी नौकरियों के समग्र लाभ—जैसे नौकरी की सुरक्षा, पेंशन, और भत्ते—निजी क्षेत्र की तुलना में अधिक आकर्षक थे। 8वें वेतन आयोग की अपेक्षित वेतन वृद्धि निजी क्षेत्र पर दबाव डालेगी, क्योंकि सरकारी नौकरियों का उच्च वेतन और लाभ प्रतिभा को आकर्षित कर सकते हैं। निजी कंपनियों को प्रतिस्पर्धी वेतन और लाभ—जैसे लचीले काम के घंटे, रिमोट वर्क के अवसर, और कौशल-आधारित प्रोत्साहन—प्रदान करके प्रतिभा को बनाए रखना होगा।

3. गैर-वित्तीय लाभों का महत्व
सरकारी नौकरियों के लाभ—जैसे नौकरी की सुरक्षा, पेंशन, और स्वास्थ्य बीमा—निजी क्षेत्र की तुलना में कहीं अधिक आकर्षक हैं। 8वां वेतन आयोग इन लाभों को और बेहतर करेगा, जैसे पेंशन को 9,000 रुपये से बढ़ाकर 25,740 रुपये तक करने की संभावना है। निजी क्षेत्र के लिए यह एक सबक है कि केवल वेतन ही नहीं, गैर-वित्तीय लाभ भी कर्मचारियों को आकर्षित करने और बनाए रखने में महत्वपूर्ण हैं। उदाहरण के लिए, कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य बीमा, सेवानिवृत्ति योजनाएं, और लचीले काम के घंटे प्रदान करना उनकी संतुष्टि और निष्ठा को बढ़ा सकता है।

4. प्रदर्शन-आधारित प्रोत्साहन
8वां वेतन आयोग प्रदर्शन-आधारित वेतन वृद्धि पर विचार कर रहा है, जो कर्मचारियों की उत्पादकता को बढ़ाने में सहायक होगा। निजी क्षेत्र के लिए यह एक महत्वपूर्ण सबक है। कई निजी कंपनियां पहले से ही प्रदर्शन-आधारित प्रोत्साहन लागू करती हैं, लेकिन इसे और अधिक संरचित और पारदर्शी करना चाहिए। उदाहरण के लिए, कौशल-आधारित प्रशिक्षण और पुरस्कार प्रणाली संगठन की उत्पादकता और कर्मचारियों की संतुष्टि को बढ़ा सकती है।

5. आर्थिक प्रभाव और उपभोक्ता व्यय
8वें वेतन आयोग के कारण सरकारी कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि उपभोक्ता व्यय को बढ़ाएगी, जो रियल एस्टेट, ऑटोमोबाइल, और उपभोक्ता वस्तुओं में मांग को बढ़ा सकती है। निजी क्षेत्र के लिए यह एक अवसर है, क्योंकि वे इस बढ़ी हुई मांग का लाभ उठा सकते हैं। हालांकि, यह मुद्रास्फीति का दबाव भी पैदा कर सकता है, जिसके लिए निजी कंपनियों को अपनी मूल्य निर्धारण और लागत प्रबंधन रणनीतियों की समीक्षा करनी होगी।

6. कौशल विकास और प्रशिक्षण
8वां वेतन आयोग सरकारी कर्मचारियों के लिए कौशल विकास और प्रशिक्षण पर जोर दे सकता है। निजी क्षेत्र के लिए यह एक सबक है कि कर्मचारियों को नियमित प्रशिक्षण और कौशल विकास कार्यक्रम प्रदान करना उनकी प्रतिस्पर्धी बढ़त को बढ़ा सकता है। उदाहरण के लिए, डिजिटल कौशल और कृत्रिम बुद्धिमत्ता का प्रशिक्षण निजी कंपनियों को बाजार में आगे रख सकता है।

8वें वेतन आयोग की चर्चाएं निजी क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण सबक हैं कि प्रतिस्पर्धी वेतन, गैर-वित्तीय लाभ, और प्रदर्शन-आधारित प्रोत्साहन प्रतिभा को बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं। मुद्रास्फीति और जीवन-यापन की लागत के साथ तालमेल रखते हुए वेतन समीक्षा, कौशल विकास, और आर्थिक प्रभाव को ध्यान में रखकर निजी कंपनियां अपनी रणनीतियों को बेहतर कर सकती हैं। 8वां वेतन आयोग न केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए, बल्कि निजी क्षेत्र के लिए भी एक नया दिशा-निर्देश प्रदान करेगा।

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Privatization: আরও দুটি রাষ্ট্রয়ত্ত ব্যাংক বেসরকারি হাতে https://ekolkata24.com/uncategorized/privatization-modi-government-will-hand-over-two-more-state-owned-banks-to-the-private-sector Wed, 24 Nov 2021 12:15:16 +0000 https://ekolkata24.com/?p=12241 নিউজ ডেস্ক, নয়াদিল্লি: ২০২১-২২ অর্থবছরের বাজেট প্রস্তাহবে কেন্দ্রীয় অর্থমন্ত্রী নির্মলা সীতারমন (nirmala sitaraman) ঘোষণা করেছিলেন, দু’টি রাষ্ট্রায়ত্ত ব্যাংককে (nationalised bank) বেসরকারি (Privatization) হাতে তুলে দেওয়া হবে। এই দু’টি রাষ্ট্রয়ত্ত ব্যাংক বেসরকারীকরণ করে সরকারের ঘরে আসবে এক লক্ষ ৭৫ হাজার কোটি টাকা। দু’টি রাষ্ট্রায়ত্ত ব্যাংক বেসরকারি হাতে তুলে দেওয়ার জন্য সংসদের আসন্ন শীতকালীন অধিবেশনে (winter season) বিল আনা হচ্ছে। আগামী সোমবার ( monday) ২৯ নভেম্বর থেকে শুরু হচ্ছে সংসদের শীতকালীন অধিবেশন।

জানা গিয়েছে, দু’টি রাষ্ট্রায়ত্ত ব্যাংক বেসরকারিকরণের জন্য ব্যাংকিং কোম্পানিস আইন ১৯৭০ ও ১৯৮০ এবং ব্যাংকিং রেগুলেশন অ্যাক্ট ১৯৪৯ সংশোধন করতে হবে। সে কারণেই সংসদে বিল আনা হচ্ছে। রাষ্ট্রয়ত্ত ব্যাংকের বেসরকারিকরণের এই সিদ্ধান্তের তীব্র বিরোধিতা করেছে প্রায় সব রাজনৈতিক দল। পাশাপাশি বিভিন্ন ব্যাংক এমপ্লয়িজ ইউনিয়নও মোদি সরকারের এই সিদ্ধান্তের বিরুদ্ধে পথে নামার হুমকি দিয়েছে। আর্থিক বিশেষজ্ঞরা মনে করছেন, দেশের অর্থনীতির বেহাল পরিস্থিতির কারণে সরকারের আয়ের পথ অত্যন্ত সংকুচিত হয়েছে। ফলে দেশের আর্থিক পরিকাঠামো ভেঙে পড়ার মুখে। তাই সরকার আয় বাড়াতে এভাবে লাভজনক সংস্থাকেও বেসরকারিকরণ করতে চাইছে।

nirmala sitaraman

এবারের শীতকালীন অধিবেশনে পেনশন ফান্ড রেগুলেটরি অ্যান্ড ডেভেলপমেন্ট অথরিটি (সংশোধনী) বিল ২০২১ পেশ করা হবে। চলতি আইন সংশোধন করতেই এই বিল পেশ করা হবে। এই সংশোধনীর মাধ্যমে পেনশন ফান্ড রেগুলেটরি অ্যান্ড ডেভেলপমেন্ট অথরিটি থেকে ন্যাশনাল পেনশন সিস্টেম ট্রাস্টকে আলাদা করা সম্ভব হবে। অর্থমন্ত্রী সীতারমন তাঁর বাজেট প্রস্তাবে ইউনিভার্সাল পেনশন কভারেজের কথা ঘোষণা করেছিলেন। নতুন বিল এনে সেই ঘোষণাকেই বাস্তবে রূপদান করতে চায় কেন্দ্র।

উল্লেখ্য, দ্বিতীয় দফায় ক্ষমতা দখলের পর নরেন্দ্র মোদি সরকার রাষ্ট্রায়ত্ত সংস্থাগুলি বেসরকারিকরণের উপর বিশেষ জোর দিচ্ছে। যদিও কেন্দ্রের এই সিদ্ধান্তের প্রতিবাদ এসেছে বিভিন্ন মহল থেকে। কিন্তু মোদি সরকার কোন কথাতেই কর্ণপাত করেনি। সম্প্রতি রাষ্ট্রায়ত্ত বিমান সংস্থা এয়ার ইন্ডিয়াকেও টাটা গোষ্ঠীর হাতে তুলে দেওয়া হয়েছে। এয়ার ইন্ডিয়ার বিলগ্নিকরণ করে মোদি সরকারের ঘরে এসেছে ১৮ হাজার কোটি টাকা। যদিও আর্থিক বিশেষজ্ঞরা অনেকেই আশঙ্কা প্রকাশ করেছেন, মোদি সরকার যেভাবে লাভজনক সংস্থাগুলিকে বেসরকারি হাতে তুলে দিচ্ছে তা যথেষ্ট উদ্বেগের। আগামী দিনে এর জন্য গোটা দেশকে মাসুল চোকাতে হতে পারে।

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