R G KAR – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com Stay updated with Ekolkata24 for the latest Hindi news, headlines, and Khabar from Kolkata, West Bengal, India, and the world. Trusted source for comprehensive updates Sat, 28 Sep 2024 09:57:48 +0000 en-US hourly 1 https://ekolkata24.com/wp-content/uploads/2024/03/cropped-ekolkata24-32x32.png R G KAR – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com 32 32 सागरदत्त अस्पताल में चिकित्सकों पर हुआ हमला, जूनियर डॉक्टर फिर गये हड़ताल पर https://ekolkata24.com/top-story/%e0%a4%b8%e0%a4%be%e0%a4%97%e0%a4%b0%e0%a4%a6%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%a4-%e0%a4%85%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%aa%e0%a4%a4%e0%a4%be%e0%a4%b2-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%9a%e0%a4%bf%e0%a4%95 Sat, 28 Sep 2024 09:57:48 +0000 https://ekolkata24.com/?p=49821 कोलकाता : पश्चिम बंगाल में आरजी कर मामला अभी तक शांत नहीं हुआ है वहीं मरीज की मौत से कमरहाटी के सागर दत्ता अस्पताल में तनाव का माहौल है। शुक्रवार को मरीज के परिजनों पर डॉक्टरों से मार-पीट का आरोप लगाया गया। घटना में 3 जूनियर डॉक्टर, नर्स समेत 3 स्वास्थ्यकर्मी और एक पुलिसकर्मी घायल हो गए। सागर दत्ता में डॉक्टरों पर हमले के बाद जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल का आह्वान किया है।

छत्तीस वर्षीय महिला रंजना साव को सांस लेने में तकलीफ होने के कारण उन्हें कमरहाटी सागर दत्ता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मरीज के परिवार का दावा है कि अस्पताल में मरीज को कोई इलाज नहीं मिला। परिणामस्वरुप उसकी मौत हो गई। जब उनकी हालत गंभीर हो गई तो स्वास्थ्य कर्मियों ने उन्हें ऑक्सीजन देने की कोशिश की थी। लेकिन वह सफल नहीं हो सका। मरीज की मौत के बाद मरीज के परिजनों ने अस्पताल के अंदर विरोध प्रदर्शन शुरु कर दिया।

अस्पताल के प्रभावित स्वास्थ्य कर्मियों की शिकायत है कि मरीज के परिजन डॉक्टरों से उलझ गये थे. सवाल उठ रहे हैं कि हमलावर मरीजों के वार्ड में कैसे घुस गए। अस्पताल के सुरक्षा पर सवाल उठने लगे। जूनियर डॉक्टरों के मुताबिक अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मियों के लिए कोई सुरक्षा नहीं है। सागर दत्त मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों ने उचित सुरक्षा उपाय लागू होने तक हड़ताल का आह्वान किया है।

अस्पताल में सुरक्षा की लापरवाही की बात खुद कॉलेज के प्रिंसिपल पार्थप्रतिम प्रधान ने स्वीकारी है। इसलिए जूनियर डॉक्टर जिस मांग पर कायम हैं वह उसका समर्थन कर रहें है। उन्होंने स्वास्थ्य भवन में पहले ही पूरी घटना बता दी। बताया जा रहा है कि इस घटना में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

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मुख्यमंत्री पर नही भरोसा, आंदोलनरत डॉक्टरों ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र https://ekolkata24.com/top-story/no-trust-in-the-chief-minister-protesting-doctors-wrote-a-letter-to-the-president Fri, 13 Sep 2024 11:08:06 +0000 https://ekolkata24.com/?p=49580 कोलकाता :  रेप और मर्डर केस की न्याय की मांग कर रहे कोलकाता के जूनियर डॉक्टरों ने अब राष्ट्रपति द्रौपदी से हस्तक्षेप करने की फरियाद की है। उन्होंने राष्ट्रपति पत्र लिखा है और पत्र की प्रति उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी भेजी है।

कोलकाता रेप केस में न्याय की मांग को लेकर जूनियर्स डॉक्टर्स पिछले 34 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन और हड़ताल समाप्त करने को लेकर राज्य की सीएम ममता बनर्जी और डॉक्टरों के बीच बातचीत के प्रयास फेल हो चुके हैं। गुरुवार को नबान्न में बैठक नहीं होने के बाद ममता बनर्जी ने राज्य के लोगों ने माफी मांगी थी और इस्तीफा देने तक की पेशकश कर दी थी। वहीं, डॉक्टर्स भी आंदोलन पर अड़े हैं और न्याय की मांग को लेकर इस बार प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की है।

बता दें कि नौ अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर की रेप और मर्डर मामले में न्याय की मांग पर जूनियर डॉक्टर्स लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट में डॉक्टरों से अपील की थी कि वे काम पर लौट आएं। उसके बाद से लगातार राज्य सरकार और प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के बीच बातचीत की कोशिश की जा रही है, लेकिन अभी तक बातचीत के प्रयास सफल नहीं हुए हैं।

गुरुवार को भी राज्य सचिवालय नबान्न में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ जूनियर डॉक्टरों की बैठक विफल रही। परिणामस्वरूप फिर से प्रदर्शनकारी डॉक्टर साल्टलेक लौट गए और स्वास्थ्य भवन के सामने प्रदर्शन जारी रखा है। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि न्याय की मांग पर वे लोग अगले 33 दिनों तक और भी प्रदर्शन कर सकते हैं।

डॉक्टरों को जब उनकी मांगों का कोई समाधान नहीं निकला तो उन्होंने वैकल्पिक रास्ता अपनाया है। उन्होंने गतिरोध तोड़ने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र भेजा है।

आंदोलनकारियों ने न सिर्फ राष्ट्रपति को, बल्कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र की प्रतियां भेजी हैं। यहां तक ​​कि पत्र केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को भी गया है। इस पत्र को भेजने के संबंध में जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि वे नबान्न गये थे। हालांकि, गुरुवार शाम को अपने अनुभव के आधार पर, उन्हें लगता है कि गतिरोध को तोड़ने के लिए राष्ट्रपति से संपर्क करना नितांत आवश्यक है।

इस दिन डॉक्टरों ने चार पन्नों का पत्र भेजा. जूनियर डॉक्टरों ने पत्र में नौ अगस्त को लेडी डॉक्टर की मौत की घटना के बाद से अब तक जो कुछ भी हुआ, उसका जिक्र किया है. डॉक्टरों ने अपने पत्र में कहा है कि भले ही आरजी कर मेडिकल कॉलेज की सुरक्षा सुरक्षित है, लेकिन राज्य के बाकी मेडिकल कॉलेजों (सागरदत्त, एसएसकेएम) की तरह अस्पतालों में भी हमले होते रहते हैं.

डॉक्टरों के संगठन के नेता उत्पल बनर्जी ने कहा, ”हमने राष्ट्रपति को पहले भी पत्र लिखकर सूचित किया है कि आपको इस मामले को देखना चाहिए. दोबारा जूनियर डॉक्टरों ने दोबारा पत्र भेजा. यह सच है कि राज्य प्रशासन की भूमिका से जूनियर डॉक्टर पूरी तरह निराश हैं. और अगर उन्हें निराशा हुई तो वे राष्ट्रपति के पास जाएंगे. यह सामान्य है.”

वहीं वरिष्ठ वकील और कोलकाता नगर निगम के पूर्व मेयर विकासरंजन भट्टाचार्य ने कहा, ”कोई भी केंद्र से लेकर राष्ट्रपति तक आवेदन कर सकता है. लेकिन डॉक्टरों के आंदोलन की मांगें जनहित संबंधों से जुड़ी हैं. और राज्य सरकार को इस मुद्दे का समाधान करना होगा. हालांकि, राज्य सरकार की अक्षमता के कारण यह आंदोलन लंबा खिंचता जा रहा है. इस कारण डॉक्टरों को पूरा अधिकार है कि वे इस मुद्दे पर राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की फरियाद करें

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कोलकाता में हजारों महिलाओं ने ‘रिक्लेम दी नाइट’ अभियान में लिया हिस्सा https://ekolkata24.com/top-story/thousands-of-women-took-part-in-the-reclaim-the-night-campaign-in-kolkata Thu, 05 Sep 2024 07:53:22 +0000 https://ekolkata24.com/?p=49505 कोलकाता : कोलकाता के सरकारी अस्पताल में कथित बलात्कार और हत्या की घटना के खिलाफ न्याय की मांग को लेकर पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों से हजारों महिलाओं ने ‘रिक्लेम दी नाइट’ अभियान के तहत मध्यरात्रि में मार्च निकाला। यह अभियान पहली बार 14 अगस्त को शुरू हुआ था, और दूसरी बार बुधवार रात को इसका आयोजन हुआ।

मार्च के दौरान कोलकाता के विभिन्न क्षेत्रों में कुछ अवांछित घटनाएं भी सामने आईं, जिसमें पुलिस ने महिलाओं से दुर्व्यवहार के आरोप में दो लोगों को हिरासत में लिया। इस रैली में समाज के हर वर्ग की महिलाएं, अभिनेता, छात्र, पेशेवर और गृहणियां शामिल हुईं। रैली में राजनीतिक झंडे नहीं दिखे, बल्कि प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय ध्वज लहराते हुए न्याय की मांग की।

कोलकाता के सियालदह स्टेशन पर रैली के दौरान कुछ महिलाओं द्वारा किए गए शंखनाद ने प्रदर्शन को एक नया जोश दिया। पैदल यात्री भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए, जिससे स्टेशन पर अनोखा और भावुक दृश्य उत्पन्न हुआ।

यह आंदोलन बरहामपुर, चिनसुराह, शांतिनिकेतन, कृष्णानगर, बर्धमान, सिलीगुड़ी, बारासात, बैरकपुर, राजारहाट-न्यूटाउन, कूचबिहार, माथाभांगा और जलपाईगुड़ी जैसे शहरों में भी देखने को मिला, जहाँ लोग एकजुट होकर पीड़िता के लिए न्याय की मांग कर रहे थे।

कोलकाता के यादवपुर में 8बी बस स्टैंड पर एक महिला से छेड़छाड़ के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया , जो शराब के नशे में था। वहीं, गरिया में एक अन्य घटना के दौरान महिलाओं से दुर्व्यवहार के आरोप में एक युवक को पकड़ा गया।

कूचबिहार जिले के माथाभंगा शहर में माकपा के शाखा सचिव प्रद्युत साहा पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सदस्यों द्वारा कथित तौर पर हमला किया गया। माकपा ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जबकि टीएमसी ने किसी भी संलिप्तता से इनकार किया है।

श्यामबाजार में प्रदर्शन स्थल पर पहुंचने के बाद अभिनेत्री ऋतुपर्णा सेनगुप्ता को प्रदर्शनकारियों के एक समूह के विरोध का सामना करना पड़ा। स्थिति बिगड़ने पर उन्हें पुलिस सुरक्षा के तहत वहां से ले जाया गया। इस प्रदर्शन ने न केवल न्याय की मांग को और बल दिया बल्कि राज्यभर में महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों के लिए आवाज उठाने का नया संदेश दिया।

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बंगाल में रेप विरोधी ‘अपराजिता’ विधेयक विधानसभा में पास https://ekolkata24.com/top-story/anti-rape-bill-aparajita-passed-in-bengal-assembly Tue, 03 Sep 2024 11:22:11 +0000 https://ekolkata24.com/?p=49462 कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए रेप विरोधी ‘अपराजिता’ विधेयक को पारित कर दिया। इस विधेयक को राज्य सरकार ने प्रस्तुत किया था और इसका उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है।

विधानसभा में सीएम ममता बनर्जी के सामने बीजेपी ने एक सशक्त स्लोगन दिया: “दफ़ा एक दावी एक मुख्यमंत्री पदत्याग”। इस पर सीएम ने कहा कि गणतंत्र में सभी को बोलने का अधिकार है और टीएमसी विधायकों को शांत रहने की सलाह दी।

‘अपराजिता’ विधेयक का विपक्ष ने भी समर्थन किया, लेकिन इसमें 7 अमेंडमेंट्स का प्रस्ताव रखा। शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि वे इस क़ानून को जल्द से जल्द लागू करने की मांग करते हैं और इसके पूर्ण समर्थन की बात की। चर्चा में उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस मुद्दे से ध्यान भटकाना चाहती है और पूछा कि “डॉक्टर्स का डिमांड क्यों ग्रहण नहीं किया जा रहा है?” उन्होंने यह भी याद दिलाया कि “जन गण का ही आखिरी शब्द होता है।”

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, “जिस समाज में महिला ठीक से नहीं रह सकती, उस समाज का कभी भला नहीं हो सकता है।” उन्होंने आगे कहा कि “हम सीबीआई से न्याय की उम्मीद करते हैं” और बीजेपी से आग्रह किया कि वे राज्यपाल से इस विधेयक पर सहमति जताने का अनुरोध करें।

सीएम ने विधेयक को “ऐतिहासिक” बताते हुए इसे महिलाओं की सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम करार दिया। उन्होंने कहा, “मैं मानती हूँ कि बंगाल में महिला पर अत्याचार का एक भी मामला नहीं होना चाहिए।” सीएम ने यह भी दावा किया कि केंद्रीय संस्थाएं यह मानती हैं कि बंगाल सबसे सुरक्षित जगह है, जबकि यूपी और गुजरात में महिलाओं पर अत्याचार के लाखों मामले सामने आए हैं।

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SC में CBI ने कहा- केस की लीपापोती की कोशिश की गई https://ekolkata24.com/top-story/cbi-told-sc-an-attempt-was-made-to-cover-up-the-case Thu, 22 Aug 2024 08:12:46 +0000 https://ekolkata24.com/?p=49351 कोलकाता :  कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के डॉक्टर के साथ कथित दुष्कर्म और फिर उसकी हत्या की घटना के मामले में आज फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। सुनवाई के दौरान सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी।

उन्हें काम पर लौटना चाहिए। पिछली सुनवाई में शीर्ष कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार और कोलकाता पुलिस को फटकार लगाई थी। जांच एजेंसी सीबीआई और बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को स्टेटस रिपोर्ट सौंप दी है। सीबीआई ने कहा- केस की लीपापोती को कोशिश की गई।

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि डॉक्टरों को काम पर लौटना पड़ेगा। डॉक्टरों के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जाएगी। हम समझते हैं कि वे अपसेट हैं लेकिन आपको काम पर लौटने की जरूरत है। चीफ जस्टिस ने कहा कि डॉक्टरों को काम पर लौटना होगा। लोग उनका इंतजार कर रहे हैं। डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से स्वास्थ्य क्षेत्र प्रभावित हो रहा है।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सीबीआई ने 5वें दिन जांच शुरू की, सब कुछ बदल दिया गया और जांच एजेंसी को नहीं पता था कि ऐसी कोई रिपोर्ट है। वरिष्ठ अधिवक्ता सिब्बल ने एसजी की दलील का खंडन किया और कहा कि सब कुछ वीडियोग्राफी है, न कि बदला गया।

एसजी मेहता ने कहा कि शव के अंतिम संस्कार के बाद 11:45 बजे एफआईआर दर्ज की गई और पीड़िता के वरिष्ठ डॉक्टरों और सहकर्मियों के आग्रह के बाद वीडियोग्राफी की गई और इसका मतलब है कि उन्हें भी कुछ संदेह था सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि सबसे अधिक चौंकाने वाला तथ्य यह है कि मृत पीड़िता के अंतिम संस्कार के बाद रात पौने 12 बजे प्राथमिकी दर्ज की गई।

सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि राज्य पुलिस ने पीड़िता के माता-पिता से पहले कहा कि यह आत्महत्या का मामला है, फिर उसने कहा कि यह हत्या है।

सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि पीड़िता के दोस्त ने मामले में तथ्य छुपाए जाने का संदेह जताया और वीडियोग्राफी पर जोर दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने अप्राकृतिक मौत को अपने रिकॉर्ड में दर्ज करने में कोलकाता पुलिस द्वारा की गई देरी को ‘‘बेहद व्यथित करने वाली बात’’ बताया।

सुप्रीम कोर्ट ने दुष्कर्म-हत्या की घटना के बारे में पहली प्रविष्टि दर्ज करने वाले, कोलकाता पुलिस के अधिकारी को, अगली सुनवाई पर पेश होकर यह बताने का निर्देश दिया कि प्रविष्टि किस समय दर्ज की गई।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह बहुत आश्चर्यजनक है कि अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज होने से पहले मृतक का पोस्टमार्टम कर दिया गया।

सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस द्वारा अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज करने और पोस्टमार्टम कराने में की गई कानूनी औपचारिकताओं के क्रम और समय पर सवाल उठाए।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में सीआईएसएफ के लगभग  दो  कंपनी  तैनात किया गया है।

कोर्ट के आदेश के एक दिन बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कोलकाता के सरकारी अस्पताल में सीआईएसएफ की तैनाती के लिए पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को पत्र लिखा थाष इसके बाद सीआईएसएफ की तैनाती का निर्णय लिया गया।

आईटी मंत्रालय ने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से कहा कि वे जूनियर डॉक्टर का नाम, फोटो और वीडियो हटाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का तत्काल पालन करें, जिसकी दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी।  मंत्रालय ने सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से मृतक डॉक्टर के पहचान योग्य चीजों को तुरंत हटाने के लिए कहा है।  कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई करने की बात भी मंत्रालय की ओर से कही गई है।

डॉक्टरों के एक संगठन ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित नेशनल टास्क फोर्स (एनटीएफ) की सिफारिशों के लागू होने तक डॉक्टरों के लिए अंतरिम सुरक्षा की मांग को लेकर शीर्ष अदालत का रुख किया है। ‘फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन’ (एफएआईएमए) की ओर से याचिका दायर की गई है। इसमें शीर्ष अदालत के समक्ष चल रही कार्यवाही में हस्तक्षेप का अनुरोध किया गया है। संगठन ने अपनी याचिका में दलील दी है कि डॉक्टरों को अक्सर हिंसा और उनकी सुरक्षा के लिए खतरे की कथित घटनाओं का सामना करना पड़ता है।

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आरजी कर अस्पताल कांड के विरोध में सौरभ गांगुली आज उतरेंगे सड़क पर https://ekolkata24.com/top-story/ganguly-will-take-to-the-streets-today-to-protest-against-the-rg-kar-hospital-incident Wed, 21 Aug 2024 05:24:45 +0000 https://ekolkata24.com/?p=49342 कोलकाता : कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ हुए रेप और मर्डर के मामले में पूरे देश हंगामा मचा हुआ है। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले पर सुनवाई की है। अब इस बीच भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने भी इस घटना के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है। सौरव गांगुली अपनी पत्नी के साथ कोलकाता की सड़कों पर उतरेंगे और पीड़िता के लिए न्याय की मांग करेंगे।

अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष और भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली अपनी पत्नी डोना गांगुली के साथ बुधवार को कोलकाता रेप-मर्डर केस की पीड़िता डॉक्टर के लिए न्याय की मांग को लेकर कोलकाता की सड़कों पर चलेंगे। सौरव गांगुली के पत्नी डोना एक डान्स स्कूल चलाती हैं और उसमें सैकड़ों लड़कियों को नृत्य सिखाती हैं।

कुछ ही दिनों पहले सौरव गांगुली ने कोलकाता के एक अस्पताल में एक युवा चिकित्सक के साथ रेप और हत्या की रविवार को निंदा की थी। उन्होंने कहा था कि एक बेटी का पिता होने के नाते वह इस घटना से बहुत दुखी हैं। हालांकि, उन्होंने ये भी कहा था कि पश्चिम बंगाल और भारत को सुरक्षित माना जाता है और किसी एक घटना के आधार पर पूरी व्यवस्था पर कोई फैसला नहीं किया जाना चाहिए।

सौरव गांगुली ने कहा था कि यह एक जघन्य घटना है। इस तरह के अपराध के लिए कोई माफी नहीं हो सकती। उन्होंने कहा था कि मामले में तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। हालांकि, उन्होंने कहा था कि ऐसी घटनाएं कहीं भी हो सकती हैं, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि यह विशेष मामला एक अस्पताल के अंदर हुआ। पूर्व क्रिकेटर ने चिकित्सा प्रतिष्ठानों में मजबूत सुरक्षा उपायों का आह्वान किया था।

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महिलाकर्मियों की सुरक्षा के लिए बंगाल सरकार ला रही ‘रात्तिरेर साथी’ योजना https://ekolkata24.com/top-story/rattire-sathi-scheme-for-the-safety-of-women-workers-in-hospitals Sun, 18 Aug 2024 04:45:38 +0000 https://ekolkata24.com/?p=49321 कोलकाता : पश्चिम बंगाल में युवा डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के बाद राज्य सरकार की ‘नींद’ टूट चुकी है। राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में डॉक्टरों, नर्सों सहित महिला स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई उपायों की घोषणा की गई है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मुख्य सलाहकार अलापन बंद्योपाध्याय ने नबान्न में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कई निर्णय लिये गये है। मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार ने आश्वासन दिया है कि नियमों को जल्द से जल्द राज्य के हर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में लागू किया जाएगा।

मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों के लिए ‘रात्रिरेर साथी ऐप’ की शुरूआत की गई है। इस ऐप के जरिये महिलाओं को कोलकाता पुलिस से मदद असानी से मिल सकती है। एक विशेष मोबाइल फोन ऐप को स्थानीय पुलिस स्टेशन या पुलिस नियंत्रण कक्ष से जोड़ा जाएगा। सभी कामकाजी महिलाओं के फोन में ऐप डाउनलोड करना अनिवार्य होगा।
अस्पताल में नाइट शिफ्ट करने वाली महिलाओं के लिए अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है।

कामकाजी महिलाओं के लिए अलग रेस्ट रुम होगा। सभी मेडिकल कॉलेजों, अस्पतालों और महिला छात्रावासों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस की रात में तैनाती रहेगी। राज्य सरकार ने यह भी सुझाव दिया है कि जितना संभव हो उतनी महिलाओं को रात्रि ड्यूटी पर नहीं लगाया जाना चाहिए। यह भी देखा जाएगा कि महिला डॉक्टरों और नर्सों की ड्यूटी का शेड्यूल 12 घंटे से ज्यादा का न हो।

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