Rajasthan Govt. Hospital – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com Stay updated with Ekolkata24 for the latest Hindi news, headlines, and Khabar from Kolkata, West Bengal, India, and the world. Trusted source for comprehensive updates Sun, 07 Jul 2024 09:32:13 +0000 en-US hourly 1 https://ekolkata24.com/wp-content/uploads/2024/03/cropped-ekolkata24-32x32.png Rajasthan Govt. Hospital – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com 32 32 प्राइवेट पार्ट के फोटो भी जरुरी, राजस्थान में इस सरकारी योजना में ‘मनमानी’ https://ekolkata24.com/uncategorized/photos-of-private-parts-are-also-necessary Sun, 07 Jul 2024 09:32:13 +0000 https://ekolkata24.com/?p=48777 जयपुर: मुख्यमंत्री आयुष्मान स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत सरकारी अस्पतालों में या निजी अस्पतालों में इलाज कराने वालों के लिए बड़ी हैरान करने वाली खबर है। ऑपरेशन के दौरान मरीज के चेहरे के साथ उन अंगों की फोटो भी ली जा रही है जिनका ऑपरेशन किया गया। हैरानी की बात यह है कि महिलाओं के प्राइवेट पार्टी के फोटो भी लिए जाते हैं। ऐसा इसलिए हो रहा है कि मरीज के चेहरे और ऑपरेशन किए जाने वाले अंग की फोटो इंश्योरेंस एजेंसी को भेजनी होती है। इन दस्तावेजों को अपलोड करने पर ही इंश्योरेंस कंपनी क्लेम जारी करती है। फोटो अपलोड नहीं करने पर क्लेम खारिज कर दिए जाते हैं।

आयुष्मान योजना के तहत बड़ी संख्या में महिला मरीज ब्रेस्ट, हिप्स और आंतरिक अंगों से जुड़ी बीमारियों का इलाज और ऑपरेशन कराती हैं। 5 लाख रुपए के मुफ्त इलाज वाली इस योजना के क्लेम के लिए अस्पतालों में मरीज के चेहरे और उन अंगों को फोटो ली जाती है जिनका ऑपरेशन होना है। फोटो लेने का काम डॉक्टर खुद नहीं करते बल्कि नॉन क्लीनिकल व्यक्ति यानी ठेका कर्मी ऑपरेशन थिएटर में जाता है और अपने मोबाइल से फोटो लेता है। बाद में वह फोटो टीपीए पर कार्य करने वाले कर्मचारी को भेजता है जो कि इन फोटोज को पोर्टल पर अपलोड करता है। क्लेम पास होने तक ये फोटो कई ठेका कर्मियों से होकर गुजरती है। इन फोटो के वायरल होने का भी डर है। यह महिलाओं की निजता का उल्लंघन है।

आयुष्मान योजना के तहत महिलाओं के प्राइवेट पार्ट की सर्जरी भी होती है। चेहरे के साथ प्राइवेट पार्ट की फोटो भी ली जाती है। इस तरह की फोटो पोर्टल पर अपलोड होने और क्लेम पास होने तक कई ठेका कर्मियों की कंप्यूटर स्क्रीन पर रहती है। इन फोटोज के लीक होने का खतरा हर संभव बना रहता है। डॉक्टरों का कहना है कि हालांकि जरूरी दस्तावेजों में इस तरह की कोई शर्त नहीं है लेकिन इसके अभाव में क्लेम खारिज कर दिया जाता है। इंट्रा ऑपरेटिव फोटो विद फेस की शर्त पहले केवल निजी अस्पतालों के लिए थी। इंश्योरेंस कंपनियों ने अब इसे सरकारी अस्पतालों के लिए भी लागू कर दिया है।

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