उन्होंने आगे लिखा, “मुझे खुशी है कि सीमा सड़कों को पूंजीगत मद के तहत पिछले बजट की तुलना में आवंटन में 30 प्रतिशत की वृद्धि दी गई है। बीआरओ को 6,500 करोड़ रुपये का यह आवंटन हमारे बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर को और गति देगा। रक्षा उद्योगों में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए, स्टार्टअप्स, एमएसएमई और इनोवेटर्स द्वारा दिए गए तकनीकी समाधानों को वित्तपोषित करने के लिए आईडीईएक्स योजना के लिए 518 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।”
उन्होंने आगे लिखा, “वित्त वर्ष 2024-25 बजट पेश करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बधाई। यह बजट एक समृद्ध और आत्मनिर्भर ‘विकसित भारत’ बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। समावेशी और तेज गति वाले विकास की दृष्टि से यह बजट भारत के आर्थिक परिवर्तन को गति देगा। यह बजट कई मायनों में अद्वितीय है और सर्वांगीण और समावेशी विकास के लिए एनडीए सरकार की 9 प्रमुख प्राथमिकताओं को स्पष्ट रूप से रेखांकित करता है।”
उन्होंने आगे लिखा, “यह बजट 2027 तक भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में अहम भूमिका निभाएगा। भारत के किसानों, युवाओं, महिलाओं और समाज के अन्य कमजोर वर्गों के समर्थन के लिए कई नीतियों और कार्यक्रमों की भी घोषणा की गई है। बुनियादी ढांचे, कृषि, बैंकिंग, ऊर्जा, उद्योग, अनुसंधान एवं विकास, एमएसएमई और रक्षा जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया गया है।”
]]>मिसाइल लॉन्च होने की जानकारी डीआरडीओ ने मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर शेयर कर दी है। डीआरडीओ ने अपने पोस्ट में लिखा है कि इस उड़ान परीक्षण में परीक्षण के सारे उद्देश्य पूरे हुए हैं।
मिसाइल के लॉन्च होने पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का बयान आया है, उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा है, “इस परीक्षण से भारतीय सशस्त्र बलों की ताकत कई गुणा बढ़ जाएगी। उन्होंने वायु सेना, डीआरडीओ समेत उद्योग जगत को बधाई दी है.”
155 किग्रा वजनी इस मिसाइल की लंबाई 18 फुट है, यह पलक झपकते तेज रफ्तार से दुश्मन के पूरे इलाके को ध्वस्त कर सकती है, ये मिसाइल आवाज की स्पीड से 5 गुना तेजी से उड़ान भरने में सक्षम है।
बता दें 15 किमी तक की ऊंचाई तक जानेवाली इस मिसाइल की रेंज 300 किमी है। ये मिसाइल 6791.4 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दुश्मन पर वार करने में सक्षम है इसलिए इसे हाइपर सोनिक मिसाइल की कैटेगरी में रखा गया है।
डीआरडीओ के साथ इस मिसाइल को डिजाइन करने और बनाने में भारत इलेक्ट्रानिक्स डायनेमिक्स लिमिटेड के साथ अदाणी डिफेन्स एंड एयरोस्पेस का भी योगदान रहा है। इससे पहले रुद्रम 1 का परीक्षण आज से चार साल पहले फाइटर जेट सुखोई-30 एमकेआई द्वारा किया गया था।
]]>मूसलाधार बारिश और बाढ़ से प्रभावित चेन्नई और आसपास के इलाकों का सर्वेक्षण करने के बाद, केंद्रीय मंत्री ने सचिवालय में एमके स्टालिन से मुलाकात की और उन्हें चक्रवात, इससे हुए नुकसान और केंद्र से आवश्यक राहत के बारे में जानकारी दी गई।गृह मंत्री ने कहा कि वह प्रभावित सभी लोगों की सुरक्षा और भलाई के लिए प्रार्थना करते हैं और सरकार इस महत्वपूर्ण घड़ी में उनके साथ खड़ी है और यह सुनिश्चित करेगी कि स्थिति जल्द से जल्द सामान्य हो जाए।उन्होंने कहा कि भीषण चक्रवाती तूफान मिचौंग ने तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश को प्रभावित किया है। हालाँकि क्षति की सीमा अलग-अलग है, इन राज्यों के कई क्षेत्र जलमग्न हैं, जिससे खड़ी फसलें प्रभावित हो रही हैं।
]]>भारतीय वायुसेना ने दुर्घटना के कारण का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया है।वायुसेना ने दुर्घटना का कारण पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दिए हैं। भारतीय वायु सेना ने ट्वीट कर कहा कि पिलाटस पीसी 7 एमके II विमान आज सुबह एएफए, हैदराबाद से नियमित प्रशिक्षण उड़ान के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह बेहद अफसोस के साथ है कि भारतीय वायुसेना पुष्टि करती है कि विमान में सवार दोनों पायलटों को घातक चोटें आईं।
]]>राजनाथ सिंह ने आरोप लगाया कि 2018 में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति ध्वस्त हो गई। उन्होंने कहा कि हत्या जैसे अपराध आम बात हो गए हैं। कई परिवारों की बेटियां गायब हो गई हैं जो एक बड़ी चुनौती है। मानव तस्करी और नशीली दवाओं का व्यापार बढ़ रहा है। प्रदेश से कांग्रेस को उखाड़ फेंकना जरूरी हो गया है। श्री सिंह ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने राज्य में एक भी विकास कार्य नहीं किया है। अगर जनता से इस सरकार का रिपोर्ट कार्ड मांगा जाए तो रिपोर्ट कार्ड में ‘जीरो बटे सन्नाटा’ होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर भाजपा छत्तीसगढ़ में सत्ता में आई तो धर्मांतरण (जबरन) पर रोक लगाई जाएगी। उन्होंने कहा कि भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री बनने के बाद क्या हुआ वो आप जानते हैं।ऐसी भूखी और भ्रष्ट सरकार आपने कभी नहीं देखी होगी।
उन्होंने कहा कि चुनाव नज़दीक आते देख कर राजस्थान की सरकार लोगों को ख़रीदना चाहती है। राजस्थान की जनता को बख़्शीश देने की कोशिश की जा रही है।
]]>रक्षा मंत्री राजनाथ के अनुसार, उत्तर भारत ने सीधे आक्रमणकारियों का सामना किया। उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत भारतीय संस्कृति का सुरक्षित घर है।उन्होंने कहा कि अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण आक्रमणकारियों के लिए दक्षिण भारत काफी दूर रहा है।
]]>रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गोवा दौरे पर पहुंचे। उन्होंने गोवा मैरीटाइम कॉन्क्लेव में अपने संबोधन में कहा कि समुद्र प्राचीन काल से हमारे इतिहास को आकार दे रहा है। उन्होंने कहा कि आज भी समुद्र हमारे जीवन को प्रभावित कर रहा है और भविष्य में भी यह हमारे भाग्य को आकार देगा। रक्षा मंत्री ने कहा कि मुझे यह कहने में कोई झिझक नहीं है कि यदि हम सहयोग करते हैं तो हमारे क्षेत्र का भविष्य बहुत बड़ा है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर में देशों के सामने चुनौती ऐसे समाधान खोजने की है जो सहयोग को बढ़ावा दें, विश्वास बहाल करें और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में कैदी की दुविधा से जुड़े जोखिमों को कम करें।उन्होंने कहा कि देशों को रणनीतिक निर्णय लेने की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
]]>उन्होंने कहा कि अगर भारत का कद बढ़ा है और भारत ने आर्थिक विकास किया है, तो यह वास्तव में महत्वपूर्ण है। अगर आपने देश की सीमा को सुरक्षित नहीं रखा होता, तो यह कद संभव नहीं होता। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का कहना है कि जिस कठिन परिस्थिति में आप देश की सीमाओं की रक्षा की जिम्मेदारी निभा रहे हैं, उसकी जितनी सराहना की जाए, उतनी कम है। मैं आपको बताना चाहूंगा कि देशवासियों को आप पर गर्व है।
]]>राजनाथ सिंह ने दावा किया कि जब गुजरात और देश के अन्य राज्य नौ से दस सालों में विकास कर लेते हैं, तो तेलंगाना का विकास क्यों नहीं हुआ है। जबकि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ रही है। राजनाथ सिंह ने दावा करते हुए कहा कि मोदी शासन में महिलाओं को अवसर मिल रहे हैं, उन्होंने कहा कि हाल ही में संसद में पारित महिला आरक्षण विधेयक 2029 या 2026 तक लागू हो सकता है।
]]>এদিন রাজনাথ সিং টুইট করে জানান, ‘আজ আমার করোনা ধরা পড়েছে, সেইসঙ্গে হালকা উপসর্গ রয়েছে। আমি আপাতত হোম কোয়ারেন্টাইনে রয়েছি। সাম্প্রতিক সময়ে যারাই আমার সংস্পর্শে এসেছেন তাঁদের প্রতি অনুরোধ যে তাঁরাও যেন নিজেদের টেস্ট করিয়ে নেন।’
প্রসঙ্গত, চলমান করোনার তৃতীয় ঢেউ ও ওমিক্রনের আবহে দিল্লির মুখ্যমন্ত্রী সহ অনেক নেতা মন্ত্রী করোনার কবলে পড়েছেন।
উল্লেখ্য, গত ৮ জানুয়ারি ভারতের প্রতিরক্ষা মন্ত্রী একটি ওয়েবিনারে ভাষণ দিয়েছিলেন যেখানে ১০০টি নতুন সৈনিক স্কুলকে মেয়েদের সশস্ত্র বাহিনীতে যোগদানের সুযোগ দেওয়া হয়েছিল।
এদিকে সোমবার কেন্দ্রীয় স্বাস্থ্য মন্ত্রকের তরফ থেকে দেওয়া তথ্য অনুযায়ী, বিগত ২৪ ঘন্টায় দেশে করোনায় আক্রান্ত হয়েছেন ১ লক্ষ ৭৯ হাজার ৭২৩ জন। একদিনে করোনায় আক্রান্ত হয়ে মৃত্যু হয়েছে ১৪৬ জনের। গতকাল সেখানে মৃত্যু সংখ্যা ছিল ৩২৭ জন। এর ফলে এক ধাক্কায় বাড়ল সক্রিয় রোগীর সংখ্যা। দেশে বর্তমানে সক্রিয় করোনা রোগীর সংখ্যা হল ৭ লক্ষ ২৩ হাজার ৬১৯ জন।
]]>I have tested positive for Corona today with mild symptoms. I am under home quarantine. I request everyone who have recently come in my contact to isolate themselves and get tested.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) January 10, 2022
সরকার সশস্ত্র বাহিনীতে নারীদের ভূমিকা বাড়ানোর জন্য এবং সৈনিক বিদ্যালয়ে ভর্তির পথ পরিষ্কার করা এবং স্থায়ী কমিশন প্রদানসহ বেশ কয়েকটি পদক্ষেপ নেওয়া হয়েছে। তিনি আশ্বাস দেন, নতুন সৈনিক স্কুল স্থাপনের সিদ্ধান্ত মেয়েদের দেশের সেবা করার স্বপ্ন বাস্তবায়িত করতে উৎসাহিত করবে।কেন্দ্রীয় প্রতিরক্ষা মন্ত্রী পরামর্শ দেন যে, প্রতিরক্ষা বিভাগ এবং সৈনিক স্কুল সোসাইটির সমস্ত সৈনিক স্কুলকে তাদের কর্মক্ষমতা এবং নিরীক্ষার ভিত্তিতে র্যাঙ্কিংয়ের জন্য একটি প্রক্রিয়া তৈরি করা উচিত। আর এর ফলে স্কুলগুলির মধ্যে স্বাস্থ্যকর প্রতিযোগিতা গড়ে উঠবে, পাশাপাশি উদ্ভাবনী পদক্ষেপ চালু করার ক্ষেত্রেও উৎসাহ দেওয়া হবে। স্কুলে পাঠ্যক্রমের পাশাপাশি শিশুদের দেশপ্রেম ও জাতির প্রতি আনুগত্যের সম্মুখীন হতে হবে কারণ এটি তাদের চরিত্র গঠনে এবং দেশের উপকারের জন্য দরকার।
প্রসঙ্গত, ২০২১ সালের অক্টোবর মাসে কেন্দ্রীয় মন্ত্রিসভা ২০২২-২৩ শিক্ষাবর্ষ থেকে ১০০টি স্কুলকে প্রতিরক্ষা মন্ত্রকের অধীনে সৈনিক স্কুল সোসাইটির সঙ্গে সরকারি ও বেসরকারি খাতে যুক্ত করার অনুমোদন দেয়। রাজনাথ সিং বলেন, ‘সৈনিক’ ঐক্য, শৃঙ্খলা এবং ভক্তিকে সূচিত করে, ‘স্কুল’ হল শিক্ষার কেন্দ্র, তাই সৈনিক স্কুলগুলি শিশুদের সক্ষম নাগরিক করতে গুরুত্বপূর্ণ ভূমিকা পালন করছে এবং আগামী দিনেও করবে।
তিনি আরও বলেন, “সর্বশিক্ষা অভিযান এবং রাষ্ট্রীয় মাধ্যমিক শিক্ষা অভিযানের মতো বেশ কয়েকটি প্রকল্প চালানো হচ্ছে। ১০০টি নতুন সৈনিক স্কুল স্থাপন সেই দিকে আরেকটি গুরুত্বপূর্ণ পদক্ষেপ।”
]]>মঙ্গলবার ডিআরডিও আয়োজিত ‘প্রিপেয়ারিং ফর ফিউচার’ (preoareing for future) শীর্ষক এক অনুষ্ঠানে রাজনাথ (rajnath sing) বলেন, বর্তমানে এবং আগত দিনে দেশ যে সমস্ত সম্ভাব্য বিপদের মুখে পড়তে পারে কিভাবে তার মোকাবিলা করা হবে সে ব্যাপারে প্রস্তুতি শুরু করে দিয়েছে ডিআরডিও। আগামী দিনে জীবনের প্রতিটি ক্ষেত্রে প্রযুক্তির ব্যবহার বহুগুণ বাড়বে। প্রযুক্তির ব্যবহার বাড়বে যুদ্ধক্ষেত্রেও। সে কথা মাথায় রেখেই প্রতিরক্ষা ক্ষেত্রেও কৃত্রিম বুদ্ধিমত্তা, তথ্যপ্রযুক্তি ও রোবটিক্স সংক্রান্ত বিষয় নতুন করে সংযোজন করা হয়েছে। এরই মধ্যে আরও একটি নতুন বিষয় নিয়ে কাজ শুরু করেছে এই প্রতিরক্ষা গবেষণা প্রতিষ্ঠান।
বিভিন্ন বেসরকারি সংস্থাও যাতে প্রতিরক্ষা সংক্রান্ত গবেষণা ও উন্নয়নের কাজ কাজ করতে পারে তার জন্য অনুমোদন দেওয়ার সিদ্ধান্ত নিয়েছে ডিআরডিও। আগামী দিনে দেশের এই উল্লেখযোগ্য প্রতিষ্ঠানের বিজ্ঞানীরা প্রতিরক্ষা ব্যবস্থাকে আরও মজবুত ও অত্যাধুনিক করে তুলবেন। ভবিষ্যতের প্রতিরক্ষা ব্যবস্থাকে আরও তথ্য প্রযুক্তি নির্ভর করে তুলবেন, পাল্টে দেবেন আজকের চেহারা।
উল্লেখ্য, ডিআরডিও সম্প্রতি একাধিক অত্যাধুনিক যুদ্ধাস্ত্রের সফল পরীক্ষা চালিয়েছে। দেশের প্রতিরক্ষা ব্যবস্থাকে আরও শক্তিশালী করে তোলার পিছনে ডিআরডিও অবদান অনস্বীকার্য। মাস দুয়েক আগেই অগ্নি-৫ মিসাইলের সফল উৎক্ষেপণ করেছে। গত সপ্তাহে রকেট লঞ্চার সিস্টেম পিনাকা এবং অত্যাধুনিক টর্পেডো বহনকারী স্মার্ট মিসাইলেরও সফল উৎক্ষেপণ চালিয়েছে ডিআরডিও। যদিও প্রতিরক্ষা মন্ত্রক এবং ডিআরডিও স্পষ্টভাবে জানিয়ে দিয়েছে, আগামী দিনের যুদ্ধে কোনভাবেই ভারত পারমাণবিক অস্ত্র ব্যবহার করবে না।
]]>ওই অনুষ্ঠানে রাজনাথ স্পষ্ট বলেন, যেভাবে সেনা জওয়ানরা দেশের প্রতিটি মানুষের জীবনে নিরাপত্তা ও সুরক্ষা দেন একই রকমভাবে আমাদেরও তাঁদের কিছু ফিরিয়ে দেওয়া উচিত। আমাদেরকে সুরক্ষা দিতে গিয়েই প্রতিবছর বহু জওয়ান শহিদ হন। এই শহিদ জওয়ানদের পরিবারকে ভাল রাখার দায়িত্ব আমার-আপনার সকলের। আমাদের মনে রাখা উচিত, জওয়ানরা যদি আমাদের নিরাপত্তার দিকটি না ভাবতেন তাহলে কিন্তু তাঁরা কখনওই শহিদ হতেন না। তাঁরা অনায়াসেই আত্মরক্ষা করতে পারতেন। কিন্তু তাঁরা সেটা না করে নির্ভয়ে মৃত্যুর দিকে এগিয়ে গিয়েছেন। সেনা জওয়ানদের এই অবদান আমরা কোনওভাবেই ভুলতে পারি না। কৃতজ্ঞতাবশতই এই সমস্ত জওয়ানদের পরিবারের পাশে থাকা দরকার। মৃত জওয়ানদের পরিবারের সুখ-স্বাচ্ছন্দ ও নিরাপত্তা সুনিশ্চিত করতে প্রতিবেশীদের এগিয়ে আসা উচিত।
ওই অনুষ্ঠানে রাজনাথ সরাসরি পাকিস্তানের নাম না করে বলেন, আমাদের কিছু প্রতিবেশী দেশ নিজেদের উন্নয়নের কথা ভাবে না। সে দেশের মানুষ অনাহারে, অপুষ্টিতে দিন কাটালেও তাঁদের জীবনযাত্রার মানোন্নয়ন নিয়ে কোনও ভাবনাচিন্তা করে না। তাদের একমাত্র লক্ষ্য হল জঙ্গিদের মদত জুগিয়ে চলা। আসলে এই প্রতিবেশী দেশটি আমাদের দেখে হিংসায় জ্বলে যাচ্ছে। স্বাধীনতার ৭৫ বছরে ভারত যখন গোটা বিশ্বের সামনে নিজেদেরকে মেলে ধরেছে, গোটা বিশ্বকে বাধ্য করেছে ভারতকে সমীহ করতে তখন সেই দেশ ক্রমশ পিছিয়ে চলেছে। শুধু তাই নয়, বিভিন্ন আন্তর্জাতিক মঞ্চে ভারতের গায়ে কালি ছেটাতে গিয়ে তারা আরও বেশি করে একঘরে হয়ে পড়েছে কিন্তু তাতেও ওই দেশের কোন শিক্ষা নেই। লজ্জা বোধ নেই।
রাজনাথ পাকিস্তানকে কটাক্ষ করে আরও বলেন, আমাদের প্রতিবেশী দেশের হিংসা ও উস্কানিমূলক আচরণের জন্যই আমাদের অস্ত্রশস্ত্র বাবদ বিপুল খরচ করতে হয়। কিন্তু প্রতিবেশী দেশটি যদি অস্ত্রের পিছনে না ছুটে জঙ্গিদের হাতে অর্থ তুলে দিতে গিয়ে অর্থের অপচয় না করত তবে সেই অর্থ দিয়ে তারা দেশের উন্নয়ন করতে পারত। একই কথা প্রযোজ্য আমাদের ক্ষেত্রেও। কারণ আমরাও প্রতিবছর অস্ত্র কিনতে বিপুল টাকা খরচ করি। তবে আমরা কিন্তু শখ করে এই কাজ করি না। আমরা নিজেদের আত্মরক্ষার্থেই অস্ত্র কিনে থাকি। কিন্তু আমরা যে টাকা দিয়ে প্রতিবছর অস্ত্র কিনি সেই টাকা দেশের উন্নয়নের পিছনে খরচ করা গেলে আমরা আরও অনেক এগিয়ে যেতে পারতাম।
]]>কিন্তু পাকিস্তান যদি তাদের এই ভুল অবিলম্বে শুধরে না নেয় তবে ভারত নীরব দর্শক হয়ে বসে থাকবে না। প্রয়োজনে সীমান্ত পেরিয়ে সন্ত্রাসবাদের বিরুদ্ধে যথাযথ ব্যবস্থা নেবে। পাকিস্তানকে কড়া ভাষায় এই হুমকি দিলেন দেশের প্রতিরক্ষা মন্ত্রী রাজনাথ সিং (Rajnath Singh)।
শনিবার এক অনুষ্ঠানে রাজনাথ বলেন, ২০১৯ সালের ৫ অগাস্ট কাশ্মীর থেকে ৩৭০ ধারা প্রত্যাহার করার পর ভূস্বর্গের পরিস্থিতি অনেকটাই শান্ত। ৩৭০ ধারা তুলে নেওয়ার পর সন্ত্রাসবাদীরা বিপাকে পড়েছে। কিন্তু পাকিস্তানের এটা সহ্য হচ্ছে না। ইমরান খান সরকারের আমলে সেদেশে মুদ্রাস্ফীতির হার ও নিত্যপ্রয়োজনীয় জিনিসের মূল্য বৃদ্ধি ৭০ বছরের রেকর্ড ভেঙে দিয়েছে। নিত্য প্রয়োজনীয় জিনিসপত্র সাধারণ মানুষের আয়ত্বের বাইরে চলে গিয়েছে।
এই মুহূর্তে পাকিস্তানে যা পরিস্থিতি তাতে বলা যায় সে দেশের গরিব মানুষ দু’বেলা পেটপুরে খেতে পাচ্ছে না। কিন্তু সেই সমস্যার সমাধান না করে পাকিস্তান ভারতের বিরুদ্ধে ছায়াযুদ্ধ চালিয়ে যাচ্ছে। তারা জঙ্গিদের সব ধরনের সাহায্য করছে। তবে পাকিস্তান যদি আমাদের ভদ্রতাকে দুর্বলতা ভেবে নেয় তাহলে তারা ভুল করবে। প্রয়োজনে আমরা সীমান্ত অতিক্রম করে সন্ত্রাসবাদের ঘাঁটি গুঁড়িয়ে দিতে দ্বিতীয়বার ভাববো না। আমরা যে কি করতে পারি সে অভিজ্ঞতা পাকিস্তানের আছে তাই তাদের উচিত বুঝেশুনে পথ চলা।
ইসলামাবাদের বিরুদ্ধে বিষোদগার করে রাজনাথ আরও বলেন, কাশ্মীর নিয়ে পাকিস্তান তো সব ধরনের আন্তর্জাতিক মঞ্চে বহু ছুটোছুটি করেছে। কিন্তু কোনও দেশকেই তারা পাশে পায়নি। বরং কাশ্মীর ইস্যুতে আন্তর্জাতিক মঞ্চে বারবার মুখ পুড়িয়েছে ইমরান সরকার। কিন্তু তাতেও তাদের শিক্ষা হয়নি। পাকিস্তানের মনে রাখা উচিত, কেন্দ্রে এখন আর কংগ্রেস সরকার নেই।
কংগ্রেস সরকার জঙ্গিদের বিরুদ্ধে নরম মনোভাব দেখাত। কিন্তু প্রধানমন্ত্রী নরেন্দ্র মোদি শক্ত ধাতের মানুষ। তিনি জঙ্গিদের উপযুক্ত জবাব দেওয়ার জন্য সেনা বাহিনীকে নির্দেশ দিয়ে রেখেছেন। সন্ত্রাসবাদীরা যেন মনে রাখে তারা যদি সীমান্তের এপারে একজন মানুষকেও খুন করে থাকে তবে তাদেরও পাল্টা রক্ত দেওয়ার জন্য প্রস্তুত থাকতে হবে।
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