salary hike – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com Stay updated with Ekolkata24 for the latest Hindi news, headlines, and Khabar from Kolkata, West Bengal, India, and the world. Trusted source for comprehensive updates Mon, 30 Jun 2025 14:44:30 +0000 en-US hourly 1 https://ekolkata24.com/wp-content/uploads/2024/03/cropped-ekolkata24-32x32.png salary hike – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com 32 32 8th Pay Commission: मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए बड़ा अवसर या निराशा? https://ekolkata24.com/business/big-pay-hike-or-modest-gain-8th-pay-commissions-impact-on-middle-income-households Mon, 30 Jun 2025 14:43:50 +0000 https://ekolkata24.com/?p=52097 केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए आठवां वेतन आयोग (8th Pay Commission) एक महत्वपूर्ण खबर बनकर उभरा है। 16 जनवरी, 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस आयोग के गठन को मंजूरी दी, जिसके 1 जनवरी, 2026 से लागू होने की संभावना है। यह आयोग लगभग 50 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों के लिए वेतन, भत्ते और पेंशन संरचना में बड़े बदलाव ला सकता है। लेकिन क्या यह आयोग मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए वास्तव में लाभकारी होगा, या यह निराशा का कारण बनेगा? आइए इसके संभावित प्रभावों का विश्लेषण करें।

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आठवें वेतन आयोग का उद्देश्य
आठवां वेतन आयोग का मुख्य उद्देश्य केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतन और भत्तों को वर्तमान आर्थिक स्थिति और मुद्रास्फीति के अनुरूप करना है। सातवां वेतन आयोग 2016 में लागू हुआ था, जिसने न्यूनतम मूल वेतन को 7,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये किया था। इस बार आठवें आयोग का फिटमेंट फैक्टर 2.28 से 2.86 के बीच रहने की उम्मीद है। इससे न्यूनतम मूल वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 41,000 से 51,480 रुपये हो सकता है। पेंशन के मामले में भी न्यूनतम राशि 9,000 रुपये से बढ़कर लगभग 25,740 रुपये हो सकती है। इसके अलावा, डियरनेस अलाउंस (डीए), हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए) और ट्रांसपोर्ट अलाउंस (टीए) में भी समायोजन की उम्मीद है।

मध्यमवर्गीय परिवारों पर प्रभाव
भारत की अर्थव्यवस्था में मध्यमवर्गीय परिवार एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे उपभोग-आधारित अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, क्योंकि भारत के जीडीपी का 55-60% उपभोग पर निर्भर है। आठवें वेतन आयोग के कारण सरकारी कर्मचारियों के हाथ में अतिरिक्त आय होगी, जो उनकी खर्च करने की क्षमता को बढ़ाएगी। इससे खुदरा व्यापार, आवास, ऑटोमोबाइल और उपभोक्ता वस्तुओं की मांग बढ़ सकती है। उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी का मूल वेतन 40,000 रुपये से बढ़कर 91,200 रुपये (2.28 फिटमेंट फैक्टर के आधार पर) हो जाता है, तो डीए (70%) और एचआरए (24%) सहित कुल वेतन लगभग 1,76,000 रुपये हो सकता है। यह मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए जीवन स्तर में सुधार का एक बड़ा अवसर है।

हालांकि, इस वेतन वृद्धि के कुछ नकारात्मक पहलू भी हो सकते हैं। पहला, डीए को वेतन में मिला दिया जाएगा, जिसके बाद नया डीए शून्य से शुरू होगा, जो अल्पकाल में वेतन वृद्धि के प्रभाव को कम कर सकता है। दूसरा, एनपीएस योगदान और सीजीएचएस जैसे कटौती में वृद्धि हो सकती है, जिससे हाथ में आने वाला वेतन कुछ कम हो सकता है। इसके अलावा, विशेषज्ञों का मानना है कि यह वेतन वृद्धि मुद्रास्फीति को बढ़ावा दे सकती है, क्योंकि बढ़ी हुई खर्च क्षमता से वस्तुओं और सेवाओं की मांग बढ़ेगी। यह उन मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए जीवनयापन की लागत बढ़ा सकता है, जो सरकारी नौकरी में नहीं हैं।

निजी क्षेत्र के साथ असमानता
आठवें वेतन आयोग की घोषणा के बाद निजी क्षेत्र के कर्मचारियों में आयकर राहत की मांग बढ़ी है। भारत के मध्यमवर्ग का बड़ा हिस्सा निजी क्षेत्र में काम करता है और उनका मानना है कि सरकारी कर्मचारियों की वेतन वृद्धि की तुलना में उनके लिए पर्याप्त कर राहत नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि बजट 2025-26 में आयकर स्लैब में बदलाव या छूट की सीमा बढ़ाने से मध्यमवर्गीय परिवारों पर कर का बोझ कम हो सकता है, जिससे उनकी खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी।

आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
आठवां वेतन आयोग सरकारी कर्मचारियों की आर्थिक स्थिरता को बढ़ाएगा, जो उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाएगा। यह शिक्षा, स्वास्थ्य और भविष्य के निवेश पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। हालांकि, सरकार पर वित्तीय दबाव बढ़ेगा, क्योंकि वेतन और पेंशन वृद्धि के लिए लगभग 1 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च हो सकता है। इस खर्च को पूरा करने के लिए सरकार कर बढ़ा सकती है या अन्य क्षेत्रों में बजट कम कर सकती है, जो परोक्ष रूप से मध्यमवर्गीय परिवारों को प्रभावित कर सकता है।

आठवां वेतन आयोग मध्यमवर्गीय सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ा अवसर हो सकता है, क्योंकि यह उनकी आय बढ़ाएगा और आर्थिक स्थिरता लाएगा। हालांकि, मुद्रास्फीति, बढ़ी हुई कटौती और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए सुविधाओं की कमी इस आयोग के लाभ को कुछ हद तक कम कर सकती है। सरकार को ऐसी नीतियां अपनानी चाहिए जो सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों के मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए समान लाभ सुनिश्चित करें।[

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8th Pay Commission: बड़ी राहत या मामूली वृद्धि? विशेषज्ञों की भविष्यवाणी https://ekolkata24.com/business/experts-decode-8th-pay-commission-salary-hike-predictions-and-economic-impact Mon, 23 Jun 2025 07:24:04 +0000 https://ekolkata24.com/?p=52056 केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए आठवां वेतन आयोग (8th Pay Commission) चर्चा का केंद्र बना हुआ है। 16 जनवरी 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी थी। इसके बाद से लगभग 50 लाख कर्मचारी और 65 लाख पेंशनभोगी इसकी सिफारिशों का इंतजार कर रहे हैं। यह आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना है। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत लाएगा या वेतन वृद्धि मामूली होगी? विशेषज्ञों ने इस पर अपने विचार व्यक्त किए हैं।

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फिटमेंट फैक्टर: वेतन वृद्धि की कुंजी
आठवें वेतन आयोग में ‘फिटमेंट फैक्टर’ वेतन वृद्धि का मुख्य आधार होगा। यह वर्तमान मूल वेतन पर लागू होने वाला एक गुणक है। सातवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिसने न्यूनतम मूल वेतन को 7,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये किया। विशेषज्ञों का मानना है कि आठवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.28 से 2.86 के बीच हो सकता है। यदि फिटमेंट फैक्टर 2.86 होता है, तो न्यूनतम मूल वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 51,480 रुपये हो सकता है, जो लगभग 186% की वृद्धि है। हालांकि, पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग का अनुमान है कि फिटमेंट फैक्टर 1.92 के आसपास हो सकता है, जिससे न्यूनतम वेतन 34,560 रुपये तक पहुंच सकता है।

वेतन और भत्तों पर प्रभाव
केवल मूल वेतन ही नहीं, महंगाई भत्ता (DA), मकान किराया भत्ता (HRA), और परिवहन भत्ता (TA) सहित अन्य भत्ते भी संशोधित होंगे। वर्तमान में DA मूल वेतन का 55% है, और जनवरी 2026 तक इसके 70% तक पहुंचने की संभावना है। नए मूल वेतन पर इन भत्तों की गणना से कर्मचारियों का कुल वेतन काफी बढ़ेगा। उदाहरण के लिए, लेवल 1 के कर्मचारी का वेतन (DA, HRA, TA सहित) वर्तमान में 36,020 रुपये है। यदि फिटमेंट फैक्टर 2.86 होता है, तो यह बढ़कर 79,540 रुपये तक हो सकता है।

पेंशनभोगियों के लिए राहत
पेंशनभोगी भी इस आयोग से लाभान्वित होंगे। सातवें वेतन आयोग में न्यूनतम पेंशन 3,500 रुपये से बढ़कर 9,000 रुपये हुई थी।। आठवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.86 होने पर न्यूनतम पेंशन 25,740 रुपये तक पहुंच सकती है। इसके अलावा, ग्रेच्यु, ईपीएफएफ, और अन्य सेवानिवृत्ति लाभ भी बढ़ेंगे, जो पेंशनभो, गियों की आर्थिक सुरक्षा को मजबूत करेंगे।‍

आर्थिक प्रभाव
विशेषज्ञों का मानना है कि आठवां वेतन आयोग कर्मचारियों की क्रय शक्ति बढ़ाएगा, जो भारतीय अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा। सातवें वेतन आयोग के पहले साल में सरकार पर 1 लाख करोड़ रुपये का खर्च आया था। आठवें वेतन आयोग के लिए 1.75 से 2.25 लाख करोड़ रुपये के बजट की आवश्यकता हो सकती है। इससे खुदरा, रियल एस्टेट, और ऑटोमोटिव क्षेत्रों में मांग बढ़ेगी।

चुनौतियां और अपेक्षाएं
कर्मचारी यूनियन फिटमेंट फैक्टर 3.0 से 3.5 की मांग कर रही हैं, जो न्यूनतम वेतन को 54,000 रुपये के करीब ले जा सकता है। हालांकि, आर्थिक बाध्यताओं के कारण सरकार इस मांग को स्वीकार न करे। इसके अलावा, आयोग की रिपोर्ट तैयार करने और अनुमोदन में कम से कम एक साल लग सकता है, जिससे 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत में लागू होने की संभावना है।

आठवां वेतन आयोग केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह उनकी आर्थिक स्थिरता बढ़ाने के साथ-साथ अर्थव्यवस्था को गति देगा। हालांकि, वेतन वृद्धि बड़ी राहत लाएगी या मामूली रहेगी, यह फिटमेंट फैक्टर और सरकार के अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगा।

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केंद्र सरकार के कर्मचारियों की बड़ी उम्मीद: 8th Pay Commission कब लागू होगा? https://ekolkata24.com/business/central-govt-employees-await-8th-pay-commission-implementation-timeline Sat, 21 Jun 2025 18:33:17 +0000 https://ekolkata24.com/?p=51938 केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए आठवां वेतन आयोग (8th Pay Commission) चर्चा का एक प्रमुख विषय बन गया है। लगभग 50 लाख कर्मचारी और 65 लाख पेंशनभोगी इस आयोग की सिफारिशों का इंतजार कर रहे हैं, जो उनके वेतन, भत्तों और पेंशन संरचना में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है। 16 जनवरी, 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी थी। हालांकि, इस आयोग के लागू होने की समयसीमा और सिफारिशों के बारे में अभी तक स्पष्टता नहीं है, जिससे कर्मचारियों में उत्साह के साथ-साथ अनिश्चितता भी बनी हुई है।

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आठवां वेतन आयोग कब लागू होगा?
सरकारी घोषणा के अनुसार, आठवां वेतन आयोग 1 जनवरी, 2026 से लागू होने की उम्मीद है। लेकिन, विभिन्न स्रोतों से मिली जानकारी के अनुसार, आयोग के गठन और इसकी सिफारिशों को अंतिम रूप देने में समय लग सकता है, जिसके चलते वेतन वृद्धि और पेंशन संशोधन 2027 की शुरुआत तक टल सकता है। वित्त मंत्रालय के व्यय सचिव मनोज गोविल ने कहा है कि आयोग की रिपोर्ट प्रस्तुत करने में 15 से 18 महीने लग सकते हैं। इसका मतलब है कि अगर आयोग अप्रैल 2025 में अपना काम शुरू करता है, तो अंतिम रिपोर्ट 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत में आ सकती है। हालांकि, सरकार चाहे तो जनवरी 2026 से पूर्वव्यापी प्रभाव के साथ सिफारिशें लागू कर सकती है और कर्मचारियों को 12 महीने का बकाया दे सकती है।

फिटमेंट फैक्टर और वेतन वृद्धि की उम्मीदें
आठवें वेतन आयोग का एक महत्वपूर्ण पहलू फिटमेंट फैक्टर है, जो वेतन और पेंशन वृद्धि के लिए गुणक के रूप में काम करता है। सातवें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.57 था, जिसके परिणामस्वरूप न्यूनतम वेतन 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हो गया था। आठवें वेतन आयोग के लिए फिटमेंट फैक्टर 2.28 से 2.86 के बीच रहने की संभावना है। यदि फिटमेंट फैक्टर 2.86 तय होता है, तो न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर लगभग 51,480 रुपये तक पहुंच सकता है। इससे कर्मचारियों का वेतन 25-35% तक बढ़ सकता है। पेंशनभोगियों के लिए भी पेंशन 9,000 रुपये से बढ़कर लगभग 25,740 रुपये हो सकती है।

महंगाई भत्ता और अन्य लाभ
वर्तमान में महंगाई भत्ता (डीए) मूल वेतन का 55% है। आठवां वेतन आयोग लागू होने पर डीए शून्य हो सकता है और इसे नए वेतन ढांचे के साथ फिर से गणना की जाएगी। इसके अलावा, हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए) और ट्रांसपोर्ट अलाउंस (टीए) में संशोधन की संभावना है। सातवें वेतन आयोग में एचआरए को 30% से घटाकर 24% किया गया था, जो निम्न-स्तरीय कर्मचारियों के लिए निराशाजनक था। आठवें वेतन आयोग में एचआरए बढ़ाने की मांग उठ रही है।

आयोग के गठन में देरी और चुनौतियां
हालांकि आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी गई है, लेकिन इसके अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति अभी बाकी है। टर्म्स ऑफ रेफरेंस (टीओआर) को अंतिम रूप देने के लिए नेशनल काउंसिल-जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (एनसी-जेसीएम) से सुझाव लिए जा रहे हैं। इस प्रक्रिया में कुछ और महीने लग सकते हैं। इसके अलावा, 2025-26 के केंद्रीय बजट में आठवें वेतन आयोग के लिए कोई धनराशि आवंटित नहीं की गई है, जिससे कार्यान्वयन की समयसीमा को लेकर संदेह पैदा हो रहा है।

आर्थिक प्रभाव और उम्मीदें
आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने पर इसका अर्थव्यवस्था पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा। सातवें वेतन आयोग के लागू होने से 2016-17 में सरकारी खर्च में 1 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि हुई थी। आठवें वेतन आयोग से कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की क्रय शक्ति बढ़ेगी, जो उपभोग और आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी। हालांकि, इससे सरकारी राजस्व व्यय भी बढ़ेगा, जो पूंजीगत व्यय के लिए बजट पर दबाव डाल सकता है।

कर्मचारियों की मांगें और अपेक्षाएं
कर्मचारी यूनियनों ने पांच सदस्यों के परिवार के आधार पर न्यूनतम वेतन निर्धारण, पेंशन पुनर्स्थापना अवधि को 15 से घटाकर 12 वर्ष करने, और 50% महंगाई भत्ते को मूल वेतन में शामिल करने की मांग की है। इसके अलावा, मॉडिफाइड अश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन (एमएसीपी) स्कीम में सुधार की मांग भी उठ रही है। इन मांगों का कितना हिस्सा आठवें वेतन आयोग की सिफारिशों में शामिल होगा, यह सरकार की राजनीतिक इच्छाशक्ति और आर्थिक स्थिति पर निर्भर करेगा।

आठवां वेतन आयोग केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ी उम्मीद की किरण है। हालांकि, कार्यान्वयन की समयसीमा और सिफारिशों के बारे में अनिश्चितता बनी हुई है। जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना है, लेकिन देरी की आशंका को नकारा नहीं जा सकता। कर्मचारी और पेंशनभोगी अब सरकार के अगले कदम का इंतजार कर रहे हैं।

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ईएमआई से मेडिकल बिल तक: परिवार 8th Pay Commission पर क्यों निर्भर हैं https://ekolkata24.com/business/families-await-8th-cpc-salary-hike-to-ease-emis-healthcare-costs Mon, 16 Jun 2025 16:34:55 +0000 https://ekolkata24.com/?p=51783 केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए 8वां वेतन आयोग (8th Pay Commission) उम्मीद की किरण बनकर उभरा है। ईएमआई, मेडिकल बिल और रोजमर्रा की बढ़ती लागत के दबाव से जूझ रहे परिवार इस आयोग की वेतन वृद्धि की सिफारिशों का इंतजार कर रहे हैं। जनवरी 2025 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस आयोग के गठन को मंजूरी दी थी, लेकिन अभी तक इसका औपचारिक गठन और संदर्भ शर्तें (ToR) अंतिम रूप से तय नहीं हुई हैं। नतीजतन, लगभग 50 लाख कर्मचारी और 65 लाख पेंशनभोगी प्रतीक्षा में हैं।

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कोलकाता के निवासी सुनील दास (छद्म नाम), एक केंद्रीय सरकारी कर्मचारी, कहते हैं, “मेरे घर की ईएमआई, बेटी की शिक्षा का खर्च और पिता के इलाज का बिल मेरी तनख्वाह का आधा से ज्यादा हिस्सा ले लेता है। 8वां वेतन आयोग की वेतन वृद्धि हमारी एकमात्र आशा है।” सुनील जैसे लाखों परिवार वेतन वृद्धि से आर्थिक राहत की उम्मीद कर रहे हैं। विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस आयोग का फिटमेंट फैक्टर 2.5 से 2.86 के बीच हो सकता है, जिससे न्यूनतम बेसिक वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 34,560 से 51,000 रुपये तक हो सकता है।

महंगाई भत्ता (DA), जो वर्तमान में 55% है (जनवरी 2025 से प्रभावी), बेसिक वेतन में विलय होने की संभावना है। इससे कर्मचारियों की टेक-होम सैलरी और पेंशनभोगियों की पेंशन में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। इसके अलावा, सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (CGHS) में सुधार की चर्चा भी चल रही है, जो कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए किफायती चिकित्सा सेवाएं प्रदान करती है।

हालांकि, आयोग के गठन और सिफारिश प्रक्रिया में देरी की संभावना चिंता बढ़ा रही है। कुछ स्रोतों के अनुसार, सिफारिशें जनवरी 2026 के बजाय 2027 या 2028 में लागू हो सकती हैं। इस देरी से परिवारों की वित्तीय योजनाओं पर असर पड़ सकता है। सुनील कहते हैं, “मेरे पिता के हृदय रोग के इलाज के लिए मैंने पहले ही कर्ज लिया है। वेतन वृद्धि नहीं हुई तो इस कर्ज को चुकाना असंभव हो जाएगा।”

कर्मचारी संगठन जल्द से जल्द आयोग गठन और पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं। वे न्यूनतम वेतन को पांच सदस्यीय परिवार के आधार पर निर्धारित करने, पेंशन पुनरीक्षण अवधि को पांच साल तक कम करने और कम्यूटेड पेंशन को 12 साल में बहाल करने की मांग उठा रहे हैं। ये मांगें मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए महत्वपूर्ण हैं, जो बढ़ती मुद्रास्फीति और जीवनयापन की लागत से जूझ रहे हैं।

8वां वेतन आयोग न केवल वेतन वृद्धि के माध्यम से, बल्कि भत्तों और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के जरिए भी केंद्रीय कर्मचारियों के जीवन स्तर को बेहतर कर सकता है। हालांकि, समय पर कार्यान्वयन नहीं होने पर सुनील जैसे अनगिनत परिवारों का आर्थिक संकट और गहरा सकता है।

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8th Pay Commission के बाद वेतन: वास्तविक बनाम अपेक्षित प्रक्षेपण https://ekolkata24.com/business/will-8th-pay-commission-meet-salary-hike-expectations-by-2026 Sun, 15 Jun 2025 17:14:51 +0000 https://ekolkata24.com/?p=51705 8वां वेतन आयोग (8th Pay Commission) केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ी खबर लेकर आया है। जनवरी 2024 में इस आयोग के गठन की घोषणा के बाद से ही 50 लाख से अधिक कर्मचारी और 65 लाख पेंशनभोगी अपनी सैलरी और पेंशन में बढ़ोतरी की संभावनाओं को लेकर उत्साहित हैं। सरकार ने संकेत दिया है कि 8वां वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू हो सकता है। हालांकि, आयोग की सिफारिशें अभी अंतिम नहीं हुई हैं, जिसके कारण वेतन वृद्धि की वास्तविक राशि और अपेक्षाओं को लेकर चर्चा जोरों पर है।

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वेतन वृद्धि की अपेक्षाएं
8वें वेतन आयोग का फिटमेंट फैक्टर 1.92 से 2.86 के बीच रहने की उम्मीद है। 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिसके कारण न्यूनतम मूल वेतन 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हो गया था। इस बार भी कर्मचारी ऐसी ही बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि फिटमेंट फैक्टर 2.50 हो, तो न्यूनतम मूल वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 45,000 रुपये हो सकता है। वहीं, अगर फिटमेंट फैक्टर 2.86 हो, तो यह 51,480 रुपये तक जा सकता है। यह वृद्धि न केवल मूल वेतन पर, बल्कि महंगाई भत्ता (DA), मकान किराया भत्ता (HRA), और यात्रा भत्ता (TA) पर भी प्रभाव डालेगी।

कर्मचारी संगठनों ने 2.86 या इससे अधिक फिटमेंट फैक्टर की मांग की है, क्योंकि मुद्रास्फीति और जीवन-यापन की लागत में वृद्धि के कारण मौजूदा वेतन संरचना अपर्याप्त हो गई है। हालांकि, कुछ विश्लेषकों का मानना है कि सरकार 2.50 के आसपास फिटमेंट फैक्टर तय कर सकती है, जो वित्तीय संतुलन बनाए रखने में मददगार होगा।

वास्तविक वेतन वृद्धि की संभावना
हालांकि अपेक्षाएं बड़ी हैं, लेकिन वास्तविक वेतन वृद्धि कुछ कम हो सकती है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों में न्यूनतम मूल वेतन 40,000 से 45,000 रुपये के बीच रह सकता है। इसके अलावा, महंगाई भत्ता शून्य हो सकता है, क्योंकि नई वेतन संरचना में इसे मूल वेतन में समाहित किया जा सकता है। मकान किराया भत्ता और अन्य भत्तों की राशि में भी कुछ कमी हो सकती है, जिसके कारण समग्र वेतन वृद्धि 25-30% तक सीमित रह सकती है।

उदाहरण के लिए, लेवल-1 में नियुक्त एक कर्मचारी का वर्तमान मूल वेतन 18,000 रुपये है। यदि फिटमेंट फैक्टर 2.57 हो, तो उनकी सैलरी बढ़कर 46,260 रुपये हो सकती है। लेकिन भत्तों के समायोजन के बाद कुल वेतन 35,000 से 40,000 रुपये के बीच रह सकता है। यह अंतर अपेक्षित और वास्तविक वेतन वृद्धि के बीच एक महत्वपूर्ण अंतर पैदा कर रहा है।

आयोग का गठन और समयसीमा
सरकार ने जनवरी 2025 में 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी है, लेकिन अभी तक इसके सदस्यों का चयन नहीं हुआ है। विशेषज्ञों का कहना है कि आयोग की सिफारिशें अंतिम होने और लागू होने में दो साल तक का समय लग सकता है। इससे जनवरी 2026 से वेतन वृद्धि लागू होने की संभावना कम हो रही है। कुछ सूत्रों के अनुसार, यह 2027 की शुरुआत में लागू हो सकता है।

आर्थिक प्रभाव
8वें वेतन आयोग की वेतन वृद्धि से देश की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है, “यह आयोग सरकारी कर्मचारियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाएगा और उपभोग बढ़ाकर अर्थव्यवस्था को गति देगा।” हालांकि, वेतन वृद्धि से सरकार पर लगभग 1 लाख करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ पड़ सकता है।

कर्मचारियों की अपेक्षाएं और वास्तविकता
कर्मचारी संगठन अधिक फिटमेंट फैक्टर और पेंशन वृद्धि की मांग कर रहे हैं। लेकिन सरकारी वित्तीय सीमाओं के कारण वास्तविक वेतन वृद्धि अपेक्षाओं से कम हो सकती है। खासकर, निचले स्तर के कर्मचारियों के लिए वेतन वृद्धि तुलनात्मक रूप से अधिक होने की उम्मीद है।

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8th Pay Commission: राज्य-वार प्रभाव, कौन होगा सबसे ज्यादा लाभान्वित? https://ekolkata24.com/business/state-wise-impact-of-8th-pay-commission-which-states-benefit-most-from-salary-hikes Sat, 14 Jun 2025 21:25:09 +0000 https://ekolkata24.com/?p=51649 8वां केंद्रीय वेतन आयोग (8th Pay Commission) 1 जनवरी 2026 से लागू होगा, जो लगभग 50 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों के लिए वेतन और पेंशन में वृद्धि की नई संभावनाएं लाएगा। इस आयोग की घोषणा का राज्यों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ेगा, खासकर उन राज्यों में जहां केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की संख्या अधिक है। नेशनल काउंसिल–जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (एनसी-जेसीएम) ने पहले ही फिटमेंट फैक्टर, न्यूनतम मजदूरी, भत्तों और पेंशन सुविधाओं पर एक सामान्य ज्ञापन तैयार करने का काम शुरू कर दिया है। इस रिपोर्ट में हम देखेंगे कि कौन से राज्य इस वेतन वृद्धि से सबसे ज्यादा लाभान्वित होंगे।

8वें वेतन आयोग का फिटमेंट फैक्टर 2.28 से 2.86 के बीच होने की संभावना है। 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिसके परिणामस्वरूप न्यूनतम मूल वेतन 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हो गया था। 8वें वेतन आयोग के तहत न्यूनतम मूल वेतन 41,000 से 51,480 रुपये तक बढ़ सकता है। यह वृद्धि महंगाई भत्ता (डीए), मकान किराया भत्ता (एचआरए), और परिवहन भत्ता सहित कुल वेतन को काफी हद तक बढ़ाएगी। पेंशनभोगियों के लिए भी न्यूनतम पेंशन 9,000 रुपये से बढ़कर 25,740 रुपये तक हो सकती है।

राज्य-वार प्रभाव की बात करें तो दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य सबसे ज्यादा लाभान्वित होंगे। दिल्ली में लगभग 4 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारी हैं, जो इस वेतन वृद्धि से लाभान्वित होंगे। उत्तर प्रदेश में, जहां बड़ी संख्या में केंद्रीय सरकारी कार्यालय, रेलवे और रक्षा कर्मचारी हैं, वहां लगभग 8 लाख कर्मचारी और पेंशनभोगी इस सुविधा का लाभ उठाएंगे। महाराष्ट्र में, खासकर मुंबई और पुणे में, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) और बैंकिंग क्षेत्र के कर्मचारी वेतन संशोधन से लाभान्वित होंगे। पश्चिम बंगाल में, कोलकाता और आसपास के क्षेत्रों में लगभग 5 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी हैं, जो इस वेतन वृद्धि के परिणामस्वरूप अपने जीवन स्तर को बेहतर बना सकेंगे।

अन्य राज्य जैसे तमिलनाडु, कर्नाटक और गुजरात भी काफी हद तक लाभान्वित होंगे। तमिलनाडु के चेन्नई और कर्नाटक के बेंगलुरु में केंद्रीय सरकारी कार्यालयों और पीएसयू की बड़ी उपस्थिति के कारण इन राज्यों में वेतन वृद्धि का प्रभाव व्यापक होगा। पूर्वोत्तर राज्यों, जैसे असम और मेघालय, जहां केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों की संख्या तुलनात्मक रूप से कम है, वहां भी वेतन वृद्धि अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव डालेगी। उदाहरण के लिए, असम में लगभग 2 लाख कर्मचारी और पेंशनभोगी इस सुविधा का लाभ उठाएंगे।

8वां वेतन आयोग केवल वेतन वृद्धि तक सीमित नहीं है। यह भत्तों में संशोधन, पेंशन सुविधाओं में वृद्धि और कर्मचारियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लक्ष्य के साथ काम करेगा। वर्तमान में महंगाई भत्ता (डीए) मूल वेतन का 55% है। 8वां वेतन आयोग लागू होने पर डीए शून्य हो जाएगा और नए वेतन के साथ समायोजित किया जाएगा। मकान किराया भत्ता और परिवहन भत्ता भी नए वेतन के आधार पर पुनर्निर्धारित होंगे। इसके अलावा, मॉडिफाइड अश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन (एमएसीपी) स्कीम में प्रस्तावित सुधार कर्मचारियों के करियर में कम से कम पांच प्रोमोशन सुनिश्चित करेंगे।

यह वेतन वृद्धि अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव डालेगी। कर्मचारियों की खर्च करने की क्षमता बढ़ने से उपभोक्ता वस्तुओं की मांग बढ़ेगी, जो स्थानीय बाजार और खुदरा क्षेत्र को प्रोत्साहित करेगा। दिल्ली, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में यह प्रभाव सबसे अधिक दिखाई देगा। हालांकि, कुछ चुनौतियां भी हैं। उदाहरण के लिए, बजट में 8वें वेतन आयोग के लिए कोई विशिष्ट आवंटन नहीं होने से कार्यान्वयन में देरी हो सकती है। फिर भी, सरकार आमतौर पर देरी के मामले में बकाया प्रदान करती है, जो कर्मचारियों के वित्तीय नुकसान की भरपाई करती है।

कोच बिहार में काम करने वाले निम्न श्रेणी के क्लर्क जैसे श्यामल दास इस वेतन वृद्धि के परिणामस्वरूप अपने जीवन स्तर को बेहतर बना सकेंगे। श्यामल कहते हैं, “यह वेतन वृद्धि मेरे परिवार के लिए एक सुरक्षित भविष्य बनाने में मदद करेगी।” 8वां वेतन आयोग न केवल वित्तीय लाभ लाएगा, बल्कि सरकारी कर्मचारियों के मनोबल को बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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83% सरकारी कर्मचारी 2025 तक 8th Pay Commission की मांग कर रहे हैं: सर्वे में चौंकाने वाला खुलासा https://ekolkata24.com/business/83-government-employees-demand-8th-pay-commission-by-2025-survey-reveals Wed, 11 Jun 2025 19:25:14 +0000 https://ekolkata24.com/?p=51375 केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के बीच किए गए एक सर्वे में चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। सर्वे के अनुसार, 83 प्रतिशत सरकारी कर्मचारी 2025 तक 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन की मांग कर रहे हैं। यह सर्वे केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन, भत्तों और पेंशन संशोधन की अपेक्षाओं को दर्शाता है। 8वें वेतन आयोग के 1 जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना है, जो लगभग 50 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों के लिए बड़ी आर्थिक राहत ला सकता है।

8वां वेतन आयोग: क्यों है इतना महत्वपूर्ण?
वेतन आयोग हर दस साल में गठित किया जाता है, जो सरकारी कर्मचारियों के वेतन ढांचे, भत्तों और पेंशन की समीक्षा करता है। 7वां वेतन आयोग जनवरी 2016 से लागू हुआ था और इसका कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 को समाप्त होगा। इसी पृष्ठभूमि में 8वें वेतन आयोग के गठन की मांग तेज हो रही है। सर्वे में शामिल 83 प्रतिशत कर्मचारियों का मानना है कि मुद्रास्फीति और जीवनयापन की बढ़ती लागत के कारण उनके वेतन और भत्तों में वृद्धि जरूरी है।

2025 के फरवरी में पेश होने वाले केंद्रीय बजट में 8वें वेतन आयोग से संबंधित घोषणा की संभावना है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पहले ही घोषणा कर दी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मंत्रिमंडल ने 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी है। हालांकि, आयोग के गठन और इसके कार्यों के लिए अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया अभी चल रही है।

वेतन वृद्धि की संभावना
विशेषज्ञों के अनुसार, 8वां वेतन आयोग वेतन और पेंशन में 20 से 35 प्रतिशत की वृद्धि का प्रस्ताव कर सकता है। वर्तमान में 7वें वेतन आयोग का फिटमेंट फैक्टर 2.57 है, जिसने न्यूनतम वेतन को 7,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये किया था। 8वें वेतन आयोग के लिए फिटमेंट फैक्टर 2.86 से 3.68 के बीच हो सकता है। इससे न्यूनतम मूल वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 51,480 रुपये तक हो सकता है।

विभिन्न स्तरों के कर्मचारियों के लिए वेतन वृद्धि की संभावना इस प्रकार है:

  • लेवल 1: न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 51,480 रुपये हो सकता है।
  • लेवल 5: वरिष्ठ क्लर्क और तकनीकी कर्मचारियों का वेतन 29,200 रुपये से बढ़कर 83,512 रुपये हो सकता है।
  • लेवल 6: इंस्पेक्टर और सब-इंस्पेक्टर का वेतन 35,400 रुपये से बढ़कर 1,01,244 रुपये हो सकता है।
  • लेवल 10: ग्रुप ए अधिकारियों का वेतन 56,100 रुपये से बढ़कर 1,60,446 रुपये हो सकता है।

इसके अलावा, महंगाई भत्ता (DA), मकान किराया भत्ता (HRA), और यात्रा भत्ता (TA) में संशोधन से कर्मचारियों का कुल वेतन और बढ़ेगा।

कर्मचारियों की अपेक्षाएं
सर्वे में शामिल कर्मचारियों ने कहा कि मुद्रास्फीति के साथ तालमेल रखने के लिए उनके वेतन में वृद्धि जरूरी है। कई कर्मचारियों का मानना है कि सरकारी नौकरी के साथ मिलने वाली सुविधाएं जैसे पेंशन, चिकित्सा सुविधाएं, और लीव ट्रैवल कंसेशन (LTC) उनके लिए बड़ा आकर्षण हैं। हालांकि, वेतन वृद्धि के साथ-साथ इन सुविधाओं का आधुनिकीकरण भी जरूरी है।

ट्रेड यूनियनों ने फिटमेंट फैक्टर को 3.68 तक बढ़ाने की मांग की है। हालांकि, सरकार ने इस पर अभी तक अंतिम फैसला नहीं लिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि आर्थिक स्थिति और सरकार के बजट पर फिटमेंट फैक्टर का अंतिम दर निर्भर करेगा।

सरकार के कदम
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि 8वें वेतन आयोग की रिपोर्ट 2025 के अंत तक जमा की जा सकती है। इसके बाद मंत्रिमंडल की जांच के बाद इसे जनवरी 2026 से लागू किया जाएगा। हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि प्रक्रियागत जटिलताओं के कारण यह 2027 तक टल सकता है।

कर्मचारी यूनियनें इस आयोग के गठन को तेज करने के लिए दबाव बना रही हैं। वे उम्मीद कर रहे हैं कि 2025 के बजट में इस संबंध में स्पष्ट घोषणा होगी। 8वां वेतन आयोग केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ा अवसर है। यह उनकी आर्थिक स्थिरता और कार्य के प्रति उत्साह को बढ़ा सकता है। हालांकि, सरकार पर यह दबाव है कि यह आयोग समय पर गठित हो और कर्मचारियों की अपेक्षाओं को पूरा करे। सर्वे के 83 प्रतिशत कर्मचारियों की मांग इन अपेक्षाओं का ही प्रतिबिंब है। अब यह देखना बाकी है कि सरकार इस मांग को कैसे पूरा करती है और आर्थिक चुनौतियों के बीच वेतन वृद्धि का संतुलन कैसे बनाए रखती है।

 

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गूगल सर्च ट्रेंड्स: 8th Pay Commission अब भारतीयों का शीर्ष सवाल https://ekolkata24.com/business/why-the-8th-pay-commission-is-now-a-top-google-query-in-india Sun, 08 Jun 2025 20:38:24 +0000 https://ekolkata24.com/?p=51175 कोलकाता, 9 जून 2025: भारतीय केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के बीच आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर उत्साह चरम पर है। गूगल सर्च ट्रेंड्स के हालिया आंकड़ों के अनुसार, ‘आठवां वेतन आयोग’ अब भारतीयों के बीच सबसे लोकप्रिय खोजों में से एक है। जनवरी 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा इस आयोग के गठन को मंजूरी देने के बाद से, लगभग 49 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारी और 68 लाख पेंशनभोगी इसके लाभों का इंतजार कर रहे हैं। इस आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना है, और यह वेतन, भत्तों और पेंशन ढांचे में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा। आइए, इस विषय पर विस्तार से जानें।

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आठवां वेतन आयोग क्यों महत्वपूर्ण है?
हर दस साल में गठित वेतन आयोग केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतन और भत्तों की समीक्षा करता है। सातवां वेतन आयोग 2016 में लागू हुआ था, जिसने न्यूनतम मासिक वेतन को 7,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये किया था। इस आयोग का फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जो वेतन वृद्धि के लिए एक गुणक के रूप में काम करता है। आठवें वेतन आयोग के लिए फिटमेंट फैक्टर 2.28 से 2.86 के बीच होने की अटकलें हैं। यदि फिटमेंट फैक्टर 2.86 होता है, तो न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर लगभग 51,480 रुपये हो सकता है। पेंशनभोगियों के लिए न्यूनतम पेंशन 9,000 रुपये से बढ़कर 25,740 रुपये हो सकती है।

गूगल सर्च में बढ़ती रुचि
गूगल सर्च ट्रेंड्स इंगित करता है कि आठवें वेतन आयोग से संबंधित सवाल, जैसे “आठवें वेतन आयोग की वेतन वृद्धि”, “फिटमेंट फैक्टर” और “लागू होने की तारीख”, भारतीयों के बीच व्यापक रुचि का विषय बन गए हैं। जनवरी 2025 में इस आयोग की घोषणा के बाद से, विशेष रूप से दिल्ली, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में इस विषय पर सर्च की मात्रा बढ़ी है। कर्मचारी यूनियनों की मांगों और सरकार की घोषणाओं के बाद से यह विषय सोशल मीडिया पर, खासकर एक्स प्लेटफॉर्म पर, व्यापक रूप से चर्चा में है।

संभावित वेतन वृद्धि और भत्ते
विशेषज्ञों के अनुसार, आठवें वेतन आयोग के माध्यम से वेतन में 20% से 35% तक की वृद्धि हो सकती है। इसके अलावा, महंगाई भत्ता (डीए), मकान किराया भत्ता (एचआरए), और परिवहन भत्ता (टीए) की समीक्षा की जाएगी। हाल ही में, केंद्र सरकार ने महंगाई भत्ते को 53% से बढ़ाकर 55% किया है, जो कर्मचारियों के वेतन का एक हिस्सा है। आठवें वेतन आयोग की सिफारिशों से ये भत्ते और बढ़ सकते हैं, जो कर्मचारियों को बढ़ती जीवन-यापन लागत से निपटने में मदद करेंगे।

पेंशनभोगियों के लिए लाभ
आठवां वेतन आयोग केवल कार्यरत कर्मचारियों के लिए ही नहीं, बल्कि पेंशनभोगियों के लिए भी महत्वपूर्ण है। लगभग 68 लाख पेंशनभोगी इस आयोग की सिफारिशों से लाभान्वित होंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि पेंशन में 30% तक की वृद्धि हो सकती है, जो सेवानिवृत्त कर्मचारियों को आर्थिक स्थिरता प्रदान करेगा। एकीकृत पेंशन योजना के तहत पेंशन गणना की प्रक्रिया भी बदल सकती है।

आर्थिक प्रभाव
आठवें वेतन आयोग का कार्यान्वयन देश की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “यह आयोग कर्मचारियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाएगा और उपभोग को बढ़ावा देगा।” अर्थशास्त्रियों का मानना है कि वेतन वृद्धि से कर्मचारियों की क्रय शक्ति बढ़ेगी, जिससे उपभोक्ता वस्तुओं की मांग और आर्थिक विकास में तेजी आएगी। हालांकि, कुछ विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि वेतन वृद्धि से सरकारी वित्तीय बोझ बढ़ सकता है, जिसके लिए सरकार को सावधानीपूर्वक बजट नियोजन करना होगा।

चुनौतियां और अपेक्षाएं
आठवें वेतन आयोग के गठन को लेकर कुछ चुनौतियां भी हैं। कर्मचारी यूनियनों ने उच्च फिटमेंट फैक्टर और 18 महीने के बकाया महंगाई भत्ते की मांग की है। राष्ट्रीय परामर्शदात्री तंत्र परिषद (एनसी-जेसीएम) एक सामान्य ज्ञापन तैयार कर रहा है, जिसमें फिटमेंट फैक्टर, न्यूनतम मजदूरी, और पेंशन लाभों की मांग शामिल है। हालांकि, पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा है कि 2.86 जैसे उच्च फिटमेंट फैक्टर को लागू करना “असंभव” हो सकता है। उनका मानना है कि फिटमेंट फैक्टर 1.92 से 2.08 के बीच हो सकता है, जिससे न्यूनतम वेतन 34,560 से 37,440 रुपये तक बढ़ सकता है।

आठवां वेतन आयोग भारतीय केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए नई आशा की किरण लेकर आया है। गूगल सर्च ट्रेंड्स में इसकी लोकप्रियता यह साबित करती है कि यह न केवल कर्मचारियों के लिए, बल्कि आम जनता के बीच भी चर्चा का विषय बन गया है। वेतन वृद्धि, भत्तों की समीक्षा, और पेंशन लाभों के माध्यम से यह आयोग अर्थव्यवस्था में गति लाएगा। हालांकि, सरकार को कर्मचारियों की मांगों और वित्तीय सीमाओं के बीच संतुलन बनाना होगा। जनवरी 2026 एक नए आर्थिक युग की शुरुआत का इंतजार कर रहा है।

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8th Pay Commission कब लागू होगा? नवीनतम अटकलों का विस्तार से विश्लेषण https://ekolkata24.com/business/when-will-8th-pay-commission-be-implemented-latest-speculations-explained Sun, 08 Jun 2025 17:54:19 +0000 https://ekolkata24.com/?p=51134 नई दिल्ली, 8 जून 2025: केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए आठवां वेतन आयोग (8th Pay Commission) एक चर्चा का विषय बन चुका है। लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 65 लाख पेंशनभोगी इस आयोग की सिफारिशों का इंतजार कर रहे हैं, जो उनके वेतन, भत्तों और पेंशन ढांचे में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा। 16 जनवरी 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी थी। हालांकि, इसके लागू होने की तारीख और सिफारिशों को लेकर अटकलें जारी हैं। आइए, नवीनतम जानकारी और अटकलों के आधार पर इस विषय का विश्लेषण करें।

आठवां वेतन आयोग की संभावित लागू होने की तारीख
भारत सरकार आमतौर पर हर दस साल में वेतन आयोग का गठन करती है, जो सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन ढांचे की समीक्षा करता है। सातवां वेतन आयोग 1 जनवरी 2016 से लागू हुआ था, और इसका कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 को समाप्त होगा। इस निरंतरता के आधार पर, आठवां वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना है। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि सरकार ने इस आयोग के गठन की प्रक्रिया एक साल पहले शुरू कर दी है, ताकि सिफारिशें समय पर समीक्षा और लागू की जा सकें।

हालांकि, कुछ स्रोतों और विश्लेषकों का मानना है कि 1 जनवरी 2026 तक इसे लागू करना मुश्किल हो सकता है। मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट में व्यय सचिव मनोज गोविल के हवाले से कहा गया है कि आयोग की रिपोर्ट को अंतिम रूप देने और मंजूरी देने में कम से कम एक साल का समय लगेगा। 2025-26 के केंद्रीय बजट में आठवें वेतन आयोग के लिए कोई वित्तीय प्रावधान नहीं होने के कारण, यह संभावना है कि इसे 2026-27 वित्तीय वर्ष में लागू किया जाएगा।

फिटमेंट फैक्टर और वेतन वृद्धि
आठवें वेतन आयोग का एक महत्वपूर्ण पहलू फिटमेंट फैक्टर है, जो वर्तमान मूल वेतन का गुणक है और नए वेतन को निर्धारित करने में उपयोग किया जाता है। सातवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिसके परिणामस्वरूप न्यूनतम मूल वेतन 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हो गया था। आठवें वेतन आयोग के लिए फिटमेंट फैक्टर 2.28 से 2.86 के बीच होने की अटकलें हैं। यदि 2.86 फिटमेंट फैक्टर अपनाया जाता है, तो न्यूनतम मूल वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर लगभग 51,480 रुपये हो सकता है। इसी तरह, पेंशन 9,000 रुपये से बढ़कर 25,740 रुपये तक पहुंच सकती है।

कर्मचारी संगठनों ने 2.86 या उससे अधिक फिटमेंट फैक्टर की मांग की है। नेशनल काउंसिल ऑफ जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (एनसी-जेसीएम) के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि उन्होंने निम्न-स्तरीय कर्मचारियों के लिए वेतन ढांचे को एकीकृत करने और उचित मुआवजे को सुनिश्चित करने का प्रस्ताव दिया है।

भत्ते और अन्य लाभ
आठवां वेतन आयोग केवल वेतन वृद्धि तक सीमित नहीं होगा, बल्कि महंगाई भत्ता (डीए), गृह किराया भत्ता (एचआरए), और परिवहन भत्ता (टीए) जैसे विभिन्न भत्तों की समीक्षा भी करेगा। वर्तमान में, महंगाई भत्ता मूल वेतन का 55% है, और कर्मचारी संगठन इसे मूल वेतन के साथ एकीकृत करने की मांग कर रहे हैं। एनसी-जेसीएम ने हाल ही में कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के साथ एक बैठक में इस मांग को उठाया था।

इसके अलावा, मॉडिफाइड अश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन (एमएसीपी) स्कीम में सुधार का प्रस्ताव भी है, जो कर्मचारियों को उनके करियर में कम से कम पांच प्रोन्नति सुनिश्चित कर सकता है। पेंशनभोगियों के लिए भी महत्वपूर्ण लाभ की उम्मीद है, जिसमें पेंशन में वृद्धि और अन्य सेवानिवृत्ति-पश्चात लाभ शामिल हैं।

देरी की अटकलें
हालांकि सरकार ने 1 जनवरी 2026 से आयोग को लागू करने की बात कही है, कुछ बाधाएं देरी का कारण बन सकती हैं। सबसे पहले, आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति अभी तक घोषित नहीं की गई है। दूसरा, आयोग के कार्यक्षेत्र (टर्म्स ऑफ रेफरेंस) को अंतिम रूप देना बाकी है। अतीत के अनुभव से पता चलता है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को अंतिम रूप देने में लगभग 22 महीने लगे थे।

इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में किंग स्टब एंड कासिवा के पार्टनर रोहिताश्व सिन्हा ने कहा, “1 जनवरी 2026 से आठवें वेतन आयोग के लागू होने की संभावना कम है। हालांकि, 2026 में इसके लागू होने की संभावना है।” 2025-26 के बजट में कोई वित्तीय प्रावधान न होने के कारण, 2026-27 वित्तीय वर्ष में लागू होने की संभावना अधिक है।

पेंशन को लेकर विवाद
आठवें वेतन आयोग को लेकर एक और विवाद 2026 से पहले सेवानिवृत्त होने वाले पेंशनभोगियों के लाभ से वंचित होने की आशंका है। फाइनेंस बिल 2025 में केंद्रीय सिविल सेवा (सीसीएस) पेंशन नियमों में बदलाव के प्रस्ताव के बाद यह अटकल शुरू हुई। कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि ये बदलाव 2026 से पहले सेवानिवृत्त होने वालों के लिए भेदभाव पैदा कर सकते हैं। हालांकि, वित्त मंत्री ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि ये बदलाव पेंशन गणना को सरल बनाने के लिए हैं, और कोई भी पेंशनभोगी इन लाभों से वंचित नहीं होगा।

आठवां वेतन आयोग केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि 1 जनवरी 2026 से इसे लागू करने की बात कही जा रही है, लेकिन देरी की संभावना और वित्तीय प्रावधानों की कमी इसे जटिल बना सकती है। फिटमेंट फैक्टर, भत्तों में संशोधन, और पेंशन लाभ को लेकर कर्मचारियों की उम्मीदें ऊंची हैं। सरकार के अगले कदम और आयोग की सिफारिशें इस विषय में स्पष्टता लाएंगी। तब तक, केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगी आठवें वेतन आयोग की नवीनतम अपडेट का इंतजार कर रहे हैं।

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