Sexual Harassment – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com Stay updated with Ekolkata24 for the latest Hindi news, headlines, and Khabar from Kolkata, West Bengal, India, and the world. Trusted source for comprehensive updates Tue, 25 Jun 2024 08:59:55 +0000 en-US hourly 1 https://ekolkata24.com/wp-content/uploads/2024/03/cropped-ekolkata24-32x32.png Sexual Harassment – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com 32 32 बिहार में अब किसी भी पुलिस थाने में करा सकेंगे FIR, जुलाई से बदलेंगे कानून https://ekolkata24.com/uncategorized/fir-can-be-lodged-in-any-police-station-in-bihar Tue, 25 Jun 2024 08:59:55 +0000 https://ekolkata24.com/?p=48553 नई दिल्ली : कई आपराधिक मामले की प्राथमिकी दर्ज होने में महज इसलिए देर होती है कि घटनास्थल किस थाना क्षेत्र में है इसको लेकर विवाद हो जाता है। अब इस विवाद को खत्म कर दिया गया है। बिहार समेत पूरे देश में 1 जुलाई 2024 से आईपीसी और सीआरपीसी की छुट्टी हो जाएगी। नए आपराधिक कानून के अनुसार अब किसी इलाके में घटित घटना की प्राथमिकी (एफआईआर) किसी भी थाने में दर्ज कराई जा सकेगी।

इसे ‘जीरो एफआईआर’ के रूप में दर्ज करना अनिवार्य किया गया है। जीरो एफआईआर को सीसीटीएनएस के माध्यम से संबंधित थाने में स्थानांतरित किया जाएगा। इसके बाद संबंधित थाने में प्राथमिकी की संख्या दर्ज की जाएगी। दर्ज की गई प्राथमिकी की जांच और कार्रवाई की प्रगति को एफआईआर नंबर के माध्यम से ऑनलाइन देखा जा सकेगा।

एफआईआर से लेकर कोर्ट के निर्णय तक की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी,इलेक्ट्रॉ निक तरीके से शिकायत दायर करने के तीन दिन के भीतर एफआईआर दर्ज करने का प्रावधान, सात साल से अधिक सजा वाले मामलों में फॉरेसिंक जांच अनिवार्य, यौन उत्पीड़न के मामलों में सात दिन के भीतर जांच रिपोर्ट देनी होगी, पहली सुनवाई के 60 दिनों के भीतर आरोप तय करने का प्रावधान, आपराधिक मामलों में सुनवाई पूरी होने के 45 दिनों में फैसला होगा, भगोड़े अपराधियों की गैर-मौजूदगी के मामलों में 90 दिनों के भीतर केस दायर करने का प्रावधान, तीन साल के भीतर न्याय मिल सकेगा,थाने में आधे घंटे के अंदर सुनी जाएगी शिकायत, नहीं तो कार्रवाई,

तीन नये कानूनों के संबंध में आयोजित एक कार्यशाला में बिहार पुलिस अकादमी के निदेशक बी श्रीनिवासन ने कहा कि नए कानूनों में प्रावधान है कि पुलिस थाने में पहुंचे पीड़ित की शिकायत आधे घंटे के भीतर सुनी जाएगी. अगर ज्यादा देर तक उसे इंतजार करवाया गया और बात ऊपर के अधिकारियों तक पहुंची तो थाने के संबंधित पदाधिकारी पर कार्रवाई तय है। किसी भी पीड़ित को ज्यादा देर तक थाने पर बैठाना किसी भी कीमत पर उचित नहीं है।

सभी थानों में तैनात अलग-अलग केस के आईओ को लैपटॉप और एंड्रा यट मोबाइल दिया जाएगा। बिहार पुलिस जल्द ही डिजिटल पुलिस बनेगी। सभी आईओ को उनका अलग ई-मेल दिया जाएगा। इसके बाद सभी सीसीटीएनएस (अपराध एवं अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क योजना) पर एक्टिव होंगे।

बी श्रीनिवासन ने कहा कि नये आपराधिक कानूनों से देश में एक ऐसी न्यायिक प्रणाली स्थापित होगी, जिसके जरिये तीन वर्षों के भीतर न्याय मिल सकेगा। इस सिलसिले में 26 हजार से अधिक एसआइ से लेकर डीएसपी रैक तक के अधिकारियों को हाइब्रीड मोड में प्रशिक्षण दिया गया है।

सीआइडी के आइजी पी.कन्नन ने कहा कि नये आपराधिक कानून दंड केंद्रित नहीं, न्याय केंद्रित है। यौन उत्पीड़न के मामलों में सात दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट देनी होगी। पहली सुनवाई के 60 दिनों के भीतर आरोप तय करने का प्रावधान किया है। भगोड़े अपराधियों की गैरमौजूदगी के मामलों में 90 दिनों के भीतर केस दायर करने का प्रावधान है. आपराधिक मामलों में सुनवाई पूरी होने के 45 दिनों के भीतर फैसला होगा।

चाणक्य राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ) फैजान मुस्तफा ने कहा कि ऐतिहासिक कानून के बनने के साथ ही भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में एक नये युग की शुरुआत हुई है। पुराने कानून हत्या और महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में कार्रवाई को प्राथमिकता देने के बजाय ब्रिटिश राज्य की सुरक्षा को प्राथमिकता देते थे।

उन्होंने कहा कि नये आपराधिक कानूनों में कई प्रावधान किये गये हैं, जो स्वागतयोग्य हैं, इससे मानवीय पक्ष सामने आयेगा। नये आपराधिक कानून का उद्देश्य पीड़ितों को न्याय दिलाना है. ऐसे में जरूरी है कि जो कानूनी बदलाव हुए हैं, उसकी जानकारी जनता को हो. उन्होंने कहा कि 150 साल के कानून में जो नये बदलाव हुए हैं, उसे जन जन तक पहुंचाने में मीडिया की भूमिका अहम है।

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यौन शोषण मामले में बीएस येदियुरप्पा को बड़ी राहत, हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी पर लगाई रोक https://ekolkata24.com/uncategorized/big-relief-to-bs-yeddyurappa-in-sexual-harassment-case Fri, 14 Jun 2024 13:23:40 +0000 https://ekolkata24.com/?p=48287 बेंगलुरु : हाई कोर्ट ने शुक्रवार को कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को बड़ी राहत देते हुए पॉक्सो मामले में उन्हें गिरफ्तार न करने का निर्देश दिया है और येदियुरप्पा को जांच में सहयोग करने को कहा है। साथ ही हाई कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को पॉक्सो मामले में 17 जून को सीआईडी के समक्ष पेश होने का आदेश दिया है।

ज्ञात हो कि . फास्ट ट्रैक कोर्ट ने गुरुवार को येदियुरप्पा के खिलाफ पॉक्सो केस में गैर जमानती वारंट जारी किया था। बता दें कि बीएस यदियुरप्पा पर एक नाबालिग से यौन शोषण करने का आरोप है। इस प्रकरण में वारंट जारी होने के बाद बीएस येदियुरप्पा ने कर्नाटक हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी। इसके साथ ही उन्होंने केस को भी रद्द करने की मांग की थी। जिसपर आज सुनवाई हुई।

फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वारा पॉक्सो एक्ट के तहत येदियुरप्पा के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया किया है। बता दें यह पूरा मामला 2 फरवरी 2024 की है। जब एक महिला अपनी 17 साल की बेटी के साथ येदियुरप्पा के निवास पर रेप केस में मदद मांगने गई थी। उस दौरान आरोप है कि यदियुरप्पा के घर में लड़की से छेड़छाड़ की घटना हुई।

इस मामले में पीड़िता नाबालिग लड़की की मां ने 14 मार्च को बेंगलुरु के सदाशिवनगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। पीड़िता की मां की शिकायत के आधार पर में येदियुरप्पा के खिलाफ पॉक्सो और धारा 354 (ए) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए कर्नाटक डीआईजी ने मामले को सीआईडी को सौंप दिया था. बुधवार को सीआईडी ने येदियुरप्पा को पेश होने के लिए समन भेजा था। इसपर जवाब देते हुए उनके वकील ने एक हफ्ते का वक्त मांगा है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक यदियुरप्पा ने 17 जून को पूछताछ में शामिल होने की बात कही, लेकिन CID फास्ट ट्रैक कोर्ट से वारंट ले आई। इन आरोपों को खारिज करते हुए बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि वे कानूनी रूप से लड़ेंगे।

हाल ही में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसे हिन्दी में बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम भी कहा जाता है। दरअसल पॉक्सो एक्ट का पूरा नाम प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेन्स एक्ट होता है।

बता दे यह एक्ट नाबालिग लडकी और लड़के दोनों में से किसी के भी खिलाफ़ हुई यौन हिंसा के खिलाफ़ लागू होता है। इस कानून को 2012 में लाया गया था। पॉक्सो एक्स के तहत दोषी पाए जाने पर कड़ी सजाओं का भी प्रावधान किया गया है। इस एक्ट को लाने के पीछे सबसे बड़ा उद्देश्य था नाबालिग बच्चों को यौन उत्पीड़न के मामलों में संरक्षण देना। इस एक्ट के तहत दोषी पाए जाने वाले अपराधी के खिलाफ उम्रकैद जैसी सजा का भी प्रवधान है।

वर्तमान समय में यौन शोषण के आरोपी कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा दक्षिण के कद्दावर नेता है। भारतीय जनता पार्टी के सबसे बड़े नेताओं में इनका नाम लिया जाता है। बीएस येदियुरप्पा कर्नाटक के 19वें मुख्यमंत्री है, इन्होंने 30 मई 2008 को शपथ ग्रहण किया था। अभी येदियुरप्पा कर्नाटक राज्य की विधानसभा में शिकारीपुरा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के विधायक हैं।

बता दें कि भाजपा संगठन में येदियुरप्पा को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का पद दिया था. लेकिन राज्य की राजनीति में उनकी सक्रियता को देखते हुए उन्हे राज्य का अध्यक्ष बना दिया गया। ये कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2008 में जीत के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने थे। साथ ही साल 2007 में जद(एस) के साथ गठबंधन टूटने से पहले भी थोड़े समय के लिए कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे। बताते चलें येदियुरप्पा किसी भी दक्षिण भारतीय राज्य में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री हैं।

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দুনিয়ায় মাতৃগর্ভ আর কবর হল মেয়েদের জন্য সবচেয়ে নিরাপদ: আত্মঘাতী কিশোরী https://ekolkata24.com/uncategorized/mothers-womb-grave-only-two-safe-places-minor-sexual-harassment-victims-tragic-note-before-killing-self Mon, 20 Dec 2021 17:03:16 +0000 https://ekolkata24.com/?p=15588 নিউজ ডেস্ক: গত শনিবার চেন্নাইয়ে(Chennai) এক স্কুলপড়ুয়া কিশোরী নিজের বাড়িতেই গলায় দড়ি দিয়ে আত্মহত্যা (suicide) করে। ওই কিশোরীর মা বাজার (msrket) থেকে বাড়ি ফিরে দেখেন, তাঁর মেয়ে গলায় দড়ি দিয়ে ঝুলছে। বাড়ির লোকজন কেউই বুঝতে পারেননি হঠাৎ করে তাঁদের ছটফটে, প্রাণোচ্ছল মেয়েটি কেন এই চরম সিদ্ধান্ত নিল।

খবর ঘটনার খবর পেয়ে পুলিশ (police) ওই কিশোরীর আত্মহত্যার তদন্ত শুরু করে। ঘটনার তদন্ত শুরু করে পুলিশের চক্ষু চড়কগাছ হয়েছে। ওই স্কুলপড়ুয়া কিশোরী আত্মহত্যার আগে একটি সুইসাইড নোট লিখে রেখে গিয়েছে। কিশোরী সুইসাইড নোটে লিখেছে, এই পৃথিবীতে মেয়েদের জন্য মাত্র দুটো নিরাপদ জায়গা আছে। একটি হল মায়ের গর্ভ এবং অপরটি হল কবরস্থান।

প্রাথমিক তদন্তের পর পুলিশ জানিয়েছে, ওই কিশোরীর উপর যৌন নির্যাতন চালিয়েছিল এক তরুণ। কিশোরীকে নির্যাতনের ঘটনায় যুক্ত থাকার অভিযোগে সোমবার এক কলেজ ছাত্রকে গ্রেফতার করেছে পুলিশ। প্রাথমিক জিজ্ঞাসাবাদে ওই ছেলেটি তার দোষ স্বীকার করেছে বলে জানা গিয়েছে। পুলিশ অভিযুক্ত তরুণের বিরুদ্ধে পকসো আইনে মামলা দায়ের করেছে।

আত্মহত্যার আগে কিশোরীর লেখা সুইসাইড নোটটি গোটা সমাজকে নাড়িয়ে দিয়েছে। ওই চিঠি আজকের সমাজকে দাঁড় করিয়েছে অত্যন্ত কঠিন এক প্রশ্নের সামনে।

ঘটনার প্রেক্ষিতে ওই কিশোরীর পরিবার অভিযুক্ত যুবকের উপযুক্ত শাস্তির দাবি জানিয়েছে। কিশোরীর মা জানিয়েছেন, তিনি কোনওভাবেই আর তাঁর মেয়েকে ফিরে পাবেন না। কিন্তু ওই যুবকের শাস্তি না হলে তাঁর মেয়ে কবরে গিয়েও শান্তি পাবে না। তাই ওই যুবকের যেন দৃষ্টান্তমূলক শাস্তি হয়। পুলিশ ঘটনাটির তদন্ত শুরু করেছে।

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