state government – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com Stay updated with Ekolkata24 for the latest Hindi news, headlines, and Khabar from Kolkata, West Bengal, India, and the world. Trusted source for comprehensive updates Thu, 14 Dec 2023 14:45:54 +0000 en-US hourly 1 https://ekolkata24.com/wp-content/uploads/2024/03/cropped-ekolkata24-32x32.png state government – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com 32 32 केंद्र-राज्य सरकार पर आरक्षण देने की जिम्मेदारी : शरद https://ekolkata24.com/uncategorized/the-responsibility-of-providing-reservation-rests-on-the-central-and-state-governments-sharad Tue, 12 Dec 2023 15:15:34 +0000 https://ekolkata24.com/?p=46893 उद्धव गुट की शिवसेना, कांग्रेस, शरद पवार गुट की एनसीपी लगातार शिंदे सरकार पर जुबानी हमला कर रही हैं। मराठा आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र में चल रहे विवाद को लेकर सियासी बयानबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है। इसी बची, शरद पवार ने मंगलवार को केंद्र, महाराष्ट्र सरकार को जमकर घेरा है। शरद पवार ने कहा कि मराठा आरक्षण अब गंभीर मुद्दा बन चुका है। विभिन्न समुदायों को आरक्षण देने की जिम्मेदारी केंद्र और राज्य सरकार की है।युवा संघर्ष यात्रा’ के समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शरद पवार ने कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य केंद्र और राज्य सरकार को जागृत करना था। यदि वे विभिन्न समुदायों को दिए जाने वाले आरक्षण पर काम नहीं कर रहे हैं तो यात्रा ने उन्हें बतलाया है कि युवा क्या चाहता है। उन्होंने कहा कि यात्रा ने 32 दिनों की अवधि में 800 किमी की दूरी तय की और महाराष्ट्र के 10 जिलों से होकर गुजरी।उन्होंने कहा कि केंद्र, राज्य सरकार नई पीढ़ी को आशा दें। चाहे वो मराठा, धनगर, लिंगायत या मुस्लिम समुदायों को आरक्षण देने की बात ही क्यों न हो।

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71 कैदियों को रिहा करने के बोस के निर्णय पर सहमति व्यक्त की https://ekolkata24.com/uncategorized/agreed-to-boses-decision-to-release-71-prisoners Sat, 14 Oct 2023 13:06:29 +0000 https://ekolkata24.com/?p=46151 शुरुआती खींचतान के बाद कैदी रिहाई का मामला राज्य सरकार और राजभवन के बीच सुलझ गया. राजभवन ने शुक्रवार देर रात नवान्न को रिहा करने के प्रस्ताव पर सहमति जताई। पूजा से पहले राज्य सरकार ने राज्य की विभिन्न जेलों में बंद 71 लोगों को रिहा करने का फैसला किया. लेकिन राजभवन नवान्न की इच्छा के आड़े आ गया. शुक्रवार रात राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने राज्य के 71 कैदियों को रिहा करने के राज्य सरकार के प्रस्ताव पर सहमति जताई. इससे पहले कुलपति की नियुक्ति को लेकर राज्यपाल और नवान्न के बीच टकराव हुआ था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच बैठक होने की संभावना है. नतीजा यह हुआ कि राजभवन और नवान्न के रिश्ते रसातल में चले गये. प्रशासन का मानना है कि इसमें काफी सुधार किया जा सकता है. यह भी माना जा रहा है कि इसमें काफी सुधार हुआ है।

इसके अलावा राज्य सरकार की शिकायत थी कि केंद्र सरकार ने राज्य के सौ दिनों के काम का बकाया रोक लिया है. इस मामले में भी राज्यपाल केंद्र और राज्य के बीच टकराव में मध्यस्थता कर रहे हैं. नतीजतन, नवान्ना और राज्यपाल के बीच तनावपूर्ण रिश्ते में काफी सुधार होता दिख रहा है. प्रशासनिक और राजनीतिक हलकों का मानना है कि कैदियों की रिहाई के राज्य सरकार के प्रस्ताव को राजभवन का समर्थन इस रिश्ते में सुधार का एक और कारण है।

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Covid 19: করোনা সংক্রমণ রুখতে ফের মাইক্রো কনটেনমেন্টের পথে রাজ্য সরকার https://ekolkata24.com/uncategorized/covid-19-state-government-on-the-way-to-micro-containment-again-to-prevent-corona-infection Mon, 25 Oct 2021 15:58:35 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=9111 News Desk, Kolkata: আশঙ্কা যা করেছিলেন বিশেষজ্ঞরা সেটাই বাস্তব হতে চলেছে। শারদোতসবের পর ও দীপাবলির আগে রাজ্যের করোনা সংক্রমণ পরিস্থিতি নিয়ে চিন্তা বাড়ছে। স্বাস্থ্য দফতরের সতর্কতা মেনে জোর দেওয়া হচ্ছে নাইট কারফিউতে।

রবিবার রাজ্যে করোনায় মৃত্যু হয়েছে ১১ জনের। কলকাতা ও উত্তর ২৪ পরগনায় মৃত ৩ জন করে। রাজ্যে করোনায় মোট মৃত্যু বেড়ে হয়েছে ১৯,০৬৬ জন। তবে প্রায় সপ্তাহখানেক পর রবিবার রাজ্যে কমেছে অ্যাক্টিভ কেস। কিন্তু বেড়েছে দৈনিক সংক্রমণের হার।

করোনা পরিস্থিতি নিয়ন্ত্রণে মাইক্রো কনটেনমেন্ট এলাকা ঘোষণা করা হয়েছে। দক্ষিণ চব্বিশ পরগনার আলিপুর সদর, বারুইপুর, ক্যানিং, ডায়মন্ডহারবার ও কাকদ্বীপ এই পাঁচটি মহকুমার ১৩টি থানা এলাকায় মোট ৪২টি মাইক্রো কনটেনমেন্ট জোন ঘোষণা করা হয়েছে। উত্তর ২৪ পরগনার বারাসত এবং ব্যারাকপুর মহকুমা এলাকায় মাইক্রো কনটেনমেন্ট জোন করা হয়েছে। থাকবে পুলিশ পিকেটিং।

কলকাতার মেয়র ফিরহাদ হাকিম জানান, কোথাও একটা, দুটো রোগী থাকলে গোটা এলাকাকে কনটেনেমেন্ট জোন করার ক্ষেত্রে সমস্যা রয়েছে। এক্ষেত্রে মাইক্রো কনটেনমেন্ট জোন করা যেতে পারে।

শারোদোৎসবে ভিড় ও আসন্ন দীপাবলি উতসবের মাঝে করোনা সংক্রমণ বাড়তে থাকায় চিন্তিত রাজ্য সরকার। অভিযোগ, এই পরিস্থিতি হবে যেনেও সরকার শারদোৎসবের মাঝে নিয়মবিধি শিথিল করে।

এর পর আসছে চার কেন্দ্রের উপনির্বাচন। তার জন্য চলছে প্রচার। ভোট ৩০ অক্টোবর। সোমবার রাজ্য সরকার জানায় আগামী ১৫ নভেম্বর থেকে খুলছে শিক্ষা প্রতিষ্ঠান।

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7th pay commission: কেন্দ্রের হারে রাজ্যকে ডিএ’র দাবি বামেদের https://ekolkata24.com/uncategorized/7th-pay-commission-left-front-urges-da-from-state-government-as-central-government Fri, 22 Oct 2021 05:00:32 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=8635 #7th pay commission
নিউজ ডেস্ক: কেন্দ্রের হারে রাজ্যকে ডিএ দেওয়ার দাবি জানাচ্ছে বামেরা। স্পষ্ট দাবি এই যে বাজারের দাম ব্যাপক হারে বাড়ছে সেই সময়ে কেন পরে থাকছে মহার্ঘ ভাতা। প্রতিশ্রুতি না দিয়ে তা এবার কার্যকরী করা এবং কেন্দ্রীয় হারে বৃদ্ধির দাবি জানিয়েছে তারা।

দুই সরকারের মহার্ঘ্য ভাতার হিসেব দিয়েছে বামেরা। সেখানে দেখা যাচ্ছে ৭ম বেতন কমিশন লাগু হওয়ার পর কেন্দ্রীয় সরকারী কর্মচারীদের প্রাপ্য মহার্ঘভাতা ১.৭.১৬ – ২%,১.১.১৭ – ২% ,১.৭.১৭ – ১%,১.১.১৮ – ২%,১.৭.১৮ -২%,১.১.১৯ – ৩%, ১.৭.১৯ – ৫%,১.৭.২১ – ১১% (১.১.২০ থেকে ১.১.২১ বকেয়া) ১.৭.২১ – ৩% । মোট ৩১%। ষষ্ঠ বেতন কমিশন দীর্ঘ টালবাহানার শেষে লাগু হওয়ার পর রাজ্য সরকারী কর্মচারীদের প্রাপ্ত মহার্ঘভাতা ১.১.২১ – ৩%। মোট বকেয়ার পরিমাণ-(৩১%-৩%)=২৮%

তাঁদের দাবি, “যখন নিত্যপ্রয়োজনীয় জিনিসপত্রের দাম আকাশছোঁয়া, পেট্রোপণ্যের মূল্যের সীমাহীন বৃদ্ধি সেই মুহূর্তে রাজ্য কর্মচারীদের প্রতিনিয়ত বেতনহ্রাস এবং পাহাড় প্রমাণ বণ্চনা। তাই আমাদের সংগঠনের পক্ষ থেকে রাজ্য সরকারের কাছে কেন্দ্রীয়হারে মহার্ঘভাতা দেওয়ার জন্য দাবি জানাচ্ছি।”

রাজ্য কো-অর্ডিনেশন কমিটি সাধারণ সম্পাদক বিজয় শংকর সিংহ বলেন, “ইতিমধ্যে গত ৮ সেপ্টেম্বর , ২০২১ আমাদের সংগঠনের পক্ষ থেকে বকেয়া মহার্ঘভাতা দেওয়ার দাবিতে মুখ্যমন্ত্রীকে চিঠি(স্মারকলিপি) দেওয়া হয়েছে। বর্তমানে বকেয়া মহার্ঘভাতার পরিমাণ আরো ৩% বৃদ্ধি পেল। সুতরাং সরকার যদি এই প্রাপ্য বকেয়া মহার্ঘভাতা দেওয়ার কোন সদিচ্ছা না দেখায় তাহলে সরকারী কোষাগার থেকে প্রাপ্ত বেতনভুক কর্মচারীরা বৃহত্তর আন্দোলন সংগ্রামের পথে নামতে বাধ্য হবে।”

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