बताया गया है कि इंडिगो का विमान दिल्ली से वाराणी जाने के लिए रवाना होने के लिए रन-वे पर था। तभी विमान में बम होने की सूचना मिली। सूचना के बाद विमान से सभी यात्रियों को बाहर निकाला गया। इस विमान में बम होने की सूचना दिल्ली दमकल सेवा को मिली थी।
गौरतलब हो कि इससे पहले दिल्ली के स्कूलों और अस्पतालों में भी बम होन की धमकियां मिल चुकी है। अब इंडिगो के विमान में बम होने की सूचना मिली। मौके पर मौजूद बम स्क्वाड विमान की जांच करने में लगी रही।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी लोकसभा (Lok Sabha Election 2024) सीट से चुनाव लड़ने के लिए नामांकन दाखिल करने वाले कॉमेडियन श्याम रंगीला का हलफनामा बुधवार को चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया. एक वीडियो संदेश में, श्री रंगीला ने दावा किया कि सीट के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे 55 उम्मीदवारों में से 36 उम्मीदवारों के फॉर्म खारिज कर दिए गए, जबकि पीएम मोदी और कांग्रेस के अजय राय सहित 15 उम्मीदवारों के हलफनामे जांच प्रक्रिया से गुजरे।
श्री रंगीला ने नामांकन प्रक्रिया में कई बाधाओं का आरोप लगाया है और दावा किया है कि उन्हें समय पर अपने कागजात जमा करने से रोक दिया गया था। उनके आरोप जिला मजिस्ट्रेट के कार्यालय तक फैल गए, जहां उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें गलत तरीके से अलग किया गया और दाखिल प्रक्रिया के दौरान सहायता से इनकार कर दिया गया।
“आज, जिला मजिस्ट्रेट ने मुझे बताया कि मेरे दस्तावेज़ों में कुछ समस्या थी और मैंने शपथ नहीं ली। उन्होंने वकीलों को मेरे साथ जाने नहीं दिया और मुझे अकेले बुलाया। मेरे दोस्त को पीटा गया। मोदीजी कार्रवाई कर सकते हैं और रोओ, लेकिन मैं यहां रोना नहीं चाहता,” श्री रंगीला ने कहा।
वाराणसी से नहीं लड़ने देंगे ये तय था, अब साफ़ हो गया
दिल ज़रूर टूट गया है, हौंसला नहीं टूटा है ।
आप सबके सहयोग के लिए शुक्रिया ।
मीडिया और शुभचिंतकों से निवेदन है कृपया अभी कॉल ना करें, जो भी सूचना होगी यहाँ देता रहूँगा, शायद अब थोड़ी देर बातचीत करने की इच्छा नहीं है pic.twitter.com/aB6AZqLGqv— Shyam Rangeela (@ShyamRangeela) May 15, 2024
“कल 27 नामांकन दाखिल किए गए और आज 32 नामांकन खारिज कर दिए गए, मुझे चुनाव आयोग पर हंसने का मन हो रहा है, क्या मुझे हंसना चाहिए? या मुझे रोना चाहिए?” उसने जोड़ा।
नॉमिनेशन के पीछे का कारण जो चुनाव आयोग कार्यालय से आपको दिखा रहें है उसकी भी सच्चाई आपके सामने रख रहा हूँ,
लोकतंत्र में उन्हीं को लड़ने का अधिकार है जिन्हें आयोग चुनेगाpic.twitter.com/aBFK6Zejry
— Shyam Rangeela (@ShyamRangeela) May 15, 2024
वाराणसी जिला मजिस्ट्रेट के आधिकारिक खाते से आई प्रतिक्रिया में श्री रंगीला के हलफनामे में कमियों और प्रक्रियात्मक औपचारिकताओं का पालन करने में विफलता का हवाला देते हुए अस्वीकृति को उचित ठहराने का प्रयास किया गया।
‘हँसो या रोओ?’ नामांकन के बाद कॉमेडियन का पीएम मोदी की सीट से नामांकन रद्द!
श्याम रंगीला ने नामांकन प्रक्रिया में कई तरह की बाधाओं का आरोप लगाया है।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए नामांकन दाखिल करने वाले कॉमेडियन श्याम रंगीला का हलफनामा बुधवार को चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया. एक वीडियो संदेश में, श्री रंगीला ने दावा किया कि सीट के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे 55 उम्मीदवारों में से 36 उम्मीदवारों के फॉर्म खारिज कर दिए गए, जबकि पीएम मोदी और कांग्रेस के अजय राय सहित 15 उम्मीदवारों के हलफनामे जांच प्रक्रिया से गुजरे।
श्री रंगीला ने नामांकन प्रक्रिया में कई बाधाओं का आरोप लगाया है और दावा किया है कि उन्हें समय पर अपने कागजात जमा करने से रोक दिया गया था। उनके आरोप जिला मजिस्ट्रेट के कार्यालय तक फैल गए, जहां उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें गलत तरीके से अलग किया गया और दाखिल प्रक्रिया के दौरान सहायता से इनकार कर दिया गया।
“आज, जिला मजिस्ट्रेट ने मुझे बताया कि मेरे दस्तावेज़ों में कुछ समस्या थी और मैंने शपथ नहीं ली। उन्होंने वकीलों को मेरे साथ जाने नहीं दिया और मुझे अकेले बुलाया। मेरे दोस्त को पीटा गया। मोदीजी कार्रवाई कर सकते हैं और रोओ, लेकिन मैं यहां रोना नहीं चाहता,” श्री रंगीला ने कहा।
“कल 27 नामांकन दाखिल किए गए और आज 32 नामांकन खारिज कर दिए गए, मुझे चुनाव आयोग पर हंसने का मन हो रहा है, क्या मुझे हंसना चाहिए? या मुझे रोना चाहिए?” उसने जोड़ा।
वाराणसी जिला मजिस्ट्रेट के आधिकारिक खाते से आई प्रतिक्रिया में श्री रंगीला के हलफनामे में कमियों और प्रक्रियात्मक औपचारिकताओं का पालन करने में विफलता का हवाला देते हुए अस्वीकृति को उचित ठहराने का प्रयास किया गया।
“आपकी उपस्थिति में आपके नामांकन पत्र की जांच की गई और आपको कमियों के बारे में बताया गया। आपका नामांकन पत्र रद्द कर दिया गया है क्योंकि आपके द्वारा प्रस्तुत शपथ पत्र अधूरा था और आपने शपथ/प्रतिज्ञान नहीं लिया था, जिसके आदेश की एक प्रति भी आपके पास है आपको उपलब्ध करा दिया गया है,” वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट एस राजलिंगम ने एक्स पर लिखा।
आपके नामांकन पत्र की संवीक्षा आपके समक्ष की गयी तथा कमियों से आपको अवगत कराया गया। आपके द्वारा प्रस्तुत शपथ पत्र अपूर्ण होने एवं आप द्वारा शपथ/प्रतिज्ञान न लिये जाने के कारण नामांकन पत्र निरस्त किया गया है, जिसके आदेश की प्रति भी आपको प्राप्त करायी गयी है। @ECISVEEP
— DM VARANASI (@Varanasi_DM) May 15, 2024
पूर्व में पीएम मोदी के कट्टर समर्थक, श्री रंगीला ने कहा था कि पिछले एक दशक में परिस्थितियां विकसित हुई हैं, जिससे उन्हें वाराणसी से प्रधान मंत्री के खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला करना पड़ा।
“2014 में, मैं प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का अनुयायी था। मैंने प्रधान मंत्री का समर्थन करते हुए कई वीडियो साझा किए। राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल के खिलाफ भी वीडियो साझा किए गए। उन्हें देखकर कोई भी कह सकता था कि मैं केवल भारतीय जनता पार्टी को वोट दूंगा अगले 70 वर्षों के लिए, लेकिन पिछले 10 वर्षों में स्थिति बदल गई है, मैं अब लोकसभा चुनाव में एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ूंगा।”
वाराणसी लोकसभा क्षेत्र में 2014 में एक ऐतिहासिक टकराव हुआ जब भाजपा के तत्कालीन प्रधान मंत्री पद के उम्मीदवार श्री मोदी ने AAP प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ा। 3 लाख से अधिक वोटों के अंतर के साथ श्री मोदी की शानदार जीत ने भाजपा के गढ़ के रूप में वाराणसी की स्थिति को मजबूत कर दिया है, एक विरासत जिसका वह आगामी चुनावों में विस्तार करना चाहते हैं।
वाराणसी, जिसमें पांच विधानसभा सीटें शामिल हैं, एक युद्ध का मैदान रहा है जहां भाजपा और कांग्रेस वर्षों से आमने-सामने हैं। 1957 के बाद से, जबकि भाजपा ने 1991 के बाद से सात बार सीट जीतकर महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है, कांग्रेस ने भी छह बार जीत हासिल करते हुए प्रभाव डाला है। वाराणसी सीट कभी भी समाजवादी पार्टी या बहुजन समाज पार्टी ने नहीं जीती है
]]>কাশীর সদগুরু সদাফলদেব যোগ সংস্থার বার্ষিক অনুষ্ঠানে অংশ নেন প্রধানমন্ত্রী মোদী। তিনি বলেন, কাশীতে যে সব বিদেশি পর্যটকরা আসেন তাদের কাছে এখন বদল ধরা পড়বে।
প্রধানমন্ত্রী বলেছেন, আমাদের লক্ষ্য কন্যাদের শিক্ষাদান। দেখতে হবে আর্থিক দিক থেকে কোনও ‘বেটি’ যেন শিক্ষা থেকে বঞ্চিত না হয়। তার জন্য সবাইকে এগিয়ে আসতে হবে। প্রধানমন্ত্রী ‘বেটি পড়াও’ কর্মসূচির আরও বিস্তার ঘটানোর আহ্বান জানান।
তিনি বলেন, যখন আমি বারাণসীর উন্নয়নের কথা বলি তখন দেশের উন্নয়নের রোড ম্যাপ তৈরি হয়ে যায়। এখানে যারা আসবেন তারা চলে যাবার সময় অনেক কিছু সংগ্রহ করে নিয়ে যাবেন।
প্রধানমন্ত্রীর সফর ঘিরে রাজনৈতিক হাওয়া উত্তপ্ত হতে শুরু করেছে। বিরোধী দলগুলির অভিযোগ, উত্তর প্রদেশ বিধানসভা নির্বাচনের দিকে লক্ষ্য রেখেই প্রধানমন্ত্রী বারাণসীতে জমকালো উন্নয়ন বার্তা দিচ্ছেন। রাজ্যের বেটিরা বিজেপি সরকারের আমলে চরম নিরাপত্তাহীনতায়।
প্রাক্তন মুখ্যমন্ত্রী তথা সমাজবাদী পার্টির নেতা অখিলেশ সিং যাদব পৌরাণিক প্রবাদের সাহায্যে প্রধানমন্ত্রীর প্রাক নির্বাচনী কাশী সফরকে কটাক্ষ করেছেন। তিনি বলেছেন যখম অন্তিম সময় আসে তখন মানুষ কাশী যায়।
]]>আজও বারাণসীতে (Varanasi) তাঁর একাধিক কর্মসূচি রয়েছে। সকালে বিশ্বনাথ মন্দিরে (Kashi Viswanath Temple) যাবেন তিনি। তারপর বিজেপি (BJP) শাসিত রাজ্যগুলির মুখ্যমন্ত্রীদের সঙ্গে তাঁর বৈঠক রয়েছে। ওই বৈঠকে ১২টি বিজেপি শাসিত রাজ্যের মুখ্যমন্ত্রীরা তাঁদের কাজের খতিয়ান পেশ করবেন। তা পর্যালোচনা করে দেখবেন প্রধানমন্ত্রী (PM Narendra Modi)।

সোমবার গভীর রাতে বারাণসী রেল স্টেশন (Baranasi Rail Station) ঘুরে দেখেন প্রধানমন্ত্রী। স্টেশনের বিভিন্ন আধুনিক ব্যবস্থা সম্পর্কে খোঁজ নেন। তাঁর সঙ্গে ছিলেন উত্তরপ্রদেশের মুখ্যমন্ত্রী যোগী আদিত্যনাথ (Yogi Adityanath)। প্রধানমন্ত্রী জানান, রেল যোগাযোগের পাশাপাশি আধুনিক, পরিষ্কার পরিচ্ছন্ন স্টেশন গড়ে তোলাই তাঁর সরকারের লক্ষ্য। একটি যোগ সংস্থার অনুষ্ঠানেও যোগ দেবেন তিনি। বিকেলে তাঁর দিল্লি ফেরার কথা।
প্রসঙ্গত, গতকাল ক্রুজে এসে প্রথমে গঙ্গাস্নান, পরে বিশ্বনাথ মন্দিরে পুজো দেন প্রধানমন্ত্রী। শিব দীপাবলিতে গঙ্গাবক্ষ থেকে সন্ধ্যারতিও দেখেন। এদিন বারাণসীতে নতুন রূপে আত্মপ্রকাশ করা কাশী বিশ্বনাথ মন্দির করিডরের উদ্বোধন করলেন প্রধানমন্ত্রী নরেন্দ্র মোদী। পোশাক বদলে গেরুয়া পরে তাঁকে গঙ্গায় নামতে দেখা যায়। তারপর গঙ্গার জল নিয়ে সোজা চলে যান কাশী বিশ্বনাথ মন্দিরে। শেষে ষোড়শ উপচারে পুজোয় অংশ নেন, সঙ্গে করেন আরতি।
প্রধানমন্ত্রী এদিন বলেন, ‘এখানে সবাই আসতে চাইতেন, কিন্তু রাস্তা সংকীর্ণ ছিল। এখন সোজা গঙ্গার ঘাট থেকে মন্দিরে আসা অনেক সহজ হবে। ৩ হাজার বর্গফুটের করিডর এখন ৫ লক্ষ বর্গফুটের করা হয়েছে। এখন মন্দির পরিসরে প্রায় ৭০ হাজার পুণ্যার্থী আসতে পারবেন। কাশীর সঙ্গে জুড়ে পণ্ডিত রবিশঙ্কর থেকে বিসমিল্লা খান। বাংলার রানি ভবানী কাশীর মন্দিরে সর্বস্ব দান করেছিলেন। দক্ষিণ ভারতেও কাশীর প্রভাব অবিস্মরণীয়। কাশীর বার্তা দেশের দিশা বদলে দেয়।’
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p style=”text-align: justify;”>এদিন মন্দির চত্বর-সহ গোটা কাশীকেই সাজিয়ে তোলা হয়েছিল। প্রায় ১১ লক্ষ প্রদীপ দিয়ে সাজানো হয় দশাশ্বমেধ-সহ একাধিক ঘাট। সঙ্গে রঙ্গোলির কারুকাজ। ২০১৯ সালে এই প্রকল্পের শিল্যন্যাস করেছিলেন মোদী। তারপর প্রায় ৩৩৯ কোটি টাকা খরচে তৈরি হয়েছে এই করিডোর।
]]>কবি মহম্মদ ইকবাল ভারত ভাগের পর পাকিস্তানের নাগরিকত্ব নেন। তাঁকে পাকিস্তান জাতীয় কবির মর্যাদা দিয়েছে। তিনি বিখ্যাত ‘সারে জাঁহা সে আচ্ছা হিন্দুস্তাঁ হমারা’ এই উর্দু কবিতা লিখে।
বিবিসি জানাচ্ছে, বেনারশ হিন্দু বিশ্ববিদ্যালয়ের উর্দু বিভাগ তাদের পোস্টারে বিখ্যাত উর্দু কবি মুহাম্মদ ইকবালের ছবি ব্যবহার করে ৯ নভেম্বর তাঁর জন্মদিন উপলক্ষে। এর পরেই এবিভিপি ছাত্র সংগঠনের চাপের মুখে সেই ছবি প্রত্যাহার করে নিজেদের ‘ভুল’ স্বীকার করে নিয়েছে বিশ্ববিদ্যালয় কর্তৃপক্ষ।
উত্তর প্রদেশের বারাণসী থেকেই সাংসদ প্রধানমন্ত্রী নরেন্দ্র মোদী। আরএসএসের ছাত্র সংগঠনের দাবি, কেন বিএইচইউ প্রতিষ্ঠাতা পন্ডিত মদনমোহন মালব্যর ছবি নেই উর্দু বিভাগের পোস্টারে। এই নিয়ে বিতর্ক চরমে ওঠে।
বিবিসি জানাচ্ছে, বেনারস হিন্দু বিশ্ববিদ্যালয়ের (বিএইচইউ) উর্দু বিভাগ প্রতি বছর ৯ই নভেম্বর কবি ইকবালের জন্মদিন ‘উর্দু দিবস’ হিসেবে পালন করে। তারা একটি ওয়েবিনারের আয়োজন করেছিল। সেই ওয়েবিনারের পোস্টারে কবি ইকবালের ছবি কেন আছে এবং তা নিয়ে তুমুল প্রতিবাদ জানায় অখিল ভারতীয় বিদ্যার্থী পরিষদ। একজন পাকিস্তানি নায়ককে কেন বিএইচইউ সম্মান দেখাবে সেই প্রশ্ন তুলে কর্তৃপক্ষের কাছে স্মারকলিপিও জমা দেওয়া হয়।
]]>যে সব স্টেশন জঙ্গিদের লক্ষ্যবস্তু বলে চিহ্নিত সেখানে চলছে বিশেষ সতর্কতা। দীপাবলি উৎসবের আগেই লস্কর জঙ্গিদের হুঁশিয়ারিতে চিন্তিত উত্তর প্রদেশ সরকার ও রেল মন্ত্রক।
জানা গিয়েছে, লস্কর জঙ্গিদের নিশানায় আছে রাজধানী লখনউ, বারাণসী, কানপুর, প্রয়াগরাজ (এলাহাবাদ), কানপুর, হরিদ্বার, মুরাদাবাদ, অযোধ্যা সহ উত্তর প্রদেশের ৪৬টি স্টেশন বা জংশন।
সতর্কতা হিসেবে জিআরপি, আরপিএফকে বিশেষ নজরদারি চালানোর নির্দেশ দিয়েছে রেল মন্ত্রক। সেই মতো বিভিন্ন স্টেশনে চলছে তল্লাশি ও নজরদারি।
গোয়েন্দা বিভাগের জারি করা সতর্কতা মেনে সিসিটিভি নজরদারিতে বিশেষ জোর দেওয়া হচ্ছে। এছাড়াও কমান্ডো বাহিনী প্রস্তুত। যে কোনওরকম হামলা পরিস্থিতি রুখতে জঙ্গি দমন বিভাগ (এটিএস) তৈরি। উত্তর প্রদেশ রাজ্য পুলিশকে বিশেষ নজরদারি চালানোর নির্দেশ দেওয়া হয়েছে।
উত্তর প্রদেশে জঙ্গি হামলা হতে পারে এমন সতর্কতা আগেই দিয়েছে গোয়েন্দা বিভাগ। উৎসবের ভিড় বা বড় জমায়েতে থাকছে কড়া নজর।
]]>সোমবার রাকেশ পুলিশি হেফাজতে মৃত অরুণ বাল্মীকির পরিবারের সঙ্গে দেখা করতে গিয়েছিলেন। সেখানে তিনি বিজেপিকে ভোট না দেওয়ার আবেদন জানান। সংযুক্ত কিষান মোর্চা ছাড়াও গো বলয়ের বৃহত্তম রাজ্যে এবার বিজেপির টক্কর নিতে পারে তৃণমূল কংগ্রেস। সোমবারই ললিতপতি ও রাজেশপতি ত্রিপাঠী কংগ্রেস ছেড়ে তৃণমূলে যোগ দিয়েছেন। এই দুই ভাই প্রয়াত কংগ্রেস নেতা ও রাজ্যের প্রাক্তন মুখ্যমন্ত্রী কমলাপতি ত্রিপাঠীর নাতি। এই দুইজন সোমবার শিলিগুড়িতে তৃণমূল নেত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় ও অভিষেক বন্দ্যোপাধ্যায়ের উপস্থিতিতে তৃণমূল কংগ্রেসে যোগ দেন।
মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় এদিন জানিয়েছেন, ছট পুজোর পরেই তিনি সময় পেলে বারাণসীতে যাবেন। এদিনের সভায় অভিষেক বলেন, আগামী দিনে মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়ের নেতৃত্বে তৃণমূল কংগ্রেস বিজেপিকে দিল্লির ক্ষমতা থেকে সরাবে। মানুষ এখন বুঝে গিয়েছে, একমাত্র মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়ের নেতৃত্বেই গোটা দেশ নিরাপদ ও সুরক্ষিত থাকবে। তাই ২০২৪ লোকসভা নির্বাচনে তৃণমূল কংগ্রেসই বিজেপিকে সরিয়ে কেন্দ্রে ক্ষমতা দখল করবে। রাজনৈতিক মহল মনে করছে, বারানসী হল প্রধানমন্ত্রী নরেন্দ্র মোদির নির্বাচনী কেন্দ্র। মমতা মোদির ঘর থেকেই লড়াইটা শুরু করতে চান। সে কারণেই তিনি বারানসী থেকে উত্তরপ্রদেশ সফর শুরু করতে চাইছেন।
এদিকে অরুণের পরিবারের সঙ্গে দেখা করে বেরিয়ে এসে কৃষক নেতা টিকায়েত বলেন, মৃত অরুণের পরিবারকে ৪০ লক্ষ টাকা ক্ষতিপূরণ এবং একজনকে সরকারি চাকরি দিতে হবে। উত্তরপ্রদেশ সরকার ক্ষতিপূরণ দেওয়ার ক্ষেত্রেও বৈষম্য করছে। কানপুর ও লখিমপুরে মৃতদের পরিবারকে ৪০ লক্ষ টাকা ক্ষতিপূরণ দেওয়া হচ্ছে। কিন্তু আগ্রহ মৃতের পরিবারকে দেওয়া হচ্ছে মাত্র ১০ লক্ষ টাকা। টিকায়েত এদিন আগ্রায় বলেন, আসন্ন বিধানসভা নির্বাচনে সংযুক্ত মোর্চা বিজেপির বিরোধিতা করবে।
তাই সাধারণ মানুষের কাছে আমার আবেদন বিধানসভা ভোটে তাঁরা যেন বিজেপিকে ভোট না দেন। তবে বিজেপিকে ভোট না দেওয়ার আর্জি জানালেও অন্য রাজনৈতিক দলগুলির পক্ষেও কোনও ইতিবাচক বার্তা দেননি এই প্রবীণ নেতা। তিনি বলেছেন, বিধানসভা নির্বাচনে কিষান মোর্চা কোনও দলকেই সমর্থন করবে না। কৃষকদের একটাই দাবি, সেটা হল মোদি সরকারের তৈরি তিন কৃষি আইন বাতিল করতে হবে। ওই আইন বাতিল না হওয়া পর্যন্ত কৃষকরা আন্দোলনের পথ থেকে সরে আসবে না।
]]>কিন্তু কেন্দ্রের সেই নির্দেশিকা বা করোনা বিধিকে বুড়ো আঙুল দেখিয়ে শনিবার দিনভর বেনারসে ধুমধামের সঙ্গে পালিত হল ‘ভরত মিলাপ’ অনুষ্ঠান। হাজার হাজার মানুষ এই অনুষ্ঠানে যোগ দেন। অধিকাংশের মুখেই মাস্ক ছিল না। সামাজিক দূরত্ব বজায় রাখার কথা তো চিন্তাই করা যায় না। তবে বিশেষজ্ঞরা অনেকেই মনে করছেন, বেনারসবাসীকে এই ঘটনার জন্য কড়া মাসুল চোকাতে হবে।
চিরাচরিত প্রথা অনুযায়ী প্রতিবছরই দশমীর পরের দিন বেনারসে পালিত হয় এই অনুষ্ঠান। দীর্ঘ ১৪ বছর বনবাসে কাটিয়ে একাদশীর দিন রামচন্দ্র অযোধ্যায় ফিরেছিলেন। রামচন্দ্র এবং সীতাকে সসম্মানে অযোধ্যায় ফিরিয়ে এনেছিলেন ভাই ভরত। তাই এই দিনটি পবিত্র দিন হিসেবে উদযাপন করা হয়। এই দিনের অনুষ্ঠানকেই ‘ভরত মিলাপ’ বলা হয়ে থাকে। সেই অনুষ্ঠানে যোগী সরকারের কোনও নিয়ন্ত্রণ ছিল না। বিশেষজ্ঞরা মনে করছেন, বিধানসভা নির্বাচনের দিকে তাকিয়েই যোগী সরকার এভাবে অনুষ্ঠানের ওপর কোনও বিধিনিষেধ জারি করেনি। কিন্তু যোগী সরকারের এই প্রশাসনিক ব্যর্থতা আগামী দিনে মানুষের পক্ষে বিপদের কারণ হয়ে উঠতে পারে।
বিশেষজ্ঞরা স্পষ্ট জানিয়েছেন, যেভাবে শনিবার বেনারসের নাতি ইমালি মাঠে হাজার হাজার ভক্তের ঢল নেমেছিল তার যথেষ্টই উদ্বেগের। সোশ্যাল মিডিয়ায় ছড়িয়ে পড়া ভিডিয়োতে দেখা গিয়েছে, একটি রথকে কাঁধে নিয়ে ওই মাঠের চারদিকে প্রদক্ষিণ করছেন ভক্তরা। তাদের কারও মুখেই মাস্ক নেই। সামাজিক দূরত্ব বজায় রাখার কথা তো চিন্তাই করা যায় না। গোটা এলাকায় তিল ধারনের জায়গা নেই। বেনারসের বাইরে থেকেও বহু মানুষ এই অনুষ্ঠানে যোগ দিয়েছেন। বেনারসের প্রতিটি হোটেলেই ঠাঁই নেই ঠাঁই নেই রব।
কেন্দ্রের করোনা বিধিকে উপেক্ষা করে যোগী সরকার কীভাবে এই অনুষ্ঠানের অনুমতি দিলো তা নিয়ে ইতিমধ্যেই বিভিন্ন মহলে প্রশ্ন উঠেছে। অনেকেই মনে করছেন, বিধানসভা নির্বাচনের দিকে তাকিয়ে যোগী সরকার সস্তায় কিস্তিমাত করতে চাইছে। সে কারণেই এই অনুষ্ঠানে জনসমাগমের উপর কোনও বিধিনিষেধ আরোপ করা হয়নি।
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