ढाका : रविवार यानी 4 अगस्त को बांग्लादेश के कई हिस्सों में एक बार फिर से हिंसा भड़क गई। प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में हजारों प्रदर्शनकारी एकत्रित हुए। इस दौरान रविवार को प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ अवामी लीग के समर्थकों के बीच कई जगहों पर झड़प हुई। झड़प में कई लोगों के मारे जाने की खबर है। वहीं 30 से ज्यादा घायल हुए हैं। ढाका ट्रिब्यून अखबार के मुताबिक झड़प के बाद पीएम शेख हसीना ने गण भवन में सुरक्षा मामलों की राष्ट्रीय समिति की बैठक भी बुलाई।
एक अखबार की एक रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश हिंसा में 32 लोगों की मौत हो गई है। वहीं सौ से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ अवामी लीग के समर्थकों के बीच झड़प हुई है। वहीं, खबर है कि झड़प के बाद पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया गया है। बता दें, पीएम शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर छात्र जमकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी दौरान हिंसा भड़क गई। हिंसा को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े।
वहीं, छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि देश भर में विरोध प्रदर्शन के नाम पर तोड़फोड़ करने वाले छात्र नहीं आतंकवादी हैं. ऐसे तत्वों से कड़ाई से निपटने की जरूरत है। बता दें, विरोध पर उतरे छात्र प्रधानमंत्री हसीना से इस्तीफे की मांग कर रहे थे।
छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बीच पीएम शेख हसीना ने अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में सेना, नौसेना, वायु सेना, पुलिस, रैपिड एक्शन बटालियन, बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के प्रमुख और अन्य शीर्ष सुरक्षा अधिकारी शामिल हुए। बैठक में प्रधानमंत्री के सुरक्षा सलाहकार और गृह मंत्री भी मौजूद थे।
इससे पहले पुलिस और छात्र प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पों में 200 से अधिक लोग मारे गये थे। बता दें, छात्र प्रदर्शनकारी देश में विवादास्पद कोटा प्रणाली को खत्म करने की मांग पर कर रहे थे, जिसके तहत 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के योद्धाओं के रिश्तेदारों के लिए सरकारी नौकरियों में 30 फीसदी आरक्षण दिया गया था।