Video – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com Stay updated with Ekolkata24 for the latest Hindi news, headlines, and Khabar from Kolkata, West Bengal, India, and the world. Trusted source for comprehensive updates Mon, 16 Jun 2025 14:50:13 +0000 en-US hourly 1 https://ekolkata24.com/wp-content/uploads/2024/03/cropped-ekolkata24-32x32.png Video – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com 32 32 नंदीग्राम में Suvendu Adhikari का ‘चौकीदार’ दावा, 2026 में ममता को ‘पूर्व’ बनाने की चेतावनी https://ekolkata24.com/top-story/bjps-suvendu-adhikari-vows-to-oust-mamata-banerjee-in-2026-calls-himself-nandigrams-watchman Mon, 16 Jun 2025 14:50:13 +0000 https://ekolkata24.com/?p=51780

पश्चिम बंगाल के विपक्षी नेता और बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) ने नंदीग्राम में खुद को ‘छोटा चौकीदार’ घोषित किया है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘बड़ा चौकीदार’ बताया। 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ‘पूर्व’ बनाने की चेतावनी दी है। रविवार को नंदीग्राम थाने के सामने बीजेपी के विरोध प्रदर्शन में शुभेंदु ने यह बयान दिया, जहां उन्होंने स्थानीय चुनाव स्थगित होने का विरोध किया।

शुभेंदु ने कहा, “2019 के लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के चौकीदार थे। मैं नंदीग्राम के लोगों का छोटा चौकीदार हूं। आपके सुख में एक बार आऊंगा, लेकिन दुख में तुरंत पहुंच जाऊंगा।” उन्होंने आगे कहा, “तृणमूल ने 26,000 नौकरियां चुराईं। आने वाले दिनों में 32,000 प्राथमिक शिक्षकों की नौकरियां खतरे में हैं। ममता बनर्जी 2026 में पूर्व मुख्यमंत्री होंगी। नंदीग्राम ने उन्हें हराया, और हम उन्हें विदाई देंगे।”

नंदीग्राम के कालीचरणपुर सहकारी समिति का चुनाव रविवार को होने वाला था, लेकिन अंतिम समय में इसे स्थगित कर दिया गया। शुभेंदु ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस पुलिस का दुरुपयोग कर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बाधित कर रही है। उन्होंने कहा, “हमने चार बार हाईकोर्ट से आदेश लेकर मतदान कराया और जीते। इस बार भी हाईकोर्ट जाएंगे, मतदान कराएंगे, और हमारे नेता जीतेंगे।” उन्होंने स्थानीय पुलिस अधिकारियों पर भी निशाना साधा, कहा, “आईसी, आपका वेतन कौन देता है? ममता या भतीजा? हम टैक्स के पैसे से वेतन देते हैं। आप जनता के सेवक हैं, तृणमूल के नहीं।”

शुभेंदु ने तृणमूल पर सांप्रदायिक विभाजन का आरोप लगाते हुए कहा, “तृणमूल सोचता है कि मुस्लिम वोट होंगे तो वे सुरक्षित हैं। लेकिन कांचननगर में हमें हरा नहीं पाए। सनातनी शक्ति अजेय है।” उन्होंने उत्तर प्रदेश के मॉडल का अनुसरण कर बंगाल में बीजेपी की जीत की उम्मीद जताई।

2021 में शुभेंदु ने नंदीग्राम में ममता बनर्जी को 1,956 वोटों से हराया था। इस जीत ने उन्हें राज्य की राजनीति में बीजेपी का चेहरा बनाया। 2026 के चुनाव से पहले उन्होंने नंदीग्राम को केंद्र में रखकर तृणमूल पर हमले तेज कर दिए हैं। बीजेपी के इस विरोध प्रदर्शन में अन्य नेता भी मौजूद थे, जिन्होंने तृणमूल शासन के खिलाफ आवाज बुलंद की। शुभेंदु का यह ‘चौकीदार’ दावा और ममता को ‘पूर्व’ बनाने की चेतावनी ने राज्य की राजनीति में नया विवाद पैदा कर दिया है।

]]>
कोचबिहार में शुभंकर की कमल खेती से सपनों की शुरुआत! https://ekolkata24.com/business/from-small-pots-to-big-dreams-cooch-behars-shubhankar-redefines-lotus-farming Mon, 16 Jun 2025 08:32:31 +0000 https://ekolkata24.com/?p=51759

कोचबिहार के एक युवा उद्यमी शुभंकर साहा कमल की खेती (Lotus Farming) के माध्यम से उत्तर बंगाल के कृषि क्षेत्र में नई संभावनाएं तलाश रहे हैं। कमल का फूल, जो न केवल सुंदरता और पवित्रता का प्रतीक है, बल्कि अब शुभंकर के प्रयासों से व्यावसायिक अवसरों का नया रास्ता भी बन रहा है। घर की छत पर एक छोटे गमले से शुरू हुआ यह सफर अब सपनों के खेत तक पहुंच चुका है, जो उत्तर बंगाल के किसानों के लिए एक प्रेरणा बन रहा है। इस लेख में हम शुभंकर की इस यात्रा, कमल की खेती की संभावनाओं, बाजार की मांग, और एक्स पर प्रशंसकों की प्रतिक्रियाओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

Read Bengali: কোচবিহারে শুভঙ্করের পদ্ম চাষে নতুন স্বপ্নের অধ্যায় উন্মোচিত!

यात्रा की शुरुआत
शुभंकर साहा, कोचबिहार के एक साधारण युवक, ने सोशल मीडिया पर कमल की खेती के वीडियो देखकर इस काम में रुचि ली। वे कहते हैं, “मैंने सबसे पहले यूट्यूब पर कमल की खेती के वीडियो देखे। फूल की सुंदरता और इसकी खेती की आसान विधि ने मुझे आकर्षित किया। तब मैंने सोचा, क्यों न घर पर छोटे स्तर पर इसे शुरू किया जाए।” इस विचार के साथ उन्होंने अपनी छत पर एक छोटे गमले में कमल की खेती शुरू की। शुरुआत में यह सिर्फ एक शौक था। लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने देखा कि उनके द्वारा उगाए गए कमल के पौधे अच्छे फूल दे रहे हैं और स्थानीय लोगों में इसके प्रति रुचि बढ़ रही है।

शुभंकर का यह छोटा सा प्रयास धीरे-धीरे व्यावसायिक रूप लेने लगा। उन्हें एहसास हुआ कि कमल के फूलों की बाजार में मांग है, खासकर पूजा-अर्चना और सजावट के लिए। वे कहते हैं, “कमल के फूलों की मांग पूरे साल रहती है। विशेष रूप से दुर्गा पूजा, लक्ष्मी पूजा के समय इसकी मांग बढ़ जाती है। इसके अलावा, फूल की पंखुड़ियों और बीजों की भी बाजार में कीमत है।”

कमल की खेती के फायदे
कमल की खेती में लागत अपेक्षाकृत कम आती है। शुभंकर बताते हैं, “एक गमले में कमल की खेती में ज्यादा खर्च नहीं होता। मिट्टी, पानी, और थोड़ी खाद की जरूरत होती है। लेकिन देखभाल और धैर्य जरूरी है।” वे कोचबिहार की जलवायु और मिट्टी की गुणवत्ता को इस खेती के लिए उपयुक्त मानते हैं। वे कहते हैं, “उत्तर बंगाल के जलाशय और तालाब कमल की खेती के लिए आदर्श हैं। बस सही योजना और प्रशिक्षण की जरूरत है।”

वर्तमान में शुभंकर छोटे स्तर पर खेती कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने आय का स्रोत देखना शुरू कर दिया है। वे स्थानीय बाजार में कमल के फूल बेच रहे हैं, और पूजा के समय उनकी मांग ने उन्हें और प्रोत्साहित किया है। वे कहते हैं, “एक कमल का फूल 50-100 रुपये में बिकता है। अगर बड़े पैमाने पर खेती हो, तो मुनाफा बढ़ेगा।”

उत्तर बंगाल में कमल की खेती की संभावनाएं
उत्तर बंगाल में कमल की खेती अब तक लगभग अनजान थी। दक्षिण बंगाल के कुछ जिलों, जैसे हावड़ा और पूर्व मेदिनीपुर, में कमल की खेती व्यावसायिक रूप से होती रही है, लेकिन उत्तर बंगाल में यह नया है। शुभंकर का यह प्रयास इस क्षेत्र में कमल की खेती की संभावनाओं को उजागर करता है। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तर बंगाल के जलाशय और तालाब इस खेती के लिए आदर्श हैं। हालांकि, किसानों को प्रशिक्षण और सरकारी सहायता की जरूरत है।

कोचबिहार के कृषि विभाग के एक अधिकारी ने कहा, “कमल की खेती कम लागत में अधिक मुनाफा दे सकती है। हम शुभंकर जैसे उद्यमियों को प्रशिक्षण और सब्सिडी देने की योजना बना रहे हैं।” शुभंकर खुद भी अन्य किसानों को इस खेती के लिए प्रोत्साहित करना चाहते हैं। वे कहते हैं, “मैं चाहता हूं कि मेरे गांव के और लोग इस खेती से जुड़ें। इससे हमारी अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।”

चुनौतियां और भविष्य की योजना
कमल की खेती में संभावनाओं के साथ कुछ चुनौतियां भी हैं। शुभंकर कहते हैं, “फूलों का संरक्षण और परिवहन एक समस्या है। इसके अलावा, बाजार में प्रतिस्पर्धा भी है।” वे बड़े पैमाने पर खेती करने की योजना बना रहे हैं और सरकारी सब्सिडी व प्रशिक्षण की उम्मीद कर रहे हैं। वे कहते हैं, “मेरा सपना एक कमल की खेती का फार्म शुरू करने का है, जहां अन्य लोग भी काम कर सकें।”

संभावित प्रभाव
शुभंकर का यह प्रयास उत्तर बंगाल में कमल की खेती का एक नया अध्याय शुरू कर सकता है। यह किसानों के लिए वैकल्पिक आय का स्रोत बन सकता है और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत कर सकता है। यदि सरकार और कृषि विभाग इस पहल का समर्थन करें, तो उत्तर बंगाल में कमल की खेती में क्रांति आ सकती है।

शुभंकर साहा की छोटे गमले से शुरू हुई कमल की खेती की यात्रा अब सपनों के खेत तक पहुंच चुकी है। उनका यह प्रयास न केवल व्यक्तिगत सफलता की कहानी है, बल्कि उत्तर बंगाल के कृषि क्षेत्र में नई संभावनाओं का द्वार खोलता है। सही दिशा-निर्देश और सहायता मिले, तो शुभंकर की यह कमल की खेती अन्य युवाओं को भी प्रेरित कर सकती है।

 

]]>
Nandigram में सहकारी चुनाव में टीएमसी समर्थित उम्मीदवार को जान से मारने धमकी https://ekolkata24.com/west-bengal/nandigram-cooperative-election-tmc-candidate-alleges-death-threats-shop-burning-warning-by-bjp Sun, 15 Jun 2025 18:42:19 +0000 https://ekolkata24.com/?p=51716

पूर्व मेदिनीपुर के नंदीग्राम (Nandigram) में सहकारी चुनाव को लेकर तनाव चरम पर है। विपक्षी नेता शुभेंदु अधिकारी के विधानसभा क्षेत्र में सहकारी चुनाव विधानसभा चुनाव की तरह ही गर्मागर्म हो गया है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) समर्थित एक उम्मीदवार को फोन पर जान से मारने और उनकी दुकान जलाने की धमकी देकर जबरन नामांकन वापस कराने का गंभीर आरोप बीजेपी पर लगा है। इस घटना से जुड़ा एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। नंदीग्राम-1 ब्लॉक के टीएमसी अध्यक्ष बप्पादित्य गर्ग ने इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी की कड़ी निंदा की है और नंदीग्राम थाने में लिखित शिकायत दर्ज की है।

Read Bengali: নন্দীগ্রামে সমবায় নির্বাচনে তৃণমূল প্রার্থীকে প্রাণনাশের হুমকির অভিযোগ

जानकारी के अनुसार, रविवार को नंदीग्राम-1 ब्लॉक के कालीचरणपुर सहकारी कृषि विकास समिति का चुनाव होना था। इस समिति में कुल 12 सीटें हैं, जहां टीएमसी और बीजेपी दोनों ने सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। आरोप है कि टीएमसी समर्थित उम्मीदवार अमिय सांतरा के बेटे को फोन पर धमकी दी गई कि उनके पिता को नामांकन वापस लेना होगा। फोन पर जान से मारने की धमकी के साथ-साथ अमियबाबू की मनसातला बाजार में स्थित कपड़े की दुकान और घर को तोड़कर धूल में मिला देने की धमकी भी दी गई। वायरल ऑडियो क्लिप में यह धमकी स्पष्ट रूप से सुनी जा सकती है। टीएमसी का दावा है कि डर दिखाकर 5 जून को अमिय सांतरा से जबरन नामांकन वापस कराया गया।

टीएमसी नेतृत्व का कहना है कि अमियबाबू जिस क्षेत्र से उम्मीदवार थे, वहां कुल 28 मतदाताओं में से 23 टीएमसी समर्थक हैं। इसलिए हार के डर से बीजेपी ने धमकी का रास्ता चुना। बप्पादित्य गर्ग ने कहा, “बीजेपी लोकतांत्रिक माहौल को नष्ट कर जीतना चाहती है। हम अमियबाबू के साथ हैं और कानूनी कार्रवाई करेंगे।” धमकी के बाद से अमिय सांतरा सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आए हैं, जिससे स्थिति की गंभीरता और बढ़ गई है।

इस मामले में बीजेपी की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, नंदीग्राम के राजनीतिक हलकों में इस घटना ने भारी हंगामा मचा दिया है। सहकारी चुनाव का यह तनाव नंदीग्राम के राजनीतिक संघर्ष को और उजागर कर रहा है।

]]>
Mamata Banerjee: টাটাকে আমি তাড়াইনি সিপিএম তাড়িয়েছে: মমতা https://ekolkata24.com/uncategorized/mamata-banerjee-%e0%a6%9f%e0%a6%be%e0%a6%9f%e0%a6%be%e0%a6%95%e0%a7%87-%e0%a6%86%e0%a6%ae%e0%a6%bf-%e0%a6%a4%e0%a6%be%e0%a7%9c%e0%a6%be%e0%a6%87%e0%a6%a8%e0%a6%bf-%e0%a6%b8%e0%a6%bf%e0%a6%aa%e0%a6%bf Wed, 19 Oct 2022 10:22:58 +0000 https://kolkata24x7.in/?p=67565 এ রাজ্য থেকে শিল্পের বিসর্জন হয়েছিল সিঙ্গুরে টাটা মোটরস কার়খানা বন্ধ করে টাটা গোষ্ঠির চলে যাওয়া। এমনই দাবি করে (CPIM) সিপিআইএম। তৎকালীন ক্ষমতায় থাকা বামফ্রন্টের জমি অধিগ্রহণ নীতির বিরুদ্ধে তীব্র আন্দোলন হয়েছিল সিঙ্গুরে। সেই আন্দোলনের নেত়ৃত্ব দেন (Mamata Banerjee) মমতা। তিনি এখন মু়খ্যমন্ত্রী। তাঁর দশ বছর পার করা সরকারের আমলে শিল্প আনার ব্যর্থতা নিয়ে বিরোধীরা […]

সংবাদটি বিস্তারিত পড়তে ক্লিক করুন Mamata Banerjee: টাটাকে আমি তাড়াইনি সিপিএম তাড়িয়েছে: মমতা

]]>
Swarnim Vijay Parv: মৃত্যুর আগে শেষ ভিডিও বার্তায় কী বলেছিলেন সেনা সর্বাধিনায়ক বিপিন রাওয়াত? https://ekolkata24.com/uncategorized/late-cds-general-bipin-rawats-pre-recorded-message-played-at-an-event-on-the-occasion-swarnim-vijay-parv-inaugurated-today-at-india-gate-lawns-in-delhi Sun, 12 Dec 2021 16:11:43 +0000 https://ekolkata24.com/?p=14598 নিউজ ডেস্ক: চলতি মাসের ৮ তারিখে তামিলনাড়ুর কন্নুরে (Kunnur) কপ্টার ভেঙে প্রাণ হারিয়েছেন সেনা সর্বাধিনায়ক (Chief of Defence Staff) বিপিন রাওয়াত। ওই দুর্ঘটনার ঠিক আগের দিন অর্থাৎ মঙ্গলবার এক বিশেষ অনুষ্ঠানের জন্য রাওয়াতের (Bipin Rawat) একটি বক্তব্য রেকর্ড করা হয়েছিল। রেকর্ড করা সেই বক্তব্যটি রবিবার শোনান হল সেনাবাহিনীর ওই অনুষ্ঠানে। এখন দেখা যাক ওই অনুষ্ঠানে (Swarnim Vijay Parv) রাওয়াত কী বার্তা রেখেছিলেন।

১৯৭১-এর মুক্তিযুদ্ধে পাকিস্তানকে হারানোর ৫০ বছর পূর্তি উপলক্ষে রবিবার ‘স্বর্ণিম বিজয় পর্বের’ (Swarnim Vijay Parbo) উদ্বোধনী অনুষ্ঠান হল। সেই অনুষ্ঠানেই শোনা গেল বিপিন রাওয়াতের গলা। সশরীরে না থাকলেও এদিনের অনুষ্ঠানে প্রতিটি পরোতে পরোতে জড়িয়েছিল রাওয়াতের উপস্থিতি। দুর্ঘটনার ঠিক আগের দিনই রাওয়াতের এই বক্তব্য রেকর্ড করা হয়েছিল। হায়রে নিয়তি! তখনও রাওয়াত নিজে বা অন্যরা কেউই জানতেন না যে, ২৪ ঘণ্টার মধ্যেই রাওয়াত অতীতে পরিণত হবেন।

রবিবার ইন্ডিয়া গেটে ‘স্বর্ণিম বিজয় পর্ব’ অনুষ্ঠানে রাওয়াতের সেই বক্তব্য শোনানো হয়। সেখানেই রাওয়াত দেশের সেনাবাহিনীর উচ্ছ্বসিত প্রশংসা করেছেন। তিনি বলেছেন, “আমরা আমাদের বীর সেনানীদের জন্য গর্বিত। আসুন সবাই মিলে আমরা আজ বিজয় পর্ব পালন করি। স্বর্ণিম বিজয় পর্ব উপলক্ষে দেশের সাহসী যোদ্ধাদের আমার আন্তরিক অভিনন্দন। ১৯৭১ সালে ভারতীয় সেনাবাহিনীর জয়ের ৫০ বছর পূর্তি উদযাপন করতে আমরা বিজয় পর্ব পালন করছি। সেই যুদ্ধে যে সব অসীম সাহসী বীর সেনা আত্মবলিদান দিয়েছিলেন আমরা তাঁদের শ্রদ্ধার সঙ্গে স্মরণ করি। সেই যুদ্ধে যারা অংশ নিয়েছিলেন আমরা তাঁদের প্রত্যেককে শ্রদ্ধা জানাই।”

একইসঙ্গে রাওয়াত তাঁর সেদিনের রেকর্ডিং-এ জানিয়েছিলেন, ইন্ডিয়া গেটে ১২ থেকে ১৪ ডিসেম্বর বিজয় উৎসব পালিত হবে। দেশের সমস্ত মানুষকে এই অনুষ্ঠানে অংশ নেওয়ার আমন্ত্রণ জানাই। কিন্তু একেই বোধহয় বলে নিয়তির পরিহাস। যিনি আমন্ত্রণ জানালেন অর্থাৎ যিনি জ্ঞগ্যের হোতা তিনি আজ নেই। তাই আজকের এই স্বর্ণিম বিজয় পর্ব দেখে মনে হল অনেকটা যেন শিবহীন জ্ঞগ্য চলছে। তবে সশরীরে না থেকেও কিন্তু রয়ে গিয়েছেন রাওয়াত। বিজয় পর্বের সূচনাতেই শোনা গেল তাঁর কণ্ঠস্বর। রাওয়াতের এই কণ্ঠস্বর পুরো অনুষ্ঠানের পরিবেশটাই পাল্টে দিয়ে গেল নিমিষে। স্বাভাবিকভাবেই প্রশ্ন উঠল রাওয়াত কি বুঝতে পেরেছিলেন যে, ১২ ডিসেম্বর তিনি আর ইহলোকে থাকবেন না। তাই তিনি নিজের বক্তব্য রেকর্ড করে রেখেছিলেন।

রাওয়াত যে শুধু একজন কঠিন হৃদয়ের সেনানায়ক ছিলেন তা নয়। তাঁর এই কাঠিন্যের পিছনে লুকিয়ে ছিল একটি নরম মন। রাওয়াত ও তাঁর স্ত্রী মধুলিকার সেই উত্তরাধিকার বহন করছেন তার দুই কন্যা কৃতিকা ও তারিণী। বুধবার দুর্ঘটনায় রাওয়াতের সঙ্গেই প্রাণ হারিয়েছিলেন লেফটেন্যান্ট কর্নেল হরজিন্দর সিং। সনাক্ত না হওয়ায় এতদিন হরজিন্দরের দেহ পায়নি তাঁর পরিবার। সনাক্তকরণের পর রবিবার হরজিন্দরের দেহ তুলে দেওয়া হয় তাঁর পরিবারের হাতে। রবিবার দিল্লির ব্রার শ্মশানে শেষকৃত্য সম্পন্ন হয় হরজিন্দরের।

এদিন শেষকৃত্যানুষ্ঠানে হরজিন্দরের স্ত্রী মেনজেস অ্যাগনেসের পাশে আগাগোড়া ছিলেন রাওয়াতের দুই মেয়ে। নিজেদের শোক ও দুঃখ বুকে চেপে রেখে এদিন আগাগোড়াই হরজিন্দরের স্ত্রীর হাত ধরে ছিলেন কৃতিকা ও তারিণী। হরজিন্দরের ১২ বছরের ছোট্ট মেয়ে প্রীতিকে বুকে জড়িয়ে ধরলেন এই দুই বোন। মুছে দিলেন চোখের জল। ভরসা জোগালেন, তাঁরাও পাশে আছেন। বোঝালেন অ্যাগনেস ও প্রীতি কিছুই হারাননি, বরং তাঁদের সামনে অনেক কিছু পাওয়ার আছে। সেই লক্ষ্যেই তাঁদের উঠে দাঁড়াতে হবে। হরজিন্দরের চিতার আগুন যখন দাউদাউ করে জ্বলছে তখন সব শোক ও দুঃখ যেন মিলেমিশে একাকার হয়ে গেল যমুনায়। কৃতিকা ও তারিণী তাঁদের এই কৃতকর্মের মধ্য দিয়ে বুঝিয়ে দিলেন, মা-বাবার প্রকৃত উত্তরাধিকার বহন করছে তাঁদের দুই মেয়ে।

]]>
BJP: শ্রাবন্তীর বিজেপি ত্যাগ, এবার কে? টলিপাড়ায় পদ্ম শুকোচ্ছে https://ekolkata24.com/uncategorized/bjp-srabanti-chatterjee-resignation-from-bjp-now-who-padma-is-drying-in-tollygunge Thu, 11 Nov 2021 07:47:01 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=10975 News Desk: হই হই করে এসেছিলেন বিধানসভা ভোটের আগে। তেমনই চলে গেলেন। আর যাওয়ার আগে বলে গেলেন বিজেপি পশ্চিমবঙ্গের জন্য কিছুই করতে পারবে না। দলত্যাগের পর অভিনেত্রী শ্রাবন্তী চট্টোপাধ্যায় (Srabanti Chatterjee) ট‍ুইটারে লিখেছেন, “শেষ রাজ‍্য নির্বাচনে আমি যেই দলের হয়ে প্রতিদ্বন্দ্বিতা করছিলাম, সেই বিজেপির সাথে সমস্ত সম্পর্ক ছিন্ন করলাম আমি। কারণ বাংলাকে এগিয়ে নিয়ে যাওয়ার জন্য বিজেপির উদ‍্যোগ ও আন্তরিকতার যথেষ্ট অভাব রয়েছে।”

বিধানসভা নির্বাচনের কিছু আগে বিজেপিতে যোগ দিয়েছিলেন শ্রাবন্তী। বেহালা পশ্চিম কেন্দ্রের প্রার্থী হন। এরপর বিজেপির সাথে ক্রমশ দূরত্ব বাড়ছিল তাঁর। অবশেষে দলের সাথে সমস্ত সম্পর্ক ছিন্ন করলেন তিনি।
শ্রাবন্তীর দলত্যাগে ইঙ্গিত টলিপাড়ায় যে পদ্ম দোলা লেগেছিল তা শুকিয়ে আসতে চলল। প্রশ্ন এবার কে ?

গুঞ্জন দলত্যাগের জন্য মুখিয়ে আছেন রুদ্র, হিরন। তবে তারা নীরব। এই নীরবতা আরও জল্পনা উস্কে দিয়েছে। বিশেষ করে পশ্চিম মেদিনীপুরের খড়্গপুর কেন্দ্রের বিধায়ক অভিনেতা হিরণ। তাঁর সঙ্গে দিলীপ ঘোষের সম্পর্ক রীতিমতো গরম এখন। হিরণের দলত্যাগের সম্ভাবনা প্রবল। গুঞ্জন তেমনই লাইনে আছেন সাংসদ লকেট। আরও গুঞ্জন সুযোগ এলে দলত্যাগ করতে মরিয়া রূপা।

বিজেপিতে ধস নামছে। শুধু টলিপাড়ায় নয়, সরাসরি রাজনৈতিক ক্ষেত্রেও। অন্তত ১২ জন বিধায়কের দলত্যাগ হবে বলেই টিএমসি সূত্রে খবর। রাজ্যের সেচ মন্ত্রী সৌমেন মহাপাত্রের ইঙ্গিত, খোদ বিরোধী দলনেতা তথা নন্দীগ্রামের বিধায়ক শুভেন্দু অধিকারী ফের তৃণমুলেই ফিরবেন। তবে শুভেন্দুবাবু জানান, মন্ত্রী সুরা পান করে এসব বলছেন।

]]>
Subrata Mukherjee: জরুরি অবস্থা, সিদ্ধার্থ থেকে মমতা মন্ত্রিসভার বর্ণময় সুব্রত মুখোপাধ্যায় https://ekolkata24.com/uncategorized/subrata-mukherjee-internal-emergency-and-minister-subrata-mukherjee-a-political-controversial-journey Thu, 04 Nov 2021 17:57:49 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=10314 প্রসেনজিৎ চৌধুরী: রাজ্যে বাম জমানার পতনের পর যখন তৃণমূল কংগ্রেসের সরকার মহাকরণে ঢুকছে, তখন প্রায় অনুচ্চারিত একটি নজির গড়েছিলেন সুব্রত মুখোপাধ্যায়। তিনিই মু়খ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়ের মন্ত্রিসভার একমাত্র সদস্য যাঁর রাজ্যে মন্ত্রীত্ব করার পূর্বঅভিজ্ঞতা ছিল। সেই অর্থে তিনি টিএমসি সরকারের একমাত্র মহাকরণ ঘোরা একজন। যদিও মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় কেন্দ্রীয় মন্ত্রীত্ব সামলেছেন আগে। কিন্তু রাজ্য সরকারের মন্ত্রীর অভিজ্ঞতা ছিল সুব্রতবাবুর।

বাম জমানার পতনের ঠিক আগে ১৯৭২-১৯৭৭ পর্যন্ত কংগ্রেসের সরকারের সুব্রতবাবু ছিলেন পুলিশ ও তথ্য দফতরের দায়িত্বে। মুখ্যমন্ত্রী ছিলেন সিদ্ধার্থ শংকর রায়।

প্রথম পাঁচ বছরের মন্ত্রিত্বই সুব্রতবাবুর রাজনৈতিক জীবনে সবথেকে আলোচিত। সেই সময়েই অর্থাৎ ১৯৭৫ সালে জারি হয়েছিল জরুরি অবস্থা। তথ্য বিভাগের দায়িত্বে থাকায় বহু ‘অপ্রিয়’ কাজ করতে হয়েছে সুব্রতবাবুকে। জরুরি অবস্থা বিরোধী যে কোনও সংবাদ কেটে দেওয়ার মতো ঘটনা রাজ্যে তাঁর দফতরেই হত। তিনি থাকতেন উপস্থিত। সে কথা পরবর্তী সময়ে স্বীকার করেছেন। বিশেষ করে ততকালীন বিরোধী দল সিপিআইএমের মু়খপত্র ‘গণশক্তি’ সংবাদ পরিবেশনায় সুব্রতবাবুর নজর থাকত প্রবল।

নিজেই জানিয়েছিলেন “গণশক্তির সরোজ মুখার্জি আমার কাছে এসেছিলেন। ওঁরা রবীন্দ্রনাথ ঠাকুরের “চিত্ত যেথা ভয়শূন্য উচ্চ যেথা শির” ছাপতে চান। আমি সটান না করে দিয়েছিলাম। আমার মনে হয়েছিল দেশের যা অবস্থা তাতে ওই কবিতার অন্য অর্থ হবে। এটা আমি ঠিক করিনি৷ এখন ভাবলে খারাপ লাগে” 

জরুরি অবস্থার পরে ১৯৭৭ সালে রাজ্যে কংগ্রেস সরকারের পতন হয়। তৈরি হয়েছিল বামফ্রন্ট সরকার। এই দীর্ঘ চৌত্রিশ বছরের বাম জমানাতে বিরোধী কংগ্রেসের তিনমূর্তি ছিলেন প্রিয়-সোমেন-সুব্রত। আর নেই তাঁরা। সুব্রত মুখোপাধ্যায়ের প্রয়াণে সেই অধ্যায় শেষ হয়ে গেল। তিনি এমন এক রাজনীতিক যিনি বিরোধী হোক বা সরকার সবপক্ষেই নিজ মহিমায় উজ্জ্বল।

পশ্চিমবঙ্গ বিধানসভায় টালমাটাল যুক্তফ্রন্ট সরকার ছিল এ রাজ্যে প্রথম অ-কংগ্রেসি সরকার। ১৯৬৭ ও ১৯৬৯ এই সময়ে দুটি যুক্তফ্রন্ট সরকারকে নড়িয়ে দেওয়ার যে ঘটনাবহুল ছক তৈরি হয়েছিল সেই সময়টিতে অর্থাৎ রাজনৈতিক ঝঞ্ঝাপূর্ণ বামপন্থী রাজনীতির উত্থান সময়ে কংগ্রেসি জাতীয়তাবাদী ঘরানার দক্ষিণপন্থী তরুন নেতাদের আকাল চলছিল। সেই আকালের বাজারে উদয় প্রিয়রঞ্জন দাসমুন্সি, সোমেন মিত্র ও সুব্রত মুখোপাধ্যায়ের। তাবড় তাবড় বাম ও অতিবাম রাজনৈতিক নেতৃত্বের মাঝে কংগ্রেসি তিন মূর্তির প্রবল আত্মপ্রকাশ সেই যে শুরু হয়েছিল, দীর্ঘ চার দশক পেরিয়ে সুব্রতবাবু ছিলেন সেই জাতীয়তাবাদী ঘরানার সর্বশেষ প্রতিনিধি।

রাজনৈতিক জীবনে প্রথম মাইলফলকটি অবশ্যই ছিল, ১৯৭২ সালের বিতর্কিত নির্বাচনে রাজ্যে ফের কংগ্রেসের ক্ষমতা দখলে সুব্রতবাবুর মন্ত্রী হওয়া। মুখ্যমন্ত্রী সিদ্ধার্থ শংকর রায়ের সঙ্গে মহাকরণ ও বিধানসভায় ঢুকলেন পুলিশ ও তথ্য দফতরের মন্ত্রী হয়ে। তারপর কংগ্রেস ভেঙে মমতার তৃণমূল কংগ্রেস তৈরি সুব্রত মুখোপাধ্যায়ের পরপর দলত্যাগ ফের ফিরে আসা এরকমই চলেছে। একপর্যায়ে মমতাকে নেত্রী বলে মেনেও নিয়েছেন। তৃণমূল কংগ্রেস সরকারের মন্ত্রী হয়েছেন।

সিদ্ধার্থশংকর থেকে শুরু মাঝে জ্যোতি বসু-বুদ্ধদেব ভট্টাচার্যের মুখ্যমন্ত্রীতে বিরোধী পক্ষে আর সর্বশেষ মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়ের মু়খ্যমন্ত্রীত্বে মন্ত্রিসভাতেই রাজনৈতিক জীবন কাটল। পুরো রাজনৈতিক জীবনে জরুরি অবস্থার মতো সবথেকে বিতর্কিত ঘটনাটি পরে হেসে উড়িয়েছেন। সুব্রতবাবু এমনই। সেটা সবপক্ষই স্বীকার করে নিয়েছেন।

]]>
Suvendu Adhikari: শুভেন্দু কি ফিরছেন মমতা শিবিরে? তীব্র জল্পনা https://ekolkata24.com/uncategorized/tmc-mp-kalyan-banerjee-asked-suvendu-adhikari-to-quit-bjp Wed, 03 Nov 2021 08:19:54 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=10130 News Desk: উপনির্বাচনে বিজেপির জামানত খুইয়ে দিশেহারা পরিস্থিতি। এক ডজন বিধায়ক দলত্যাগে প্রস্তুত। তারা সবাই তৃণমুল কংগ্রেসে ঢুকছেন বলেই রাজ্য সরগরম। এর মাঝে টিএমসি সাংসদ কল্যাণ বন্দ্যোপাধ্যায়ের একটি ব্যাঙ্গাত্মক গান ও সংবাদ মাধ্যমের মন্তব্যের জেরে তীব্র গুঞ্জন বিরোধী দলনেতা শুভেন্দু অধিকারী (Suvendu Adhikari) বিজেপি ত্যাগ করতে চলেছেন।

কল্যাণ বন্দ্যোপাধ্যায় তাঁর মন্তব্যে শুভেন্দু অধিকারীকে ভাই বলে ডেকেছেন। তাঁকে ফিরে আসার বার্তা দিয়েছেন। এর পরেই গুঞ্জন শুভেন্দুবাবুর দলত্যাগ নিয়ে ছড়াতে শুরু করেছে। তবে শুভেন্দুবাবু নিরুত্তর।

বিজেপির প্রাক্তন রাজ্য সভাপতি দিলীগ ঘোষের দাবি, দলে এমন অনেকেই আছে যারা চায় না রাজ্যে বিজেপির শক্তি বাড়ুক। তাদের তাড়ানোর প্রক্রিয়া শুরু হবে বলেই তিনি ইঙ্গিত দিয়েছেন।

বিধানসভা ভোটের আগে তৃণমূল কংগ্রেস ত্যাগ করে বিজেপিতে যোগ দেন শুভেন্দু অধিকারী ও তাঁর পিতা শিশির অধিকারী। পূর্ব মেদিনীপুরের নন্দীগ্রাম কেন্দ্রে মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়কে পরাজিত করেন শুভেন্দু। যদিও টিএমসি বিপুল শক্তি নিয়ে সরকার গড়েছে। আর পরপর উপনির্বাচনে বিজেপির ভরাডুবি হতে শুরু করেছে।

বিজেপি সরকার দখল করতে না পারায় বিধানসভা নির্বাচনের পর দলত্যাগের হিড়িক লেগেছে বিরোধী দলে। সম্প্রতি দলত্যাগ করেন রাজীব বন্দ্যোপাধ্যায়।আবার তৃণমূলে ফিরেছেন। রাজীব বলেছেন, বিজেপি দলটাই সাইনবোর্ড হয়ে যাবে।

]]>
বাঙালি ভুলে যায় হিন্দি আগ্রাসনের বিরুদ্ধে ভাষার লড়াই https://ekolkata24.com/offbeat-news/history-of-the-purulia-language-movement Mon, 01 Nov 2021 05:43:19 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=9893 Special Correspondent, Kolkata: পয়লা নভেম্বর। বাঙালি, ভারতবাসী কেউ মনে রাখেনি মাতৃভাষার দাবীতে মানভূঁইয়া গণদেবতার লড়াই। এখন কলকাতায় হিন্দিভাষীদের আগ্রাসন নিয়ে বিরাট হইচই করে এক বাংলা ভাষা আন্দোলনকারীরা দল। তাদেরকেও দেখা যায় না এই পয়লা নিয়ে কোনও কথা বলতে। অথচ বাংলায় হিন্দি আগ্রাসন নিয়েই ছিল সেই আন্দোলন। পরিচিতি মানভূম ভাষা আন্দোলন নামে।

ঘটনা স্বাধীনতার ঠিক পরেরই। ১৯৪৮ সালের।আগ্রাসী হিন্দিভাষীরা তৎকালীন মানভূমের বাঙালিদের উপর চাপিয়ে দিয়েছিল হিন্দি বোঝা। অহল্যার ভূমিপুত্ররা গর্জে উঠল সেদিন। ‘মুক্তি’ পত্রিকায় ছাপা হয়েছিল সেই হিন্দি মুক্তির প্রতিবেদন। বাংলার রাজনীতিতেও তার ছাপ পড়েছিল। জেলা কংগ্রেস ভেঙে গঠিত হয় লোকসেবক সঙ্ঘ। দলে ভারী হয়ে ওঠা বিহারের আগ্রাসীরা চাণ্ডিল, ঝালদায় লুঠ করতে শুরু করে লুঠতরাজ।

১৯৪৯ থেকে ১৯৫১ কার্যত সত্যাগ্রহ আন্দোলনে মুখরিত চারদিক। সাংসদ ভজহরি মাহাতো গান বেঁধেছিলেন, ‘অ বিহারী ভাই, তরা রাইখতে লারবি ডাং দেখাঁই’। ১৯৫৪ সালের ৯ জানুয়ারী থেকে ৮ ফেব্রুয়ারী চলল টুসু সত্যাগ্রহ। স্বাভাবিক নিয়মেই টুসু সত্যাগ্রহীদের উপর নেমে এল রাষ্ট্রীয় অত্যাচার। ৭৩ বছর বয়সী, অসুস্থ নেতা অতুল চন্দ্র ঘোষকে বন্দী করে, খোলা ট্রেনে চাপিয়ে ১৩৫ মাইল দুরে হাজারিবাগ জেলে পাঠানো হয়েছিল। সাংসদ ভজহরি মাহাতোকে হাত কড়া পরিয়ে, কোমরে দড়ি বেঁধে কোর্টে পেশ করা হয়েছিল। বিচারে বিধায়ক সমরেন্দ্র ওঝার ২ বছর, লাবণ্য প্রভা দেবীর এক দফা কারাবাস হয়। বিচারাধীন অবস্থায় মারা যান রাঘব চর্মকার। বাবুলাল মাহাতো নামের এক জন্মান্ধ বালকেরও সাজা হয়! বান্দোয়ানের মধুপর গ্রামের কুশধ্বজ মাহাতো’র সম্পত্তি বাজেয়াপ্ত করা হয়। বন্দি করা হয় তাঁর শিশু পুত্রকে। এদের দোষ ছিল এরা বাংলার মাটির ভাষার জন্য দাবী জানিয়েছিলেন।

মানবাজার থানার পিটিদিরি গ্রামে মহিলা সত্যাগ্রহীদের উপর হয়েছিল নগ্ন আক্রমন। বিক্ষোভে ফেটে পড়েছিল পুরুলিয়া। লোকসেবক সাংসদ চৈতন মাঝি জ্বালাময়ী ভাষণ দিয়ে প্রতিবাদ জানালেন লোকসভায়। সুচেতা কৃপালনী, নির্মল চন্দ্র চট্টোপাধ্যায় (সোমনাথ চট্টোপাধ্যায়ের বাবা) প্রমুখ সমর্থন জানান এই গণ আন্দোলনকে।
৭ মে ১৯৫৬, মহাকরণ অবরোধ করে গ্রেফতার বরণ করেন ৯৬৫ জন ভাষা সেনানী। কলকাতা বিশ্ববিদ্যালয়ের সেনেট হল থেকে বিজ্ঞাণী মেঘনাদ সাহা, ভাষাচার্য সুনীতি কুমার চট্টোপাধ্যায় বিহার সরকারের দমননীতির তীব্র সমালোচনা করে ভাষা আন্দোলনকে সমর্থন জানিয়েছিলেন।

ভাষার দাবীতে এই দ্বিতীয় স্বাধীনতা যুদ্ধ শেষে, ১৯৫৬ সালের পয়লা নভেম্বর গঠিত হয় আজকের পুরুলিয়া জেলা। কলকাতাকে ঘিরে অনেক রাজনৈতিক আন্দোলন হলেও, কোনা ভাষা আন্দোলনের নজির নেই। সেই অপরাধ বোধ হোক বা পিছিয়ে পড়ার প্রতি অবজ্ঞাই হোক, কোনো এক অজ্ঞাত কারণে কলকাতার বুদ্ধিজীবিরা মানভূমের ভাষা আন্দোলন নিয়ে আশ্চর্য রকম উদাসীন। শিক্ষিত পুরুলিয়ানরা আরো বেশি উন্নাসিক! জীবণ সায়াহ্ণে উপস্থিত ভাষা সৈনিকদের গলায় এখন সেই আক্ষেপ ঝরে পড়ে। এঁদের নামে কোনও ‘একুশে পদক’ নেই!

ফি বছর ক্যালেন্ডারের নিয়মেই ‘২১শে ফেব্রুয়ারী’ আসে, আর বিস্মৃতির সোপান বেয়ে মানভুমের ভাষা সংগ্রামীরা এক ধাপ করে নীচে নেমে যায়। প্রশাসনের অবহেলা আর জেলাবাসীর অজ্ঞতায় চাপা পড়ে যায়, হিন্দী আগ্রাসনের বিরুদ্ধে রুখা মাটির মানুষের ১৯৩৫ থেকে ১৯৫৬ পর্যন্ত দীর্ঘ লড়াই এর কাহিনী। আজ আরও এক অমর একুশে। আরও একবার মৃতের দলে মানভূম ভাষা আন্দোলন।

]]>
দুধের প্লাস্টিকের প্যাকেট ফেলে না দিয়ে আবার কী করে ব্যবহার করবেন? https://ekolkata24.com/offbeat-news/how-to-use-again-without-throwing-plastic-packets-of-milk Tue, 26 Oct 2021 04:10:20 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=9149 News Desk: প্যাকেট থেকে দুধ আলাদা করে নেওয়ার তার কোন ব্যবহার নেই৷ এবার এই ভুল ধারণা বদলে ফেলতে হবে! ভারতে প্রতিদিন পাঁচ কোটির বেশি দুধ ব্যবহার হয়৷ তারমধ্যে মাত্র ১০ শতাংশ প্যাকেট রিসাইকেল হয়৷ বাকিটা পরিবেশে ছড়িয়ে দূষণ করছে৷ দুধের প্লাস্টিকের প্যাকেট ফেলে পরিবেশ দূষণ করবেন না৷ বরং তা পাঠিয়ে দিন এদের৷ রক্ষা করুন সুন্দর পরিবেশকে৷

]]>
বাংলাদেশ নিয়ে বরাহনগরে বিরাট বিক্ষোভ বাংলাপক্ষের https://ekolkata24.com/uncategorized/bangla-pokkho-protest-on-bangladesh-issue-at-barahanagar Thu, 21 Oct 2021 17:59:34 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=8608 নিউজ ডেস্ক: বরানগরের টবিনরোড অঞ্চলে বিক্ষোভ কর্মসূচির আয়োজন করল বাংলাপক্ষ। বাংলাদেশে সদ্য ঘটা সাম্প্রদায়িক বিশৃঙ্খলার প্রতিবাদে তারা এই বিক্ষোভ কর্মসূচির আয়োজন করেছিল।

বাঙালির অধিকার নিয়ে লড়াই করা এই সংগঠনের প্রধান বক্তা গর্গ চট্টোপাধ্যায় বলছেন, “বাংলাদেশে কুমিল্লা, চট্টগ্রাম, ফেনী সহ নানা জেলায় সংখ্যালঘু হিন্দু বাঙালিদের দুর্গাপুজোয় সাম্প্রদায়িক গুন্ডা আক্রমণকে ধিক্কার। বাংলাদেশে সংখ্যালঘু নিরাপত্তা নিশ্চিত না করতে পারা বাংলাদেশ সরকারকে ধিক্কার! জামাত-এ-ইসলামি ও পাকিস্তান চেতনার বাহক সকল বাঙালি-বিরোধী শক্তিকে নিশ্চিহ্ন করো”

Bangla pokkho protest on bangladesh issue

বাংলা পক্ষের শীর্ষ পরিষদ সদস্য কৌশিক মাইতি বলেন, “ভারতের হিন্দি বলয় জুড়ে উত্তরপ্রদেশ, মধ্যপ্রদেশ, ছত্তিশগড়ে দুর্গাপুজোয় আক্রমণ ও খুনকে ধিক্কার ! পশ্চিমবঙ্গের ব্যারাকপুর এলাকায় বহিরাগত বিএসএফ জওয়ান দ্বারা দুর্গাপুজোয় গুলি চালানোকে ধিক্কার !

তাদের দাবি,” অমিত সেন,আব্বাস সিদ্দিকী, তরুণজ্যোতি তেওয়ারি সহ ধর্মীয় হিংসার সকল উস্কানীদাতাকে গ্রেফতার করতে হবে।” তাদের আরও দাবি “বাংলাদেশকে তিস্তার জল দিতে চাওয়া পশ্চিমবঙ্গ-বিরোধীদের ধিক্কার ! তিস্তা চুক্তি ধ্বংস করো !পশ্চিমবঙ্গের ১০০০০ একর জমি বাংলাদেশকে দিয়ে দেওয়া কেন্দ্রীয় সরকার ধিক্কার! ওই জমি ফেরত চাই!

বাংলাদেশে ২০১৪-র পর ধর্মীয় নির্যাতনের বলি হয়ে ভারতে আসা বাঙালিকে অবৈধ অনুপ্রবেশকারী বানানো সিএএ আইন বাতিল করো! বাংলাদেশ থেকে নিপীড়িত হয়ে ভারতে আসা বাঙালিদর ডিটেনশন ক্যাম্পে ঢোকানো বন্ধ করো !”প্রশ্ন তুলেছে, কার স্বার্থে ভারত-বাংলাদেশ বর্ডার সম্পূর্ণ সিল করছেনা বিএসএফ, অমিত শা জবাব দাও !

]]>
প্রাকৃতিক বিপর্যয়ে বিপর্যস্ত উত্তরাখণ্ড https://ekolkata24.com/uncategorized/flood-situation-in-uttarakhand Tue, 19 Oct 2021 18:17:12 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=8372 প্রাকৃতিক বিপর্যয়ে বিপর্যস্ত উত্তরাখণ্ড। উদ্ধারে নামল ভারতীয় বায়ুসেনা বাহিনী। কী অবস্থা এই রাজ্যে দেখুন। প্রাকৃতিক দুর্যোগে নৈনিতাল শহরের পরিস্থিতি প্রতি আধঘন্টায় খারাপ হচ্ছে পূর্বের অবস্থা থেকে। সকাল থেকে যেভাবে নৈনিতাল হ্রদের জল ঢুকতে শুরু করেছে তাতে এই শৈলশহর বিচ্ছিন্ন। পরিস্থিতি আরও খারাপ হচ্ছে দুপুরের পর থেকে। এই অবস্থায় হ্রদ সংলগ্ন এলাকায় সেনা জওয়ানরা নামলেন জলবন্দিদের উদ্ধারে। 

]]>
লখিমপুরে কৃষক হত্যার প্রতিবাদে বাংলায় রেল রোকো আন্দোলন https://ekolkata24.com/uncategorized/rail-rocco-movement-in-bengal-in-protest-of-the-killing-of-farmers-in-lakhimpur Mon, 18 Oct 2021 10:23:12 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=8108 অনলাইন ডেস্ক: উত্তরপ্রদেশের লখিমপুরের গাড়ি চাপা দিয়ে কৃষক হত্যা, কৃষি ও কৃষক বিরোধী তিনটি কৃষি আইন বাতিলের দাবিতে দেশজুড়ে রেল রোকো চলছে। সংযুক্ত কিষাণ মোর্চার আহ্বানে এই কর্মসূচিতে নেমেছে রাজ্যে বাম কৃষক সংগঠনগুলি।

সিপিআইএমের কৃষক সংগঠন সারা ভারত কৃষকসভার নেতৃত্বে আন্দোলন বিরাট ভূমিকা নিয়েছে। রাজ্যের সর্বত্র চলছে রেল রোকো। বাঁকুড়ায়। ওন্দা স্টেশনে রেল রোকো কর্মসূচি পালন করা হয়। উপস্থিত ছিলেন কৃষকসভার বাঁকুড়া জেলা সম্পাদক যদুনাথ রায় ও জেলা সম্পাদক মন্ডলীর সদস্য তরুণ সরকার সহ অন্যান্যরা। 

তবে কৃষষ আন্দোলনে প্রতিবেশী বাংলাদেশের সাম্প্রদায়িক হামলার নিন্দা জানানো হয়। হামলার কড়া নিন্দা করেছে সিপিআইএম পলিটব্যুরো। একইসঙ্গে কেন্দ্রের বিজেপি সরকারের সাম্প্রদায়িক মনোভাব ও রাজ্যের তৃণমূল কংগ্রেস সরকারের সমালোচনাও করেছে সিপিআইএম। উত্তরপ্রদেশে কৃষকদের পিষে মারার নায়ককে আড়াল করতে সে রাজ্যে বিজেপি সরকারের ভূমিকার কড়া সমালোচনা করেন বাম নেতারা। এক ঘন্টার অবরোধে খড়্গপুর-আদ্রা শাখায় রেল চলাচল ব্যাপক বিঘ্নিত হয়। সমস্যায় পড়েন সাধারণ রেলযাত্রীরা।

]]>
Shovan-Baisakhi Relationship: শোভনের ঢাকের তালে নেচে উঠলেন বৈশাখী https://ekolkata24.com/uncategorized/shovan-baisakhi-relationship-baishakhi-danced-to-the-beat-of-shovans-drum Sun, 17 Oct 2021 10:00:22 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=7996 অনলাইন ডেস্ক: ঢাকি শোভন, নাচেন বৈশাখী৷ বিয়ে করেছেন শোভন-বৈশাখী তবে আইনি স্বীকৃতি নেই। কিছু যায় আসে না পুজোর হিট জুটির। নিজেদের ছন্দে, ভালোবাসার আবেগে মত্ত তাঁরা। শোভনের ঢাকের তালে বৈশাখীর নাচ জমে গেল।

]]>
Shovan-Baisakhi Relationship: বৈশাখী-শোভনের ‘বিয়ে’তে ‘বাঁশ’ হলেন রত্না https://ekolkata24.com/entertainment/shovan-baisakhi-relationship-x-mayor-of-kolkata-sovan-chatteree-new-marriage-controversy Sat, 16 Oct 2021 15:12:27 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=7923 নিউজ ডেস্ক: বিজয়া দশমীর অনুষ্ঠানে বৈশাখী বন্দ্যোপাধ্যায়কে (Baishakhi Banerjee) সিঁদুর পরিয়ে সোহাগ করে আলতো আদর করেন শোভনবাবু (Sovan Chatterjee)।

দুজনের ‘বিয়ে’ নিয়ে তৈরি হচ্ছে জটিলতা। একসঙ্গে থাকা বা সিঁদুর পরালেই এখন দম্পতি বলে স্বীকৃত নয়, দরকার আইনি স্বীকৃতি। সেটাই নেই শোভন-বৈশাখীর। আবার দুজনেই পূর্ববর্তী বিবাহিত জীবনের ছেদ করেননি। 

দেখুন বৈখাশীর সিঁথিতে শোভনের সিঁদুরদানের ভিডিও

আইনের এই প্যাঁচেই এখানেই আইনত স্বামী শোভন চট্টোপাধ্যায়কে চাপে রাখতে মরিয়া রত্না চট্টোপাধ্যায়। দুর্গা মূর্তির সামনে বৈশাখীকে সিঁদুর পরানো নিয়ে কটাক্ষ করেছেন রত্না। তিনি বলেন, দুর্গা প্রতিমার পিছনে যে বাঁশ থাকে আমিই সেই বাঁশ। ওরা বিয়ের কথা ভাবুক, দেখছি আমি কী করা যায়।

রত্না বলেছেন, আইনত ও এখনও আমার স্বামী। আমি স্ত্রী। ডিভোর্স আমি দেবই না। যথারীতি রত্না উবাচ হয়েছে ভাইরাল। এর পরেই প্রশ্ন উঠছে, রত্না যেভাবে ডিভোর্স দেবেন না বলেছেন তাতে আইনি জটিলতায় পড়বেন কলকাতার প্রাক্তন মেয়র।

তবে নতুন বিয়ের রাতেই আবেগ যুক্তি সাজিয়ে বেড়াল মেরেছেন বৈশাখী। দশমীর রাতে তিনি সিঁদুর পরেই জানান,’শোভনবাবুর সঙ্গে তাঁর যে সম্পর্ক তাতে স্বীকৃতির অভাব ছিল না কোনওদিনই।’ স্বীকৃতি নিয়ে প্রশ্ন। আইনি নাকি ‘আদর৷

]]>
Tejaswini: আসছে তেজস্বিনী, রোমিওরা সাবধান https://ekolkata24.com/uncategorized/tejaswini-special-womens-combat-force-of-siliguri-commissionerate Thu, 14 Oct 2021 16:40:29 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=7657 অনলাইন ডেস্ক: স্কুটিরা নিয়ে তেড়ে আসছে তেজস্বিনী (Tejaswini)। শিলিগুড়ি পুলিশ কমিশনারেটের উদ্যোগে মহিলাদের নিরাপত্তায় বিশেষ কমব্যাট স্কোয়াড৷ ছিনতাইবাজ, ইভটিজারদের ঘুম কেড়ে নিচ্ছে তেজস্বিনী৷ কর্মস্থল থেকে গভীর রাতে ফেরার সময় বিপদে বন্ধু৷ সাংসারিক অশান্তিতে বিপদে পড়া মহিলাদের জন্য কাজ করবে

]]>
Durga Puja 2021: করোনাবিধি মেনে জয়রামবাটিতে কুমারী পুজো https://ekolkata24.com/uncategorized/durga-puja-2021-jayarambati-kumari-pujo-according-to-the-rules-of-coronation Wed, 13 Oct 2021 16:18:00 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=7544 অনলাইন ডেস্ক: করোনা আবহের মধ্যেও যথেষ্ট সাবধানতা অবলম্বন, সামাজিক দূরত্ব বজায়, সরকারী নিষেধাজ্ঞা, সর্বোপরি স্বাস্থ্যবিধি মেনে কুমারী পুজো অনুষ্ঠিত হলো জয়রামবাটি মাতৃমন্দিরে৷ শ্রী শ্রী সারদা মায়ের জন্মস্থান বাঁকুড়ার জয়রামবাটিতে ভোর ৫.৩০ মিনিটে অষ্টমীর পুজো শুরু হয়। ঠিক সকাল ৯ টায় শুরু হয় কুমারী পুজো। 

এবার জয়রামবাটি মাতৃমন্দিরে দেবী রূপে পূজিতা হলেন ৫ বছর ১০ মাসের আরুশা মুখার্জী। প্রসঙ্গত, আরুশা মুখার্জী সারদা মায়ের বংশজ শান্তিনাথ মুখার্জীর নাতনি।

প্রথানুযায়ী জয়রামবাটির সারদা মায়ের আদি বাড়ি থেকে সিংহাসনে শোভাযাত্রা সহকারে মঠের সন্ন্যাসীরা কুমারীকে নিয়ে মাতৃ মন্দিরের মণ্ডপে আসেন। সেখানেই মন্ত্রোচারণের মধ্যে দিয়ে চলে কুমারী পুজো।

জয়রামবাটি মাতৃমন্দিরে প্রতি বছর দুর্গাপুজোর চার দিন অসংখ্য দর্শনার্থী আসেন। কুমারী পুজো উপলক্ষ্যে অষ্টমীর সকালে সেই সংখ্যা আরো কয়েক গুণ বেড়ে যায়। এবার সেই সুযোগ নেই। কিন্তু করোনা পরিস্থিতির কারণে সমারোহ ও মণ্ডপ ছাড়াই নাট মন্দিরে পুজো হচ্ছে। দর্শনার্থীদের প্রবেশের উপরেও আছে নিষেধাজ্ঞা। জেলা প্রশাসনের পক্ষ থেকে পুরো এলাকা জুড়ে কড়া নিরাপত্তার ব্যবস্থা করা হয়েছে।

]]>
কামান ফাটল, কৈলাস থেকে দুর্গা এলেন কাঠমাণ্ডুতে https://ekolkata24.com/uncategorized/nepaal_army_fulpati_festival Tue, 12 Oct 2021 17:31:23 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=7469 নিউজ ডেস্ক: বড়া দাসিন শুরু নেপালে। দাসিন অর্থাত দুর্গাপূজা। দাসিনের সপ্তম দিনে হয় আনুষ্ঠানিক দুর্গা বরণ। অনুষ্ঠানের নাম ফুলপাতি। বিশ্বে একমাত্র গণতান্ত্রিক নেপালেই সামরিক মর্যাদায় বা রাষ্ট্রীয় মর্যাদায় দুর্গা বরণ করা হয়। প্রাচীন বন্দুক থেকে বারুদ ঠিকরে এলো। পুরনো কামান থেকে গোলা দাগা হলো। পুরনো রীতি মেনে সামরিক মর্যাদায় নেপালি সেনা বরণ করল দেবী দুর্গা। কাঠমাণ্ডুর তুন্ডিখেল ময়দানে মূল কুচকাওয়াজ হয়। অনুষ্ঠানে সামরিক অভিবাদন গ্রহণ করেন নেপালে নেপালের রাষ্ট্রপতি বিদ্যাদেবী ভান্ডারি। অত্যাধুনিক কপ্টার থেকে ফুল বর্ষণ করা হয়।

]]>
Durga Puja 2021: নবপত্রিকার স্নানে শুরু মহা সপ্তমীর পুজো https://ekolkata24.com/uncategorized/durga-puja-2021-the-worship-of-maha-saptami-begins-with-the-bath-of-navapatika Tue, 12 Oct 2021 07:49:36 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=7407 অনলাইন ডেস্ক: করোনা আবহের মাঝেই হাজির বাঙালীর শ্রেষ্ঠ উৎসব দুর্গাপুজা। সোমবার মহা সপ্তমীর সকাল থেকে বাঁকুড়া শহর সংলগ্ন গন্ধেশ্বরী নদীতে চলছে নবপত্রিকার স্নান পর্ব। এদিন বাঁকুড়া শহরের সমস্ত মণ্ডপ, বারোয়ারি ও পারিবারিক পুজো উদ্যোক্তারা এদিন মণ্ডপ থেকে বর্ণাঢ্য শোভাযাত্রা সহ ঘট ও নবপত্রিকা স্নানের জন্য পুজো কমিটি গুলি হাজির হয়েছেন শহরের একেবারে পাশ দিয়ে বয়ে যাওয়া গন্ধেশ্বরী নদীতে।

]]>
Durga Puja 2021: সামরিক মর্যাদায় নেপালে দেবী বরণ শুরু https://ekolkata24.com/offbeat-news/durga-puja-2021-goddess-durga-began-to-be-worshiped-in-nepal-with-military-dignity Tue, 12 Oct 2021 07:37:31 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=7404 অনলাইন ডেস্ক: সামরিক অভিবাদনে দেবী দুর্গা বরণ শুরু গণতান্ত্রিক নেপালের রাজধানী কাঠমান্ডুতে। অনুষ্ঠানের নাম ‘ফুলপাতি’। এই অনুষ্ঠানে নেপাল সরকার রাষ্ট্রীয় মর্যাদায় দেবী বরণ করে। কাঠমাণ্ডুর তুন্ডিখেল ময়দানে হবে মূল অনুষ্ঠান। সামরিক অভিভাদন অনুষ্ঠানে থাকবেন রাষ্ট্রপতি বিদ্যাদেবী ভান্ডারি। ফুলপাতি অনুষ্ঠানে মেতেছেন নেপালিরা।

]]>