राज्यपाल नॉमिनेटेड हैं. हम चुने गए हैं. जमीन आसमान का अंतर : अभिषेक

अभिषेक बनर्जी तब तक धरना जारी रखेंगे जब तक सीवी आनंद बोस कोलकाता लौटकर तृणमूल प्रतिनिधिमंडल से नहीं मिलेंगे. उन्होंने मंच से कहा कि राज्यपाल…

Abhishek Banerjee

अभिषेक बनर्जी तब तक धरना जारी रखेंगे जब तक सीवी आनंद बोस कोलकाता लौटकर तृणमूल प्रतिनिधिमंडल से नहीं मिलेंगे. उन्होंने मंच से कहा कि राज्यपाल नॉमिनेटेड हैं. हम चुने गए हैं. जमीन आसमान का अंतर. तुम कहते हो घर मत घेरो. मैं किसके घर जाऊं, वह घर पर नहीं है. आवश्यकता पड़ने पर हम कुछ दार्जिलिंग भी भेज सकते हैं। उन्होंने शाम 5:30 बजे मिलने के लिए ईमेल किया. हम पद का सम्मान करते हैं, हम बंगाल का सम्मान करते हैं। चूंकि मैं बंगाल के अधिकारों के लिए लड़ रहा हूं, इसलिए मैं शनिवार 2-3 लोगों को भेजूंगा।अभिषेक बनर्जी ने राज्यपाल पर तंज कसते हुए कहा कि आपको 4 तारीख की रात को कोलकाता आना था. दिल्ली में कोई कार्यक्रम नहीं है. शायद आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतज़ार था? उसका चेहरा उतर गया.

सुप्रीम कोर्ट ने कुलपति की नियुक्ति का सुख छीन लिया. आप इतने सारे लोगों के आंसुओं को बर्दाश्त नहीं कर पाएंगे. मकान मालिकों को भी नहीं मिलेगा. शुक्रवार का सुप्रीम कोर्ट का फैसला पहला कदम है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि जिन लोगों को अंतरिम कुलपति नियुक्त किया गया है, उन्हें कोई भत्ता या लाभ नहीं मिलेगा. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री और आचार्य को ‘कॉफी टेबल’ पर बैठकर राज्य में कुलपति की नियुक्ति पर चर्चा करने की भी सलाह दी. सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक मुकदमे के दौरान राज्यपाल कुलपति की नियुक्ति नहीं कर सकते. दरअसल, कुलपति नियुक्ति मामले में शुक्रवार को राज्यपाल पर गाज गिरी.