कोलकाता : केंद्रीय कैबिनेट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बांग्ला भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा प्रदान किया है। यह निर्णय महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के मद्देनजर लिया गया है और इसे भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को समर्पित एक बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है। शास्त्रीय भाषाओं को समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की वाहक माना जाता है, जो प्रत्येक समुदाय को ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान प्रदान करती हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस फैसले की सराहना करते हुए बधाई दी। उन्होंने बंगाली भाषा के शास्त्रीय दर्जे की घोषणा को विशेष रूप से दुर्गा पूजा के समय में महत्वपूर्ण बताया और कहा कि बंगाली साहित्य ने अनगिनत लोगों को प्रेरित किया है।
मराठी के बारे में उन्होंने कहा कि यह भारत का गौरव है और इसके शास्त्रीय दर्जे से इसे सीखने के प्रति लोगों में रुचि बढ़ेगी। इस निर्णय के जरिए भारतीय भाषाओं के प्रति सम्मान और उनकी समृद्धि को और भी मजबूत किया गया है।