कोलकाता : धनशोधन के मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल से तृणमूल कांग्रेस नेता अनुब्रत मंडल उर्फ केष्टो की बेटी सुकन्या को सशर्त जमानत मिली है। उसके बाद से यहां बीरभूम के नीचूपट्टी स्थित मंडल परिवार में बेटी के स्वागत के लिए उत्साह देखा जा रहा है। इस बीच, सुकन्या के मामा आनंद गोपाल घोष ने विस्फोटक बयान देते हुए कहा कि तृणमूल नेता अनुब्रत मंडल व उनकी बेटी सुकन्या के दिल्ली की तिहाड़ जेल में रहते हुए पार्टी नेताओं ने उनकी कोई खबर नहीं ली। इधर, बोलपुर नगरपालिका ने अतिक्रमण रोधी अभियान के तहत फुटपाथ साफ करने के नाम पर आनंद गोपाल की दुकान का ही साइनबोर्ड तोड़ दिया है।
सुकन्या के मामा के मुताबिक यदि केष्टो होते, तो ऐसा नहीं होता। हालांकि पशु तस्करी के मामले में अनुब्रत की बेटी सुकन्या को मंगलवार को सशर्त जमानत मिल गयी। बुधवार को जेल से सुकन्या रिहा हो सकती है. जेल से रिहाई के बावजूद सुकन्या का जीवन सामान्य नहीं होगा। उसे अदालत की कई शर्तें माननी होंगी।
ध्यान रहे कि अप्रैल 2023 में प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने पशु तस्करी के धनशोधन पहलू की जांच के तहत सुकन्या मंडल को गिरफ्तार किया था। करीब डेढ़ साल की गिरफ्तारी के बाद आखिर सुकन्या को दिल्ली हाइकोर्ट की जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने सशर्त जमानत मंजूर कर ली। कई शर्तें लगायी गयी हैं। किसी भी शर्त की अनदेखी पर कड़ी सजा का प्रावधान है। कोर्ट ने सुकन्या को 10 लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी।
शर्तों में है कि जब भी मामले की सुनवाई हो, तो सुकन्या को अदालत में पेश होना पड़ेगा। वह जो मोबाइल फोन इस्तेमाल करती हैं, वो जांच अधिकारियों को दिया जाये। मोबाइल फोन कभी बंद नहीं रह सकता। कॉल करके सुनिश्चित करें कि वह उपलब्ध हैं। सुकन्या को विदेश जाने के लिए अदालत की अनुमति लेनी जरूरी होगी। निचली अदालत की सहमति के बिना वह देश से बाहर नहीं जा सकतीं। वह दिल्ली में जहां रह रही हैं, उसका पता जांच अधिकारियों को दिया जाये, ताकि किसी भी वक्त उन्हें ढूंढा जा सके। सुकन्या मामले में किसी भी गवाह से संपर्क या ऐसा करने का प्रयास नहीं कर सकतीं।
मालूम रहे कि अनुब्रत मंडल की गिरफ्तारी के बाद सीबीआइ ने दावा किया था कि उनकी बेटी सुकन्या के पास अकूत संपत्ति का पूरा ब्योरा मिला है। इसलिए सुकन्या से भी पूछताछ जरूरी है। पर सुकन्या को सीबीआइ ने नहीं, बल्कि इडी ने गिरफ्तार किया है। तब से वह तिहाड़ जेल में थीं।
सुकन्या शुरू से ही दावा करती रही है कि जो जानकारी उससे मांगी गयी थी, वो उसके पास नहीं थी। आरोपी पिता-पुत्री को आमने-सामने बैठा कर पूछताछ की गयी थी। मगर जांच अधिकारियों को कोई बड़ी जानकारी नहीं मिली। इस बीच, सुकन्या की तिहाड़ जेल से रिहाई की खबर से बोलपुर में तृणमूल नेताओं और मंडल परिवार व करीबियों में उत्साह देखा जा रहा है।