employees – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com Stay updated with Ekolkata24 for the latest Hindi news, headlines, and Khabar from Kolkata, West Bengal, India, and the world. Trusted source for comprehensive updates Mon, 09 Jun 2025 19:51:10 +0000 en-US hourly 1 https://ekolkata24.com/wp-content/uploads/2024/03/cropped-ekolkata24-32x32.png employees – Ekolkata24: Latest Hindi News Updates from Kolkata – Breaking Stories and More https://ekolkata24.com 32 32 7th vs 8th Pay Commission: सभी को जानने योग्य प्रमुख अंतर https://ekolkata24.com/business/7th-vs-8th-pay-commission-key-differences-government-employees-must-know Mon, 09 Jun 2025 19:51:10 +0000 https://ekolkata24.com/?p=51284 7th vs 8th Pay Commission: केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए वेतन और भत्तों के पुनर्गठन में वेतन आयोग महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 16 जनवरी 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी है, जिसके 1 जनवरी 2026 से लागू होने की उम्मीद है। इस घोषणा ने लगभग 50 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों के लिए नई आशा जगाई है। 7वां वेतन आयोग, जो 2016 में लागू हुआ था, ने वेतन संरचना में महत्वपूर्ण बदलाव लाए थे। अब, 8वें वेतन आयोग के अपेक्षित बदलावों की तुलना करना महत्वपूर्ण है। इस लेख में हम 7वें और 8वें वेतन आयोग के बीच प्रमुख अंतरों का विश्लेषण करेंगे।

7वें वेतन आयोग की मुख्य विशेषताएं
7वां वेतन आयोग 2014 में गठित हुआ और 1 जनवरी 2016 से लागू हुआ। इसने केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतन ढांचे में व्यापक बदलाव किए। इसकी प्रमुख विशेषताओं में शामिल हैं:

• न्यूनतम मूल वेतन: 6वें वेतन आयोग के 7,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये किया गया, जो लगभग 157% की वृद्धि थी।
• फिटमेंट फैक्टर: 2.57 से 2.81 तक फिटमेंट फैक्टर तय किया गया, जो वेतन वृद्धि के लिए एक महत्वपूर्ण गुणक था।
• पेंशन सुधार: न्यूनतम पेंशन को 3,500 रुपये से बढ़ाकर 9,000 रुपये किया गया।
• भत्ते: महंगाई भत्ता (डीए), मकान किराया भत्ता (एचआरए), और परिवहन भत्ता (टीए) की समीक्षा की गई। 2024 तक डीए 53% तक पहुंच गया।
• ग्रेच्युटी सीमा: ग्रेच्युटी की सीमा को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये किया गया।
• स्वास्थ्य बीमा: कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू की गई।
• पे मैट्रिक्स: पे बैंड और ग्रेड पे के स्थान पर एक सरलीकृत पे मैट्रिक्स शुरू किया गया, जिसने वेतन गणना को अधिक पारदर्शी और आसान बनाया।

7वें वेतन आयोग के परिणामस्वरूप वेतन, भत्तों और पेंशन में औसतन 23.55% की वृद्धि हुई, जिसने 2016-17 वित्तीय वर्ष में सरकार के लिए 1,02,100 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च बढ़ाया।

8वें वेतन आयोग के अपेक्षित बदलाव
8वां वेतन आयोग जनवरी 2025 में मंजूर हुआ है और इसके सुझाव 1 जनवरी 2026 से लागू होने की उम्मीद है। हालांकि इसे अभी औपचारिक रूप से गठित नहीं किया गया है, विशेषज्ञों ने इसके संभावित प्रभावों के बारे में कई अपेक्षाएं व्यक्त की हैं। इसके प्रमुख अंतर हैं:

• न्यूनतम मूल वेतन: प्रस्तावित न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये से बढ़ाकर 34,500 से 51,480 रुपये तक हो सकता है। यदि फिटमेंट फैक्टर 2.86 है, तो यह 186% तक की वृद्धि हो सकती है।
• फिटमेंट फैक्टर: 2.28 से 2.86 तक फिटमेंट फैक्टर प्रस्तावित है, जो वेतन वृद्धि की मात्रा निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
• पेंशन वृद्धि: न्यूनतम पेंशन 9,000 रुपये से बढ़ाकर लगभग 20,500 रुपये हो सकती है, जो फिटमेंट फैक्टर पर निर्भर करेगा।
• भत्ता सुधार: महंगाई भत्ता (डीए) 70% तक बढ़ सकता है। मकान किराया भत्ता (एचआरए) और परिवहन भत्ता (टीए) को मुद्रास्फीति और जीवन-यापन की लागत के साथ समायोजित किया जाएगा।
• प्रदर्शन-आधारित प्रोत्साहन: 8वां वेतन आयोग प्रदर्शन के आधार पर वेतन संरचना शुरू करने पर विचार कर सकता है, जो उत्पादकता बढ़ाने में सहायक होगा।
• पे मैट्रिक्स में सुधार: 7वें वेतन आयोग के पे मैट्रिक्स को और अधिक सरल और पारदर्शी बनाया जाएगा, जिससे वेतन गणना आसान होगी।

प्रमुख अंतर और प्रभाव
7वें वेतन आयोग की तुलना में 8वां वेतन आयोग वेतन वृद्धि में अधिक उदार होने की उम्मीद है, जहां वेतन 20% से 35% तक बढ़ सकता है। यह मुद्रास्फीति और जीवन-यापन की बढ़ती लागत के साथ तालमेल बनाए रखेगा। 7वां वेतन आयोग ने एक सरलीकृत पे मैट्रिक्स शुरू किया था, लेकिन 8वां आयोग इसे और बेहतर करेगा और निचले स्तर के कर्मचारियों के लिए अधिक वेतन वृद्धि पर ध्यान देगा। पेंशनभोगियों के लिए भी महत्वपूर्ण लाभ अपेक्षित हैं, जो उनकी आर्थिक सुरक्षा को बढ़ाएंगे।

8वें वेतन आयोग की सिफारिशें अंतिम रूप लेने में अभी समय लगेगा, क्योंकि यह आर्थिक स्थिति, मुद्रास्फीति और कर्मचारी यूनियनों की मांगों को ध्यान में रखेगा। फिर भी, यह सरकारी कर्मचारियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने और सरकारी नौकरियों को और आकर्षक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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বন্ধ হয়ে যাওয়া রাষ্ট্রয়ত্ত সংস্থার কর্মীদের জন্য কেন্দ্রের কোন চিন্তাভাবনাই নেই https://ekolkata24.com/business/center-has-no-concern-for-the-employees-of-the-closed-state-owned-enterprises Mon, 06 Dec 2021 15:34:05 +0000 https://ekolkata24.com/?p=13829 News Desk, New Delhi:  যে সমস্ত রাষ্ট্রায়ত্ত সংস্থা (public sector unit) সম্প্রতি বন্ধ হয়ে গিয়েছে সেই সমস্ত সংস্থার কর্মীরা চরম আর্থিক সমস্যায় পড়েছেন। এই সমস্ত রাষ্ট্রায়ত্ত সংস্থার কর্মীদের বিষয়ে কেন্দ্রীয় অর্থমন্ত্রীর (Finance Minister) কাছে একাধিক প্রশ্ন রাখেন তৃণমূল কংগ্রেস সাংসদ কল্যাণ বন্দ্যোপাধ্যায় (Kalyan Banerjee )।

তৃণমূল কংগ্রেস (Trinamul congress) সাংসদ জানতে চান, বন্ধ হয়ে যাওয়া রাষ্ট্রায়ত্ত সংস্থাগুলির কর্মীদের আর্থিক পরিস্থিতি এতটাই খারাপ যে তাঁরা তাঁদের ছেলে মেয়েদের স্কুলের বেতন দিতে পারছেন না। এজন্য তাঁরা মানুষের কাছ থেকে সাহায্য চাইছেন, এই অভিযোগ কি ঠিক? যদি এই অভিযোগ ঠিক হয়, তবে তা দূর করার জন্য কেন্দ্র কি ব্যবস্থা নিয়েছে।

একইসঙ্গে তৃণমূল কংগ্রেস সাংসদ জানতে চান, ২০২১-২২ অর্থবর্ষে কেন্দ্র আর কোন কোন রাষ্ট্রায়ত্ত সংস্থা বিলগ্নীকরণের সিদ্ধান্ত নিয়েছে? যে সমস্ত রাষ্ট্রায়ত্ত সংস্থার বিলগ্নীকরণ হতে চলেছে সেই সমস্ত সংস্থার স্থায়ী এবং চুক্তিভিত্তিক কর্মীদের স্বার্থ রক্ষার জন্য কেন্দ্রের পরিকল্পনা কি? আগামী পাঁচ বছরের জন্য কেন্দ্রের বিলগ্নীকরণ পরিকল্পনার কথাও জানতে চান কল্যাণ বন্দ্যোপাধ্যায়।

তৃণমূল কংগ্রেস সাংসদের ওই প্রশ্নের উত্তরে কেন্দ্রীয় অর্থমন্ত্রকের প্রতিমন্ত্রী ভাগবত কৃষ্ণরাও কারাড বলেন, যে সমস্ত রাষ্ট্রায়ত্ত সংস্থা বিলগ্নীকরণ হয়েছে সেই সমস্ত সংস্থার কর্মীদের ভিআরএস ও ভিএসএস নীতি মেনে সব ধরনের ক্ষতিপূরণ দেওয়া হয়েছে। বন্ধ হয়ে যাওয়া ওই সব সংস্থার কর্মীদের জন্য যাতে বিকল্প কোনও কাজের ব্যবস্থা করা যায় সরকার সে ব্যাপারেও আলোচনা করছে।

অর্থপ্রতিমন্ত্রী কারাড আরও বলেন, ২০১৬ সাল থেকে মোট ৩৫ টি রাষ্ট্রয়ত্ত সংস্থাকে বিলগ্নীকরণ করার সিদ্ধান্ত নেওয়া হয়েছে। এই ৩৫টি সংস্থার মধ্যে রয়েছে ব্রিজ অ্যান্ড রুফ, বিইএমএল লিমিটেড, দুর্গাপুর স্টিল প্ল্যান্ট, পবন হংস লিমিটেড, এয়ার ইন্ডিয়া এবং তার অধিনস্ত আরও পাঁচটি সংস্থা। এছাড়াও বিলগ্নিকরণের তালিকায় আছে ভারত পেট্রোলিয়াম কর্পোরেশন লিমিটেড, শিপিং কর্পোরেশন অফ ইন্ডিয়া লিমিটেড, নীলাচল ইস্পাত নিগম, রাষ্ট্রীয় ইস্পাত নিগম বেঙ্গল কেমিক্যালস অ্যান্ড ফার্মাকিউটিক্যালস লিমিটেড, হিন্দুস্থান নিউজপ্রিন্ট লিমিটেড, হিন্দুস্থান পেট্রোলিয়াম কর্পোরেশন লিমিটেড, রুরাল এলেক্ট্রিফিকেশন কর্পোরেশন লিমিটেড প্রভৃতি।

কল্যাণ বন্দ্যোপাধ্যায়ের প্রশ্নের উত্তরে এদিন বন্ধ হয়ে যাওয়া রাষ্ট্রায়ত্ত সংস্থার কর্মীদের তাৎক্ষণিক সাহায্যের জন্য কেন্দ্রীয় অর্থমন্ত্রকের পক্ষ থেকে কোনও আশ্বাস দেওয়া হয়নি। কেন্দ্রের পক্ষ থেকে বলা হয়েছে, বন্ধ হয়ে যাওয়া রাষ্ট্রায়ত্ত সংস্থাগুলির কর্মীদের পুনর্নিয়োগের জন্য চিন্তাভাবনা করছে সরকার। কিন্তু কবে পুনর্নিয়োগের প্রক্রিয়া বাস্তবায়ন হবে সে বিষয়ে কেন্দ্রের পক্ষ থেকে কোনও কিছুই বলা হয়নি।

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দুই মডেলের মৃত্যু রহস্য: সড়ক দুর্ঘটনায় মৃত্যু নাকি ষড়যন্ত্রে হত্যা? https://ekolkata24.com/entertainment/models-car-crash-hotel-owner-and-5-employees-held-for-destroying-cctv-footage Thu, 18 Nov 2021 11:26:08 +0000 https://ekolkata24.com/?p=11703 নিউজ ডেস্ক, কোচি: মিস কেরালা ২০১৯ এবং দক্ষিণ ভারত ২০২১ এর বিজয়ী আনসি কবীর এবং মিস কেরালা ২০১৯-এর রানার আপ অঞ্জনা শাহজাহানের মৃত্যুর পিছনে রহস্য আরও গভীর হচ্ছে। সড়ক দুর্ঘটনায় দুজনের মৃত্যু হলেও, হত্যার সম্ভাবনা উড়িয়ে দেওয়া যাচ্ছে না। বিশেষ করে হোটেলের ভিডিও ফুটেজ উধাও হওয়ায়, একে দুর্ঘটনার চেয়ে হত্যা হিসেবেই বেশি দেখা হচ্ছে।

গত ১ নভেম্বর কোচি থেকে গাড়িতে করে ফিরছিলেন আনসি কবির ও অঞ্জনা শাহজাহান। এ সময় জাতীয় সড়কে বাইক আরোহীকে বাঁচাতে গিয়ে তার গাড়ি একটি গাছের সঙ্গে ধাক্কা খায়। দুর্ঘটনা এতটাই ভয়াবহ ছিল যে, ঘটনাস্থলেই দুজনের মৃত্যু হয়। মডেলদের সঙ্গে গাড়িতে দুজন লোকও উপস্থিত ছিল, যাদের একজন একই হাসপাতালে চিকিৎসাধীন অবস্থায় মারা গিয়েছে। প্রাথমিকভাবে এটি একটি দুর্ঘটনা বলে ধারণা করা হলেও, তদন্ত যত এগিয়েছে ততই এমন অনেক বিষয় সামনে এসেছে, যা মডেলদের হত্যার সন্দেহকে আরও গভীর করেছে।

Miss South India Ansi Kabeer and former Miss Kerala runner-up Anjana Shaja

দুজন মডেলই কোচির হোটেল ’18 হোটেল’-এ একটি ডিজে পার্টিতে অংশ নিয়েছিলেন। এখান থেকে ফেরার পথে সড়ক দুর্ঘটনায় তার মৃত্যু হয়। পুলিশ হোটেল কর্মীদের জিজ্ঞাসাবাদ করলে দেখা যায়, সেদিনের ফুটেজ নেই। কঠোর জিজ্ঞাসাবাদে কর্মীরা জানিয়েছেন, হোটেলের মালিক রয় ভায়োলেটের ফুটেজ সম্বলিত ডিভিডি নিয়ে গিয়েছে। এর পর পুলিশ রায়কে ডিভিডি উপস্থাপন না হলে ব্যবস্থা নেওয়ার জন্য প্রস্তুত থাকতে বলেছিল। হোটেল মালিক মঙ্গলবার হারিয়ে যাওয়া ডিভিডিটি পুলিশকে ফেরত দিলেও আরেকটি ডিভিডি হারিয়ে যাওয়ার বিষয়টিও সামনে এসেছে।

এ ঘটনায় এখন পর্যন্ত হোটেল মালিকসহ ছয়জনকে আটক করেছে পুলিশ। রয় ভায়োলেট বর্তমানে প্রমাণ নষ্ট করার অভিযোগে অভিযুক্ত। তবে সিসিটিভি ফুটেজে কী ছিল যে হোটেল মালিককে তাকে নিখোঁজ করতে হয়েছিল তা এখনও স্পষ্ট নয়। পুলিশ বলছে, ওই মডেলের গাড়িটি অন্য গাড়ির সঙ্গে রেস করছিল। দুটি গাড়ির গতি ছিল খুব বেশি। এমতাবস্থায় বাইক আরোহী আচমকা হাজির হলে চালকের ভারসাম্য বিঘ্নিত হয়ে গাছে ধাক্কা মারে গাড়িটি। সংঘর্ষ এতটাই শক্তিশালী ছিল যে গাড়িটি বিস্ফোরিত হয়।

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p style=”text-align: justify;”>আনসি কবির এবং অঞ্জনা শাহজাহানের গাড়ির সঙ্গে আরেকটি কার রেসিং ছিল হোটেল মালিক রায় ভায়োলেটের ঘনিষ্ঠ ব্যবসায়ী সিজু। প্রথম থেকেই হোটেল মালিককে সন্দেহ করে আসছিলেন আনসি কবিরের পরিবারের সদস্যরা। তিনি বলেন, বিষয়টি ভালোভাবে তদন্ত করা উচিত, তবেই সত্য বেরিয়ে আসবে। রয় ভায়োলেটের সিসিটিভি ফুটেজ উধাও হওয়ার পর এ মামলায় তার জড়িত থাকার সম্ভাবনা জোরাল হয়েছে। তবে এ বিষয়ে পুলিশ এখনই কিছু জানায়নি।

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মহিলা কর্মীদের ঋতুকালীন ছুটি দিচ্ছে Swiggy https://ekolkata24.com/uncategorized/swiggy-is-going-to-give-paid-time-off-to-female-employees-during-periods Fri, 22 Oct 2021 18:55:24 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=8758 অনলাইন ডেস্ক: অনলাইন ফুড ডেলিভারি সংস্থা Swiggy এবং তার মহিলা ডেলিভারি পার্টনারদের জন্য মাসিক পিরিয়ড টাইম-অফ নীতি চালু করেছে। মহিলা কর্মীদের পরিশ্রমের প্রতি কুর্নিশ জানাতেই এমন পদক্ষেপ বলে দাবি করেছে ওই অনলাইন ফুড ডেলিভারি সংস্থা।

কোম্পানির পরিচালনা ভিত্তিক সহ-সভাপতি মিহির শাহ জানিয়েছেন, “মাসিকের সময় বাইরে থাকা ও রাস্তায় চলাফেরা করা নিয়ে মহিলাদের যে অস্বস্তি, তার জন্যই ডেলিভারির কাজে আমরা মহিলাদের সচরাচর ভাবতে পারিনা। আমাদের এই পদক্ষেপ তাদের এই প্রতিবন্ধকতা অতিক্রম করে জীবনে এগিয়ে চলার পথ প্রদর্শন করবে বলে আমাদের বিশ্বাস।” তিনি এও জানিয়েছেন যে এই প্রক্রিয়ায় মহিলা কর্মীদের বেতন কেটে নেওয়া হবে না এবং তাদের কোন অনৌছিক প্রশ্নের সম্মুখীন হতে হবে না।

সুইগির মহিলা ডেলিভারি পার্টনাররা প্রতি মাসে দুই দিনের জন্য পেইড-অফের সুবিধা বেছে নিতে পারেন। যারা মাসিক প্রদত্ত সময়-বন্ধের জন্য বেছে নেন তারা ন্যূনতম উপার্জনের গ্যারান্টি পাবেন। সুইগি দাবি করেছে যে এটি ২০১৬ সালে তার প্রথম মহিলা ডেলিভারি পার্টনারকে নিয়েছিল এবং তখন থেকে, তার কর্মশক্তিতে মহিলা ডেলিভারি পার্টনার সংখ্যা বাড়ানোর জন্য প্রতিশ্রুতিবদ্ধ। একটি ব্লগ পোস্টে, কোম্পানিটি তার সাম্প্রতিক কিছু প্রচেষ্টার রূপরেখা তৈরি করেছে যাতে এমন একটি পরিবেশ তৈরি হয় যা আরো মহিলাদের সুইগির সাথে একটি কার্যকর বিকল্প হিসেবে ডেলিভারি করার জন্য উৎসাহিত করবে। সেই পোস্টেই কোম্পানির এই নতুন পদক্ষেপের কথা ঘোষণা করা হয়। সুইগির এই নতুন পদক্ষেপ বেশ আশাবাদী কোম্পানির অধিকর্তারা।

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সুখবর: দীপাবলির ‘উপহারে’ মহার্ঘ ভাতা বাড়ল কেন্দ্রীয় সরকারি কর্মীদের https://ekolkata24.com/uncategorized/expensive-allowances-have-been-increased-for-central-government-employees Thu, 21 Oct 2021 11:45:03 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=8574 নিউজ ডেস্ক: দীপাবলীর আগে কেন্দ্রীয় সরকারি কর্মীদের জন্য এক দফা খুশির খবর। বৃহস্পতিবার কেন্দ্রীয় অর্থমন্ত্রক জানিয়েছে, কেন্দ্রীয় সরকারি কর্মীদের মহার্ঘ ভাতা বা ডিএ বাড়ছে। কেন্দ্রীয় অর্থমন্ত্রক এদিন ৩ শতাংশ ডিএ বৃদ্ধির কথা ঘোষণা করেছে। অবসর নেওয়া কেন্দ্রীয় সরকারি কর্মচারীরাও এই বর্ধিত ডিএ পাবেন। এতদিন মূল বেতনের ২৮ শতাংশ ডিএ দেওয়া হত। এবার সেটাই বেড়ে হবে ৩১ শতাংশ।

কেন্দ্রের এই সিদ্ধান্তে ৪৭ লাখ বর্তমান কর্মী এবং ৬৮ লক্ষ অবসরপ্রাপ্ত কর্মী উপকৃত হবেন। কেন্দ্রীয় অর্থ মন্ত্রকের প্রতিমন্ত্রী অনুরাগ ঠাকুর বলেছেন, উৎসবের মরসুমে কেন্দ্রের এই সিদ্ধান্তে নিশ্চিতভাবেই কর্মীরা খুশি হবেন। মন্ত্রী স্বীকার করে নিয়েছেন, বেশ কিছুদিন ধরেই দেশে প্রত্যেকটি জিনিসের দাম বেড়েছে। তাই কর্মীদের ডিএ বাড়ানোর প্রয়োজন হয়ে পড়েছিল। কিন্তু করানোজনিত কারণে সরকারের কোষাগারে অর্থের টান রয়েছে। তাই আরও কিছুটা বাড়ানোর দরকার থাকলেও তাঁরা এখনই ৩ শতাংশের বেশি বাড়াতে পারছেন না।

উল্লেখ্য, করোনাজনিত কারণে গত একবছর কেন্দ্রীয় সরকারি কর্মীদের ডিএ বৃদ্ধি বন্ধ ছিল। প্রায় এক বছর পরে ডিএ বৃদ্ধি হলেও তা মাত্র ৩ শতাংশ হওয়ায় কেন্দ্রীয় কর্মীরা অসন্তোষ প্রকাশ করেছেন। সম্প্রতি করোনা সঙ্কট কিছুটা কাটিয়ে ওঠা গিয়েছে। দেশের অর্থনীতি ধীরে ধীরে ফের চাঙ্গা হচ্ছে। ইতিমধ্যেই জিএসটি ও অন্যান্য রাজস্ব আদায়ও কিছুটা বেড়েছে সেকারণেই উৎসবের মরসুমে কেন্দ্র ডিএ বৃদ্ধির সিদ্ধান্ত নিয়েছে বলে মনে করছেন বিশেষজ্ঞরা।

ডিএ বৃদ্ধির বিষয়ে সিদ্ধান্ত নিতে বৃহস্পতিবার সকালেই কেন্দ্রীয় মন্ত্রিসভা বৈঠকে বসে। সেই বৈঠকেই ডিএ বাড়ানোর সিদ্ধান্ত নেওয়া হয়। চলতি বছরের ১ জুলাই থেকেই এই বর্ধিত ডিএ পাবেন কেন্দ্রীয় সরকারি কর্মীরা। বাড়তি ৩ শতাংশ ডিএ দেওয়ার জন্য কেন্দ্রকে বছরে অতিরিক্ত ৯৪৪৮.৭০কোটি টাকা খরচ করতে হবে। অবসরপ্রাপ্ত কর্মীদের জন্য দেওয়া ডিএর যোগ করলে সেটাই বেড়ে হবে ৩৪৪০০ কোটি টাকা।

তবে অর্থনীতিবিদরা অনেকেই মনে করছেন, কেন্দ্র শুধু সরকারি কর্মীদের হাতে তুলে অর্থ তুলে দিয়ে যাচ্ছে। কিন্তু এতে দেশের অর্থনীতি চাঙ্গা হবে না। দেশের প্রতিটি মানুষের হাতেই যাতে নগদ অর্থের যোগান বাড়ে সেজন্য কেন্দ্রকে উদ্যোগী হতে হবে। বিভিন্ন কেন্দ্রীয় প্রকল্পের মাধ্যমে যাতে সাধারণ মানুষকে নগদ অর্থ পৌঁছে দেওয়া যায় সে ধরনের পরিকল্পনা নিতে হবে। সম্প্রতি দেশে কাজের বাজারের কিছুটা উন্নতি হলেও যেভাবে পেট্রোল, ডিজেল সহ নিত্যপ্রয়োজনীয় প্রতিটি জিনিসের দাম বেড়েছে তাতে নাভিশ্বাস উঠছে আমজনতার। সে কারণে এই মুহূর্তে কেন্দ্রের পক্ষে নগদ অর্থের জোগান বাড়ানো অতীব জরুরি হয়ে দাঁড়িয়েছে।

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ডিএ এর উপর দ্বিগুণ সুবিধা! এই রাজ্যের কর্মচারীদের অক্টোবরের বেতনসহ দুই মাসের মহার্ঘ ভাতা https://ekolkata24.com/uncategorized/7th-pay-commission-da-hike-bihar-govt-employees-to-receive-increased-dearness-allowance-for-july-august-month-with-october-salary Sun, 26 Sep 2021 16:37:32 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=5661 নিউজ ডেস্ক, পাটনা: বিহার সরকারের কর্মচারীরা দশেরা-দীপাবলিতে দ্বিগুণ খুশি হবেন৷ নীতিশ কুমারের সরকার গত মাসে কর্মচারীদের মহার্ঘ ভাতা বাড়িয়েছিল৷ এখন সর্বশেষ আপডেট হল,সরকার আগামী মাসে অর্থাৎ অক্টোবরে কর্মচারীদের দুই মাসের মহার্ঘ ভাতা দেবে। বিহার সরকারের মন্ত্রিসভা বৈঠকে এই প্রস্তাব অনুমোদিত হয়েছে। অর্থাৎ, এখন অক্টোবরে রাজ্য সরকারী কর্মচারীরা মাসের বেতনের সঙ্গে একমাসে জুলাই-আগস্ট মাসেরও মহার্ঘ ভাতা পাবেন।

অক্টোবরের বেতনের পাশাপাশি কর্মচারীদের জুলাই-আগস্টের ভাতা পাওয়া উচিত, সেই জন্যই মন্ত্রিসভা তার অনুমোদন দিয়েছে। তবে, কর্মীরা ডিএ -তে বকেয়া পাবেন কিনা তা নিয়ে সরকারের অবস্থান স্পষ্ট নয়।

প্রসঙ্গত, জুলাই মাসে মোদী সরকার কেন্দ্রীয় কর্মচারীদের ডিএ বাড়ানোর কথা ঘোষণা করেছিল। কেন্দ্রীয় মন্ত্রিসভার অনুমোদনের পরে ১ জুলাই থেকে কেন্দ্রীয় সরকারী কর্মচারী এবং পেনশনভোগীদের জন্য মহার্ঘ ভাতা এবং মহার্ঘ্য ত্রাণ (ডিআর) হার ১১ শতাংশ বাড়ানোর সিদ্ধান্ত নেওয়া হয়েছিল। তার সঙ্গে ডিএ’র নতুন হার ১৭ শতাংশ থেকে ২৮ শতাংশে উন্নীত হয়েছে। এতে ৪৮ লক্ষ কেন্দ্রীয় সরকারি কর্মচারী এবং ৬৫ লক্ষ পেনশনভোগী উপকৃত হবেন।

সরকার একটি প্রেস নোট জারি করে বলেছে, ‘সরকার ২০২১ সালের ১ জুলাই থেকে মহার্ঘ ভাতা ২৮ শতাংশ বৃদ্ধি করছে, যা বর্তমান ১৭ শতাংশের চেয়ে ১১ শতাংশ বেশি। কিন্তু ২০২০ সালের ১ জানুয়ারি থেকে ২২০২১ সালের ৩০ পর্যন্ত ডিএ ১৭ শতাংশ থাকবে।

কেন্দ্রের সিদ্ধান্তের পর বিহারসহ অনেক রাজ্য ডিএ বাড়ানোর ঘোষণা করেছে৷ গত মাসের ১৫ আগস্ট নীতিশ সরকার রাজ্য সরকারের কর্মকর্তা, কর্মচারী এবং পেনশনভোগীদের মহার্ঘ ভাতা বৃদ্ধির ঘোষণা করেছিল। তিনি বলেছিলেন, ‘কেন্দ্রীয় সরকারের আদলে রাজ্য সরকারের কর্মকর্তা, কর্মচারী এবং পেনশনভোগীদের ২০২১ সালের ১ জুলাই থেকে ১১ শতাংশ থেকে বাড়িয়ে ২৮ শতাংশ হারে মহার্ঘ ভাতা দেওয়া হবে।’

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সরকারি-বেসকারি কর্মীদের ন্যূনতম বেতন হতে চলেছে ২১,০০০ টাকা https://ekolkata24.com/uncategorized/modi-government-may-announce-private-employees-basic-salary-hike-from-rupees-15000-to-21000 Fri, 30 Jul 2021 16:30:16 +0000 https://www.ekolkata24.com/?p=1555 নিউজ ডেস্ক, নয়াদিল্লি: ১ অক্টোবর থেকে বেসরকারি ও সরকারি কর্মচারীদের জন্য বড় সুখবর আসতে চলেছে। সংবাদমাধ্যম সুত্রে খবর অনুযায়ী, মোদী সরকার ১ জুলাই থেকে শ্রম কোড বিধি বাস্তবায়ন করতে চেয়েছিল৷ কিন্তু রাজ্য সরকারগুলির প্রস্তুত না থাকার কারণে ১ অক্টোবর থেকে তা বাস্তবায়নের লক্ষ্যমাত্রা নির্ধারণ করা হয়েছে। যদি লেবার কোডের নিয়মগুলি ১ অক্টোবর থেকে কার্যকর করা হয়, তাহলে সরকারি এবং বেসরকারি কর্মীদের মূল বেতন ১৫,০০০ থেকে ২১,০০০ টাকা পর্যন্ত বাড়তে পারে।

নতুন খসড়া নিয়ম অনুযায়ী, মূল বেতন মোট বেতনের ৫০% বা তার বেশি হওয়া উচিত। এটি বেশিরভাগ কর্মীদের বেতন কাঠামো পরিবর্তন করবে। বেসিক বেতন বৃদ্ধির সঙ্গে সঙ্গে পিএফ এবং গ্র্যাচুয়টির জন্য কেটে নেওয়া পরিমাণ বৃদ্ধি পাবে৷

যদি এটি হয়, তাহলে কর্মীদের হাতে আসা বেতন কমে যাবে৷ তবে, অবসর নেওয়ার সময় পিএফ এবং গ্র্যাচুইটির টাকা বাড়বে। শ্রমিক ইউনিয়নের দাবি ছিল ন্যূনতম বেসিক বেতন ২১,০০০ টাকা করা উচিত৷ যাতে পিএফ এবং গ্র্যাচুয়িটিতে অর্থ কেটে নেওয়ার পরেও বেতন কমবে না।

গ্র্যাচুয়িটি এবং পিএফ-তে অবদান বৃদ্ধির সঙ্গে সঙ্গে অবসর গ্রহণের পরে প্রাপ্ত পরিমাণ বাড়বে। পিএফ এবং গ্র্যাচুয়িটি বৃদ্ধির সঙ্গে সঙ্গে সংস্থাগুলির ব্যয়ও বাড়বে। কারণ, তাদেরও কর্মচারীদের জন্য পিএফ-এ আরও অবদান রাখতে হবে। এই বিষয়গুলি কোম্পানির ব্যালেন্স শিটকেও প্রভাবিত করবে।

কেন্দ্রীয় সরকার ২০২১ সালের ১ এপ্রিল থেকে নতুন শ্রম বিধি বাস্তবায়ন করতে চেয়েছিল৷ তবে রাজ্যগুলির প্রস্তুতি না থাকায় এবং এইচআর নীতি পরিবর্তনের জন্য সংস্থাগুলিকে আরও সময় দেওয়ার কারণে তা স্থগিত করা হয়েছিল। শ্রম মন্ত্রকের মতে, সরকার ১ জুলাই থেকে শ্রমবিধির নিয়মগুলি অবহিত করতে চেয়েছিল, কিন্তু রাজ্যগুলি এই নিয়মগুলি বাস্তবায়নের জন্য আরও সময় চেয়েছিল, যার কারণে তা ১ অক্টোবর পর্যন্ত স্থগিত করা হয়েছে৷ আশাকরা হচ্ছে, উৎসব মরসুমে কেন্দ্রীয় সরকার নতুন বেতন কাঠামো চালু করতে পারবে৷

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