कलकत्ता फुटबॉल लीग (Calcutta Football League) में ‘भूमिपुत्र’ मुद्दे पर विवाद बढ़ता जा रहा है। 20 सितंबर को हुए मिनी डर्बी में इस मुद्दे ने एक नई जटिलता पैदा की। लीग के अंतर्गत कौन सी टीम का कब्जा है, इस पर स्थिति अभी भी स्पष्ट नहीं है। 24 अक्टूबर को आईएफए (IFA) की गवर्निंग बॉडी की बैठक में ईस्ट बंगाल (East Bengal FC) और मोहम्मडन (Mohammedan SC) के बीच ‘भूमिपुत्र’ मुद्दे पर अंतिम निर्णय लिया जाना था, लेकिन बैठक टल गई। आज शाम को फिर से बैठक होने वाली है, जिसके पहले ईस्ट बंगाल ने आईएफए को एक पत्र भेजने की योजना बनाई है।
ईस्ट बंगाल ने आईएफए पर आरोप लगाया था कि मोहम्मडन ने सुपर सिक्स के मैच में नियमों का उल्लंघन किया था। आरोप यह था कि ‘भूमिपुत्र’ नियम के अनुसार, मोहम्मडन ने चार खिलाड़ियों को 90 मिनट तक नहीं खेलने दिया। इस आधार पर, आईएफए के अनुशासन समिति ने यह निर्णय लिया कि मोहम्मडन ने नियमों का उल्लंघन किया है और मैच के सभी अंक ईस्ट बंगाल को दिए गए हैं। इस निर्णय से मोहम्मडन खेमे में आक्रोश है। साथ ही, आईएफए के एकतरफा निर्णय पर सवाल उठाते हुए डाइमंड हार्बर एफसी ने भी लिग से बाहर न खेलने की घोषणा की है, क्योंकि वे भी चैंपियन बनने की दौड़ में शामिल हैं।
आईएफए की अनुशासन समिति ने मोहम्मडन के खिलाफ उठाए गए आरोपों को गंभीरता से लिया है। मोहम्मडन ने अपनी बात रखते हुए कहा कि नियमों का उल्लंघन उनकी गलती से हुआ था, और उन्होंने तुरंत इसे सुधारने का प्रयास किया। इसके साथ ही, डाइमंड हार्बर एफसी ने भी इस स्थिति के चलते अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं, यह कहते हुए कि वे बिना किसी गलती के प्रभावित हो रहे हैं।
गवर्निंग बॉडी की बैठक में सभी पक्षों की बात सुनी जाएगी। यहां पर ईस्ट बंगाल और मोहम्मडन दोनों क्लबों के प्रतिनिधियों को अपने विचार प्रस्तुत करने का मौका मिलेगा। इसके बाद गवर्निंग बॉडी इस मामले पर अंतिम निर्णय लेगी। ईस्ट बंगाल ने अपनी खुशी का इज़हार करते हुए कहा कि मैच का एक अंक मिलना उनके लिए संतोषजनक है।
खेल प्रेमियों के बीच यह चर्चा है कि क्या ईस्ट बंगाल के पत्र से कलकत्ता लीग के इस विवाद का समाधान निकलेगा। यदि मामला सुलझता है, तो क्या ईस्ट बंगाल चैंपियन बन सकेगा? इस सवाल पर फुटबॉल प्रेमियों के बीच उत्सुकता बढ़ रही
है।
कलकत्ता फुटबॉल लीग का यह विवाद केवल फुटबॉल के मैदान पर ही नहीं, बल्कि प्रशंसकों के दिलों में भी हलचल मचा रहा है। सबकी निगाहें आज की बैठक पर टिकी हुई हैं, जिससे यह स्पष्ट होगा कि आगे क्या होने वाला है। क्या यह पत्र कुछ नया बदलाव लाएगा, या फिर विवाद और बढ़ेगा?