नई दिल्ली : नासा यात्री सुनीता और बुच विलमोर 5 जून को स्पेस पर गए थे। उन्हें 13 जून को धरती पर लौटना था, लेकिन स्पेसक्राफ्ट में खराबी के चलते अब तक चार बार उनकी वापसी टाली गई है।
इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाइजेशन (ISRO) चीफ डॉ. एस सोमनाथ ने कहा है कि स्पेस स्टेशन से भारतवंशी सुनीता विलियम्स की वापसी में देरी चिंता की बात नहीं है। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) लंबे समय तक लोगों के रहने के लिए एक सुरक्षित जगह है।
इसरो चीफ ने निजी चैनेल को एक इंटरव्यू में कहा कि यह सिर्फ सुनीता विलियम्स या किसी अन्य अंतरिक्ष यात्री का मामला नहीं है। स्पेस स्टेशन में फंसना या अटक जाना कोई मुद्दा नहीं है, जिस पर चर्चा होनी चाहिए। अभी वहां नौ अंतरिक्ष यात्री हैं। उनमें से सभी फंसे हुए नहीं हैं।
एस सोमनाथ ने कहा- सभी अंतरिक्ष यात्री को किसी न किसी दिन वापस आना है। पूरा मामला बोइंग स्टारलाइनर नाम के नए क्रू मॉड्यूल की टेस्टिंग, उसके स्पेस तक जाने और फिर सुरक्षित वापस आने की क्षमता से जुड़ा है। ग्राउंड लॉन्च प्रोवाइडर्स के पास उन्हें धरती पर लाने के लिए पर्याप्त क्षमता हैं।
डॉ सोमनाथ ने कहा- हम सभी को सुनीता पर गर्व है। उनके नाम कई मिशन हैं। किसी नए स्पेस व्हीकल की पहली फ्लाइट में यात्रा करना साहस की बात है। वह खुद इसके डिजाइन टीम का हिस्सा रही हैं। उन्होंने अपने एक्सपिरिएंस के इनपुट का इस्तेमाल किया है।
इसरो चीफ ने कहा- हम भी एक क्रू मॉड्यूल बना रहे हैं और इसलिए मैं समझ सकता हूं कि उनके साथ किस तरह की बातचीत हुई होगी। हमारे पास अनुभव है, लेकिन सुनीता के पास हमसे कहीं अधिक अनुभव है।
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स 17 दिन से अंतरिक्ष में फंस गई हैं। सुनीता 5 जून 2024 को बोइंग स्टारलाइनर नाम के स्पेसक्राफ्ट में सवार होकर स्पेस मिशन पर गई थीं। ये अमेरिकी एयरक्राफ्ट कंपनी बोइंग और नासा का संयुक्त ‘क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन’ है।
इसमें सुनीता, स्पेसक्राफ्ट की पायलट हैं। उनके साथ गए बुश विलमोर इस मिशन के कमांडर हैं। दोनों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में 8 दिन रुकने के बाद 13 जून को वापस पृथ्वी पर आना था, लेकिन स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी दिक्कतों और हीलियम गैस के रिसाव के चलते अब तक ऐसा नहीं हो पाया है।
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि असली दिक्कत का पता नहीं चल पा रहा है। अगर यही स्पेसक्राफ्ट वापसी आता है तो इसमें आग लगने की आशंका है। नासा पर भी दिक्कतों की अनदेखी का आरोप लग रहा है।
नासा ने स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी खराबी के कारण लगातार चार बार सुनीता की वापसी टाली है। पहली घोषणा 9 जून को की गई थी, जिसमें बताया गया था कि लैंडिंग को 18 जून तक आगे बढ़ाया जा रहा है। इसके बाद वापसी को बढ़ाकर 22 जून किया गया।
फिर, वापसी की तारीख 26 जून कर दी गई। 24 जून को नासा ने कहा कि दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी पर लौटने में और समय लग सकता है। हालांकि, इनके वापस लौटने की कोई नई तारीख नहीं बताई गई है।
NASA ने बताया कि दोनों यात्री किसी खतरे में नहीं है। जिस स्पेसक्राफ्ट में उन्हें वापस आना था उसमें हीलियम लीकेज हो रहा है। खामी दूर करने के प्रयास चल रहे हैं।
बोइंग का स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट सिर्फ 45 दिन तक स्पेस स्टेशन में रुक सकता है। स्पेसक्राफ्ट को स्टेशन में डॉक करने के बाद करीब 22 दिन हो चुके हैं। स्टारलाइनर, स्पेस स्टेशन के हार्मनी नाम के जिस मॉड्यूल से जुड़ा है उसकी फ्यूल कैपेसिटी सीमित होती है। अब स्पेसक्राफ्ट के पास सिर्फ 24 दिन का ईंधन बाकी है।
इसलिए 45 दिन के बाद स्पेसक्राफ्ट को सुरक्षित तरीके से अन-डॉक नहीं किया जा सकता। इस समय-सीमा के पूरा होने के बाद सुनीता और विलमोर को दूसरे एयरक्राफ्ट से वापस लाने की व्यवस्था करनी होगी। ऐसे में स्पेसएक्स का क्रू-ड्रैगन और रूसी स्पेसक्राफ्ट सोयूज, दोनों एस्ट्रोनॉट्स को वापस धरती पर ला सकते हैं। इन्हें इस तरह डिजाइन किया गया है कि ये तय समय पर लॉन्च किए जा सकें।
सुनीता विलियम्स को अभी स्पेस स्टेशन पर और समय बिताना पड़ सकता है। नासा के अनुसार बोइंग स्टारलाइनर का मिशन अब 45 दिन से 90 दिन के लिए बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है।
ऐसे में संभावना है कि सुनीता की वापसी का इंतजार और बढ़ सकता है। नासा ने फिलहाल स्टारलाइनर की वापसी की तारीख बताने से इनकार किया है।