कोलकाता : राज्य सरकार के परिवहन विभाग की ओर से स्कूल बसों और पूल कार को लेकर एडवायजरी जारी की गयी है। परिवहन विभाग के प्रधान सचिव डॉ. सौमित्र मोहन द्वारा जारी एडवायजरी में स्कूल बसों और पूल कार के बाबत कई निर्देश दिए गए हैं।
इसे लेकर राज्य के परिवहन मंत्री स्नेहाशीश चक्रवर्ती ने परिवहन भवन में अहम बैठक की। उन्होंने कहा कि छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एडवायजरी जारी की गई है। स्कूल बस से लेकर पूल कार से रोजाना हज़ारों की संख्या में छात्र सफर करते हैं। ऐसे में उनकी सुरक्षा सभी की प्राथमिकता होनी चाहिए।
पूल कार एडवायजरी
स्कूल बसों के साथ ही पूल कार को लेकर भी एडवायजरी जारी की गई है। इसमें कहा गया है कि पूल कार के पास सीएफ, परमिट आदि वैध दस्तावेज होने चाहिए। अनुमोदित क्षमता से अधिक सीटें फिट करने की अनुमति नहीं होगी। पूल कार के लिए भी अधिकतम स्पीड लिमिट 40 किमी प्रति घंटा की गई है। अनुमति लेने के बाद पूल कार को स्कूल के समय के बाद निजी कार्य के लिए चलाया जा सकता है। पूल कार में भी पैनिक बटन, ट्रैकिंग डिवाइस फिट करने के साथ ही फर्स्ट ऐड बॉक्स आदि रखना जरूरी है।
पेरेंट्स टीचर मीटिंग में सड़क सुरक्षा के मुद्दे को एक एजेंडा में शामिल करने के लिए अपील की गई है। स्कूल प्रबंधन अभिभावकों को इसके लिए जागरुक कर सकते हैं कि पूल कार लेने से पहले सभी तरह के दस्तावेज जांच लें। दस्तावेजों को स्कूल प्रबंधन और स्थानीय थाने में अभिभावक जमा कर सकते हैं ताकि किसी तरह की घटना होने पर तुरंत कारवाई चालू की जा सके।
अभिभावकों को यह देखना होगा कि वे कोई नॉन ट्रांसपोर्ट वाहन को हायर ना करें। वाहन मालिक का नाम और सभी विवरण भी अभिभावकों के पास होना चाहिए। सभी सीट के लिए सीट बेल्ट होना चाहिए और पूल कार में सीट से अधिक बच्चों को उठाने की मनाही होगी।
स्कूल बसों में क्षमता से अधिक बच्चों को उठाने पर पाबंदी रहेगी। बसों को मस्टर्ड पीले रंग करना होगा और नीले रंग की पट्टी पर सफेद रंग से स्कूल का नाम लिखा होना चाहिये। अधिकतम स्पीड लिमिट 40 किमी प्रति घंटा की गई है। बसों का सर्टिफिकेट ऑफ फिटनेस, परमिट समेत अन्य दस्तावेज होना जरूरी है। स्कूल बसों का गेट अच्छे से बंद रहना चाहिए। इसके अलावा खिड़कियां ऐसी होनी चाहिए कि बाहर से अंदर दिख सके।
बसों में स्पीड लिमिट डिवाइस और पैनिक बटन फिट होना जरूरी है। चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर के अलावा अग्निशमन यंत्र और फर्स्ट ऐड बॉक्स बसों में होना आवश्यक है। स्कूल प्रबंधन को यह देखना होगा कि बसों के पास वैध दस्तावेज हैं या नहीं। इसके अलावा बसों के रखरखाव, पार्किंग, बस ड्राइवरों की समय समय पर ट्रेनिंग आदि पर नजर रखने का काम भी स्कूल प्रबंधन को करना होगा।