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ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पुनिया चार साल के लिए निलंबित

By Sports Desk | Published: November 27, 2024, 1:33 am
Bajrang Punia's Wrestling Career in Limbo: Four-Year Ban Announced
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ओलंपिक कांस्य पदक विजेता पहलवान बजरंग पुनिया (Bajrang Punia) को चार साल के लिए निलंबित कर दिया गया है। यह फैसला मंगलवार को लिया गया, जब उन्होंने 10 मार्च 2024 को चयन ट्रायल के दौरान डोप टेस्ट के लिए पेशाब का नमूना देने से इनकार कर दिया था।

विवाद की शुरुआत
23 अप्रैल 2024 को राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA) ने टोक्यो ओलंपिक के इस पदक विजेता को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया। इसके बाद, अंतरराष्ट्रीय कुश्ती महासंघ यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने भी बजरंग को निलंबित कर दिया।
बजरंग पुनिया ने NADA के इस फैसले के खिलाफ अपील की। 31 मई को NADA की अनुशासनात्मक पैनल ने अस्थायी निलंबन हटा दिया और निर्देश दिया कि सबसे पहले चार्जशीट जारी की जाए।

इसके बाद 23 जून को बजरंग को नोटिस भेजा गया। 11 जुलाई को उन्होंने लिखित रूप में अपना पक्ष रखा। 20 सितंबर और 4 अक्टूबर को हुई सुनवाइयों के बाद अंतिम फैसला सुनाया गया।

निलंबन का फैसला
NADA की अनुशासनात्मक पैनल ने कहा, “खिलाड़ी को आर्टिकल 10.3.1 के तहत चार साल की अयोग्यता के लिए उत्तरदायी ठहराया गया है। यह निलंबन 23 अप्रैल 2024 से प्रभावी होगा। हालांकि, 31 मई से 21 जून 2024 के बीच अस्थायी निलंबन हटाने की अवधि को चार साल की अवधि में नहीं जोड़ा जाएगा।”

पैनल ने कहा कि बजरंग पुनिया ने जानबूझकर डोप टेस्ट के लिए पेशाब का नमूना देने से इनकार किया, जो स्पष्ट रूप से एंटी-डोपिंग नियमों के आर्टिकल 20.1 और 20.2 का उल्लंघन है।

बजरंग का पक्ष
बजरंग पुनिया ने दावा किया कि उन्होंने नमूना देने से इनकार नहीं किया था। उनका कहना है कि 2023 के दिसंबर में उन्हें दिए गए किट की मियाद खत्म हो चुकी थी और वह NADA से इसके जवाब का इंतजार कर रहे थे। लेकिन उनके इस पक्ष को पैनल ने खारिज कर दिया।

राजनीति में कदम
खेल से इतर, बजरंग पुनिया ने अब राजनीति में कदम रख लिया है। उन्होंने कांग्रेस में शामिल होकर ऑल इंडिया किसान कांग्रेस की जिम्मेदारी संभाल ली है।

बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन के प्रमुख चेहरे थे। बृजभूषण को महिला पहलवानों के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना करना पड़ा है।

बजरंग पुनिया पर चार साल का निलंबन न केवल उनके खेल करियर पर बल्कि उनकी राजनीतिक और सामाजिक भूमिका पर भी गहरा प्रभाव डालेगा। बजरंग ने इसे अन्याय बताया है, लेकिन NADA ने अपने नियमों के अनुसार सख्त कदम उठाया है।

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