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NEET मामले में NTA ने ग्रेस मार्क्स किया खत्म, दोबारा होगी 1563 छात्रों की परिक्षा

By Entertainment Desk | Published: June 13, 2024, 3:09 pm
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नई दिल्ली: नीट UG धांधली मामले में आज छात्रों की बड़ी जीत हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने नीट परीक्षा परिणाम में अनियमितता को देखते हुए NTA को ग्रेस मार्क्स रद्द करके फिर से नीट एग्जाम आयोजित करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की बेंच ने मामले की सुनवाई की।

67 छात्रों को 720 में से 720 मार्क्स मिलने पर जब NTA से सवाल पूछा गया था तो NTA इसके पीछे की वजह ग्रेस मार्क्स बताया था। NTA ने अपनी सफाई में कहा था कि कुछ एग्जाम सेंटर्स पर लॉस ऑफ टाइम की वजह से कुल 1563 छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं जिसकी वजह से 44 छात्रों के मार्क्स 720 हुए। हालांकि आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद NTA को ग्रेस मार्क्स रद्द करने का निर्देश दिया गया।

NEET रिजल्ट के बाद दाखिल की गई याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1563 छात्रों का ही री-एग्जाम कराया जाएगा। इससे पहले एनटीए ने कहा था करीब 24 लाख छात्रों में से केवल 1563 छात्रों के परीक्षा परिणाम तक समस्या सीमित है। बाकी स्टूडेंट्स को कोई परेशानी नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने आज फिर दोहराया है कि NEET UG की काउंसलिंग पर कोई रोक नहीं लगाई जाएगी। स्टूडेंट्स काउंसलिंग राउंड में शामिल हो सकते हैं। 23 जून को दोबार नीट एग्जाम होगा और 30 जून को इसका रिजल्ट घोषित होने की उम्मीद है। ताकि जुलाई में नीट की काउंसलिंग शुरू हो सके। NTA की तरफ से कहा गया कि छात्रों का डर दूर करने के लिए यह निर्णय लिया जा रहा है। जिन स्टूडेंट्स को NTA की तरफ से ग्रेस मार्क्स दिए गिए हैं उनको एनटीए ने दो ऑप्शन दिए हैं। यह छात्र री-एग्जाम में बैठ सकते हैं या फिर अपने पुराने स्कोर के साथ ही काउंसलिंग की तरफ आगे बढ़ सकते हैं लेकिन उनके स्कोरकार्ड से ग्रेस मार्क्स हटा दिए जाएंगे। जिन कैंडिडेट को कॉन्फिडेंस है कि वे दोबारा परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं तो वे री-एग्जाम में शामिल होने का फैसला ले सकते हैं।

दरअसल, 5 मई को देशभर में हुई नीट परीक्षा कराने वाली NTA ने 4 जून को जब रिजल्ट जारी किया तो देश भर में हंगामा खड़ा हो गया। वजह 67 बच्चों को जहां 720 में 720 नंबर मिले थे, वहीं इससे भी ज्यादा 1563 बच्चों को ग्रेस मार्किंग दी गई थी। यह ग्रेस मार्किंग 10, 20 या 30 नंबर की नहीं 100 से 150 नंबर तक की दी गई थी, जिसकी वजह से कई बच्चे जो मेरिट में बाहर थे वो मेरिट में आ गए और जो मेरिट वाले बच्चे थे उनके लिए गवर्नमेंट कॉलेज में एडमिशन पाना मुश्किल हो गया।

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