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पहली बार भारत पहुंचे मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू; मेहमानों की सुरक्षा में 2500 जवान तैनात

By Entertainment Desk | Published: June 9, 2024, 1:38 pm
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नई दिल्ली :  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री बनेंगे। शाम 7:15 बजे राष्ट्रपति भवन में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। इस समारोह में शामिल होने के लिए भारत के 7 पड़ोसी देशों के लीडर्स को न्योता दिया गया है।

शपथ ग्रहण के लिए महमानों के आने का सिलसिला शुरू हो चुका है। रविवार सुबह मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू पहली बार भारत पहुंचे। उनके ठीक बाद मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जुगनॉथ भी दिल्ली आए।

दोपहर करीब 12 बजे भूटान के PM दाशो शेरिंग तोबगे और फिर श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचे। नेपाल के PM प्रचंड भी कुछ देर में भारत आने वाले हैं। वहीं बांग्लादेश की PM शेख हसीना औरसेशेल्स के उपराष्ट्रपति अहमद अफीफ एक दिन पहले शनिवार दोपहर ही भारत आ गए थे।

भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ पॉलिसी और ‘सागर’ मिशन के तहत इन देशों को समारोह में बुलाया गया है। विदेशी मेहमानों के ठहरने की व्यवस्था दिल्ली के सबसे बड़े होटलों में की गई है। इनमें ITC मौर्या, ताज होटल, ओबेरॉय, क्लैरिजेस और लीला होटल शामिल हैं। इनकी सुरक्षा के लिए पैरामिलिट्री और दिल्ली की आर्म्ड पुलिस के 2500 जवानों को तैनात किया गया है।

इसके अलावा इलाके में स्नाइपर और पुलिसबल भी मौजूद रहेगा। विदेशी लीडर्स के एयरपोर्ट से होटल और वेन्यू तक के रास्ते की ड्रोन्स के जरिए निगरानी की जाएगी। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना इस कार्यक्रम के लिए शनिवार को ही भारत पहुंच गई थीं। हालांकि, सभी विदेशी महमानों में सबसे ज्यादा नजर मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के दौरे पर रहेगी।

शनिवार को शपथ ग्रहण समारोह का आमंत्रण स्वीकार करते हुए मुइज्जू ने कहा था, “इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में शामिल होना मेरे लिए सम्मान की बात है। मैं PM मोदी के साथ मिलकर मालदीव-भारत के रिश्तों को आगे बढ़ाने के लिए काम करता रहूंगा।”

दरअसल, पिछले साल नवंबर में मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद से मालदीव और भारत के बीच तनाव रहा है। अपने चुनाव कैंपेन के दौरान भारत के 88 सैनिकों को मालदीव से निकालने के लिए मुइज्जू ने ‘इंडिया आउट’ का नारा दिया था। राष्ट्रपति बनने के बाद वे सबसे चीन के दौरे पर गए, जबकि आमतौर पर मालदीव के प्रेसिडेंट पद संभालने के बाद पहले भारत की यात्रा करते हैं।

‘नेबरहुड फर्स्ट’ पॉलिसी भारत की विदेश नीति का मूल हिस्सा है। इसका खाका 2008 में तैयार किया गया था। 2014 में सत्ता में आने से पहले ही मोदी ने कहा था कि वे पड़ोसी देशों को अपनी विदेश नीति में सबसे ऊपर रखेंगे। नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी का मकसद भारत के पड़ोसी देशों के साथ फिजिकल, डिजिटल, ट्रेड रिलेशन्स और लोगों से लोगों के जुड़ाव को मजबूत करना है।

ORF की रिपोर्ट के मुताबिक, नेबरहुड फर्स्ट अप्रोच का मकसद इंडियन सबकॉन्टीनेंट में स्थिरता और विकास को बढ़ावा देना है। विदेश मामलों के विशेषज्ञों के मुताबिक, क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने के मकसद से भी इस पॉलिसी की शुरुआत की गई थी।

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