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अभिषेक ने पंक्षियों को पकड़े बिना केंद्र की विफलता पर उठाया सवाल

By Political Desk | Published: June 16, 2025, 12:48 pm
Abhishek Banerjee
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22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में घटी आतंकवादी घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। आतंकवादियों ने निर्दोष 26 लोगों की हत्या कर दी। इस हमले के बाद 55 दिन से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन अब तक कोई आतंकवादी पकड़ा नहीं जा सका है। आतंकवादी कैसे भारत की सीमा में घुसे और उनकी योजना को खुफिया विभाग क्यों नहीं पकड़ सका, ये ऐसे सवाल हैं जो तृणमूल कांग्रेस के नेता और सांसद अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) ने केंद्र सरकार से उठाए हैं। उन्होंने इन सवालों के जरिए सुरक्षा, कूटनीतिक विफलता और सरकार की नीतियों पर गंभीर सवाल खड़ा किया है।

1. आतंकवादी भारत की सीमा में कैसे घुसे?
अभिषेक ने पहला सवाल उठाया है – “आखिरकार आतंकवादी भारत में घुसे कैसे?” उनका कहना है कि इतनी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद आतंकवादियों का सीमा पार करना और फिर हमला करके फरार होना, यह सुरक्षा तंत्र की विफलता को दर्शाता है। उन्होंने लिखा है, “इस बड़ी सुरक्षा विफलता के लिए कौन जिम्मेदार है? इसकी जवाबदेही कौन लेगा?” इस सवाल से यह साफ है कि अभिषेक का मुख्य मुद्दा देश की सीमा पर हो रही सुरक्षा चूक है, जिसे लेकर सरकार से स्पष्टीकरण मांग रहे हैं।

2. क्या IB की विफलता को बढ़ावा दिया गया?
दूसरा सवाल अभिषेक ने खुफिया विभाग (IB) की विफलता को लेकर उठाया है। पहेलगाम हमले के एक महीने बाद, सरकार ने IB प्रमुख का कार्यकाल एक साल बढ़ा दिया। अभिषेक ने इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा, “क्या यह विफलता के बाद पुरस्कार देना है? इसकी वजह क्या है?” उन्होंने सरकार से पूछा कि अगर PEGASUS स्पाइवेयर का इस्तेमाल विपक्षी नेताओं, पत्रकारों और न्यायधीशों की निगरानी के लिए किया जा सकता है, तो आतंकवादियों और संदिग्धों पर इसका इस्तेमाल क्यों नहीं किया जाता?

3. आतंकवादी अब तक पकड़े क्यों नहीं गए?
अभिषेक का तीसरा सवाल यह है कि लगभग दो महीने बाद भी हमले में शामिल आतंकवादी कहां हैं? उन्होंने लिखा, “क्या वे मारे गए हैं, या जिंदा हैं? अगर वे मारे गए हैं, तो सरकार इस पर कोई बयान क्यों नहीं दे रही है? अगर वे जिंदा हैं, तो सरकार चुप क्यों है?” इस सवाल के जरिए अभिषेक ने सरकार की चुप्पी पर निशाना साधा है, खासकर तब जब सरकार को आतंकवादियों की तलाश में सक्रिय होना चाहिए था।

4. पाकिस्तान के साथ संवाद और PoK का मुद्दा
अभिषेक का चौथा सवाल पाकिस्तान के साथ भारत के रिश्तों और PoK (पाकिस्तानी अधिकृत कश्मीर) को लेकर है। तृणमूल नेता ने पाकिस्तान के प्रति भारत की नीति पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा, “भारत सरकार अब पाकिस्तान से केवल PoK पर बात क्यों नहीं करती?” उनके मुताबिक, भारत को पाकिस्तान के साथ सिर्फ PoK के पुनः अधिग्रहण पर बातचीत करनी चाहिए। इसके अलावा, अभिषेक ने यह भी कहा कि उन्होंने कई देशों के दौरे के दौरान पाकिस्तान के काले चेहरे को दुनिया के सामने रखा है और यह भी बताया है कि पाकिस्तान सीमा पार से आतंकवाद फैलाने का काम कर रहा है।

5. अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की स्थिति और IMF का समर्थन
अंतिम सवाल अभिषेक ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति और भारत की कूटनीतिक विफलता के संदर्भ में उठाया। उन्होंने पूछा, “भारत कश्मीर में आतंकवाद का शिकार होने के बावजूद पाकिस्तान को IMF से 1 बिलियन डॉलर और विश्व बैंक से 40 बिलियन डॉलर की मदद कैसे मिलती है?” उनका कहना है कि यह भारत की कूटनीतिक विफलता को दिखाता है, और उन्होंने यह भी सवाल किया कि आखिर भारत के विदेश मंत्रालय के द्वारा इतने पैसे खर्च किए जाने के बावजूद क्यों पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर समर्थन मिल रहा है।

सरकार से स्पष्टता की मांग
अभिषेक ने इन सवालों के माध्यम से केंद्र सरकार से साफ जवाब की मांग की है। उन्होंने लिखा, “देश के लोग इन सवालों का जवाब चाहते हैं।” उनके अनुसार, सरकार को न केवल अपनी नीतियों को स्पष्ट करना होगा, बल्कि उन सवालों के प्रति अपनी जिम्मेदारी और जवाबदेही को भी समझना होगा। देश को सुरक्षा, कूटनीतिक सफलता और सही दिशा में नेतृत्व की जरूरत है, और यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह इन सवालों का जवाब दे।

अंततः, अभिषेक का यह पत्र और सवालों का सिलसिला सरकार को घेरने का एक प्रयास है, जो यह दर्शाता है कि देश में सुरक्षा, कूटनीतिक नीति और सरकार की पारदर्शिता के मुद्दे पर एक गंभीर बहस की आवश्यकता है।

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