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Cooch Behar जाली आधार-वोटर कार्ड के साथ बांग्लादेशी गिरफ्तार

By North Bengal Desk | Published: June 12, 2025, 11:31 pm
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अयन दे, कोच बिहार: कोच बिहार (Cooch Behar) के हल्दीबाड़ी ब्लॉक के देवानगंज ग्राम पंचायत में अवैध रूप से भारत में प्रवेश कर रह रहे एक बांग्लादेशी युवक द्वारा जाली आधार और वोटर कार्ड बनवाने की घटना ने हड़कंप मचा दिया है। गिरफ्तार युवक का नाम रूपक चंद्र सेन है। उसके साथ उसे आश्रय देने के आरोप में उसके दत्तक पिता उमेश चंद्र सेन को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। बुधवार देर रात गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने अभियान चलाकर दोनों को गिरफ्तार किया। गुरुवार को दोनों को मेखलीगंज अदालत में पेश किया गया।

जानकारी के अनुसार, रूपक चंद्र सेन बांग्लादेश के ठाकुरगांव जिले के बगुड़ा क्षेत्र का निवासी है। वह लंबे समय से भारत में अवैध रूप से रह रहा था और जाली दस्तावेजों का उपयोग कर भारतीय आधार और वोटर कार्ड बनवा लिया था। उसके पहचान पत्र में पिता के नाम के रूप में उमेश चंद्र सेन का नाम दर्ज है, जो देवानगंज ग्राम पंचायत के मदरसा मोड़ क्षेत्र के निवासी हैं। उमेश का दावा है कि रूपक उनका दत्तक पुत्र है और 15 साल की उम्र से उनके घर में रह रहा है। हालांकि, वोटर लिस्ट में उमेश के दो बेटों का उल्लेख है, जबकि उनके पास एक बेटा और एक बेटी है, जिसने संदेह पैदा किया है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, रूपक वर्तमान में सिलीगुड़ी में लकड़ी का काम करता है। हाल ही में वह देवानगंज में आवास योजना के घर के काम के लिए आया था, और इसी दौरान पुलिस के हत्थे चढ़ गया। पूछताछ में रूपक ने स्वीकार किया कि वह बांग्लादेश का नागरिक है। उसके पास से जाली आधार और वोटर कार्ड बरामद किए गए हैं। पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि उमेश चंद्र सेन ने रूपक को आश्रय देकर उसके जाली पहचान पत्र बनवाने में सहायता की। पुलिस को संदेह है कि यह घटना जाली दस्तावेज बनाने के एक बड़े रैकेट से जुड़ी हो सकती है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं क्षेत्र में नई नहीं हैं। सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण कोच बिहार में बांग्लादेश से अवैध प्रवेश की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं। लेकिन जाली आधार और वोटर कार्ड बनवाकर भारतीय नागरिक की पहचान में रहना एक गंभीर चिंता का विषय है। पुलिस इस रैकेट से जुड़े अन्य लोगों की तलाश कर रही है। जांच दल ने बताया कि जाली दस्तावेज बनाने वाले इस रैकेट में स्थानीय लोग या दलाल शामिल हो सकते हैं।

इस घटना से स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई है। कई लोग मानते हैं कि इस तरह की अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए सीमा पर निगरानी को और सख्त करना होगा। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार लोगों से पूछताछ के जरिए इस रैकेट के अन्य सदस्यों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है। यह घटना भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा के महत्व और जाली दस्तावेजों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की आवश्यकता को एक बार फिर उजागर करती है।

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