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मणिपुर में हिंसा, दो मंत्रियों और तीन विधायकों के घरों पर हमला

By General Desk | Published: November 16, 2024, 7:29 pm
Manipur Violence: Ministers' Homes Attacked Amid Protests Over Hostage Deaths
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मणिपुर (Manipur) में शनिवार को छह लोगों की हत्या के मामले में प्रदर्शनकारियों ने दो मंत्रियों और तीन विधायकों के घरों पर हमला किया। पुलिस के अनुसार, यह घटना जिरिबाम जिले में हुई हत्या के बाद इम्फाल में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के कारण हुई।

स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए इम्फाल वेस्ट जिला प्रशासन ने अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया है। इसके अलावा, इम्फाल वेस्ट, इम्फाल ईस्ट, बिष्णुपुर, थोउबल, काकचिंग, कांगपोकपी और चुराचांदपुर जिलों में इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाएं दो दिनों के लिए बंद कर दी गई हैं।

विरोध प्रदर्शन की घटनाएं:
पहली घटना स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री सापम रंजन के लामफेल सानाकेइथेल स्थित आवास पर हुई। वहां प्रदर्शनकारियों ने जमकर नारेबाजी की।

सागोलबंद क्षेत्र में भाजपा विधायक आरके इमो के घर के सामने प्रदर्शनकारियों ने जोरदार प्रदर्शन किया। आरके इमो, जो मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के दामाद हैं, के खिलाफ नाराजगी जताई गई। प्रदर्शनकारियों ने सरकार से मांग की कि हत्या के दोषियों को 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार किया जाए और इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाए।

केइशामथोंग क्षेत्र के निर्दलीय विधायक सापम निशिकांत सिंह के निवास पर प्रदर्शनकारी पहुंचे, लेकिन उनके राज्य से बाहर होने की जानकारी मिलने के बाद प्रदर्शनकारियों ने उनके स्वामित्व वाले एक स्थानीय अखबार के कार्यालय पर हमला किया।

अपराध और हत्या की घटना:
सूत्रों के मुताबिक, पांच दिन पहले जिरिबाम जिले के बोकाबेरा इलाके से मीतई समुदाय की तीन महिलाएं और तीन बच्चे, जिनमें एक आठ महीने का शिशु भी शामिल था, कूकी उग्रवादियों द्वारा बंधक बना लिए गए।

जब एक उग्रवादी समूह सीआरपीएफ के साथ मुठभेड़ में उलझा हुआ था, तो दूसरा समूह महिलाओं और बच्चों को बंधक बनाकर ले गया। बाद में उन छह लोगों के शव बरामद किए गए।

मणिपुर में जारी संघर्ष:
पिछले एक साल से मणिपुर में मीतई और कूकी समुदायों के बीच हिंसा जारी है। हिंदू मीतई बहुसंख्यक और ईसाई कूकी अल्पसंख्यक समुदाय के बीच यह संघर्ष राज्य के सामाजिक ताने-बाने को खंडित कर रहा है।

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