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जितिया पर्व के दिन मचा हाहाकार, 30 से अधिक महिलाओं और बच्चों की डूबने से मौत

By Entertainment Desk | Published: September 26, 2024, 5:44 pm
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पटना : बिहार की नदियों का जलस्तर इन दिनों बढ़ा हुआ है। मौसम का मिजाज बदला और बारिश ने दस्तक दी तो तालाब व अन्य जलाशयों का भी पेट भर गया। इधर, प्रदेश में डूबने की घटनाएं भी तेजी से बढ़ी हैं। बीते कुछ दिनों में अलग-अलग जिलों में डूबने से मौत की संख्या तेजी से बढ़ी। बुधवार को जितिया व्रत के लिए नहाने गये 30 से अधिक लोगों की मौत डूबने से हो गयी। करीब आधा दर्जन जिलों में ये हादसे हुए हैं। बच्चे व महिलाओं की मौत इन हादसों में हुए हैं। सबसे अधिक औरंगाबाद से मौत के मामले सामने आये। यहां आठ बच्चों की मौत डूबने से हो गयी।

बिहार में डूबने से 30 से अधिक लोगों की मौत बुधवार को हुई। औरंगाबाद में 8, कैमूर में 7, सारण, पटना व पूर्वी चंपारण में 5-5, पश्चिमी चंपारण में 3 समेत मधेपुरा व अन्य जिलों में भी डूबने से लोगों की मौत हुई. औरंगाबाद के मदनपुर और बारूण प्रखंड में आठ बच्चों की मौत डूबने से हो गयी। सभी मृतक बच्चे 8 से 14 साल के बीच के हैं। कैमूर में अलग-अलग जगहों में हादसे हुए। पूर्वी चंपारण के हादसे में मां-बेटी समेत पांच लोगों की जान गयी। पटना में जितिया पर्व के दौरान नहाने गयी चार महिलाएं डूब गयीं जिनमें केवल एक ही महिला का शव मिल सका।

कैमूर के कुदरा थाना क्षेत्र के सकरी बांध के पास बुधवार की शाम जिउतिया पर्व पर अपनी माता व परिजनों के साथ स्नान करने के दौरान एक पांच वर्षीय बच्चे की नहर में डूबने से मौत हो गयी. मृतक बच्चा सकरी गांव के संतोष खरवार का पुत्र बताया जाता है। जानकारी के अनुसार, सकरी गांव की दर्जनों महिलाएं अपने बच्चों के साथ बांध पर स्नान करने गयी थीं। उसी क्रम में बच्चों के साथ स्नान करने के दौरान बच्चा गहरे पानी में चला गया। इससे बच्चे की मौत हो गयी।

रामगढ़ थाना क्षेत्र में भी बुधवार की शाम हादसा हुआ। थाना क्षेत्र के अभैदे गांव में जिउतिया स्नान के दौरान मां के साथ सरोवर गये 17 वर्षीय किशोर की तालाब में डूबकर मौत हो गयी। मृतक विनोद सिंह का पुत्र सुमित कुमार बताया गया है। अभैदे गांव से सटे सरोवर में जिउतिया पर्व को लेकर बुधवार की देर शाम व्रती माताएं तालाब घाट पर पूजा कर रही थीं। इसी दोरान जीर्णोद्घार हुए सरोवर में स्नान के दौरान सुमित अचानक गहरे पानी में डूबने लगा। यह देख ग्रामीणों ने उसे बचाने का भरपूर प्रयास किया, किंतु वह गहरे पानी में चला गया. जिले में कई अन्य हादसे हुए।

औरंगाबाद जिले के मदनपुर और बारुण प्रखंड में हुई हृदयविदारक घटना में आठ बच्चों की मौत हो गयी। सभी की उम्र आठ से 14 साल के बीच की है। मदनपुर प्रखंड के कुशा गांव स्थित खजूर आहर में जिउतिया का स्नान करने गये महिलाओं के साथ पांच बच्चे डूबने लगे, जिसमें एक बच्ची को बचा लिया गया. जबकि, चार बच्चों की मौत हो गयी। दो सगी बहनें भी हादसे का शिकार बनीं।

जानकारी के अनुसार, बिहार में जीतिया त्योहार के दौरान अलग-अलग घटनाओं में नदियों और तालाबों में स्नान करते समय 37 बच्चों समेत 43 लोगों की डूबने से मौत हुई है। जबकि तीन अन्य लापता हो गए। राज्य सरकार ने बृहस्पतिवार को एक बयान में यह जानकारी दी। ये घटनाएं बुधवार को त्योहार के दौरान राज्य के 15 जिलों में हुईं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने औरंगाबाद जिला अंतर्गत मदनपुर प्रखंड के कुशहा गांव में चार बच्चों सहित बारूण प्रखंड के इटहट गांव में तीन बच्चों की नहाने के दौरान डूबने से मौत पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने बुधवार को कहा कि यह दुर्घटना काफी दुखद है और वे इस घटना से मर्माहत हैं।

मुख्यमंत्री ने मृतकों के आश्रितों को चार–चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि अविलंब उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। साथ ही मृतकों के परिजनों को दुख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।

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