नई दिल्ली : 2022 में सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना की घोषणा की गई थी। इसके तहत सेना में आए 75 फ़ीसदी अग्निवीरों को चार साल बाद रिटायर होना था। विपक्षी कांग्रेस का आरोप था कि सरकार अग्निवीरों को यूज़ एंड थ्रो मज़दूर मान रही है। बीते साल रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संकेत दिए थे कि ज़रूरत पड़ने पर सरकार इस योजना में बदलाव के लिए तैयार है। भारत सरकार ने पूर्व अग्निवीरों के लिए केंद्रीय सशस्त्र सुरक्षा बलों की भर्ती में 10 फ़ीसदी सीटें आरक्षित करने का फ़ैसला लिया है।
इनमें केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ़), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ़), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी), केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ़) और रेलवे पुलिस बल (आरपीएफ़) जैसे सुरक्षाबलों में होने वाली भर्तियां शामिल है। इसके तहत अग्निवीर की सेवा से रिटायर हुए जवानों को उम्र सीमा और शारीरिक दक्षता में भी छूट मिलेगी।साल 2022 में सेना के तीन अंगों में जवान, एयरमैन और नाविक के पदों पर भर्ती के लिए सरकार अग्निपथ योजना लेकर आई थी।
इस योजना के तहत सेना में शामिल ‘अग्निवीर’ का कार्यकाल चार साल का है, जिसके बाद इनमें से 25 फ़ीसदी आगे सेना में काम करते रहेंगे जबकि 75 फ़ीसदी को सेना से रिटायर होना होगा। इस योजना को लेकर विपक्ष ने सरकार से कई सवाल किए थे और कहा था कि ट्रेनिंग ले चुके अग्निवीर सेना से रिटायर होने के बाद क्या करेंगे इसे लेकर कोई योजना होनी चाहिए।
हाल में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोकसभा में विपक्ष का नेता बनने के बाद अग्निवीर के मुद्दे पर फिर से चर्चा छेड़ी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार बनने पर अग्निवीर योजना को ख़त्म कर दिया जाएगा। जहां कुछ युवाओं को इससे उम्मीद जगी है, वहीं कुछ युवा कहते हैं कि इससे कितना फायदा होगा, ये देखना होगा।
सीआईएसएफ़ की महानिदेशक नीना सिंह ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने पूर्व अग्निवीरों के केंद्रीय सुरक्षा बलों में भर्ती के लिए महत्वपूर्ण फ़ैसला लिया है। उन्होंने कहा, “इसके अनुसार सीआईएसएफ़ ने भी पूर्व अग्निवीरों की भर्ती के लिए सारी तैयारी कर ली है. सीआईएसएफ़ ने कांस्टेबल पद की भर्ती में उनके लिए 10 फ़ीसदी सीटें आरक्षित की गई हैं।”
“पूर्व अग्निवीरों को पीईटी यानी फ़िज़िकल एफ़िशिएंसी टेस्ट में छूट दी गई है और शुरू में अधिकतम उम्र की सीमा में 5 साल (पहले साल में) और बाद के सालों में 3 साल की छूट दी जाएगी।” उनका कहना है कि सीआईएसएफ़ सुनिश्चित करेगी कि पूर्व अग्निवीर इस सुविधा का लाभ उठा सकें।
सीआईएसएफ़ के अलावा सीमा सुरक्षा बल या बीएसएफ़ के महानिदेशक नितिन अग्रवाल ने भी भारत के सरकारी समाचार चैनल दूरदर्शन को बताया है कि बीएसएफ़ की भर्ती में पूर्व अग्निवीरों के लिए 10 फ़ीसदी पद आरक्षित होंगे। उन्होंने पूर्व अग्निवीरों के लिए कहा, “चार साल इन्होंने मशक्कत की है, नौकरी की है और अनुभव हासिल किया है। ये कड़े अनुशासन में रहे हैं और बीएसफ़ के लिए अनुरुप हैं. हमें एक तरह से तैयार सैनिक मिल रहे हैं।” “हम इन्हें कम ट्रेनिंग देने के बाद सीमा पर तैनात कर सकते हैं. हम इनके आने का इंतज़ार कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि बीएसएफ़ की कुल रिक्तियों में से इनके लिए 10 फ़ीसदी इनके लिए आरक्षित होगा।
सशस्त्र सीमा बल के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी ने इसके बारे में और जानकारी दी। उन्होंने कहा कि “नियुक्तियों में पूर्व अग्निवीरों के लिए 10 फ़ीसदी का कोटा निर्धारित है. सशस्त्र सीमा बल में नियुक्ति से जुड़े नियमों में ये बदलाव कर दिया गया है।” “पहले बैच के लिए उम्र में पांच साल का रिलेक्सेशलन होगा। उनके लिए कोई फ़िज़िकल एफ़िशिएंसी टेस्ट नहीं किया जाएगा “
रेलवे पुलिस बल के महानिदेशक मनोज यादव ने कहा, “भविष्य में जो भी भर्ती कांस्टेबल यानी आरक्षक के लेवल पर होगी उसमें भी सभी श्रेणियों में 10 फ़ीसदी आरक्षण का प्रावधान किया जाएगा. न सिर्फ आरक्षण दिया जाएगी बल्कि उम्र की सीमा में छूट भी दी जाएगी।”
“दिसंबर 2026 से जनवरी 2027 में अग्निवीरों का जो पहला बैच सेना से रिटायर होगा उनके लिए छूट पांच साल की होगी, वहीं उसके बाद के बैचों के लिए आयुसीमा तीन साल की होगी।” “उनके आने से आरपीएफ़ को नई गति, नई उर्जा और नया मनोबल मिलेगा।”
वहीं सीआरपीएफ़ के महानिदेशक अनीष दयाल सिंह ने कहा कि इससे सीआरपीएफ़ को फायदा होगा क्योंकि सैनिक के तौर पर उन्हें सेना से प्रशिक्षण प्राप्त व्यक्ति मिलेगा। उन्होंने कहा, “हमने इसके लिए तैयारी कर ली है और नियुक्ति से जुड़े नियमों में बदलाव किया जा चुका है।”