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भीषण गर्मी में गन्ने का रस बना एकमात्र सहारा: जनजीवन को राहत, विक्रेताओं के चेहरे पर मुस्कान

By North Bengal Desk | Published: June 12, 2025, 6:42 pm
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अयन दे, उत्तर बंगाल: उत्तर बंगाल (North Bengal) में इन दिनों भीषण गर्मी का प्रकोप छाया हुआ है। तापमान का पारा लगातार बढ़ता जा रहा है और कई जिलों में यह 34-35 डिग्री सेल्सियस से बढ़कर 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर चुका है। नमी के कारण यह गर्मी और असहनीय हो गई है, जिससे जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हो रहा है। सूरज निकलते ही लू के थपेड़े शुरू हो जाते हैं, जो दैनिक कार्यों में बाधा डाल रहे हैं। तेज धूप में बाहर निकलना लगभग असंभव हो गया है। ऐसे में आम लोग थोड़ी राहत के लिए ठंडे पेय पदार्थों की ओर रुख कर रहे हैं। इनमें गन्ने का रस एक प्राकृतिक और स्वस्थ विकल्प के रूप में सबसे ज्यादा पसंद किया जा रहा है।

शहर की गलियों, सड़क के किनारे, बाजारों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में गन्ने के रस की दुकानों पर भारी भीड़ देखी जा रही है। यह प्राकृतिक पेय न केवल शरीर की थकान दूर करता है, बल्कि तुरंत ऊर्जा भी प्रदान करता है, जो इस भीषण गर्मी में बेहद जरूरी है। गन्ने का रस न केवल स्वास्थ्यवर्धक है, बल्कि यह किफायती भी है, जिसने इसे आम लोगों के बीच और लोकप्रिय बना दिया है। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “इस गर्मी में गन्ने का रस पीने से तुरंत राहत मिलती है। बाजार में उपलब्ध अन्य पेय पदार्थों की तुलना में यह सस्ता और स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।”

गर्मी के इस मौसम में गन्ने के रस की मांग इतनी बढ़ गई है कि इसे बेचने वालों के चेहरों पर मुस्कान छा गई है। जो लोग इस व्यवसाय से अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं, उनकी आय कई गुना बढ़ गई है। सुबह से रात तक गन्ने के रस की दुकानों पर भारी मात्रा में बिक्री हो रही है। एक विक्रेता ने बताया, “इस गर्मी में हमारी बिक्री तीन-चार गुना बढ़ गई है। लोग एक गिलास गन्ने का रस पीकर राहत पा रहे हैं और हमारी आय भी बढ़ रही है।” उन्होंने आगे कहा, “यह समय हमारे लिए स्वर्णिम है। जब तक यह गर्मी रहेगी, हमारा व्यवसाय अच्छा चलेगा।”

गन्ने के रस की इस बढ़ती मांग ने न केवल विक्रेताओं को आर्थिक राहत दी है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक प्रभाव डाला है। उत्तर बंगाल के विभिन्न जिलों में गन्ने की खेती भी बढ़ी है, जो किसानों के लिए अतिरिक्त आय का स्रोत बन गया है। हालांकि, कुछ विक्रेता बताते हैं कि भीषण गर्मी के कारण गन्ने के उत्पादन पर भी असर पड़ रहा है, जिससे कीमतों में मामूली वृद्धि हो सकती है।

इस भीषण गर्मी में गन्ने का रस न केवल जनजीवन के लिए राहत का स्रोत बन गया है, बल्कि स्थानीय विक्रेताओं के लिए भी एक लाभकारी अवसर बन गया है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अगले कुछ दिनों में गर्मी की तीव्रता और बढ़ सकती है। ऐसे में गन्ने के रस की मांग में और इजाफा होने की उम्मीद है। आम लोग और विक्रेता दोनों ही इस प्राकृतिक पेय को अपनी गर्मी का साथी बना चुके हैं।

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