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मध्य पूर्व के धार्मिक स्थल पर पूजा के दौरान भयावह विस्फोट

By General Desk | Published: June 23, 2025, 2:59 am
ISIS Claims Deadly Blast at Mar Elias Church in Syria’s Capital Damascus
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आज सुबह मध्य पूर्व के देश सीरिया की राजधानी दमिश्क (Damascus ) के बाहरी इलाके में स्थित मर एलियास ग्रीक ऑर्थोडॉक्स चर्च पर एक भयावह आत्मघाती बम हमला हुआ। इस हमले में कम से कम 9 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। सीरिया के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इस हमले में 15 से 30 लोग घायल हुए हैं, जिनमें बच्चे भी शामिल हैं। ब्रिटेन स्थित सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स (SOHR) ने बताया कि घायलों और मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है। यह घटना सीरिया में पिछले कई वर्षों में हुई पहली इस तरह की घटना मानी जा रही है, जो देश की नई सरकार और सामाजिक स्थिरता के लिए गंभीर सवाल खड़े करती है।
घटना का विवरण

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यह हमला रविवार की सुबह तब हुआ जब चर्च में पूजा चल रही थी। सीरिया के आंतरिक मंत्रालय के अनुसार, एक इस्लामिक स्टेट (ISIS) से जुड़ा हमलावर चर्च में घुसा और पहले गोलीबारी की, फिर अपने विस्फोटक वस्त्र को विस्फोट कर दिया। इस हमले से चर्च के अंदर व्यापक क्षति हुई—वेदी टूट गई, बेंच पर कांच के टुकड़े बिखर गए और फर्श पर खून के धब्बे दिखाई दिए। सीरियन सिविल डिफेंस (व्हाइट हेलमेट्स) द्वारा जारी तस्वीरों और वीडियो से इस विनाश का पता चलता है।

गवाहों के अनुसार, एक चश्मदीद रवाद नामक व्यक्ति ने बताया कि हमलावर दो अन्य साथियों के साथ चर्च के पास आया और गोलीबारी शुरू की, फिर अंदर जाकर खुद को विस्फोट से उड़ा दिया। इस घटना के बाद स्थानीय सुरक्षा बल और प्राथमिक सहायता टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं, लेकिन 50 से अधिक घायलों को अस्पताल ले जाया गया।

ISIS ने ली जिम्मेदारी
इस हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट (ISIS) समूह ने ली है। यह घटना दिसंबर 2024 में बशर अल-असद के पतन के बाद सीरिया में पहला बड़ा हमला माना जा रहा है। असद के स्थान पर सत्ता संभालने वाले अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शारा के नेतृत्व में हयात तहरीर अल-शाम (HTS) सरकार ने धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का वादा किया था। हालांकि, यह हमला उस वादे पर सवाल उठाता है।

सीरिया के ईसाई समुदाय का संकट
सीरिया का ईसाई समुदाय, जो सैकड़ों वर्षों से इस क्षेत्र में रह रहा है, पिछले कुछ दशकों से संकट में है। बीबीसी की 2015 की एक रिपोर्ट के अनुसार, 1920 के दशक में ईसाई सीरिया की आबादी का लगभग 30% हुआ करते थे, जो आज 10% और हाल के अनुमानों के अनुसार 3 लाख से नीचे आ गया है। यह हमला उस घटते समुदाय पर एक बड़ा प्रहार माना जा रहा है।

ईसाई समुदाय सीरिया के गृहयुद्ध में आम तौर पर तटस्थ भूमिका निभाता रहा है, लेकिन बार-बार उग्रवादी हमलों का निशाना बनता रहा है। इस तरह के हमले सीरिया की धार्मिक सहिष्णुता और शांति प्रक्रिया पर गहरा प्रभाव डालेंगे।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
इस हमले के बाद विभिन्न अंतरराष्ट्रीय नेता और संगठनों ने इस नृशंसता की निंदा की है। संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ और यूनाइटेड किंगडम सरकार ने कहा कि वे इस घटना को गंभीरता से ले रहे हैं और सीरिया की नई सरकार के साथ उग्रवाद नियंत्रण में सहयोग करेंगे। संयुक्त राज्य के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “इस तरह के हमले सीरिया की शांति प्रक्रिया को पीछे ले जाएंगे और हम सीरिया के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रति प्रतिबद्ध हैं।”

सीरिया की वर्तमान राजनीतिक स्थिति
बशर अल-असद के पतन के बाद सीरिया एक संकटपूर्ण स्थिति से गुजर रहा है। अहमद अल-शारा के नेतृत्व वाली HTS सरकार देश के विभिन्न क्षेत्रों में अधिकार स्थापित करने के लिए कठिन चुनौतियों का सामना कर रही है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कुछ महीनों में संयुक्त राज्य अमेरिका सीरिया से अपनी सैन्य उपस्थिति को कम कर रहा है, जिसने ISIS के पुनरुत्थान के लिए एक अवसर पैदा किया है। यह हमला उस अवसर का एक परिणाम हो सकता है।

उग्रवाद का पुनरुत्थान
जर्नल ऑफ कॉन्फ्लिक्ट रिजॉल्यूशन के 2021 के एक शोध पत्र में उल्लेख किया गया है कि युद्धोत्तर क्षेत्रों में नेतृत्व परिवर्तन के बाद उग्रवादी समूहों के स्लीपर सेल सक्रिय हो जाते हैं। सीरिया की वर्तमान स्थिति इसका प्रमाण है। ISIS, जो 2014 से 2017 तक सीरिया और इराक के बड़े हिस्सों पर नियंत्रण रखता था, पिछले वर्षों में निष्क्रिय था। लेकिन नई सरकार की कमजोरी ने इस समूह को फिर से शक्ति संचय का मौका दिया।

भविष्य की चिंताएं
इस हमले के बाद सीरिया के नागरिकों में डर और चिंता बढ़ रही है। ईसाई समुदाय के नेता ने कहा कि वे अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और सरकार से सुरक्षा की मांग की है। सीरिया के सूचना मंत्री हमजा मुस्तफा ने इस हमले को “नृशंस कृत्य” करार देते हुए कहा, “इस तरह के हमले हमारे नागरिक मूल्यों के खिलाफ हैं। हम समान नागरिकता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता से पीछे नहीं हटेंगे और सरकार अपराधी संगठनों के खिलाफ सब कुछ करेगी।”

मर एलियास चर्च में हुई यह घटना मध्य पूर्व की शांति प्रक्रिया के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है। सीरिया की नई सरकार के लिए यह एक कठिन परीक्षा है। ISIS का पुनरुत्थान और अल्पसंख्यक समुदायों पर हमले देश की सामाजिक और राजनीतिक स्थिरता को खतरे में डाल रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सहयोग के बिना इस समस्या का समाधान कठिन होगा। सीरिया के नागरिक अब शांति और सुरक्षा की प्रतीक्षा में हैं, जो उनके जीवन का मूलभूत अधिकार है।

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