श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में तीर्थयात्रियों को ले जा रही बस पर आतंकवादियों के हमले के बाद सुरक्षा बलों ने सोमवार सुबह बड़े पैमाने पर तलाश अभियान शुरू कर लिया है। सुरक्षा टीम को इनपुट मिले हैं कि आतंकी रियासी की पहाड़ी में छिपे हैं। सेना की टीम पूरा जंगल खंगाल रही है। सेना की टीम ड्रोन की भी मदद ले रही है। इससे पहले यह जानकारी सामने आई थी कि इस आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर का हाथ है। आतंकियों ने हमले का समय जानबूझकर पीएम मोदी के शपथ ग्रहण के दौरान का रखा था।
रविवार शाम को शिव खोरी मंदिर से कटरा की ओर जा रही एक बस पर रविवार शाम को आतंकवादियों ने हमला कर दिया जिससे बस के रनसू के पास कांडा मोड़ पर एक खाई में गिर जाने से 10 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई और 33 घायल हो गए। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को कहा कि रियासी में आतंकवादियों के खिलाफ एक संयुक्त अभियान शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि बस हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना, पुलिस और विशेष अभियान समूह की संयुक्त टीम ने सूरज उगने के साथ ही आतंकवादियों का पता लगाने के लिए घटनास्थल और आसपास के इलाकों में तलाश अभियान शुरू कर दिया है। ऐसी जानकारी हाथ लगी है कि आतंकी रियासी की पहाड़ियों में छिपे हैं। उनकी खोजबीन के लिए जंगलों में ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हमले की निंदा की और इसके पीछे के लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्थिति का जायजा लिया और मुझसे स्थिति पर लगातार नजर रखने को कहा है। इस जघन्य कृत्य के पीछे के सभी लोगों को जल्द ही दंडित किया जाएगा। पीएम मोदी ने यह भी निर्देश दिया है कि सभी घायलों को सर्वोत्तम संभवृ चिकित्सा देखभाल और सहायता प्रदान की जाए।”
उपराज्यपाल सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के डीजीपी अपनी टीम के साथ मौके पर हैं। “पहली प्राथमिकता घायलों को बचाना है। मैंने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से बात की है और मैं लोगों को आश्रस्त करता हूं कि हमले के लिए जो भी जिम्मेदार है, उसे बख्शा नहीं जाएगा।”
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रियासी आतंकवादी हमले में मारे गए तीर्थयात्रियों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की मंजूरी दी। सिन्हा ने ऐलान किया कि घायलों को 50-50 हजारॉ रुपये दिये जाएंगे।
दूसरी तरफ एनआईए की एक टीम ने जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में पहुंचकर बस पर हुए आतंकवादी हमले की जांच शुरू कर दी है। एनआईए की टीम स्थानीय पुलिस के साथ जांच कर रही है।